Haryana Board (HBSE) Class 9 Social Science Question Paper 2024 Answer Key. HBSE Class 9 Social Science Question Paper 2024. Haryana Board Class 9th Social Science Solved Question Paper 2024. HBSE Class 9 Question Paper 2024 PDF Download. HBSE Social Science Solved Question Paper 2024 Class 9. HBSE 9th Social Science Solved Question Paper 2024. HBSE Class 9 Social Science Question Paper Download 2024. HBSE Class 9 Social Science Solved Question Paper 2024.
HBSE Class 9 Social Science Question Paper 2024 Answer Key
SECTION – A (1 Mark)
1. ……………… ई० में ‘विधवा पुनर्विवाह’ को कानूनी मान्यता मिली।
(a) 1856 ई०
(b) 1947 ई०
(c) 1905 ई०
(d) 1847 ई०
उत्तर – (a) 1856 ई०
2. …………….. ने कहा कि स्त्री एवं पुरुष का भेद प्राकृतिक नहीं है क्योंकि यह केवल शारीरिक भेद है जो ईश्वर द्वारा मान्य नहीं है।
(a) डॉ० बी० आर० आम्बेडकर
(b) डॉ० के० बी० हेडगेवार
(c) स्वामी विवेकानंद
(d) अरविंद घोष
उत्तर – (c) स्वामी विवेकानंद
3. “उठो, जागो और तब तक न रुको, जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त न कर लो।” दिया गया कथन किसने कहा है?
(a) वीर सावरकर
(b) राजा राम मोहन राय
(c) बी० सी० चटर्जी
(d) स्वामी विवेकानंद
उत्तर – (d) स्वामी विवेकानंद
4. ‘पावर्टी एण्ड अनब्रिटिश रूल इन इण्डिया’ के लेखक कौन हैं?
(a) आर० सी० दत्त
(b) दादा भाई नौरोजी
(c) लॉर्ड लिटन
(d) स्वामी दयानंद
उत्तर – (b) दादा भाई नौरोजी
5. ‘वन्दे मातरम’ गीत …………… द्वारा रचा गया है।
(a) बंकिम चन्द्र चटर्जी
(b) रवींद्रनाथ टैगोर
(c) सुरेंद्रनाथ बनर्जी
(d) व्योमेश चंद्र बनर्जी
उत्तर – (a) बंकिम चन्द्र चटर्जी
6. ‘जाट गजट’ नामक अखबार का प्रकाशन एवं संपादन किसने किया?
(a) अरुणा आसफ अली
(b) सुचेता कृपलानी
(c) नेताजी सुभाषचंद्र बोस
(d) चौधरी छोटू राम
उत्तर – (d) चौधरी छोटू राम
7. भारत का सबसे पश्चिमी देशान्तर है :
(a) 68°7′ पूर्वी
(b) 68°7′ पश्चिमी
(c) 97°25′ पूर्वी
(d) 23°30′ पश्चिमी
उत्तर – (a) 68°7′ पूर्वी
8. क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य कौन-सा है?
(a) महाराष्ट्र
(b) मध्य प्रदेश
(c) उत्तर प्रदेश
(d) राजस्थान
उत्तर – (d) राजस्थान
9. कर्क रेखा भारत के कितने राज्यों से होकर गुजरती है?
(a) 6
(b) 7
(c) 8
(d) 9
उत्तर – (c) 8
10. ‘लीगल फ्रेमवर्क ऑर्डर’ के जरिए …………… के संविधान को बदल डाला।
(a) भारत
(b) चीन
(c) नेपाल
(d) पाकिस्तान
उत्तर – (d) पाकिस्तान
11. …………… तक सउदी अरब में औरतों को वोट देने का अधिकार नहीं था।
(a) 2010
(b) 2015
(c) 2020
(d) 2014
उत्तर – (b) 2015
12. जिंबाब्वे को अल्पसंख्यक के शासन से कब मुक्ति (स्वतन्त्रता) मिली?
(a) 1947
(b) 1949
(c) 1980
(d) 2023
उत्तर – (c) 1980
13. भारतीय संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन हुआ :
(a) 26 नवंबर, 1949
(b) 15 अगस्त, 1947
(c) 9 दिसम्बर, 1946
(d) 26 जनवरी, 1950
उत्तर – (c) 9 दिसम्बर, 1946
14. भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में ……………. सदस्य थे।
(a) 250
(b) 542
(c) 100
(d) 299
उत्तर – (d) 299
15. भीमराव रामजी आम्बेडकर का जन्म कौन-से राज्य में हुआ था?
(a) हरियाणा
(b) दिल्ली
(c) पंजाब
(d) मध्यप्रदेश
उत्तर – (d) मध्यप्रदेश
16. भारत में गणतंत्र दिवस कब मनाते हैं?
