Haryana Board (HBSE) Class 9 Physical Education Question Paper 2024 Answer Key. HBSE Class 9 Physical Education Question Paper 2024. Haryana Board Class 9th Physical Education Solved Question Paper 2024. HBSE Class 9 Question Paper 2024 PDF Download. HBSE Physical Education Solved Question Paper 2024 Class 9. HBSE 9th Physical Education Solved Question Paper 2024. HBSE Class 9 Physical Education Question Paper Download 2024. HBSE Class 9 Physical Education Solved Question Paper 2024.
HBSE Class 9 Physical Education Question Paper 2024 Answer Key
Section – A (1 Mark)
1. ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ प्रतिवर्ष कब मनाया जाता है?
(a) 7 अप्रैल
(b) 14 अप्रैल
(c) 5 मई
(d) 2 अक्टूबर
उत्तर – (a) 7 अप्रैल
2. स्वास्थ्य का शाब्दिक अर्थ है :
(a) स्वस्थ दिमाग
(b) स्वस्थ आत्मा
(c) स्वस्थ शरीर
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर – (d) उपरोक्त सभी
3. ‘योग’ शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई है?
(a) उर्दू
(b) पंजाबी
(c) संस्कृत
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर – (c) संस्कृत
4. ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’ कब मनाया जाता है?
(a) 31 मई
(b) 15 अगस्त
(c) 5 अप्रैल
(d) 26 जनवरी
उत्तर – (a) 31 मई
5. रिले की टीम में कितने खिलाड़ी होते हैं?
(a) 3
(b) 4
(c) 8
(d) 2
उत्तर – (b) 4
6. खेलों में लगने वाली सामान्य चोट है :
(a) रगड़
(b) मोच
(c) खिंचाव
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर – (d) उपरोक्त सभी
7. साहसिक खेल में …………. शामिल होते हैं।
उत्तर – साहस, चुनौति व जोखिम
8. N.C.C. का अर्थ ………..…. है।
उत्तर – National Cadet Corps
9. हमें किस प्रकार का भोजन करना चाहिए?
उत्तर – संतुलित व पौष्टिक भोजन
10. संतोष ट्रॉफी किस खेल से सम्बन्धित है?
उत्तर – फुटबॉल
11. “मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है” – यह कथन किसका है?
उत्तर – अरस्तू
12. योग के आदि गुरु कौन हैं?
उत्तर – शिव
13. अभिकथन (A) : शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य सर्वांगीण विकास करना है।
कारण (R) : शारीरिक शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक एवं भावनात्मक आदि विकास के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
(a) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।
(b) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) अभिकथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(d) अभिकथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर – (a) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।
14. अभिकथन (A) : आसन का अर्थ है व्यक्ति का सुख की स्थिति में बैठना।
कारण (R) : आसनों को उनके प्रभावों के आधार पर पाँच वर्गों में बाँटा जा सकता है।
(a) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।
(b) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) अभिकथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(d) अभिकथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर – (c) अभिकथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
15. अभिकथन (A) : खेल प्रतियोगिताओं या मुकाबलों से पूर्व खिलाड़ियों के लिए वार्म-अप बहुत अनिवार्य है।
कारण (R) : खेल प्रतियोगिताओं या मुकाबलों के बाद वार्म-अप या गर्माना बहुत अनिवार्य है।
(a) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।
(b) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) अभिकथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(d) अभिकथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर – (c) अभिकथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
Section – B (2 Marks)
16. व्यक्तिगत स्वास्थ्य से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – किसी व्यक्ति विशेष के शारीरिक, मानसिक एवं संवेगात्मक पक्षों के कल्याण को व्यक्तिगत स्वास्थ्य के रूप में जाना जा सकता है। अतः वह शारीरिक रूप से रोगमुक्त, बलशाली, कुशल एवं प्रफुल्ल होना चाहिए तथा मानसिक रूप से उत्साही, सक्रिय एवं विवेकशील होना चाहिए और इनके साथ-साथ उसका पारिवारिक एवं सामाजिक अनुकूलन सही होना चाहिए।
17. भोजन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – वे सभी पदार्थ जो हम खाते हैं जिनसे हमारा शरीर बनता है, शरीर को ऊर्जा मिलती है और शरीर की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति होती है, उसे भोजन कहते हैं।
18. प्राणायाम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – प्राणायाम दो शब्दों से मिलकर बना है – प्राण व आयाम। प्राण का अर्थ है श्वास और आयाम का अर्थ है नियंत्रण व नियमन। इस प्रकार जिसके द्वारा श्वास के नियम व नियंत्रण का अभ्यास किया जाता है, उसे प्राणायाम कहते हैं।
19. “खेल को खेल भावना से खेलना चाहिए” से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – “खेल को खेल भावना से खेलना चाहिए” का अभिप्राय है कि खेल को ईमानदारी, सम्मान, और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ खेला जाना चाहिए। खेलते समय नियमों का पालन करना, टीम के लिए योगदान देना और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करना तथा खेल को आनंद और मनोरंजन का साधन समझना, न कि सिर्फ जीतने का। खेल भावना से खेलने का मतलब है कि खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन के साथ-साथ समग्र खेल अनुभव को भी महत्वपूर्ण मानें। इससे खेल का माहौल स्वस्थ, मनोरंजक और प्रेरणादायक बनता है, जो सभी प्रतिभागियों के लिए सकारात्मक होता है।
20. अच्छी मुद्रा क्या है?
