Haryana Board (HBSE) Class 11 Hindi Question Paper 2023 Answer Key. Haryana Board Class 11th Hindi Solved Question Paper 2023 PDF Download. HBSE Class 11 Hindi Paper Solution 2023. Haryana Board Class 11th Hindi Question Paper 2023 Pdf Download with Answer. BSEH Class 11 Hindi Previous Year Question Paper with Answer. HBSE 11th Hindi Solved Question Paper 2023. HBSE 11th Class Hindi Solved Question Paper 2023.
HBSE Class 11 Hindi Question Paper 2023 Answer Key
1. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
(क) कबीर किसके उपासक थे ?
(i) राम
(ii) कृष्ण
(iii) सगुण ईश्वर के
(iv) निर्गुण ईश्वर के
उत्तर – (iv) निर्गुण ईश्वर के
(ख) मीरा जगत् में क्या देखकर प्रसन्न होती है ?
(i) सगे-संबंधी को
(ii) प्रभु भक्ति को
(iii) सामाजिक बंधन को
(iv) प्रजा को
उत्तर – (ii) प्रभु भक्ति को
(ग) पथिक किस पर बैठकर रत्नाकर के घर में घूमना चाहता है ?
(i) जहाज पर
(ii) नाव पर
(iii) वायु पर
(iv) बादल पर
उत्तर – (iv) बादल पर
(घ) ‘घर की याद’ कविता में कवि के कितने भाई हैं ?
(i) तीन
(ii) चार
(iii) दो
(iv) एक
उत्तर – (ii) चार
(ङ) कवि ने किसान की आँखों की तुलना किससे की है ?
(i) अंधेरी गुफा में
(ii) नीली आँखों से
(iii) लाल आँखों से
(iv) झील-सी आँखों से
उत्तर – (i) अंधेरी गुफा से
(च) ‘मन का हरापन’ का अर्थ है :
(i) मन का हरा होना
(ii) मन की खुशियाँ
(iii) मन की चंचलता
(iv) मन का विकास
उत्तर – (ii) मन की खुशियां
2. निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
पाँव जो पीछे हटाता, कोख को मेरी लजाता,
इस तरह होओ न कच्चे, रो पड़ेंगे और बच्चे,
पिता जी ने कहा होगा, हाय कितना सहा होगा,
कहाँ में रोता कहाँ हूँ, धीर में खोता कहाँ हूँ।
उत्तर : प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग-1’ में संकलित कविता ‘घर की याद’ से ली गई हैं। इसके रचयिता ‘भवानी प्रसाद मिश्र’ हैं। कवि ने बताया है कि उनके माता-पिता भी उन्हें उतना ही याद करके भावुक हुए होंगे।
व्याख्या – माँ ने कहा होगा कि हमारा बेटा स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भाग नहीं लेता और जेल जाने से पीछे हटता तो वह मेरे दूध को लज्जित करता, माँ-बाप के नाम को बट्टा लगाता। परंतु जेल जाकर उसने हमारे नाम को रोशन किया है। इस तरह से माँ ने पिताजी को समझाया होगा ताकि वे भावुक होकर रो न पड़ें। यदि वे रोने लगेंगे तो घर के सब प्राणी रोने लगेंगे। माँ ने पिताजी से कहा होगा कि तुम दुखी और व्याकुल मत होओ, मन दुखी हुआ तो सारा घर दुखी हो जाएगा। पिताजी ने माँ से कहा होगा कि वे रो नहीं रहे हैं। ऐसा करते हुए उन्होंने कई तरह से अपना मन समझाया होगा, पता नहीं मन-ही-मन कितना दुख सहा होगा, दूसरों को दिखाने के लिए ऊपर से शांत बने रहे होंगे। उन्होंने कहा होगा कि मैं बिलकुल भी अधीर नहीं हो रहा हूँ। दुख को सहने की उनमें अपार क्षमता है।
