HBSE Class 10 Hindi Question Paper 2024 Answer Key

Haryana Board (HBSE) Class 10 Hindi Question Paper 2024 Answer Key. HBSE Class 10 Hindi Question Paper 2024. Haryana Board Class 10th Hindi Solved Question Paper 2024. HBSE Class 10 Question Paper 2024 PDF Download. HBSE Hindi Solved Question Paper 2024 Class 10. HBSE 10th Hindi Solved Question Paper 2024. HBSE Class 10 Hindi Question Paper Download 2024. HBSE Class 10 Hindi Solved Question Paper 2024.

HBSE Class 10 Hindi Question Paper 2024 Answer Key

खण्ड – क

1. निम्नलिखित प्रश्नों के यथानिर्दिष्ट उत्तर दीजिए : (2 × 7 = 14 अंक)
(क) दोहा छंद की परिभाषा एवं उदाहरण दीजिए।
उत्तर – दोहा एक अर्द्धसममात्रिक छंद है। इसके प्रथम तथा तृतीय चरण में 13-13 तथा द्वितीय एवं चतुर्थ चरण में 11-11 मात्राएं होती हैं। द्वितीय एवं चतुर्थ चरण के अंत में गुरु लघु वर्ण आते हैं। जैसे: तुलसी या संसार में, सबसे मिलिए धाय। न जाने किस रूप में, नारायण मिल जायें।

(ख) मुहावरे / लोकोक्ति का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
(i) गले मढ़ना
उत्तर – जबरदस्ती किसी को कोई काम सौंपना।
उच्च अधिकारी ने जबरन अपना सारा कार्य सोहन के गले मढ़ दिया।

(ii) अपना हाथ जगन्नाथ
उत्तर – अपने हाथ से किया काम अच्छा होता है।
समीर ने ऑफिस में ज्यादा काम होने पर अपनी कुछ फाइलें मोहन के लिए करने को दी, लेकिन मोहन ने अच्छे से काम नहीं किया और सारे हिसाब में घालमेल कर दिया, तब राजू को समझ में आया कि अपना हाथ जगन्नाथ।

(ग) उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा सोदाहरण दीजिए।
उत्तर – जहा उपमेय में उपमान के होने कि कल्पना या संभावना हो, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। यदि पंक्ति में मनु, जनु, जनहु, जानो, मानहु मानो, निश्चय, ईव, ज्यों आदि आता है वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। जैसे: ले चला साथ मैं तुझे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।।

(घ) सहोदर, निष्कलंक (उपसर्ग छाँटिए)।
उत्तर : सहोदर – सह
निष्कलंक – निः / निस्

(ङ) अतिथि, मोक्ष (दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए)।
उत्तर : अतिथि – मेहमान, आगंतुक, पाहुना
मोक्ष – मुक्ति, निर्वाण, परमधाम

(च) आशीर्वाद, सुषुप्ति (संधि-विच्छेद कीजिए)।
उत्तर : आशीर्वाद = आशीः + वाद (विसर्ग संधि)
सुषुप्ति = सु + सुप्ति (व्यंजन संधि)

(छ) संबंध तत्पुरुष समास किसे कहते हैं? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण एवं का, के, की चिह्न का लोप हो उसे संबंध तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे: गंगाजल – गंगा का जल, राजा का पुत्र राजपुत्र।

2. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (5 अंक)
(क) काला धन
(ख) भारतीय किसान
(ग) विज्ञान के बढ़ते चरण
(घ) राष्ट्रभाषा हिन्दी
(ङ) परीक्षा में नकल प्रवंचना या आत्मवंचना
उत्तर – विवेकानुसार खुद करे।

3. विद्यालय में पेयजल की समुचित व्यवस्था हेतु मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना पत्र लिखिए। (5 अंक)
उत्तर –