उत्तर – अच्छी मुद्रा (अच्छे पोस्टर) का मतलब है कि शरीर को एक स्वस्थ और संतुलित तरीके से रखना, जिससे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी लाभ मिलता है। अच्छी मुद्रा से तात्पर्य है कि बैठने, खड़े होने, चलने, और सोने की सही और उचित स्थिति बनाए रखना।
अच्छी मुद्रा बनाए रखने से पीठ, गर्दन और कंधों में दर्द को कम किया जा सकता है, सांस लेने की क्षमता में सुधार होता है, और समग्र शारीरिक कार्यक्षमता बढ़ती है। यह आपके आत्मविश्वास और मानसिक स्थिति को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
21. साहसिक खेलों का महत्त्व बताइए।
उत्तर – साहसिक खेलों (एडवेंचर स्पोर्ट्स) का महत्त्व कई स्तरों पर होता है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक लाभ शामिल होते हैं। ये खेल व्यक्तियों को चुनौतियों का सामना करने, अपनी क्षमताओं को पहचानने और नई सीमाओं को पार करने के अवसर प्रदान करते हैं।
साहसिक खेलों का अनुभव न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं में विकास और समृद्धि लाने में भी सहायक होता है।
Section – C (3 Marks)
22. किन्हीं दो साहसिक खेलों का वर्णन करें।
उत्तर – साहसिक खेल कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में अपने-अपने रोमांच और चुनौतियाँ होती हैं। यहाँ पर दो प्रमुख साहसिक खेलों का वर्णन किया गया है:
(i) रॉक क्लाइम्बिंग – रॉक क्लाइम्बिंग एक ऐसा साहसिक खेल है जिसमें प्रतिभागी प्राकृतिक चट्टानों या कृत्रिम दीवारों पर चढ़ते हैं। इस खेल में ऊँचाइयों पर चढ़ने के लिए विभिन्न तकनीकों और उपकरणों का उपयोग किया जाता है। इसमें विशेष रूप से हाथों, पैरों और उंगलियों की मांसपेशियों का उपयोग होता है। एकाग्रता, समस्या समाधान और मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
(ii) स्कूबा डाइविंग – स्कूबा डाइविंग एक पानी के नीचे का साहसिक खेल है जिसमें प्रतिभागी पानी के नीचे तैराकी के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग करते हैं, जिसमें स्कूबा (SCUBA: Self-Contained Underwater Breathing Apparatus) शामिल है। यह खेल समुद्र, झीलों और नदियों के भीतर की दुनिया को देखने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। स्कूबा डाइविंग करते समय स्कूबा टैंक, रेजुलेटर, और मास्क का उपयोग किया जाता है जिससे डाइवर्स पानी के नीचे सांस ले सकें। स्कूबा डाइविंग से पहले विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है ताकि सुरक्षा मानकों का पालन किया जा सके।
23. नशीले पदार्थों का सेवन करने से खिलाड़ियों पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है? उल्लेख कीजिए।
उत्तर – नशीले पदार्थों का सेवन करने से खिलाड़ियों पर कई गंभीर दुष्प्रभाव पड़ते हैं, जो उनके शारीरिक, मानसिक और पेशेवर जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। नशीले पदार्थों का सेवन हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, लिवर और किडनी की समस्याएं, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। नशीले पदार्थ शरीर की ऊर्जा, सहनशक्ति और मांसपेशियों की ताकत को कम कर सकते हैं, जिससे खिलाड़ी का प्रदर्शन घट सकता है। नशीले पदार्थों के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे खिलाड़ी अधिक बीमारियों और संक्रमणों का शिकार हो सकते हैं। नशीले पदार्थों का सेवन से अवसाद, चिंता, और मानसिक अस्थिरता जैसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। नशीले पदार्थों का सेवन स्मृति, एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। कुछ नशीले पदार्थ खिलाड़ियों के स्वभाव को बदल सकते हैं, जिससे उनके व्यवहार में आक्रामकता और अस्थिरता आ सकती है। कई नशीले पदार्थ खेल संगठनों और एजेंसियों द्वारा प्रतिबंधित हैं। इनका सेवन करने पर खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं से निलंबित या प्रतिबंधित किया जा सकता है। नशीले पदार्थों के सेवन से खिलाड़ियों की पेशेवर साख और करियर को भारी नुकसान हो सकता है।