अथवा
दूध की मथनियाँ बड़े प्रेम से विलोयी
दधि मथि घृत काढ़ि लियो, डारि दयी छोयी
भगत देखि राजी हुयी, जगत देखि रोयी
दासी मीरा लाल गिरधर ! तारो अब मोही
उत्तर : प्रसंग – प्रस्तुत पद कृष्णभक्त कवयित्री मीराबाई द्वारा रचित है। मीराबाई ने श्रीकृष्ण को अपना पति मानकर उनकी भक्ति की है। इसके लिए उन्होंने किसी की भी परवाह नहीं की।
व्याख्या – मीराबाई ने कृष्णभक्ति रूपी दूध को बड़े प्रेम से मथा हैं, और मथने के पश्चात् उसने घी को निकाल लिया तथा छाछ को त्याग दिया। मीराबाई कहती हैं, कृष्ण भक्ति देखकर वह आनन्दित हो गयी हैं, परन्तु संसार को देखकर उनकी आँखों से आँसू प्रवाहित हो रहा हैं। मीराबाई कहती हैं, वे गिरधर अर्थात् कृष्ण की दासी हैं, और कृष्ण ही अब उनका उद्धार कर सकते हैं।
3. निम्नलिखित काव्यांश में निहित काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए :
प्रतिक्षण नूतन वेश बनाकर रंग-बिरंग निराला।
रवि के सम्मुख थिरक रही है नभ वारिद माला।
नीचे नील समुद्र मनोहर ऊपर नील गगन है।
घन पर बैठ, बीच में बिचरुँ यही चाहता मन है।।
उत्तर : प्रसंग – प्रस्तुत काव्यांश ‘रामनरेश त्रिपाठी’ द्वारा रचित खंडकाव्य ‘पथिक’ से अवतरित है। इसमें कवि काव्य-नायक पथिक के प्रकृति-प्रेम पर प्रकाश डालता है।
काव्य-सौंदर्य/शिल्प-सौदर्य –प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। संगीतात्मकता है। अनुप्रास अलंकार है नीचे नील, नील गगन। खड़ी बोली में सहज अभिव्यक्ति है। मुक्त छद है। तत्सम शब्दावली की प्रधानता है। कवि की कल्पना निराली है।
4. निम्नलिखित में से दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) मीरा कृष्ण की उपासना किस रूप में करती है ?
उत्तर – मीरा कृष्ण की उपासना पति के रूप में करती हैं। उनका रूप मन मोहने वाला है। मीरा इस रूप पर बलिहारी जाती हैं। वे पर्वत को धारण करने वाले हैं तथा उनके सिर पर मोर का मुकुट है। मीरा उन्हें अपना सर्वस्व मानती हैं। वे स्वयं को उनकी दासी मानती हैं।
(ख) ‘साये में धूप’ गज़ल में कवि ने मानवीय पीड़ा का यथार्थ चित्रण किया है, स्पष्ट करें।
उत्तर – कवि राजनीतिज्ञों के झूठे वायदों पर व्यंग्य करता है कि वे हर घर में चिराग उपलब्ध कराने का वायदा करते हैं, पंरतु यहाँ तो पूरे शहर में भी एक चिराग नहीं है। कवि को पेड़ों के साये में धूप लगती है अर्थात् आश्रयदाताओं के यहाँ भी कष्ट मिलते हैं। अत: वह हमेशा के लिए इन्हें छोड़कर जाना ठीक समझता है। वह उन लोगों के जिंदगी के सफर को आसान बताता है जो परिस्थिति के अनुसार स्वयं को बदल लेते हैं। मनुष्य को खुदा न मिले तो कोई बात नहीं, उसे अपना सपना नहीं छोड़ना चाहिए।
(ग) ‘घर की याद’ कविता में पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को उकेरा है ?