(a) 15 अगस्त
(b) 26 जनवरी
(c) 2 अक्टूबर
(d) 1 जनवरी
उत्तर – (b) 26 जनवरी
17. भारत के नगरीय क्षेत्र में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति कितनी कैलोरी की सिफारिश की जाती है?
(a) 2100
(b) 2200
(c) 2300
(d) 2400
उत्तर – (a) 2100
18. भारत में सबसे अधिक गरीबी वाला राज्य कौन-सा है?
(a) बिहार
(b) उत्तर प्रदेश
(c) झारखण्ड
(d) उड़ीसा
उत्तर – (a) बिहार
19. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में कितने प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में है?
(a) 25.9%
(b) 21.9%
(c) 22.9%
(d) 20.9%
उत्तर – (b) 21.9%
20. स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना का आरंभ ……………. में किया गया।
(a) 1995
(b) 1996
(c) 1998
(d) 1999
उत्तर – (d) 1999
SECTION – B (2 Marks)
21. क्रान्तिकारियों के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
उत्तर – क्रांतिकारियों का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन का अंत करना और देश को स्वतंत्रता दिलाना था। वे अंग्रेजों को बोरिया-बिस्तर सहित भारत से खदेड़ना चाहते थे। वे क्रांतिकारी लेखों, कविताओं और भाषणों द्वारा जनता में देशप्रेम की भावनाएँ जागृत करते थे।
22. भारतीय स्वतन्त्रता आंदोलन में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस एवं आजाद हिन्द फौज का क्या योगदान था?
उत्तर : नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का योगदान – सुभाष चन्द्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन वे महात्मा गांधी की अहिंसावादी नीति से असहमत थे। उनका मानना था कि स्वतंत्रता केवल संघर्ष और सशस्त्र क्रांति से ही प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर प्रगतिशील और क्रांतिकारी विचारधारा का प्रचार किया।
• आजाद हिन्द फौज का योगदान – सुभाष चन्द्र बोस ने “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा” का नारा दिया, जो भारतवासियों में प्रेरणा का स्रोत बना। आजाद हिन्द फौज ने भारत के पूर्वोत्तर भाग में अंग्रेजों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाए। उन्होंने बर्मा (अब म्यांमार) के रास्ते भारत में प्रवेश किया और अंग्रेजी सेना के साथ मुकाबला किया।
23. भारत में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली वनस्पति के नाम बताएँ।
उत्तर – भारत में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की वनस्पति इस प्रकार है :
(i) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन
(ii) उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन
(iii) उष्ण कटिबंधीय कंटीले वन तथा झाड़ियाँ
(iv) पर्वतीय वन
(v) मैंग्रोव वन
24. जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन के बीच अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर : जनसंख्या वृद्धि – जनसंख्या वृद्धि से तात्पर्य किसी क्षेत्र में निश्चित अवधि के दौरान रहने वाले लोगों की संख्या में परिवर्तन है। इसमें पिछली जनसंख्या को बाद की जनसंख्या से घटाकर ज्ञात किया जाता है। वृद्धि को संख्या के रूप में प्रकट किया जाता है।
• जनसंख्या परिवर्तन – जनसंख्या परिवर्तन से आशय किसी क्षेत्र में निश्चित अवधि के दौरान जनसंख्या वितरण, संरचना या आकार में परिवर्तन से है। जनसंख्या परिवर्तन तीन प्रक्रियाओं के आपसी संयोजन के कारण आता है- जन्मदर, मृत्युदर और प्रवास। जनसंख्या परिवर्तन सापेक्ष वृद्धि और प्रतिवर्ष होने वाले प्रतिशत परिवर्तन के द्वारा देखा जाता है।
25. लोकतंत्र के पक्ष में कोई दो तर्क लिखिए।
उत्तर – लोकतंत्र के पक्ष में तर्क :
(i) लोकतांत्रिक शासन प्रणाली जवाबदेह होती है।
(ii) यह मतभेदों और संघर्षों से निपटने का एक तरीका प्रदान करती है।
(iii) यह हमें अपनी गलतियों को सुधारने का मौका देती है।
(iv) यह निर्णय लेने की गुणवत्ता में सुधार करती है।
(v) यह नागरिकों की गरिमा को बढ़ाती है।
26. पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम क्यों है?
उत्तर – पालमपुर में श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम होने के निम्नलिखित कारण है :
(i) श्रमिकों की मजदूरी, लाचारी और बेरोजगारी उन्हें न्यूनतम से कम मजदूरी स्वीकार करने के लिए विवश करती है।
(ii) जमींदारों और बड़े किसानों द्वारा श्रमिकों का शोषण होता है।
(iii) आवश्यक मात्रा में रोजगार का उपलब्ध न होना।
(iv) न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का ग्रामीण क्षेत्रों में लागू न किया जाना।
SECTION – C (3 Marks)
27. उदारवादी कौन थे? उनकी मुख्य माँगें क्या थीं?