24. नॉक आउट पद्धति के गुण व दोष लिखें।
उत्तर – नॉक आउट पद्धति खेल प्रतियोगिताओं में एक आम रूप से प्रयुक्त प्रारूप है, जहाँ हारने वाली टीम या खिलाड़ी तुरंत प्रतियोगिता से बाहर हो जाता है। इस पद्धति के अपने गुण और दोष हैं, जिन्हें नीचे विस्तार से बताया गया है:
• गुण – नॉक आउट पद्धति का प्रारूप सरल और स्पष्ट होता है। इसे समझना और लागू करना आसान होता है। इस पद्धति में मैचों की संख्या कम होती है, जिससे प्रतियोगिता का आयोजन तेजी से किया जा सकता है। हर मैच महत्वपूर्ण होता है और इसमें अधिक रोमांच होता है क्योंकि हारने वाली टीम या खिलाड़ी तुरंत बाहर हो जाता है। कम मैचों के कारण आयोजकों को कम संसाधनों (जैसे खेल मैदान, कर्मचारियों और अन्य सुविधाओं) की आवश्यकता होती है।
• दोष – एक बार हारने पर टीम या खिलाड़ी को पुनः प्रदर्शन का मौका नहीं मिलता, जिससे उनकी वास्तविक क्षमता का सही मूल्यांकन नहीं हो पाता। यदि प्रमुख या लोकप्रिय टीम जल्दी बाहर हो जाती है, तो प्रायोजकों और दर्शकों की रुचि कम हो सकती है, जिससे आर्थिक और व्यावसायिक नुकसान हो सकता है। प्रारंभिक दौर में मजबूत टीमों के बीच मुकाबला होने पर वे जल्दी बाहर हो सकती हैं, जबकि कमजोर टीमों को आगे बढ़ने का मौका मिल सकता है।
25. प्राणायाम की कितनी अवस्थाएँ हैं, वर्णन कीजिए।
उत्तर – प्राणायाम के अभ्यास में मुख्य रूप से तीन अवस्थाएँ होती हैं, जो श्वास-प्रश्वास की प्रक्रिया को नियंत्रित और विनियमित करती हैं।
इन अवस्थाओं का वर्णन निम्नलिखित है :
(i) पूरक (श्वास लेना) – पूरक का अर्थ है श्वास को अंदर लेना। इस अवस्था में श्वास को गहराई से और धीरे-धीरे लिया जाता है, जिससे फेफड़ों में अधिकतम वायु भरी जा सके।
(ii) कुम्भक (श्वास को रोकना) – कुम्भक का अर्थ है श्वास को रोकना या धारण करना। यह अवस्था श्वास को अंदर लेने के बाद की जाती है।
(iii) रेचक (श्वास छोड़ना) – रेचक का अर्थ है श्वास को बाहर छोड़ना। इस अवस्था में श्वास को धीरे-धीरे और पूर्ण रूप से बाहर निकाला जाता है।
26. मुद्रा ठीक रखने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर – मुद्रा ठीक रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं :
(i) हमेशा सीधे और सही मुद्रा में बैठें। कंधे सीधे रखें और पीठ को सहारा दें।
(ii) नियमित रूप से व्यायाम और योग करें। विशेषकर वे आसन जो रीढ़ की हड्डी को मजबूत करते हैं, जैसे ताड़ासन, भुजंगासन, और शवासन।
(iii) चलते समय अपनी रीढ़ और कंधों को सीधा रखें।
(iv) सही फिटिंग वाले और आरामदायक जूते पहनें जो आपकी चाल को सपोर्ट करते हों।
(v) सोते समय सही तकिए और गद्दे का उपयोग करें जो आपकी रीढ़ को सपोर्ट करें।
अथवा
व्यायाम करने के कोई पाँच लाभ लिखें।
उत्तर – व्यायाम करने के निम्नलिखित पाँच प्रमुख लाभ हैं :
(i) नियमित व्यायाम से हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रित रहता है, और मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती बढ़ती है।
(ii) व्यायाम कैलोरी बर्न करने में मदद करता है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है और मोटापे का खतरा कम होता है।
(iii) व्यायाम से एंडोर्फिन रिलीज होते हैं, जो मूड को सुधारते हैं और तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करते हैं।
(iv) नियमित व्यायाम से शारीरिक सहनशक्ति बढ़ती है और थकान कम होती है, जिससे दिनभर ऊर्जा का स्तर ऊँचा रहता है।
(v) व्यायाम से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है, जिससे आप अधिक तरोताज़ा और स्फूर्ति महसूस करते हैं।
27. दूध को पूर्ण भोजन क्यों कहा जाता है, वर्णन करें।