उत्तर – लेखक के पिता की आयु बढ़ रही थी परन्तु फिर भी उनमें ऊर्जा थी, वे इस उम्र में भी दौड़ लगा सकते है। वे खिलखिलाकर हँसते हैं। उनकी वाणी में बादलों जैसी गर्जन और काम में तूफान जैसी तेजी है। उनके सामने शेर या मौत भी आ जाए तो वे घबराते नहीं। कवि के पिता बड़े उदार हृदय, सरल, भोले, सहृदय और देशभक्त हैं। वे अपने परिवार से विशेष स्नेह रखते हैं। उन्हीं की प्रेरणा से ही कवि स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े। इस प्रकार कवि के पिता को बुढ़ापा छू भी नहीं पाया है।
5. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
(क) ‘काम करने से आता है नसीहतों से नहीं’ यह कथन किसका है ?
(i) नसीरुद्दीन के पिता का
(ii) लेखिका का
(iii) कारिंदे का
(iv) नसीरुद्दीन का
उत्तर – (iv) नसीरुद्दीन का
(ख) कमजोर गाय किसका प्रतीक है ?
(i) सरकारी कर्मचारी का
(ii) सरकार का
(iii) व्यापारी का
(iv) साधारण जनता का
उत्तर – (iv) साधारण जनता का
(ग) मास्टर जी की आवाज कैसी थी ?
(i) कमजोर
(ii) कड़क
(iii) सुरीली
(iv) धीमी
उत्तर – (ii) कड़क
(घ) लेखक किसके अहंकार को चूर कर देना चाहता है ?
(i) समाज के
(ii) मित्रों के
(iii) अपने
(iv) हिमालय की चोटियों के
उत्तर – (iv) हिमालय की चोटियों के
(ङ) ‘पुकुर’ का अर्थ है ?
(i) पोखर
(ii) नदी
(iii) नहर
(iv) सागर
उत्तर – (i) पोखर
(च) आपकी दृष्टि में कहानी का खलनायक कौन है ?
(i) न्यायाधीश
(ii) अलोपीदीन
(iii) वकील
(iv) दारोगा
उत्तर – (ii) अलोपीदीन
6. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
फिल्म का काम ढाई साल चलने वाला है। इस बात का अंदाजा मुझे पहले नहीं था। इसलिए जैसे दिन बीतने लगे, वैसे-वैसे मुझे डर लगने लगा। अप्पू और दुर्गा की भूमिका निभाने वाले बच्चे ज्यादा बड़े हो गए, तो फिल्म में वह दिखाई देगा। लेकिन मेरी खुशकिस्मती उस उम्र में बच्चे जितना बढ़ते हैं, उतने अप्पू दुर्गा की भूमिका निभाने वाले बच्चे नहीं बढ़े।
उत्तर : प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तिया ‘सत्यजित’ द्वारा रचित पाठ ‘अपू के साथ ढाई साल’ से ली गई है।
व्याख्या – सत्यजित राय को यह अंदाजा नहीं था कि फिल्म की शूटिंग आगे ढाई साल तक चलने वाली थी। इसी कारण ज्यों-ज्यों समय बीतता गया, राय का डर बढ़ता गया। उनके मन में यह आशंका रहती थी कि कहीं इस बीच दोनों बच्चे अपू और दुर्गा उम्र में बड़े न दिखाई देने लगे। यह बात फिल्म की कहानी को प्रभावित कर सकती थी। लेकिन यह सत्यजित राय का सौभाग्य था कि वे बच्चे उतने नहीं बढ़े जितना उस उम्र में बच्चे बढ़ जाते हैं। इसके साथ ही ‘इन्दिरा’ का अभिनय करने वाली अस्सी वर्ष की वृद्धा चुन्नीबाला देवी भी ढाई साल तक अभिनय करती रही। इस तरह ‘पथेर पांचाली’ फिल्म की शूटिंग करते हुए सत्यजित राय को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा।