उत्तर – उदारवादी वे लोग थे जो ब्रिटिश शासन के समर्थक थे। उनका लक्ष्य ब्रिटिश शासन के अधीन ही स्वशासन की प्राप्ति करना था। उदारवादी चाहते थे कि विधान परिषदों में सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाए, उनके अधिकारों में वृद्धि की जाए तथा परिषदों के सदस्यों को लोगों द्वारा चुना जाए। उच्च प्रशासनिक सेवाओं में भारतीयों को भी नियुक्त किया जाए।
उदारवादियों की मुख्य माँगें निम्नलिखित थी :
(i) विधान परिषदों की सदस्य संख्या में वृद्धि की जाए।
(ii) प्रशासनिक सेवा में भारतीयों की नियुक्ति की जाए।
(iii) सेना के खर्चे में कमी की जाए।
(iv) सामान्य तथा तकनीकी शिक्षा का विस्तार किया जाए।
(v) उच्च पदों पर भारतीयों की अधिक नियुक्ति की जाए।
(vi) न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग किया जाए।
(vii) किसानों पर करों का बोझ कम किया जाए।
(viii) नमक पर कर में कमी की जाए।
(ix) प्रेस पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाएं।
28. भगत सिंह की भारत की आजादी में क्या भूमिका रही?
उत्तर – भगत सिंह ने अपने देश की आजादी के लिए कई योगदान दिए हैं। वो भगत सिंह ही थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलना कबूल कर लिया था लेकिन अंग्रेजों की शर्तों को मानना मंजूर नहीं था। भगत सिंह भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। 1929 में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली की केंद्रीय असेंबली में बम फेंका। यह बम उन्होंने किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि ब्रिटिश सरकार को चेतावनी देने के लिए फेंका था। इसके बाद उन्होंने खुद को गिरफ्तार कर लिया और अपने विचारों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया। भगत सिंह का साहस, बलिदान और विचारधारा ने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों में से एक बना दिया। उनकी कुर्बानी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और लाखों लोगों को प्रेरित किया।
29. गंगा की दो मुख्य धाराओं के नाम लिखिए। ये कहाँ पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं?
उत्तर – गंगा नदी की दो मुख्य धाराएँ भागीरथी और अलकनंदा हैं। ये उत्तराखंड के देवप्रयाग नामक स्थान पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं।
30. भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं?
उत्तर – भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कई प्रमुख कारक हैं, जो निम्नलिखित हैं :
• मानसूनी हवाएँ – भारत की जलवायु में मानसून का बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव है। दक्षिण-पश्चिम मानसून गर्मियों में भारी बारिश लाता है, जबकि उत्तर-पूर्व मानसून सर्दियों में तमिलनाडु और दक्षिण-पूर्वी भारत में बारिश लाता है।
• समुद्र से निकटता – समुद्र तटीय क्षेत्रों का तापमान अंदरूनी क्षेत्रों के मुकाबले कम परिवर्तनशील होता है। जैसे, मुंबई का तापमान कोलकाता की तुलना में अधिक स्थिर रहता है।
• हिमालय पर्वत – हिमालय ठंडी हवाओं को भारत में प्रवेश करने से रोकता है, जिससे उत्तरी भारत में सर्दियों में अत्यधिक ठंड से बचाव होता है।
• ऊँचाई – विभिन्न ऊँचाई पर तापमान में अंतर होता है। हिमालय की ऊँचाई पर तापमान कम होता है, जबकि समुद्र स्तर के निकट स्थित क्षेत्रों में तापमान अधिक होता है।
• वनस्पति – वन क्षेत्रों में जलवायु अधिक आर्द्र और ठंडी होती है, जबकि रेगिस्तानी क्षेत्रों में जलवायु शुष्क और गर्म होती है।
31. हमें संविधान की जरूरत क्यों है?