उत्तर – दूध को पूर्ण भोजन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर के विकास और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।
नीचे दिए गए कारणों से दूध को पूर्ण भोजन माना जाता है :
• दूध में उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है, जो शरीर के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक है।
• दूध में विटामिन A, B12, और D, और खनिज जैसे कैल्शियम, पोटैशियम, और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों और दांतों की मजबूती, और शरीर की अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक हैं।
• दूध में लैक्टोज नामक कार्बोहाइड्रेट होता है, जो ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है।
• दूध में आवश्यक वसा होती है, जो शरीर को ऊर्जा देने, विटामिन्स को अवशोषित करने, और मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
• दूध का लगभग 87% हिस्सा पानी होता है, जो हाइड्रेशन के लिए महत्वपूर्ण है।
• दूध में राइबोफ्लेविन, नियासिन, और अन्य विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
अथवा
नॉक आउट पद्धति व लीग पद्धति में क्या अंतर है, वर्णन कीजिए।
उत्तर – नॉक आउट पद्धति और लीग पद्धति दो प्रमुख खेल प्रतियोगिता प्रारूप हैं, जिनमें टीमों या खिलाड़ियों के बीच मुकाबले आयोजित किए जाते हैं। इन दोनों पद्धतियों में मुख्य अंतर निम्नलिखित है :
नॉक आउट पद्धति | लीग पद्धति |
1. इसमें टीमें एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबला करती हैं, और हारने वाली टीम प्रतियोगिता से बाहर हो जाती है। विजेता टीम अगले दौर में प्रवेश करती है, और यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक एक अंतिम विजेता तय नहीं हो जाता। | 1. इसमें सभी टीमें एक-दूसरे के खिलाफ एक निश्चित संख्या में मुकाबले खेलती हैं। हर टीम को एक निश्चित संख्या में मुकाबले खेलने का मौका मिलता है और परिणाम अंक तालिका में दर्ज किए जाते हैं। |
2. मुकाबलों की कुल संख्या कम होती है क्योंकि प्रत्येक दौर में टीमों की संख्या आधी हो जाती है। | 2. मुकाबलों की संख्या अधिक होती है क्योंकि हर टीम कई मैच खेलती है। |
3. यह पद्धति समय की बचत करती है क्योंकि कम मुकाबले होते हैं और प्रतियोगिता जल्दी समाप्त हो जाती है। | 3. यह पद्धति अधिक समय लेती है क्योंकि हर टीम को दूसरे टीमों के खिलाफ खेलने का मौका मिलता है। |
4. उदाहरण: टेनिस ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट, विश्व कप नॉकआउट चरण। | 4. उदाहरण: फुटबॉल लीग (जैसे इंग्लिश प्रीमियर लीग), क्रिकेट लीग टूर्नामेंट (जैसे आईपीएल) |
Section – D (5 Marks)
28. “स्वास्थ्य ही धन है” की विवरणात्मक व्याख्या करते हुए, स्वास्थ्य के महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर – “स्वास्थ्य ही धन है” एक प्रसिद्ध कहावत है जो हमारे जीवन में स्वास्थ्य के महत्त्व को रेखांकित करती है। इसका तात्पर्य यह है कि भौतिक संपत्ति और धन की तुलना में अच्छा स्वास्थ्य अधिक मूल्यवान और महत्वपूर्ण है। स्वस्थ शरीर और मन के बिना, कोई भी व्यक्ति अपने जीवन का पूर्ण आनंद नहीं ले सकता, चाहे उसके पास कितना भी धन हो।
स्वास्थ्य के महत्त्व का वर्णन :
(i) शारीरिक स्वास्थ्य – स्वस्थ व्यक्ति ऊर्जावान और उत्पादक होता है। वह अपने दैनिक कार्यों को अधिक कुशलता से कर सकता है और अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा सकता है। अच्छा स्वास्थ्य बीमारियों और संक्रमणों से बचाव करता है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और स्वस्थ जीवनशैली से व्यक्ति बीमारियों से दूर रहता है।