अथवा
कालिदास को अपने ‘ऋतु संहार’ में यहाँ वर्षा का तो संहार ही करना पड़ेगा। कालिदास में वर्षा का क्या ठाट है ? यह वर्षा वर्णन इस प्रकार शुरू होता है : प्रिये ! जल की फुहारों से भरे बादलों के मतवाले हाथी पर चढ़ा हुआ, चमकती बिजलियों की झंडियों को फहराता हुआ और बादलों की गरज के नगाड़े बजाता हुआ यह कामीजनों का प्रिय पावस राजाओं का-सा ठाट-बाट बनाकर आ पहुँचा।
उत्तर : प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तिया ‘कालिदास’ द्वारा रचित ‘ऋतु संहार’ से ली गई है।
व्याख्या – इस गद्यांश में कालिदास वर्षा को बहुत सुंदर ढंग से वर्णन करते हुए बताते हैं कि बादलों के मतवाले हाथी पर चढ़ा हुआ, चमकती बिजलियों की झंडियों को फहराता हुआ और बादलों की गरज के नगाड़े बजाता हुआ पावस प्रिय होता है। इससे हमें यह सीख मिलती है कि कला के माध्यम से हम अपनी संस्कृति, प्रकृति और जीवन के संबंधों को सुंदरता से व्यक्त कर सकते हैं। कालिदास ने वर्षा को उसकी समृद्धता, सुंदरता और प्रकृति की सम्पूर्णता के माध्यम से वर्णन किया है। इससे हमें वर्षा के महत्व को समझने में मदद मिलती है।
7. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) भारतीय जनता की किन विशेषताओं का लेखक ने पठित पाठ में उल्लेख किया है ?
उत्तर – भारतीय जनता काफी आर्थिक तंगी से जूझ रही थी । उनको आभावों में जीने की मज़बूरी थी। चारों ओर भूखमरी, गरीबी और बहुत-सी परेशानियों से यहाँ की जनता त्रस्त थी। उनके इन परेशानियों को साफ़-साफ़ चेहरे पर देखा जा सकता था। समाज में चारों तरफ भ्रष्टाचार और असुरक्षा की भावना व्याप्त थी। उनकी जिंदगी विकृत होकर भयंकर रूप धारण कर चुकी थी।
(ख) धनराम मोहन को अपना प्रतिद्वंद्वी क्यों नहीं समझता था ?
उत्तर – धनराम और मोहन दोनों अलग-अलग जाति के थे। धनराम के हृदय में बचपन से ही अपनी छोटी जाति को लेकर हीन भावना समा गई थी। इसके साथ-साथ वह मोहन की बुद्धिमानी को भी बहुत अच्छी तरह समझता था। अतः जब मोहन उसे मास्टर जी के कहने पर मारता या सज़ा देता, तो वह इन दोनों कारणों से उसे अपना प्रतिद्वंद्वी नहीं समझता है। उसे लगता है कि मोहन यह सब करने का अधिकारी है।
(ग) बंबई में रहकर कला के अध्ययन के लिए रजा ने क्या-क्या संघर्ष किए ?