सेवा में,
मुख्याध्यापक महोदय,
मॉडल संस्कृति स्कूल
चरखी दादरी

दिनांक: 20 मार्च 2024

विषय: विद्यालय में पेयजल की समुचित व्यवस्था हेतु प्रार्थना।

महोदय/महोदया,
सविनय निवेदन है कि मैं अमित, 10वी का छात्र हूँ। हमारे विद्यालय में पढ़ाई के दौरान हमें पेयजल की कमी का सामना करना पड़ता है। विद्यालय के कई छात्र-छात्राएँ इस समस्या से प्रभावित हो रहे हैं। विशेष रूप से गर्मियों के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। विद्यालय में उपलब्ध पेयजल की व्यवस्था या तो अपर्याप्त है या फिर वर्तमान नल ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इसके कारण हमें पीने के लिए स्वच्छ पानी प्राप्त करना कठिन हो गया है।
आपसे विनम्र निवेदन है कि विद्यालय में पेयजल की समुचित व्यवस्था करवाने की कृपा करें। यदि नए नल या पानी का फिल्टर (R.O.) लगवाया जा सके तो यह समस्या पूरी तरह से हल हो सकती है। आपके इस प्रयास से छात्रों की पढ़ाई में सुधार होगा और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ भी दूर होंगी।
आपकी अति कृपा के लिए मैं और विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएँ सदैव आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी,
अमित
कक्षा 10वी
रोल नंबर 17

अथवा

जीव-जन्तुओं के प्रति दया की भावना दर्शाते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।
उत्तर –

प्रिय मित्र कार्तिक,
चरखी दादरी
दिनांक: 20 मार्च 2024

प्रिय मित्र,
स्नेहपूर्वक नमस्कार! आशा है कि तुम स्वस्थ और प्रसन्न होगे। आज मैं तुमसे एक महत्वपूर्ण विषय पर बात करना चाहता हूँ। यह विषय है – जीव-जन्तुओं के प्रति दया और सहानुभूति।
जीव-जन्तु हमारे पर्यावरण और जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे न केवल हमारे पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखते हैं, बल्कि हमारे जीवन को भी कई प्रकार से प्रभावित करते हैं। फिर भी, हममें से कई लोग उनके प्रति संवेदनशील नहीं हैं। लोग उन्हें कष्ट पहुँचाते हैं, उनका शिकार करते हैं, या उनकी उपेक्षा करते हैं। मित्र, हमें यह समझना चाहिए कि जीव-जन्तु भी हमारी तरह जीने का अधिकार रखते हैं। उन्हें भी भूख, प्यास, दर्द, और खुशी महसूस होती है। हमें उनके प्रति दया और करुणा का व्यवहार करना चाहिए। उनके लिए पानी और भोजन की व्यवस्था करना, घायल जीवों की मदद करना, और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रखने का प्रयास करना हमारी जिम्मेदारी है। यदि हम सभी जीव-जन्तुओं के प्रति दया की भावना रखेंगे, तो यह न केवल हमारे समाज को बेहतर बनाएगा, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित करेगा। मेरा सुझाव है कि हम दोनों मिलकर इस दिशा में जागरूकता फैलाएँ।
मुझे विश्वास है कि तुम भी इस विचार से सहमत होगे। मैं तुम्हारे जवाब का इंतजार करूँगा।
तुम्हारा सच्चा मित्र,
अर्पित

खण्ड – ख

4. ‘क्षितिज भाग-2’ (काव्य खण्ड) के आधार पर निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर उत्तर पुस्तिका में लिखिए : (1 × 6 = 6 अंक)
(i) मुख्य गायक के भारी स्वर का क्या उपमान दिया है?
(क) समुद्र
(ख) चट्टान
(ग) ज्वार-भाटा
(घ) बादल राग
उत्तर – (ख) चट्टान

(ii) ‘गुर चाँटी ज्यों पागी’ – यहाँ ‘गुर’ का अर्थ है :
(क) गुरु
(ख) बड़ा
(ग) गुड़
(घ) गुर सिखाना
उत्तर – (ग) गुड़

(iii) तुलसीदास ने ‘भृगुकुल केतु’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त किया है?
(क) परशुराम
(ख) वशिष्ठ
(ग) विश्वामित्र
(घ) जनक
उत्तर – (क) परशुराम