(ii) मानसिक स्वास्थ्य – मानसिक स्वास्थ्य अच्छे विचारों, सकारात्मक दृष्टिकोण और भावनात्मक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। यह चिंता, अवसाद और तनाव से बचाव करता है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति बेहतर संबंध बना सकता है और उन्हें बनाए रख सकता है। वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशहाल जीवन जी सकता है।
(iii) आर्थिक पहलू – स्वस्थ व्यक्ति बेहतर कार्य क्षमता और ऊर्जावान दृष्टिकोण के कारण अधिक उपार्जन कर सकता है। वह अधिक समय तक और अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकता है। अच्छा स्वास्थ्य होने से चिकित्सा खर्चों में कमी आती है। बीमारियों से बचाव करने वाले स्वस्थ व्यक्ति को अस्पताल और दवाओं पर कम खर्च करना पड़ता है।
(iv) समाजिक और व्यक्तिगत विकास – स्वस्थ व्यक्ति समाज में अधिक सक्रिय योगदान दे सकता है। वह सामुदायिक कार्यों, सेवाओं और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेकर समाज की प्रगति में सहायक हो सकता है। स्वस्थ शरीर और मन से व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत क्षमताओं का अधिकतम उपयोग कर सकता है। वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।
(v) जीवन की गुणवत्ता – स्वस्थ व्यक्ति जीवन का पूर्ण आनंद ले सकता है। वह यात्रा कर सकता है, अपने शौक पूरे कर सकता है, और जीवन के हर पहलू का आनंद उठा सकता है। अच्छा स्वास्थ्य दीर्घायु का कारण बनता है और व्यक्ति को लंबा और सुखी जीवन जीने का अवसर देता है।
अथवा
प्राथमिक सहायक के गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – प्राथमिक सहायक, जिसे अक्सर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में योगदान करने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है, के कई महत्वपूर्ण गुण होते हैं जो उन्हें प्रभावी और सहायक बनाते हैं। ये गुण निम्नलिखित हैं :
(i) करुणा और सहानुभूति – प्राथमिक सहायक में करुणा और सहानुभूति का गुण होना चाहिए ताकि वे मरीजों की भावनात्मक और शारीरिक स्थिति को समझ सकें और उन्हें उचित देखभाल प्रदान कर सकें।
(ii) संचार कौशल – स्पष्ट और प्रभावी संचार कौशल आवश्यक है ताकि वे मरीजों, उनके परिवारों, और चिकित्सा टीम के अन्य सदस्यों के साथ सही और सटीक जानकारी साझा कर सकें।
(iii) धैर्य और सहनशीलता – प्राथमिक सहायक को धैर्यवान और सहनशील होना चाहिए, खासकर जब वे कठिन या लंबी प्रक्रियाओं से गुजर रहे मरीजों की देखभाल कर रहे हों।
(iv) समस्या समाधान क्षमता – उन्हें समस्याओं का समाधान करने की क्षमता होनी चाहिए ताकि वे त्वरित और प्रभावी निर्णय ले सकें, विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों में।
(v) अभ्यस्तता और सतर्कता – प्राथमिक सहायक को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार और सतर्क रहना चाहिए, जिससे वे किसी भी अचानक आने वाली समस्याओं का सामना कर सकें।
(vi) शारीरिक सहनशक्ति – प्राथमिक सहायक को शारीरिक रूप से स्वस्थ और सहनशील होना चाहिए क्योंकि उन्हें अक्सर लंबे समय तक खड़े रहना, चलना, और मरीजों की देखभाल में शारीरिक श्रम करना पड़ सकता है।
(vii) समय प्रबंधन – उन्हें समय प्रबंधन में कुशल होना चाहिए ताकि वे विभिन्न कार्यों को समय पर और प्रभावी ढंग से पूरा कर सकें।
(viii) सटीकता और विस्तार पर ध्यान – चिकित्सा जानकारी और प्रक्रियाओं में सटीकता और विस्तार पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है ताकि मरीजों की सही देखभाल की जा सके और त्रुटियों से बचा जा सके।
(ix) टीम वर्क – प्राथमिक सहायक को टीम के साथ काम करने की क्षमता होनी चाहिए, जिससे वे चिकित्सा टीम के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर मरीजों की देखभाल में सहयोग कर सकें।
(x) नैतिकता और ईमानदारी – उन्हें उच्च नैतिक मानकों और ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए, जिससे मरीजों की गोपनीयता और अधिकारों का सम्मान हो सके।