उत्तर – बंबई में रहकर कला के अध्ययन के लिए रज़ा ने कड़ा संघर्ष किया। सबसे पहले उन्हें एक्सप्रेस ब्लाक स्टूडियो में डिजाइनर की नौकरी मिली। वे सुबह दस बजे से सायं छह बजे तक वहाँ काम करते थे फिर मोहन आर्ट क्लब जाकर पढ़ते और अंत में जैकब सर्कल में एक परिचित ड्राइवर के ठिकाने पर रात गुजारने के लिए जाते थे। कुछ दिन बाद उन्हें स्टूडियो के आर्ट डिपार्टमेंट में कमरा मिल गया। उन्हें फर्श पर सोना पड़ता था । वे रात के ग्यारह-बारह बजे तक चित्र व रेखाचित्र बनाते थे।
8. शेखर जोशी अथवा मन्नू भंडारी के जीवन, साहित्यिक विशेषताओं एवं भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
उत्तर –
शेखर जोशी
जन्म – शेखर जोशी का जन्म सन् 1932 मे अल्मोड़ा (उत्तराखंड) मे हुआ था।
शिक्षा – शेखर जोशी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और अजमेर में प्राप्त की। इंटरमीडिएट स्कूल में पढ़ते समय उन्हें आई.एम.ए के रक्षा संस्थान में प्रवेश के लिए चुना गया था। वह 1986 तक विभाग में कार्यरत रहे और नौकरी से स्वैछिक रूप से त्याग पत्र दे दिया। वहा से जाने के बाद उन्होंने लिखना शुरू किया एवं उनके लिखे लेख के ऊपर फिल्म भी बनाई गई है।
रचनाएँ – कोसी का घटवार, साथ के लोग, दाज्यू, हलवाहा, नौरंगी बीमार है (कहानी-संग्रह); एक पेड़ की याद (शब्दचित्र-संग्रह)
साहित्यिक विशेषताएं – उन्हे ‘पहल सम्मान’ दिया गया था। उनकी कहानियाँ ‘नई कहानी आंदोलन’ के प्रगतिशील पक्ष का प्रतिनिधित्व करती हैं। समाज का मेहनतकश और सुविधाहीन तबका उनकी कहानियों में जगह पाता है।
भाषा शैली – वे सामाजिक यथार्थ के बारीक नुक्तों को पकड़ते और प्रस्तुत करते हैं। उनके रचना-संसार से गुज़रते हुए समकालीन जनजीवन की बहुविध विडंबनाओं को महसूस किया जा सकता है। ऐसा करने में उनकी प्रगतिशील जीवन-दृष्टि और यथार्थ बोध का बड़ा योगदान रहा है।
शेखर जी की कहानियाँ विभिन्न भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, पोलिश और रूसी में भी अनूदित हो चुकी हैं।
मृत्यु – शेखर जोशी की मृत्यु 4 अक्टूबर 2022 को हुई थी।
अथवा
मन्नू भंडारी
जन्म – मन्नू भंडारी का जन्म सन् 1931 में गाँव भानपुरा, जिला मंदसौर (मध्य प्रदेश) में हुआ।
शिक्षा – उनकी इंटर तक की शिक्षा-दीक्षा हुई राजस्थान के अजमेर शहर में। उन्होंने हिंदी में एम.ए. किया। दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलिज में अध्यापन कार्य से अवकाश प्राप्ति के बाद दिल्ली में ही रहकर स्वतंत्र लेखन कर रही थी।
रचनाएं – मन्नू भंडारी की प्रमुख रचनाएँ हैं- एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, यही सच है, त्रिशंकु (कहानी-संग्रह); आपका बंटी, महाभोज मरू (उपन्यास)। इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म एवं टेलीविज़न धारावाहिकों के लिए पटकथाएँ भी लिखी हैं। हाल ही में ‘एक कहानी यह भी’ नाम से आत्म कथ्य का प्रकाशन किया।
साहित्यिक विशेषताएं – उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए हिंदी अकादमी के शिखर सम्मान सहित उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं जिनमें भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पुरस्कार शामिल हैं।
भाषा शैली – मन्नू भंडारी की कहानियाँ हों या उपन्यास, उनमें भाषा और शिल्प की सादगी तथा प्रामाणिक अनुभूति मिलती है। उनकी रचनाओं में स्त्री – मन से जुड़ी अनुभूतियों की अभिव्यक्ति भी देखी जा सकती है।
मृत्यु – मन्नू भंडारी की मृत्यु 15 नवंबर 2021 को 90 वर्ष की आयु में गुड़गांव, हरियाणा में हुई थी।
9. ‘वितान’ (भाग-1) के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) लेखक लता के गीतों से कैसे प्रभावित हुआ ?