(iv) ‘आत्मकथ्य’ कविता में गुन-गुनाकर अपनी कहानी कौन कहता है?
(क) कवि
(ख) मधुप
(ग) कोकिल
(घ) खिलते फूल
उत्तर – (ख) मधुप

(v) कवि ने फसल को किसकी महिमा कहा है?
(क) नदियों के पानी की
(ख) हाथों के स्पर्श की
(ग) मिट्टी की
(घ) सूरज की किरणों की
उत्तर – (ख) हाथों के स्पर्श की

(vi) ‘उत्साह’ कविता में बादलों में क्या छिपा हुआ है?
(क) कालापन
(ख) कोहरा
(ग) गर्जन
(घ) वर्षा
उत्तर – (ग) गर्जन

5. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
यह तुम्हारी दंतुरित मुसकान
मृतक में भी डाल देगी जान
धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात ………..
छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात
परस पाकर तुम्हारा ही प्राण
पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण
प्रश्न :
(i) मृतक में जान डालने से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – हताश व्यक्ति में आशा का संचार

(ii) ‘जलजात’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर – कमल के लिए

(iii) पाषाण पिघलने से क्या तात्पर्य है?
उत्तर – कठोर हृदय में दया उत्पन्न होना

(iv) प्रस्तुत काव्यांश के कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
उत्तर : कवि – नागार्जुन, कविता – यह दंतुरित मुसकान

(v) प्रस्तुत काव्यांश का प्रसंग स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘क्षितिज भाग-2’ में संकलित कवि नागार्जुन की रचना ‘यह दंतुरित मुसकान’ से लिया गया है। कवि ने यहाँ अपने शिशु पुत्र की मनोहर मुसकान का चित्रण किया है। कवि कहता है कि बच्चे की मुस्कान में इतनी शक्ति है कि वह किसी भी उदास और निराश व्यक्ति को भी प्रसन्न कर सकती है।

6. निम्नलिखित काव्यांश का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए : (3 अंक)
नाथ संभुधनु भंजनिहारा। होइहि केउ एक दास तुम्हारा।।
आयेसु काह कहिअ किन मोही। सुनि रिसाइ बोले मुनि कोही।।
सेवकु सो जो करै सेवकाई। अरिकरनी करि करिअ लेराई।।
सुनहु राम जेहि सिवधनु तोरा। सहसबाहु सम सो रिपु मोरा।।
उत्तर : भाव सौन्दर्य – क्रोधित परशुराम को राम उत्तर देते हुए कहते हैं कि हे नाथ! शिवजी का धनुष तोड़ने वाला आपका ही कोई एक दास होगा। आपकी क्या आज्ञा है, मुससे कहिए। यह सुनकर क्रोधी स्वभाव वाले मुनि गुस्से में बोलते हैं- सेवक तो वही है जो सेवा का कार्य करता है। शत्रु के समान कार्य करने वाले के साथ तो लड़ाई ही की जानी चाहिए। हे राम! सुनो, जिसने भी यह शिवधनुष तोड़ा है वह सहस्त्रबाहु के समान मेरा शत्रु है।
• शिल्प सौन्दर्य – इस काव्यांश का सौंदर्य भाव, अलंकार, भाषा और छंद के सामंजस्य में है। यह संवाद परशुराम और लक्ष्मण के चरित्रों को गहराई से समझने का अवसर प्रदान करता है। संवाद के माध्यम से चरित्रों की मनोवृत्ति को प्रभावी ढंग से व्यक्त किया गया है। यहाँ अवधी भाषा का सुंदर प्रयोग किया है, जो सरल और प्रभावशाली है तथा अनुप्रास, उपमा अलंकार का प्रयोग हुआ है।