29. आधुनिक युग में शारीरिक शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर – आधुनिक युग में शारीरिक शिक्षा का महत्त्व कई पहलुओं में देखा जा सकता है। यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक कौशल और समग्र जीवन गुणवत्ता में भी सुधार करती है।
यहां आधुनिक युग में शारीरिक शिक्षा के महत्त्व पर विस्तृत विवरण दिया गया है :
(i) स्वास्थ्य और फिटनेस – नियमित शारीरिक गतिविधि हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा, और अन्य क्रोनिक बीमारियों को रोकने में मदद करती है। यह बच्चों और युवाओं के शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे उनकी मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती बढ़ती है।
(ii) मानसिक स्वास्थ्य – शारीरिक गतिविधि से एंडोर्फिन रिलीज होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं। शारीरिक शिक्षा बच्चों और युवाओं में आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देती है, जिससे वे अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं।
(iii) सामाजिक कौशल और टीम वर्क – खेल और अन्य शारीरिक गतिविधियां टीम वर्क और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करती हैं, जिससे बच्चे और युवा एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना सीखते हैं। शारीरिक शिक्षा नेतृत्व और संचार कौशल को विकसित करने में भी मदद करती है, क्योंकि इसमें कई बार नेतृत्व की भूमिका निभानी पड़ती है।
(iv) शैक्षिक प्रदर्शन में सुधार – शारीरिक गतिविधि से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है, जिससे ध्यान, स्मृति और समस्या समाधान क्षमता बढ़ती है। शोध से पता चला है कि नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल छात्रों का अकादमिक प्रदर्शन बेहतर होता है।
(v) जीवन कौशल का विकास – शारीरिक शिक्षा समय प्रबंधन और अनुशासन की सीख देती है, जो जीवन के हर पहलू में महत्वपूर्ण होते हैं। शारीरिक चुनौतियों का सामना करने से संकल्प और दृढ़ता जैसे जीवन कौशल का विकास होता है।
(vi) आनंद और मनोरंजन – शारीरिक गतिविधियां जीवन का आनंद बढ़ाती हैं और मनोरंजन का एक अच्छा स्रोत होती हैं। शारीरिक शिक्षा सक्रिय जीवनशैली को प्रोत्साहित करती है, जिससे व्यक्ति जीवनभर सक्रिय और स्वस्थ रह सकते हैं।
अथवा
“योग का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना कि भारत का इतिहास” विवेचन कीजिए व योग के लाभ लिखिए।
उत्तर – योग का इतिहास उतना ही पुराना है जितना कि भारत का इतिहास, और यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा रहा है। योग का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों में मिलता है और यह समय के साथ विकसित होकर आधुनिक युग तक पहुँच चुका है।
(i) प्राचीन काल – योग का प्रारंभिक उल्लेख वेदों और उपनिषदों में मिलता है, जो लगभग 5000 साल पुराने हैं। योग का उल्लेख ऋग्वेद में किया गया है। महाभारत में भगवद गीता के माध्यम से श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग की शिक्षा दी।
(ii) पतंजलि का योगदान – पतंजलि ने योग सूत्रों की रचना की, जो योग के आठ अंगों (अष्टांग योग) का विस्तार से वर्णन करते हैं। यह लगभग 200 ईसा पूर्व लिखा गया था और इसे योग दर्शन का आधार माना जाता है।
(iii) मध्यकाल – 11वीं शताब्दी के आसपास, हठ योग का विकास हुआ, जिसमें शारीरिक आसनों और प्राणायाम पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया। स्वामी स्वात्माराम ने हठ योग प्रदीपिका की रचना की।
(iv) आधुनिक काल – 19वीं और 20वीं शताब्दी में स्वामी विवेकानंद, तिरुमलाई कृष्णमाचार्य, बी.के.एस. अयंगार और पतंजलि जैसी हस्तियों ने योग को पुनर्जीवित किया और विश्व भर में प्रचार किया।