उत्तर – लेखक के अनुसार लता के गायन में उनके स्वरों की निर्मलता उनकी सबसे विशिष्टता है। उनका जीवन देखने का जो दृष्टिकोण है वो उनके गानों में झलकता है। लता के स्वरों में कोमलता और मधुरता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। लता की गायकी में शृंगार रस की अभिव्यक्ति प्रमुखता से मिलती है। लेखक के अनुसार लता की गायकी में जो जादू था और उनके गाने को सुनकर जैसे लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे, वो वास्तव में अनोखा अनुभव होता था।
(ख) चेलवांजी कौन हैं ? उनके द्वारा किया गया मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर – चेलवांजी अर्थात् चेजारो वह व्यक्ति है जो रेगिस्तानी इलाकों में कुंई खोदने के कार्य में कुशल होता है। इन क्षेत्रों में कुंई खोदना एक विशेष प्रक्रिया है। इसमें छोटे से व्यास की तीस से साठ हाथ तक खुदाई और उसके साथ-साथ चिनाई करनी पड़ती है। खुदाई के समय ज़मीन की नमी और हवा के अभाव में दमघोंटू वातावरण रहता है।
(ग) सुनील कौन था ? क्या उसने लेखिका की मदद की थी ?
उत्तर – सुनील तीस-बत्तीस साल का युवक था जो एक कोठी में ड्राइवर का काम करता था। बेबी ने उसे कहीं काम दिलवाने के लिए कह रखा था, जब सुनील को पता चला कि बेबी को डेढ़ सप्ताह से कोई काम नहीं मिला तो वह उसे तातुश के घर ले गया। उनसे बातचीत करके उसने बेबी को उनके घर का काम दिलवा दिया।
(घ) शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत में क्या अन्तर है ?
उत्तर : शास्त्रीय संगीत – शास्त्रीय संगीत में रागों की अधिक प्रधानता होती है। शास्त्रीय संगीत का संबंध किसी देश की संस्कृति या सभ्यता से होता है। इसमे गंभीरता होती है। यह गरिमामय होती है।
चित्रपट संगीत – चित्रपट संगीत में चित्र, गायकी एवं गायन को अधिक प्रधानता होती है। चित्रपट संगीत का संबंध मुख्य रूप से फिल्मी जगत या फिल्मी संगीत से होता है। इसके नियमों में ढीलापन होता है। इसमे गरिमा का अभाव होता है।
(ङ) राजस्थान में कुंई क्यों बनाई जाती है ?
उत्तर – राजस्थान में वर्षा के जल को एकत्रित करने के लिए कुंई का निर्माण किया जाता है। जब वर्षा अधिक मात्रा में होता है तो वह मरुभूमि में रेत की सतह में समा जाता है और धीरे-धीरे रिसकर कुंई में जमा हो जाता है। जिस स्थान में कुंई की खुदाई की जाती है, उस स्थान को ईंट और चूने द्वारा पक्का कर दिया जाता है। कुंई की गहराई सामान्य कुओं की तरह ही होती है लेकिन इसके व्यास में बहुत अंतर होता है। सामान्य कुओं का व्यास पन्द्रह से बीस हाथ का होता है जबकि कुंई का व्यास चार या पाँच हाथ का होता है।
10. ‘अभिव्यक्ति और माध्यम’ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर दीजिए :
(क) संचार के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – संचार के प्रमुख कार्यों में शामिल हैं :
• सूचना प्रदान करना – संचार का प्रमुख कार्य सूचना प्रदान करना होता है। इसके जरिए लोगों को जानकारी दी जाती है और उन्हें अपनी जरूरतों के अनुसार निर्णय लेने में मदद मिलती है।
• मनोरंजन प्रदान करना – संचार का एक और महत्वपूर्ण कार्य मनोरंजन प्रदान करना होता है। इसके जरिए लोगों को मनोरंजन का समय मिलता है और वे अपनी थकान और स्ट्रेस को कम कर सकते हैं।
• समाचार प्रसारण – संचार का एक और महत्वपूर्ण कार्य समाचार प्रसारण होता है। इसके जरिए लोगों को देश और दुनिया की घटनाओं की जानकारी मिलती है और वे समाज के मुद्दों के बारे में अधिक जान सकते हैं।
• विज्ञापन प्रदान करना – संचार का एक और महत्वपूर्ण कार्य विज्ञापन प्रदान करना होता है। इसके जरिए उत्पादों और सेवाओं की विज्ञापन की जानकारी दी जाती है और उन्हें बेहतर समझाया जाता है।
• संचार का उपयोग समस्याओं के समाधान में – संचार का उपयोग समस्याओं के समाधान में भी किया जाता है। इसके जरिए लोगों के बीच विचारों और जानकारी का आदान-प्रदान होता है और समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।
अथवा
(ख) पटकथा लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है और क्यों ?