उत्तर – किसी भी देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता पड़ती है। संविधान, कानूनों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो सरकार की मूल संरचना और इसके कार्यों को निर्धारित करता है, जो सरकार के अंगों तथा नागरिकों के आधारभूत अधिकारों को परिभाषित तथा सीमांकित करता है। संविधान नागरिकों में विश्वास जगाता है जिससे लोग यह विश्वास कर पाते हैं कि उनके अधिकारों की प्राप्ति के प्रावधान संविधान में दिए गये हैं। संविधान ही हमें यह बताता है कि समूची व्यवस्था कैसे काम करेगी, इसके अंतर्गत चुनाव प्रणाली, सरकार का गठन (व उसका निलंबन भी), शक्तियों का बंटवारा, अधिकारों की रक्षा इत्यादि जैसे गंभीर एवं जटिल मुद्दे आते हैं। संविधान का महत्त्व इसलिए भी है कि यह सरकारों को भी दिशा दिखाने का कार्य करता है।
SECTION – D (4 Marks)
32. CASE STUDY : रामू रायपुर गाँव में कृषि क्षेत्रक में एक अनियत खेतिहर मज़दूर के रूप में काम करता है। उसका सबसे बड़ा बेटा सोमू दस वर्ष का है। वह भी गाँव के सरपंच सतपाल सिंह के पशुओं की देखभाल करने वाले पाली के रूप में काम करता है। सोमू सरपंच के यहाँ पूरे वर्ष काम करता है और उसे इस काम के लिए सिर्फ एक हज़ार रुपये मिलते हैं। रामू के तीन और बेटे और दो बेटियाँ हैं, लेकिन वे अभी बहुत कम उम्र के हैं और वे खेत में काम नहीं कर सकते। रामू की पत्नी सुनहरी भी पशुओं की सफाई करने और गोबर हटाने का काम (अंशकालिक) करती है। उसे अपने रोज़ाना काम के बदले आधा लीटर दूध और सब्ज़ियों के साथ कुछ पका खाना मिलता है। इसके अलावा व्यस्त मौसम में वह अपने पति के साथ मिलकर खेती में काम करती है और उनकी आमदनी बढ़ जाती है। कृषि एक मौसमी कार्य है और रामू को केवल बुआई, पौधा रोपण और फसल की कटाई के समय काम मिलता है। वह वर्ष में फसल तैयार होने और पकने तक की अवधि के दौरान लगभग चार महीने बेरोज़गार रहता है। तब वह दूसरे कार्यों में काम की तलाश करता है। कभी-कभी उसे ईंट भट्टे में या गाँव में चल रहे निर्माण कार्यों में काम मिल जाता है। रामू अपने इन प्रयासों से नकद या फिर वस्तु रूप में इतना कमा लेता है, जिससे वह अपने परिवार के दो जून के भोजन के लिए ज़रूरी चीजें जुटा सके। बहरहाल, जब वह कहीं काम पाने में असफल रहता है तो उसे और उसके परिवार को वास्तव में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और कभी-कभी उसके छोटे बच्चों को भूखे पेट ही सोना पड़ता है। परिवार को दूध तथा सब्ज़ियाँ भोजन के साथ नियमित रूप से नहीं मिलती हैं। रामू कृषि कार्य की मौसमी प्रकृति के कारण अपनी बेरोज़गारी के चार महीनों में खाद्य की दृष्टि से असुरक्षित रहता है।
प्रश्न :
(i) कृषि एक मौसमी क्रिया क्यों है?
उत्तर – कृषि एक मौसमी गतिविधि है क्योंकि यह मौसम की स्थिति पर निर्भर करती है। प्रत्येक फसल को निर्दिष्ट मौसम की स्थिति की आवश्यकता होती है और फसलों को परिपक्व होने और कटाई करने में समय लगता है। इस प्रकार, इसके लिए केवल मौसमी रोजगार की आवश्यकता थी।
(ii) रामू वर्ष के लगभग चार महीने बेरोजगार क्यों रहता है?
उत्तर – क्योंकि कृषि एक मौसमी गतिविधि है, जिससे पूरे साल रोजगार नहीं मिलता।
(iii) रामू जब बेरोजगार होता है, तो वह क्या करता है?
उत्तर – दूसरे कार्यों में काम की तलाश
(iv) रामू के परिवार में पूरक आय कौन प्रदान करता है?
उत्तर – रामू की पत्नी सुनहरी और उसका बड़ा बेटा सोमू
33. CASE STUDY : आइए, अब सउदी अरब का उदाहरण देखें और वहाँ की सरकार अपने नागरिकों को कितनी आज़ादी देती है, इस पर गौर करें। जरा इन तथ्यों पर विचार करें :
• देश में एक वंश का शासन चलता है और राजा या शाह को चुनने या बदलने में लोगों की कोई भूमिका नहीं होती।
• शाह ही विधायिका और कार्यपालिका के लोगों का चुनाव करते हैं। जजों की नियुक्ति भी शाह करते हैं और वे उनके फैसलों को पलट भी सकते हैं।
• लोग कोई राजनैतिक दल या संगठन नहीं बना सकते। मीडिया शाह की मर्जी के खिलाफ कोई भी खबर नहीं दे सकती।
• कोई धार्मिक आज़ादी नहीं है। सिर्फ मुसलमान ही यहाँ के नागरिक हो सकते हैं। यहाँ रहने वाले दूसरे धर्मों के लोग घर के अंदर ही अपने धर्म के अनुसार पूजा-पाठ कर सकते हैं। उनके सार्वजनिक/धार्मिक अनुष्ठानों पर रोक है।
• औरतों को वैधानिक रूप से मर्दों से कमतर का दर्जा मिला हुआ है और उन पर कई तरह की सार्वजनिक पाबंदियाँ लगी हैं। मर्दों को जल्दी ही स्थानीय निकाय के चुनावों के लिए मताधिकार मिलने वाला है जबकि औरतों को यह अधिकार नहीं मिलेगा।
ये बातें सिर्फ सउदी अरब पर ही लागू नहीं होतीं। दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं जहाँ ऐसी स्थितियाँ मौजूद हैं।
प्रश्न :
(i) सउदी अरब में किस प्रकार की सरकार है?