7. (क) ‘उत्साह’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए। (3 अंक)
उत्तर – ‘उत्साह’ आह्वान तथा संदेशपरक कविता है। कवि ने इस कविता के माध्यम से उत्साह, रचनात्मक क्रान्ति और नवचेतना का संदेश देना चाहा है। कवि ने अपने संदेश का माध्यम बादल को बनाया है। वह बादल का आह्वान करता है कि वह गर्जन करते हुए सारे आकाश में छा जाए। उसका गर्जन जन-जन के हृदय में परिवर्तन और चेतना की प्रेरणा भर दे। बादल ग्रीष्म के ताप को मिटाकर संसार को शीतल कर देता है। वह प्राणियों को नया जीवन देता है। वह तीव्र परिवर्तन का वाहक है। कवि ने बादल के आगमन को इसी संदर्भ में देखा है। कवि समाज के समर्थ लोगों को संदेश देना चाहता है कि वे अभाव, शोषण और कष्टों से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति और संवेदनशीलता दिखाएँ। उनके कष्टों को दूर करें।

(ख) जयशंकर प्रसाद आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहते हैं? (3 अंक)
उत्तर – कवि अपनी आत्मकथा लिखने से इसीलिए बचना चाहता है क्योंकि उसे लगता है कि उसका जीवन बिल्कुल साधारण-सा है। उसके जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे बाकी लोगों को खुशी महसूस हो। कवि का पूरा जीवन दुःख और चीजों के अभाव में बीता है जिसे अब वह किसी और के साथ बांटना नहीं चाहता। कवि के मन में किसी के प्रति कोमल भाव भी था जिसे वह औरों के साथ बांटना नहीं चाहता। इसीलिए कवि अपनी आत्मकथा लिखने से बचना चाहता है।

खण्ड – ग

8. ‘क्षितिज भाग-2’ (गद्य खण्ड) के आधार पर निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए : (1 × 6 = 6 अंक)
(i) बालगोबिन भगत की प्रभातियाँ कब तक चलती थीं?
(क) फागुन
(ख) कार्तिक
(ग) बैशाख
(घ) सावन
उत्तर – (क) फागुन

(ii) मन्नू भण्डारी ने धरती से कुछ ज्यादा ही धैर्य और सहनशक्ति किसमें बताई है?
(क) भगवान में
(ख) अपने पिता में
(ग) अध्यापिका में
(घ) अपनी माँ में
उत्तर – (घ) अपनी माँ में

(iii) ‘नरकट’ नामक घास डुमराँव गाँव में किस नदी के पास पाई जाती है?
(क) गंगा
(ख) सोन
(ग) नर्मदा
(घ) यमुना
उत्तर – (ख) सोन

(iv) संसार के मजदूरों को सुखी देखने का स्वप्न किसने देखा?
(क) लेनिन
(ख) गाँधी
(ग) मार्क्स
(घ) नेहरू
उत्तर – (ग) मार्क्स

(v) नवाब साहब ने खीरे को कैसी नजर से देखा?
(क) लालची
(ख) नवाबी
(ग) खोई-खोई
(घ) सतृष्ण
उत्तर – (घ) सतृष्ण

(vi) नेताजी की मूर्ति पर सरकण्डे का चश्मा देखकर हालदार साहब कैसे खड़े हो गए?
(क) झुककर
(ख) अटेंशन
(ग) हतप्रभ
(घ) हाथ जोड़कर
उत्तर – (ख) अटेंशन

9. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
आज से पचास साल पहले अजमेर जैसे शहर में चारों ओर से उमड़ती भीड़ के बीच एक लड़की का बिना किसी संकोच और झिझक के यों धुआँधार बोलते चला जाना ही इसके मूल में रहा हो। पर पिता जी ! कितनी तरह के अन्तर्विरोधों के बीच जीते थे वे ! एक ओर ‘विशिष्ट’ बनने और बनाने की प्रबल लालसा तो दूसरी ओर अपनी सामाजिक छवि के प्रति भी उतनी ही सजगता। पर क्या यह संभव है ? क्या पिता जी को इस बात का बिल्कुल भी अहसास नहीं था कि इन दोनों का तो रास्ता ही टकराहट का है ?
प्रश्न :
(i) दोनों बातों को टकराहट का रास्ता क्यों कहा है?
उत्तर – क्योंकि एक ओर तो लड़कियों की स्वतंत्रता और दूसरी ओर समाज का दबाव।