उत्तर – पटकथा लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है :
• संदेश – पटकथा का संदेश स्पष्ट और सही ढंग से प्रस्तुत करना जरूरी होता है। संदेश समझ में आना चाहिए ताकि दर्शकों के साथ संवाद हो सके।
• किरदार – पटकथा के किरदारों की पर्सनालिटी, भावनाएं, विचारों और व्यवहार को समझना जरूरी होता है। इससे किरदारों के संवाद में अनुकूलता आती है और उनकी पर्सनलिटी से मेल खाती है।
• संवाद – पटकथा में संवाद बहुत महत्वपूर्ण होता है। संवाद को स्पष्ट और सही ढंग से प्रस्तुत करना जरूरी होता है।
• स्थान – पटकथा का स्थान भी अहम होता है। स्थान को समझने से किरदारों का व्यवहार और उनकी भावनाएं समझ में आती हैं।
• समय – पटकथा के समय को समझना भी जरूरी होता है। समय के अनुसार किरदारों का व्यवहार, भावनाएं और संवाद बदलते हैं।
• लक्ष्य – पटकथा का लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए। इससे पटकथा के संदेश को सही ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है।
इन सभी बातों का ध्यान रखना पटकथा लिखते समय जरूरी होता है।
(ग) विद्यालय में गणतन्त्र दिवस समारोह का कार्यवृत्त तैयार कीजिए।
उत्तर –
गणतंत्र दिवस समारोह कार्यवृत्त
दिनांक : 26 जनवरी, 2023
समय : सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक
स्थान : विद्यालय के मुख्य मंच के पास
कार्यक्रम :
समारोह का शुभारंभ – समारोह का शुभारंभ राष्ट्रगान के साथ होगा।
विद्यालय के प्रमुख द्वारा संबोधन – विद्यालय के प्रमुख द्वारा संबोधन होगा, जिसमें वे छात्र-छात्राओं को समाज के लिए अपना संकल्प लेने की अपील करेंगे।
नृत्य – समारोह में नृत्य का प्रदर्शन होगा, जिसमें छात्र-छात्राएं पारंपरिक लोक नृत्य, घूमर नृत्य, सांग नृत्य तथा खोरिया नृत्य आदि का प्रदर्शन करेंगे।
गीत संगीत – समारोह में छात्र-छात्राएं गीत संगीत का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें वे भारतीय संगीत, लोक संगीत आदि का प्रदर्शन करेंगे।
नाटक – समारोह में छात्र-छात्राएं नाटक का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें वे समाज के मुद्दों पर आधारित नाटकों का प्रदर्शन करेंगे।
प्रतियोगिताएं – समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताएं होंगी, जिसमें छात्र-छात्राएं भाग लेंगे। इनमें से कुछ हैं – रंगोली, निबंध लेखन, वर्ग शायरी, आदि।
फोटो संग्रह – समारोह के दौरान, छात्र-छात्राएं फोटो संग्रह करेंगे, जिसमें वे भारतीय संस्कृति, स्वतंत्रता संग्राम, आदि से संबंधित फोटो शामिल करेंगे।
समारोह का समापन – समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ होगा।
इस प्रकार से, विद्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह का कार्यक्रम तैयार होगा।
11. ‘नैतिक शिक्षा’ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) तप से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर – तप का मूल अर्थ- प्रकाश अथवा प्रज्वलन है, जो सूर्य या अग्नि में स्पष्ट होता है। किंतु धीरे-धीरे उसका एक रूढ़ार्थ विकसित हो गया और किसी उद्देश्य विशेष की प्राप्ति अथवा आत्मिक और शारीरिक अनुशासन के लिए उठाए जाने वाले दैहिक कष्ट को तप कहा जाने लगा।
(ख) अहिल्याबाई होलकर का जन्म कब और कहाँ हुआ ?
उत्तर – अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को, गाँव चौंढी (महाराष्ट्र) मे हुआ था।
(ग) विज्ञान का प्रयोग करने के विषय में डा० सी० वी० रमन के क्या विचार थे ?
उत्तर – डा० सी० वी० रमन को विज्ञान की धुन थी। उन्होंने घर में ही एक छोटी-सी प्रयोगशाला बनाई। जो कुछ भी उन्हें दिलचस्प लगता उसके वैज्ञानिक तथ्यों की खोज में वह लग जाते। डा० सी० वी० रमन के विचार थे कि विज्ञान अपने आप में एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है, जो हमारी जीवन शैली और जीवन की गुणवत्ता को सुधारने का समर्थ है। उन्होंने विज्ञान एक नए ज्ञान का संचार करने का साधन भी बताया है जिससे उन्हें करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सफलता मिली। उन्होंने भी यह कहा था कि विज्ञान के लिए नए और नए क्षेत्र खोज लेना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
(घ) वसुधैव कुटुम्बकम् का भावार्थ बताइए।
उत्तर – ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ एक संस्कृत वाक्य है जिसका अर्थ होता है कि ‘पृथ्वी एक परिवार है’। इस वाक्य का मुख्य भाव यह है कि सभी मनुष्य दुनिया के एक ही परिवार के सदस्य हैं और हमें सभी लोगों के साथ एकजुट होकर अपने समस्याओं का सामना करना चाहिए। इसका मतलब है कि हमें दूसरों का सम्मान करना और सहायता करना चाहिए जैसे हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ करते हैं।
(ङ) डॉ० अब्दुल कलाम का जन्म कब और कहाँ हुआ ?
उत्तर – अब्दुल कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को, गाँव धनुषकोडी (तमिलनाडु) में हुआ था।
12.(क) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
मैंने देखा कि बेडौल अक्षर अधूरी शिक्षा की निशानी है। अतः मैंने पीछे से अपना खत सुधारने की कोशिश भी की परन्तु पक्के घड़े पर कहीं मिट्टी चढ़ सकती है। जवानी में जिस बात की अवहेलना मैंने की, उसे मैं फिर आज तक नहीं सुधार सका। अतः हरेक नवयुवक मेरे इस उदाहरण को देखकर चेते और समझे कि सुलेख शिक्षा का एक आवश्यक अंग है। सुलेख के लिए चित्रकला आवश्यक है।
(i) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर – सुलेख शिक्षा
(ii) नवयुवकों को क्या चेतावनी दी है ?
उत्तर – सुलेख शिक्षा अत्यंत आवश्यक है।
(iii) अधूरी शिक्षा की निशानी किसे माना है ?
उत्तर – बेडौल अक्षर को
(iv) सुलेख के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर – चित्रकला
(ख) संधि-विच्छेद कीजिए :
एकैक, देवेन्द्र
उत्तर : एकैक = एक + एक (वृद्धि संधि)
देवेन्द्र = देव + इंद्र (गुण संधि)
(ग) विग्रह करके समास का नाम लिखिए :
पंचनद, भीमार्जुन
उत्तर : पंचनद = पांच नदियों का समुह (द्विगु समास)
भीमार्जुन = भीम और अर्जुन (द्वंद्व समास)
(घ) वाक्य शोधन कीजिए :
(i) चोर दण्ड देने योग्य है।
उत्तर – चोर दंडनीय है।
(ii) सुभाष बड़ा चालाक है।
उत्तर – सुभाष बहुत चालाक है।