योग के लाभ : योग के अनेक लाभ हैं, जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं-
(i) शारीरिक लाभ – योग के नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन और ताकत बढ़ती है। योग इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और बीमारियों से बचाव में मदद करता है। योग से शरीर का संतुलन और समन्वय बेहतर होता है, जिससे गिरने और चोट लगने का खतरा कम होता है।
(ii) मानसिक लाभ – योग तनाव और चिंता को कम करने में प्रभावी है। यह मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है। योग ध्यान और मानसिक संतुलन को बढ़ाता है, जिससे स्मरण शक्ति और एकाग्रता में सुधार होता है।
(iii) आध्यात्मिक लाभ – योग आत्म-जागरूकता और आत्म-स्वीकृति को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति अपने भीतर की शक्ति और शांति को पहचानता है। योग से आध्यात्मिक विकास होता है और व्यक्ति अपने जीवन के उद्देश्य को समझ सकता है।
(iv) भावनात्मक लाभ – योग से भावनात्मक स्थिरता बढ़ती है और व्यक्ति अपने भावनाओं पर नियंत्रण पा सकता है। योग सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है, जिससे जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण विकसित होता है।
30. शारीरिक शिक्षा का अर्थ व परिभाषा और कोई तीन उद्देश्य लिखिए।
उत्तर – अर्थ : शारीरिक शिक्षा का अर्थ उन शारीरिक गतिविधियों, खेलों और व्यायामों के प्रशिक्षण और अभ्यास से है, जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य, फिटनेस, और शारीरिक विकास को प्रोत्साहित करते हैं। यह शिक्षा न केवल शारीरिक क्षमता को बढ़ाती है, बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
परिभाषा : शारीरिक शिक्षा एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है, जिसमें शारीरिक गतिविधियों, खेल, और व्यायाम के माध्यम से छात्रों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित किया जाता है। इसका उद्देश्य एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना और छात्रों में खेल कौशल, सहयोग, और आत्म-अनुशासन को विकसित करना है।
शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य :
(i) स्वास्थ्य और शारीरिक फिटनेस का विकास – छात्रों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और शारीरिक फिटनेस को बनाए रखने के लिए प्रेरित करना। शारीरिक शिक्षा के माध्यम से, छात्रों को नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है, जिससे उनकी शारीरिक सहनशक्ति, लचीलापन, और मांसपेशियों की शक्ति बढ़ती है। यह उन्हें विभिन्न बीमारियों से दूर रखता है और जीवनभर स्वस्थ रहने में मदद करता है।
(ii) मूल्य और सामाजिक कौशल का विकास – छात्रों में सामाजिक कौशल, टीम वर्क, नेतृत्व और खेल भावना को बढ़ावा देना। शारीरिक शिक्षा टीम आधारित खेलों और गतिविधियों के माध्यम से सहयोग, अनुशासन, नेतृत्व, और प्रतिस्पर्धात्मकता की भावना को विकसित करती है। यह छात्रों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना, सम्मान करना, और नैतिक मूल्यों को समझना सिखाती है, जो उनके समग्र व्यक्तित्व विकास में सहायक होते हैं।
(iii) मानसिक और भावनात्मक विकास – छात्रों के मानसिक और भावनात्मक संतुलन को बनाए रखना और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना। शारीरिक शिक्षा मानसिक स्वास्थ्य को भी महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। नियमित शारीरिक गतिविधियों से तनाव, चिंता और अवसाद को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, विभिन्न खेलों और गतिविधियों में भाग लेने से आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान में वृद्धि होती है, जिससे छात्र मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनते हैं।
अथवा
नॉक आउट पद्धति में आठ टीमों का फिक्स्चर तैयार करें।
उत्तर –