(ii) धुआँधार भाषण किसके द्वारा दिया जा रहा था?
उत्तर – मन्नू भंडारी के द्वारा

(iii) प्रस्तुत गद्यावतरण के रचयिता एवं पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर : रचयिता – मन्नू भंडारी, पाठ – एक कहानी यह भी

(iv) अजमेर में भीड़ क्यों उमड़ रही थी?
उत्तर – क्योंकि मन्नू भंडारी भाषण दे रहा था।

(v) पिताजी के किन अन्तर्विरोधों का उल्लेख किया गया है?
उत्तर – एक ओर विशिष्ट बनने और बनाने की प्रबल लालसा तो दूसरी ओर अपनी सामाजिक छवि के प्रति भी उतनी ही सजगता।

10. रामवृक्ष बेनीपुरी अथवा यशपाल का जीवन परिचय देते हुए उनकी रचनाओं, साहित्यिक विशेषताओं एवं भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए। (5 अंक)
उत्तर –

रामवृक्ष बेनीपुरी

• जन्म – रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म बिहार के मुजफ़्फ़रपुर जिले के बेनीपुर गाँव में सन् 1899 में हुआ। माता-पिता का निधन बचपन में ही हो जाने के कारण जीवन के आरंभिक वर्ष अभावों कठिनाइयों और संघर्षों में बीते।
• शिक्षा – दसवीं तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे सन् 1920 में राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़ गए। कई बार जेल भी गए। 15 वर्ष की अवस्था में बेनीपुरी जी की रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं में छपने लगीं। वे बेहद प्रतिभाशाली पत्रकार थे।
• रचनाएं – उन्होंने अनेक दैनिक, साप्ताहिक एवं मासिक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया, जिनमें तरुण भारत, किसान मित्र, बालक, युवक, योगी, जनता, जनवाणी और नयी धारा उल्लेखनीय हैं। उनका पूरा साहित्य बेनीपुरी रचनावली के आठ खंडों में प्रकाशित है। उनकी रचना – यात्रा के महत्त्वपूर्ण पड़ाव हैं- पतितों के देश में (उपन्यास); चिता के फूल (कहानी); अंबपाली (नाटक); माटी की मूरतें (रेखाचित्र); पैरों में पंख बाँधकर (यात्रा-वृत्तांत); ज़ंजीरें और दीवारें (संस्मरण) आदि।
• साहित्यिक विशेषताएं – उनकी रचनाओं में स्वाधीनता की चेतना, मनुष्यता की चिंता और इतिहास की युगानुरूप व्याख्या है। विशिष्ट शैलीकार होने के कारण उन्हें ‘कलम का जादूगर’ कहा जाता है।
• भाषा शैली – बेनीपुरी जी की भाषा सरल एवं व्यावहारिक है। उनके द्वारा प्रयुक्त खड़ी बोली में सरलता, सुबोधता, सजीवता विद्यमान है। उनकी भाषा में भावानुकूल शब्द चयन किया गया है। उनकी भाषा में संस्कृत के तत्सम शब्दों के साथ-साथ तद्भव, देशज तथा अंग्रेजी एवं उर्दू के शब्दों का भी प्रयोग किया गया है। उनकी भाषा में लोकोक्तियों एवं मुहावरों का भी प्रयोग किया गया है।
• मृत्यु – उनका देहांत सन् 1968 में हुआ।