उत्तर – राजशाही
(ii) सउदी अरब का राज्य धर्म क्या है?
उत्तर – इस्लाम (मुसलमान)
(iii) सउदी अरब में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार हैं। (हाँ / नहीं)
उत्तर – नहीं
(iv) मीडिया शाह की मर्जी के खिलाफ कोई खबर दे सकती है। (हाँ / नहीं)
उत्तर – नहीं
SECTION – E (5 Marks)
34. महात्मा गाँधी जी ने सरदार पटेल की बजाय नेहरू को क्यों चुना? क्या आप उनके निर्णय को उचित मानते हैं?
उत्तर – महात्मा गांधी ने जवाहरलाल नेहरू को भारत का पहला प्रधानमंत्री चुना, जबकि सरदार वल्लभभाई पटेल को नहीं चुना, इसके पीछे कई कारण थे। इन कारणों को समझने के लिए हमें उस समय के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को ध्यान में रखना होगा।
• नेहरू का अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण – नेहरू का अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और वैश्विक मामलों की समझ बहुत अच्छी थी। गांधी जी को लगता था कि आजाद भारत को एक ऐसे नेता की जरूरत है जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व कर सके और नेहरू इस भूमिका के लिए अधिक उपयुक्त थे।
• नेहरू का युवा और करिश्माई व्यक्तित्व – नेहरू का युवा और करिश्माई व्यक्तित्व युवा पीढ़ी को आकर्षित करता था। गांधी जी को यह समझ में आया कि नेहरू जनता में अधिक लोकप्रिय थे और उनकी नेतृत्व क्षमता से देश को एक नई दिशा मिल सकती थी।
• गांधी-नेहरू का व्यक्तिगत रिश्ता – गांधी जी और नेहरू के बीच व्यक्तिगत रिश्ता भी बहुत मजबूत था। नेहरू ने गांधी जी के सिद्धांतों और विचारों को स्वीकार किया था और उनके प्रति उनकी निष्ठा भी थी। इसने भी गांधी जी को नेहरू के पक्ष में निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।
• नेहरू का समाजवाद की ओर झुकाव – नेहरू का समाजवाद की ओर झुकाव और उनका दृष्टिकोण भारतीय समाज को आधुनिक और समतामूलक बनाने के प्रति था। गांधी जी ने यह महसूस किया कि नेहरू का यह दृष्टिकोण स्वतंत्र भारत के निर्माण में सहायक होगा।
अब अगर इस निर्णय की उचितता पर विचार करें तो : गांधी जी का निर्णय उनके दृष्टिकोण और उस समय की परिस्थितियों के हिसाब से उचित था। नेहरू के नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए, जैसे कि पंचवर्षीय योजना और औद्योगिकीकरण, जिससे भारत को एक मजबूत नींव मिली। लेकिन यह भी ध्यान देना होगा कि सरदार पटेल का योगदान भी अत्यंत महत्वपूर्ण था। उन्होंने भारतीय रियासतों का एकीकरण करके भारत को एकता प्रदान की।
अंततः, गांधी जी ने नेहरू को चुना क्योंकि वे मानते थे कि नेहरू की वैश्विक दृष्टिकोण और समाजवादी नीतियाँ स्वतंत्र भारत को सही दिशा में ले जा सकेंगी। यह निर्णय सही था या नहीं, यह एक बहस का विषय है, लेकिन यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि दोनों नेताओं का योगदान अपने-अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण और अनमोल था।
अथवा
भारत छोड़ो आंदोलन की उत्पत्ति एवं प्रसार की व्याख्या करें।
उत्तर – भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख और निर्णायक चरण था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था। इस आंदोलन की उत्पत्ति और प्रसार को समझने के लिए हमें इसके राजनीतिक, सामाजिक, और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर ध्यान देना होगा।
• उत्पत्ति :
(i) द्वितीय विश्व युद्ध का संदर्भ – 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार ने बिना भारतीय नेताओं से परामर्श किए ही भारत को युद्ध में शामिल कर लिया। इस कदम ने भारतीय नेताओं के बीच गहरी नाराजगी पैदा की।
(ii) अखिल भारतीय कांग्रेस का विरोध – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश सरकार के इस कदम का विरोध किया और अपने असंतोष को व्यक्त किया। इसके जवाब में, कांग्रेस ने प्रांतीय सरकारों से इस्तीफा दे दिया।
(iii) क्रिप्स मिशन की विफलता – 1942 में ब्रिटिश सरकार ने सर स्टैफोर्ड क्रिप्स को भारत भेजा, जिन्होंने भारत को युद्ध के बाद स्वायत्तता का प्रस्ताव दिया। भारतीय नेताओं ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया क्योंकि यह पूर्ण स्वतंत्रता की उनकी मांग को पूरा नहीं करता था।
(iv) महात्मा गांधी की रणनीति – गांधी जी ने महसूस किया कि अब ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के लिए एक निर्णायक और व्यापक आंदोलन की आवश्यकता है। उन्होंने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया और भारतीयों से पूर्ण स्वतंत्रता के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
• प्रसार :
(i) अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का प्रस्ताव – 8 अगस्त 1942 को बॉम्बे (अब मुंबई) में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में ब्रिटिश शासन से तुरंत भारत छोड़ने की मांग की गई।
(ii) नेताओं की गिरफ्तारी – प्रस्ताव पारित होने के तुरंत बाद, ब्रिटिश सरकार ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और अन्य प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इससे आंदोलन का औपचारिक नेतृत्व बाधित हो गया।
(iii) जनता का स्वतःस्फूर्त आंदोलन – नेताओं की गिरफ्तारी के बावजूद, आंदोलन पूरे देश में फैल गया। लोग सड़कों पर उतर आए, सरकारी कार्यालयों, रेलवे स्टेशनों और संचार माध्यमों पर हमले हुए। इस आंदोलन में सभी वर्गों, विशेषकर युवाओं और छात्रों की बड़ी भागीदारी रही।
(iv) हिंसक घटनाएं और ब्रिटिश दमन – कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुईं। पुलिस और सेना ने आंदोलनकारियों पर गोलीबारी की, जिससे कई लोग मारे गए। ब्रिटिश सरकार ने आंदोलन को कुचलने के लिए कड़ी कार्रवाई की, जिसमें व्यापक गिरफ्तारियां और अन्य दमनकारी उपाय शामिल थे।
(v) गुप्त और भूमिगत गतिविधियां – गिरफ्तारियों के बावजूद, आंदोलनकारियों ने भूमिगत रहकर अपने गतिविधियों को जारी रखा। उन्होंने गुप्त सभाएं कीं, पर्चे बांटे और ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनजागरण किया।
भारत छोड़ो आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक
महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत को स्वतंत्रता की ओर अग्रसर करने में निर्णायक योगदान दिया। यह आंदोलन भारतीयों की स्वतंत्रता की अदम्य इच्छाशक्ति और संकल्प का प्रतीक था।
35. भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन-से हैं? हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अन्तर है?
उत्तर – भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग हैं :
(i) हिमालय पर्वत
(ii) उत्तरी मैदान
(iii) प्रायद्वीपीय पठार
(iv) भारतीय मरुस्थल
(v) तटीय मैदान
(vi) द्वीप समूह
हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप पठार के उच्चावच लक्षणों में अंतर :
हिमालय क्षेत्र | प्रायद्वीप पठार |
1. हिमालय भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित है। | 1. प्रायद्वीपीय पठार भारत के दक्षिणी भाग में विस्तृत रूप से फैला है। |
2. यह बहुत ऊँची पर्वतीय दीवार बनता है। | 2. यह उत्तर से चौड़ा और दक्षिण से संकरा है। |
3. माउंट एवरेस्ट, कंचनजुंगा धौलागिरी आदि विश्व के सबसे ऊँचे शिखर है जो हिमालय में स्थित है। इनमे से कुछ 8,000 मीटर ऊँचे है। | 3. ये क्षेत्र उँचाई में कम है इनकी सबसे ऊँची चोटी अनाइमुंडी है जो 2,695 मीटर है। |
4. ये नवीन वलित पर्वत हैं। | 4. ये प्राचीनकाल से ही अपरदन के चरण में हैं। |
अथवा
भारत के उत्तरी मैदानों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – यह मैदान जलोढ मृदा से बना हुआ है। लाखों वर्षों में हिमालय के गिरीपदों पर एक विशाल बेसिन में जलोढ का निक्षेप होने से इस उपजाऊ मैदान का निर्माण हुआ है। यह मैदान 7 लाख वर्ग कि.मी. में फैला हुआ है। यह मैदान 2400 कि.मी. लंबा तथा 240-320 कि.मी. चौड़ा है। समृद्ध मृदा के आवरण, भरपूर पानी की आपूर्ति एवं अनुकूल जलवायु ने उत्तरी मैदान को कृषि की दृष्टि से भारत का अत्यधिक उपजाऊ भाग बना दिया है। इसी कारण यहाँ का जनसंख्या घनत्व भारत के सभी भौगोलिक विभाजनों की अपेक्षा इस क्षेत्र में सर्वाधिक है। उत्तरी मैदान के पश्चिमी भाग को पंजाब कहा जाता है। गंगा का मैदान घग्घर एवं तिस्ता नदियों के बीच स्थित है। यह उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों जैसे हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार तथा झारखंड के कुछ भाग एंव पश्चिम बंगाल के पूर्व में फैला हुआ है।