अथवा

यशपाल

• जन्म – यशपाल का जन्म सन् 1903 में पंजाब के फीरोज़पुर छावनी में हुआ।
• शिक्षा – प्रारंभिक शिक्षा काँगड़ा में ग्रहण करने के बाद लाहौर के नेशनल कॉलेज से उन्होंने बी.ए. किया। वहाँ उनका परिचय भगत सिंह और सुखदेव से हुआ। स्वाधीनता संग्राम की क्रांतिकारी धारा से जुड़ाव के कारण वे जेल भी गए।
• रचनाएं – यशपाल की रचनाओं में आम आदमी के सरोकारों की उपस्थिति है। सामाजिक विषमता, राजनैतिक पाखंड और रूढ़ियों के खिलाफ़ उनकी रचनाएँ मुखर हैं। उनके कहानी संग्रहों में ज्ञानदान, तर्क का तूफ़ान, पिंजरे की उड़ान, वा दुलिया, फूलो का कुर्ता उल्लेखनीय हैं। उनका ‘झूठा सच’ उपन्यास भारत विभाजन की त्रासदी का मार्मिक दस्तावेज़ है। अमिता, दिव्या, पार्टी कामरेड, दादा कामरेड, मेरी तेरी उसकी बात, उनके अन्य प्रमुख उपन्यास हैं।
• भाषा शैली – भाषा की स्वाभाविकता और सजीवता उनकी रचनागत विशेषता है। वे यथार्थवादी शैली के विशिष्ट रचनाकार हैं।
• मृत्यु – उनकी मृत्यु सन् 1976 में हुई।

11. (क) ‘लखनवी अंदाज’ पाठ में निहित व्यंग्य भाव स्पष्ट कीजिए। (2 अंक)
उत्तर – लखनवी अंदाज पाठ के माध्यम से लेखक हमें यह बताना चाहता है कि बिना पात्रों, घटना और विचारों के भी रचनाएं लिखी जा सकती हैं। लेखक अपनी एक घटना का वर्णन करते हुए बताता है कि उसे रेलगाड़ी के डिब्बे में एक नवाब मिलता है जो बड़े ही सलीके से खीरे को खाने की तैयारी कर रहा था। लेकिन लेखक को सामने देखकर वह खीरा खाने में संकोच करने लगता है और लेखक से भी खीरा खाने के लिए पूछता है, जिसमें वह मना कर देता है। नवाबी अंदाज दिखाने के लिए नवाब उस खीरे को तैयार करता है और सूंघकर खिड़की से बाहर फेंक देता है। वह अपनी भूख दबा लेता है और यह दिखाता है कि उसका पेट भर गया है। वह लेखक के सामने यह दिखाना चाहता है कि नवाब इसी तरीके से खीरा खाते हैं।

(ख) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ का मूलभाव स्पष्ट कीजिए। (2 अंक)
उत्तर – ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में चश्मे बेचने वाले का देश प्रेम का वर्णन किया गया है। जब देश का निर्माण होता है तब बहुत सारे लोग इसमें अपना योगदान देते हैं जिनमें से कुछ को लोग जान जाते हैं और कुछ गुमनाम हो जाते हैं। इस पाठ में भी हमें ऐसी ही एक कहानी देखने को मिलती हैं जिसमें मूर्तिकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का चश्मा बनाना भूल जाता है। उस कस्बे में कैप्टन नाम का व्यक्ति चश्मा बेचता है जिसे यह दृश्य बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता और वह नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगा देता है। हालदार साहब भी यह दृश्य देखकर उसकी देशभक्ति से प्रेरित हो जाते हैं। कैप्टन की मृत्यु के बाद उसे मूर्ति पर बच्चों ने सरकंडे का बनाया हुआ चश्मा लगाया हुआ था जो हालदार साहब में देशभक्ति की भावना को भर देता है। इस कहानी में भी ऐसे ही बहुत सारे किरदारों को दर्शाया गया है जिन्हें कोई नहीं जानता लेकिन वह देश के निर्माण में अपना योगदान दे रहे होते हैं।

खण्ड – घ

12. ‘कृतिका भाग-2’ के आधार पर निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (3 + 3 = 6 अंक)
(क) ‘साना-साना हाथ जोड़ि ……..’ पाठ के माध्यम से लेखिका क्या दर्शाना चाहती है?
उत्तर – ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के माध्यम से लेखिका यह दर्शाना चाहती है कि पहाड़ों पर रहने वाले लोगों का जीवन बहुत अधिक कठिन होता है। लेखिका पाठ में हिमालय और उसकी सुंदर घाटियों का वर्णन करती है और साथ ही वहां पर रहने वाले लोगों के जीवन के संघर्ष का भी वर्णन करती हैं। लेखिका कभी प्रकृति प्रेमी, विद्वान और कभी संत के समान हो जाती है।