36. हमें संसद की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर – संसद की आवश्यकता लोकतंत्र की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकार की विभिन्न शाखाओं के बीच संतुलन बनाए रखना और जन प्रतिनिधियों के माध्यम से जनता की आवाज को सुनना और उसके अनुसार नीति-निर्धारण करना है।
यहाँ कुछ मुख्य कारण हैं जिनकी वजह से संसद महत्वपूर्ण है :
(i) कानून निर्माण – संसद नये कानून बनाती है और पुराने कानूनों में संशोधन करती है। यह समाज में आवश्यक परिवर्तनों और सुधारों को लागू करने का माध्यम है।
(ii) सरकार की निगरानी – संसद सरकार की गतिविधियों की निगरानी करती है और उसे जवाबदेह बनाती है। यह सुनिश्चित करती है कि सरकार संविधान और कानूनों के अनुसार कार्य कर रही है।
(iii) वित्तीय नियंत्रण – संसद सरकार के बजट को पारित करती है और सार्वजनिक धन के उपयोग की निगरानी करती है। यह सुनिश्चित करती है कि जनता का पैसा उचित तरीके से खर्च किया जा रहा है।
(iv) जन प्रतिनिधित्व – संसद में चुने गए प्रतिनिधि जनता के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह जनता की आवाज को सरकार तक पहुँचाने का माध्यम है।
(v) नीति-निर्माण – संसद विभिन्न नीतियों पर चर्चा और बहस करती है, जिससे प्रभावी और व्यापक नीतियाँ बनती हैं।
(vi) संवैधानिक संतुलन – संसद कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच संतुलन बनाए रखती है, जिससे शक्ति का केंद्रीकरण न हो और लोकतंत्र सुरक्षित रहे।
इन सब कारणों से संसद एक सशक्त और स्वस्थ लोकतंत्र की आधारशिला है।
अथवा
भारत में प्रधानमंत्री के अधिकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर – भारत में प्रधानमंत्री के अधिकार और कर्तव्यों का विवरण संविधान और संसदीय प्रथाओं में निहित है।
यहाँ कुछ मुख्य अधिकार और कर्तव्यों की सूची दी गई है :
(i) मंत्रिपरिषद का नेतृत्व – प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद के मुखिया होते हैं और मंत्रियों का चयन करते हैं। वे मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं और सरकार की नीतियों को निर्देशित करते हैं।
(ii) कार्यपालिका का प्रमुख – प्रधानमंत्री कार्यपालिका के प्रमुख होते हैं और सभी प्रशासनिक कार्यों के लिए उत्तरदायी होते हैं। वे सरकार के दैनिक कार्यों को संचालित करते हैं।
(iii) राष्ट्रपति के प्रमुख सलाहकार – प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के प्रमुख सलाहकार होते हैं और राष्ट्रपति को सभी महत्वपूर्ण मामलों पर सलाह देते हैं।
(iv) लोकसभा में नेता – प्रधानमंत्री लोकसभा के नेता होते हैं और वहाँ सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे संसद में सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का समर्थन और स्पष्टीकरण करते हैं।
(v) राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति – प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समझौतों और संधियों पर निर्णय लेते हैं।
(vi) प्रशासनिक नियुक्तियाँ – प्रधानमंत्री उच्च प्रशासनिक पदों जैसे कि कैबिनेट सचिव, मुख्य सचिव, और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों के लिए सिफारिश करते हैं।
(vii) विभिन्न समितियों की अध्यक्षता – प्रधानमंत्री विभिन्न महत्वपूर्ण समितियों की अध्यक्षता करते हैं, जैसे कि योजना आयोग (अब नीति आयोग), राष्ट्रीय विकास परिषद आदि।
(viii) आपातकालीन शक्तियाँ – प्रधानमंत्री को आपातकालीन स्थिति में महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अधिकार होता है, जिसमें राष्ट्रपति को आपातकाल की घोषणा की सिफारिश करना शामिल है।
(ix) कानून निर्माण में भूमिका – प्रधानमंत्री कानून बनाने की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और संसद में बिल प्रस्तुत करते हैं और उनका समर्थन करते हैं।
(x) सार्वजनिक वक्तव्य और जनसंवाद – प्रधानमंत्री राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और विभिन्न मुद्दों पर सार्वजनिक वक्तव्य देते हैं।
इन अधिकारों और कर्तव्यों के माध्यम से, प्रधानमंत्री सरकार की दिशा निर्धारित करते हैं और देश के प्रशासन में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।
37. ‘बेरोजगारी’ शब्द की आप कैसे व्याख्या करेंगे? शिक्षित बेरोजगारी भारत के लिए एक विशेष समस्या क्यों है?
उत्तर – जब कोई आदमी काम की तलाश में हो लेकिन उसे काम नहीं मिल रहा हो तो ऐसे आदमी को बेरोजगार कहते हैं। केवल 15 से 59 आयु वर्ग के लोगों को ही बेरोजगार की श्रेणी में रख सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से काम नहीं करना चाहता है तो उसे बेरोजगार की श्रेणी में नहीं रखा जाता है।
‘शिक्षित बेरोजगारी’ एक विशेष प्रकार की बेरोजगारी है जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त लोग (जैसे कि स्नातक, स्नातकोत्तर, आदि) अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं पा सकते। यह समस्या भारत में विशेष रूप से महत्वपूर्ण और गंभीर है। इसके कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं :
(i) शिक्षा प्रणाली और नौकरी बाजार के बीच असंतुलन – भारत की शिक्षा प्रणाली और नौकरी बाजार के बीच तालमेल की कमी है। कई बार शिक्षा प्रणाली में सिखाई जाने वाली चीजें और नौकरी बाजार की आवश्यकताएँ मेल नहीं खातीं।
(ii) योग्यता के अनुसार नौकरी की कमी – बहुत से शिक्षित युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिलती। यह स्थिति उन्हें या तो बेरोजगार रहने के लिए मजबूर करती है या फिर वे अपनी योग्यता से कमतर नौकरियाँ करने के लिए बाध्य होते हैं।
(iii) अत्यधिक प्रतिस्पर्धा – उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन रोजगार के अवसर उसी अनुपात में नहीं बढ़ रहे। इससे अत्यधिक प्रतिस्पर्धा पैदा होती है और कई योग्य लोग बेरोजगार रह जाते हैं।
(iv) तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा की कमी – कई बार शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा का अभाव होता है, जिससे युवा उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल नहीं सीख पाते।
(v) क्षेत्रीय असंतुलन – ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा और रोजगार के अवसरों में बड़ा अंतर होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बहुत कम होते हैं।
अथवा
मौसमी और प्रच्छन्न बेरोजगारी में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर : मौसमी बेरोज़गारी – मौसमी बेरोज़गारी तब होती है जब वर्ष के कुछ महीनों के दौरान लोग रोज़गार नहीं खोज पाते। भारत में कृषि कोई पूर्णकालिक रोज़गार नहीं है। यह मौसमी है। इस प्रकार की बेरोज़गारी कृषि में पाई जाती है। कुछ व्यस्त मौसम होते हैं जब बिजाई, कटाई, निराई और गहाई की जाती है। कुछ विशेष महीनों में कृषि पर आश्रित लोगों को अधिक काम नहीं मिल पाता।
• प्रच्छन्न बेरोज़गारी – प्रच्छन्न बेरोज़गारी में लोग नियोजित प्रतीत होते हैं जबकि वास्तव में वे उत्पादकता में कोई योगदान नहीं कर रहे होते हैं। ऐसा प्रायः किसी क्रिया से जुड़े परिवारों के सदस्यों के साथ होता है। काम में पाँच लोगों की आवश्यकता है किंतु उसमें आठ लोग लगे हुए हैं, जहाँ 3 लोग अतिरिक्त हैं। यदि इन 3 लोगों को हटा लिया जाए तो भी उत्पादकता कम नहीं होगी। ये 3 लोग प्रच्छन्न बेरोजगारी में शामिल हैं।
SECTION – F (Map : 5 Marks)
38. भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाए :
(i) पेरियार वन्य प्राणी अभयवन (केरल)
(ii) चिल्का झील (उड़ीसा)
(iii) मौसिनराम विश्व में सबसे अधिक वर्षा क्षेत्र (मेघालय)
(iv) जूनागढ़ की रियासत (गुजरात)
(v) क्रान्तिकारी आन्दोलन का केन्द्र काकोरी (उत्तरप्रदेश)
उत्तर –