(ख) ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ निबंध का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – इस पाठ के माध्यम से लेखक ने बताया है कि लेखन कार्य वास्तव में अनुभूति से उत्पन्न भावनाओं की व्याकुलता से होता है। कभी-कभी बाहरी दबावों के कारण भी लेखन कार्य करना पड़ता है। किंतु जो लेखन कार्य आंतरिक अनुभूति की प्रेरणा से लिखा जाता है वह ही वास्तविक कृति होती है। लेखक ने इस बात को हिरोशिमा की घटना से सिद्ध किया है कि जब उसने एक पत्थर पर मनुष्य की आकृति देखी जो विस्फोट के समय भाप बनकर उड़ गया था तब लेखक ने उस भयानक दृश्य को अनुभव किया और उसके बाद ही ‘हिरोशिमा’ नामक कविता लिखी।

(ग) ‘माता का अंचल’ पाठ में लेखक का नाम तारकेश्वरनाथ से भोलानाथ कैसे पड़ा?
उत्तर – बचपन में लेखक का नाम तारकेश्वरनाथ था। उसके सिर पर लंबी-लंबी जटाएँ थीं। जब वह अपने पिता को पूजा करते देखता तब अपने माथे पर तिलक लगवाने का हठ करता। उसके पिता उसके चौड़े माथे पर भभूत से त्रिपुंड (तीन आड़ी रेखाएँ) कर देते। इस रूप में वह बिल्कुल ‘बम भोला’ दिखाई देता। इस तरह उसका नाम तारकेश्वरनाथ से भोलानाथ पड़ गया।

खण्ड – ङ

13. (1) ‘नैतिक शिक्षा’ (पाठ्य-पुस्तक) के आधार पर निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए : (1 × 4 = 4 अंक)
(i) ‘बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय’ के संस्थापक कौन थे?
(क) जवाहरलाल नेहरू
(ख) स्वामी दयानंद
(ग) मदनमोहन मालवीय
(घ) सरोजिनी नायडू
उत्तर – (ग) मदनमोहन मालवीय

(ii) भारतीय ऋषियों ने विश्व-कल्याण की कामना हेतु क्या लिखा है?
(क) सर्वे भवन्तु सुखिनः
(ख) सर्वे संतु निरामयाः
(ग) सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी

(iii) ‘ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होय।।’ इस दोहे के रचयिता कौन हैं?
(क) रैदास
(ख) तुलसीदास
(ग) कबीरदास
(घ) मलूकदास
उत्तर – (ग) कबीरदास

(iv) मनुबाई (लक्ष्मीबाई) किस आयु में वैवाहिक बन्धन में बँधी?
(क) 6 वर्ष
(ख) 8 वर्ष
(ग) 10 वर्ष
(घ) 12 वर्ष
उत्तर – (ख) 8 वर्ष

(2) मैत्रेयी ने किस मार्ग को अपनाया? (3 अंक)
उत्तर – कल्याण मार्ग को अपनाया। मैत्रेयी ने परम्परा से प्राप्त ज्ञान व चिन्तन के बल पर बड़े-बड़े पण्डितों से शास्त्रार्थ किया। उन्होंने कई पण्डितों को ज्ञानचर्चा में परास्त कर अज्ञान के अन्धकार से बाहर निकाला और सन्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।

(3) एकलव्य की कौन-सी विशेषताएँ आपको अच्छी लगीं और क्यों? (3 अंक)
उत्तर – मुझे एकलव्य की लगातार प्रयास करने की विशेषता सबसे अच्छी लगी क्योंकि उसके लगातार अभ्यास की वजह से ही वह बेहतरीन धनुर्धारी बन पाया।

Leave a Comment

error: