HBSE Class 11 Political Science Question Paper 2024 Answer Key

Haryana Board (HBSE) Class 11 Political Science Question Paper 2024 Answer Key. HBSE Class 11 Political Science Question Paper 2024. Haryana Board Class 11th Political Science Solved Question Paper 2024. HBSE Class 11 Question Paper 2024 PDF Download. HBSE Political Science Solved Question Paper 2024 Class 11. HBSE 11th Political Science Solved Question Paper 2024. HBSE Class 11 Political Science Question Paper Download 2024. HBSE Class 11 Political Science Solved Question Paper 2024.

HBSE Class 11 Political Science Question Paper 2024 Answer Key

Section – A (1 Mark)

1. ‘पॉलिस’ शब्द का सम्बन्ध किससे है?
(a) नगर से
(b) राज्य से
(c) नगर-राज्य से
(d) विश्व से
उत्तर – (c) नगर-राज्य से

2. ‘लिबर्टी’ शब्द किस भाषा के ‘लिबर’ शब्द से बना है?
(a) ग्रीक
(b) लैटिन
(c) फ्रेंच
(d) अंग्रेजी
उत्तर – (b) लैटिन

3. ‘समानता और स्वतन्त्रता को परस्पर विरोधी माना है’ :
(a) लॉर्ड एक्टन ने
(b) डी० टॉकविले ने
(c) (a) और (b) दोनों ने
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (a) लॉर्ड एक्टन ने

4. कौटिल्य ने ‘सामाजिक न्याय’ का उल्लेख किया है :
(a) राजनीति विज्ञान में
(b) अर्थशास्त्र में
(c) समाजशास्त्र में
(d) प्रशासन में
उत्तर – (b) अर्थशास्त्र में

5. “अधिकार वह माँग है जिसे समाज मान्यता देता है और राज्य लागू करता है।” किसने कहा?
(a) बोसांके ने
(b) वाइल्ड ने
(c) लॉस्की ने
(d) टी० एच० ग्रीन ने
उत्तर – (a) बोसांके ने

6. भारतीय संविधान का निर्माण किया :
(a) ‘संविधान सभा ने
(b) विधान सभा ने
(c) संसद ने
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (a) ‘संविधान सभा ने

7. मौलिक अधिकारों का वर्णन मिलता है :
(a) अनुच्छेद 1-5 में
(b) अनुच्छेद 6-11 में
(c) अनुच्छेद 12-35 में
(d) अनुच्छेद 36-51 में
उत्तर – (c) अनुच्छेद 12-35 में

8. भारत में चुनाव करवाये जाते हैं :
(a) संसद द्वारा
(b) सर्वोच्च न्यायालय द्वारा
(c) चुनाव आयोग द्वारा
(d) नीति आयोग द्वारा
उत्तर – (c) चुनाव आयोग द्वारा

9. भारत के संवैधानिक मुखिया कौन हैं?
(a) राष्ट्रपति
(b) प्रधानमंत्री
(c) भारत के मुख्य न्यायाधीश
(d) राज्यपाल
उत्तर – (a) राष्ट्रपति

10. भारत में कानून निर्माण का कार्य किया जाता है :
(a) संसद द्वारा
(b) नीति आयोग द्वारा
(c) चुनाव आयोग द्वारा
(d) उच्च न्यायालय द्वारा
उत्तर – (a) संसद द्वारा

11. भारत में, वर्तमान में कितने उच्च न्यायालय हैं?
(a) 20
(b) 25
(c) 30
(d) 35
उत्तर – (b) 25

12. संघ सूची में मूलरूप से कितने विषय हैं?
(a) 97
(b) 66
(c) 47
(d) 395
उत्तर – (a) 97

13. ‘सरकारिया आयोग’ का सम्बन्ध है :
(a) सरकार से
(b) राज्य से
(c) केन्द्र-राज्य सम्बन्ध से
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (c) केन्द्र-राज्य सम्बन्ध से

14. भारत में पंचायती राज ……………. स्तरीय है।
उत्तर – तीन

15. गाँव में निवास करने वाले सभी मतदाताओं की सभा, ….………… सभा कहलाती है।
उत्तर – ग्राम

16. भारत में ‘संविधान दिवस’ मनाया जाता है। (26 जनवरी / 26 नवम्बर)
उत्तर – 26 नवम्बर

17. इस प्रश्न में अभिकथन (A) तथा कारण (R) दिया गया है। दोनों को पढ़कर दिये गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें :
अभिकथन (A) : जॉन लॉक का मानना है कि ‘जहाँ कानून नहीं, वहाँ स्वतन्त्रता भी नहीं हो सकती’।
कारण (R) : स्वतन्त्रता के प्रयोग के लिए उचित प्रतिबन्ध आवश्यक है।
(a) दोनों सही हैं, अभिकथन (A) कारण (R) आपस में सम्बन्धित हैं।
(b) दोनों सही हैं, पर अभिकथन (A) का कारण (R) से कोई सम्बन्ध नहीं है।
(c) केवल अभिकथन (A) सही है।
(d) केवल कारण (R) सही है।
उत्तर – (a) दोनों सही हैं, अभिकथन (A) कारण (R) आपस में सम्बन्धित हैं।

18. 42वाँ संविधान संशोधन भारत का मिनी संविधान कहलाता है। (सही / गलत)
उत्तर – सही

19. भारत के संविधान का संरक्षक है। (संसद / सर्वोच्च न्यायालय)
उत्तर – सर्वोच्च न्यायालय

20. वर्तमान में मौलिक कर्त्तव्यों की संख्या …………….. है।
उत्तर – 11

Section – B (2 Marks)

21. अधिकारों की दो विशेषताएँ लिखें।
उत्तर – (i) अधिकार सभी व्यक्तियों को समान रूप से प्राप्त होते हैं।
(ii) अधिकारों का संरक्षण कानून द्वारा किया जाता है।
(iii) अधिकार नैतिक और मानवीय मूल्यों पर आधारित होते हैं।

22. दो राजनीतिक अधिकार लिखें।
उत्तर – (i) मतदान का अधिकार
(ii) संगठन बनाने का अधिकार
(iii) शांति से एकत्र होने का अधिकार

23. निर्वाचक मण्डल (राष्ट्रपति के चुनाव) में कौन-कौन शामिल होता है?
उत्तर – संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
• राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
• केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य

24. भारत में नागरिकता प्राप्त करने के दो आधार बताएँ।
उत्तर – (i) जन्म के आधार पर
(ii) वंश के आधार पर
(iii) पंजीकरण के आधार पर

25. भारत में लोकसभा सदस्य बनने के लिए दो योग्यताएँ लिखें।
उत्तर – (i) उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए।
(ii) उम्मीदवार की आयु कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए।

26. भारतीय संविधान की प्रस्तावना के दो उद्देश्य लिखें।
उत्तर – (i) सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता सुनिश्चित करना।
(ii) राष्ट्र की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए भाईचारे को बढ़ावा देना है।

अथवा

ग्राम पंचायत के दो कार्य बताए।
उत्तर – (i) ग्राम पंचायत गांव की स्वच्छता, सड़कों, कुओं की सफाई और मरम्मत, सार्वजनिक भूमि, और चरागाहों की व्यवस्था करती हैं
(ii) ग्राम पंचायत का कार्य गांव में सभी समाज के सभी वर्गों के बीच एकता और सद्भाव बढ़ाना है।

27. भारतीय संविधान के दो कार्य लिखें।
उत्तर – (i) यह नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है।
(ii) संविधान शासन में स्थिरता और निरंतरता प्रदान करता है।
(iii) संविधान कानूनी आधार के रूप में कार्य करता है।

अथवा

भारत के नागरिक के दो मौलिक कर्त्तव्य लिखें।
उत्तर – (i) संविधान और उसके आदर्शों का पालन करना
(ii) भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करना
(iii) प्राकृतिक पर्यावरण का संरक्षण करना

28. निम्नलिखित का उचित मिलान कीजिए :

विचार/पुस्तकें लेखक/विचारक
1. ‘द रिपब्लिक’ (A) जे० एस० मिल
2. ‘ऑन लिबर्टी’ (B) प्लेटो
3. ‘ए थ्योरी ऑफ जस्टिस’ (C) जॉन रॉल्स

उत्तर : 1(B),  2(A),  3(C)

अथवा

भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम की दो विशेषताएँ लिखें।
उत्तर – (i) तीन-स्तरीय पंचायत प्रणाली
(ii) प्रत्यक्ष निर्वाचन की व्यवस्था
(iii) आरक्षण की व्यवस्था

Section – C (3 Marks)

29. राजनीति शास्त्र के तीन प्रमुख कार्यक्षेत्र की व्याख्या करें।
उत्तर – राजनीति शास्त्र के तीन प्रमुख कार्यक्षेत्र निम्नलिखित हैं :
(i) राजनीतिक सिद्धांत – यह कार्यक्षेत्र राजनीतिक विचारों, सिद्धांतों और विचारधाराओं का अध्ययन करता है। इसमें यह देखा जाता है कि विभिन्न दार्शनिकों और विचारकों ने राजनीति, सत्ता, स्वतंत्रता, समानता, न्याय और अधिकारों के बारे में क्या विचार व्यक्त किए हैं।
(ii) तुलनात्मक राजनीति – तुलनात्मक राजनीति विभिन्न देशों के राजनीतिक प्रणालियों, संस्थाओं और प्रक्रियाओं की तुलना करता है। इसका उद्देश्य विभिन्न राजनीतिक प्रणालियों के बीच समानताओं और विभिन्नताओं को समझना और उनका विश्लेषण करना है।
(iii) अंतरराष्ट्रीय संबंध – अंतरराष्ट्रीय संबंध कार्यक्षेत्र में राज्यों के बीच संबंधों, वैश्विक मुद्दों, और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का अध्ययन शामिल है। इसमें युद्ध और शांति, अंतरराष्ट्रीय व्यापार, कूटनीति, सुरक्षा नीति, वैश्विक शासन और अंतरराष्ट्रीय कानून जैसे विषयों का विश्लेषण किया जाता है।

30: ‘स्वतन्त्रता’ के तीन प्रकारों का उल्लेख करें।
उत्तर – स्वतन्त्रता के तीन प्रकार निम्नलिखित होते हैं :
(i) राजनीतिक स्वतन्त्रता – इसमें व्यक्ति को मतदान करने, नेताओं का चयन करने, सरकार की नीतियों को आलोचना करने, और राजनीतिक संगठनों में शामिल होने की स्वतंत्रता होती है।
(ii) सामाजिक स्वतन्त्रता – इसे व्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में देखा जाता है जो समाज में अपनी भावनाओं, धार्मिकता, और व्यक्तिगत जीवन के अधिकारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकता है।
(iii) आर्थिक स्वतन्त्रता – इसमें व्यक्ति को व्यापार करने, उत्पादन करने, नौकरी चुनने, और अपने आर्थिक उत्थान के लिए निवेश करने की स्वतंत्रता होती है।

अथवा

“समानता और स्वतन्त्रता परस्पर विरोधी हैं।” इस कथन की पुष्टि करें।
उत्तर – समानता और स्वतन्त्रता दोनों ही अलग-अलग पहलुओं को प्रमोट करने की कोशिश करते हैं। समानता का मुख्य उद्देश्य है समाज में समानता और न्याय की स्थापना करना, जबकि स्वतन्त्रता का मुख्य उद्देश्य है व्यक्ति के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करना।
• समानता के पक्ष में यह विचार रहता है कि समाज में समानता की स्थापना करने से लोगों के अधिकारों को सुरक्षित किया जा सकता है, जबकि स्वतन्त्रता के पक्ष में यह विचार रहता है कि व्यक्ति की स्वतंत्रता और निर्णय को समायोजित किया जाना चाहिए।
• कई स्थितियों में समानता के लिए सामाजिक और आर्थिक सीमाओं को निर्धारित किया जाता है, जो कई मामलों में स्वतन्त्रता के समर्थन के खिलाफ हो सकते हैं।

31. न्याय के तीन तत्त्वों का उल्लेख करें।
उत्तर – न्याय (Justice) के महत्वपूर्ण तत्त्वों को निम्नलिखित रूप में विवरण किया जा सकता है :
(i) अधिकारिकता – अधिकारिकता न्याय का मूल तत्त्व है जो व्यक्ति या समुदाय के अधिकारों को समझने और उन्हें समान रूप से वितरित करने का प्रयास करता है।
(ii) समयरूपता – समयरूपता का मतलब होता है कि न्यायिक प्रक्रियाएँ और निर्णय निष्पक्ष और अपक्षपात रहे।
(iii) संयुक्तता – संयुक्तता का मतलब होता है सभी के सामान अधिकारों और विकल्पों की सुरक्षा करना। न्याय का यह तत्त्व सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति या समुदाय को उसके अधिकारों और मौलिक न्याय के अनुसार सम्मान दिया जाए, और उसे किसी भी प्रकार के भेदभाव या अन्याय से बचाया जाए।

32. अधिकार के विभिन्न वर्गों का वर्णन करें।
उत्तर – अधिकार के विभिन्न वर्गों का वर्णन निम्नलिखित रूप में किया जा सकता है :
• मौलिक अधिकार – ये अधिकार व्यक्ति के आधारिक मानवीय और सामाजिक हक्कों को सुनिश्चित करते हैं। ये हक्क संविधान द्वारा सुरक्षित होते हैं और व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वतंत्रता, स्वतंत्रता, धार्मिकता, जीवन, स्वतंत्रता, और समानता की गारंटी प्रदान करते हैं।
• नागरिक अधिकार – ये अधिकार नागरिक जीवन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित होते हैं, जैसे कि जन्म, विचार, धर्म, संबंधी स्थिति, और स्थान की स्वतंत्रता।
• सामाजिक अधिकार – ये अधिकार समाज में व्यक्ति की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए होते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं शिक्षा, रोजगार, आवास, स्वास्थ्य, और खाद्य सुरक्षा के अधिकार।
• राजनैतिक अधिकार – ये अधिकार नागरिकों को राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेने और सरकारी निर्णय में भागीदारी करने का अधिकार प्रदान करते हैं।

33. भारतीय न्यायपालिका के तीन मुख्य कार्य लिखें।
उत्तर – भारतीय न्यायपालिका के तीन मुख्य कार्य निम्नलिखित होते हैं :
(i) न्याय देना – न्यायपालिका का प्रमुख कार्य न्याय देना होता है। इसके तहत न्यायाधीश विभिन्न विवादों और मामलों की सुनवाई करते हैं और निर्णय देते हैं। इस प्रक्रिया में न्यायाधीशों का लक्ष्य विधिक न्याय और समान न्याय को सुनिश्चित करना होता है।
(ii) संविधानिक रक्षा – न्यायपालिका का यह कार्य संविधान की मान्यता और उसके प्रावधानों की रक्षा करना होता है। न्यायाधीशों का ध्यान रहता है कि कोई भी कानून या सरकारी कार्य संविधान के विरुद्ध न हो।
(iii) कानूनी निर्णय देना – न्यायपालिका का यह कार्य विवादों और मामलों के निर्णय पर पहुंचना है। यहां तक कि वे विभिन्न कानूनी मुद्दों पर सुनवाई करते हैं और विधिक तथ्यों के आधार पर निर्णय देते हैं।

अथवा

नागरिक और विदेशी में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर –

नागरिक विदेशी
1. नागरिक को राज्य की सदस्यता प्राप्त होती है। 1. विदेशी को राज्य की सदस्यता प्राप्त नहीं होती है।
2. नागरिकों को मतदान का अधिकार प्राप्त होता है। 2. विदेशी को मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं होता है।
3. नागरिक अपने राज्य के प्रति कर्तव्यों का पालन करता है। 3. विदेशी राज्य के कानूनों का पालन तो करते हैं लेकिन वे कर्तव्य पालन करने हेतु बाध्य नहीं हैं।
4. किसी राज्य के नागरिक को देश से बाहर नहीं निकाला जा सकता है। 4. राज्य के विरुद्ध अपराध करने वाले विदेशियों को राज्य से बाहर निकाला जा सकता है।

 

34. “अधिकार और कर्त्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।” इस कथन की व्याख्या करें।
उत्तर – अधिकार और कर्त्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ये एक-दूसरे के पूरक हैं। अधिकारों के बिना कर्त्तव्यों और कर्त्तव्यों के बिना अधिकारों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। इसलिए प्रायः यह कहा जाता है कि एक नागरिक के अधिकार दूसरे के कर्त्तव्य हैं। यदि हम केवल अपने अधिकारों का ही प्रयोग करते हैं और अपने कर्त्तव्य नहीं निभाते हैं तो इसका अर्थ यह होगा कि हम दूसरे नागरिक के अधिकारों का हनन कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, नागरिक को अपने जीवन की रक्षा का अधिकार प्राप्त है। अतः हमारा भी यह कर्त्तव्य है कि हम दूसरे नागरिकों के जीवन की रक्षा के विरुद्ध कार्य न करें। अतः स्पष्ट है कि अधिकारों और कर्तव्यों में गहरा सम्बन्ध है।

अथवा

“आर्थिक समानता के बिना राजनीतिक स्वतन्त्रता एक धोखा (भ्रम) है।” सिद्ध कीजिए।
उत्तर – राजनीतिक स्वतन्त्रता का मतलब होता है कि लोगों को स्वतंत्रता मिलती है कि वे अपने राजनीतिक और सामाजिक विचारों को व्यक्त कर सकें और राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग ले सकें। लेकिन यदि समाज में आर्थिक समानता नहीं है, तो कुछ व्यक्तियों के पास अधिक संसाधन होते हैं और वे राजनीतिक प्रक्रियाओं में अपने हितों को प्राप्त करने के लिए शक्तिशाली होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, जो लोग समाज के कमजोर और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, उनके राजनीतिक स्वतन्त्रता के उपयोग में विकास नहीं हो पाता है।
राजनीतिक स्वतन्त्रता को वास्तविक और सार्वभौमिक बनाने के लिए आर्थिक समानता महत्वपूर्ण है। जब समाज में सभी लोगों के पास समान आर्थिक अवसर होते हैं, तो उन्हें राजनीतिक प्रक्रियाओं में समानता के साथ भाग लेने का अधिक अवसर मिलता है। इससे समाज में सहयोग, समर्थन, और समानता का वातावरण बनता है, जो राजनीतिक स्वतन्त्रता को वास्तविक और सशक्त बनाता है।
इस प्रकार, आर्थिक समानता का होना राजनीतिक स्वतन्त्रता के लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह न केवल समाज की समृद्धि को बढ़ाता है, बल्कि राजनीतिक प्रक्रियाओं में भागीदारी को भी सुनिश्चित करता है जो एक स्वतंत्र और समर्थ राजनीतिक प्रणाली की नींव होती है।

35. “भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है।” सिद्ध करें।
उत्तर – भारत की संविधान-सभा द्वारा भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया। इसका आशय यह है कि राज्य का कोई धर्म नहीं है और प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को मानने तथा उसका प्रचार करने की पूरी स्वतन्त्रता है। धर्म के आधार पर राज्य द्वारा नागरिकों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा सकता।

36. मौलिक अधिकार और राज्य नीति के निदेशक सिद्धान्तों में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर –

मौलिक अधिकार राज्य नीति के निदेशक सिद्धांत
1. मौलिक अधिकार सीमित रूप में स्वतंत्रता के प्रकार को प्रदान करते हैं। ये नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए होते हैं, जैसे कि स्वतंत्रता व्यक्ति के मूल अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता, जीवन का अधिकार, और समानता के अधिकार। 1. ये राज्य द्वारा अपने नीतियों और कार्यक्रमों में दिशा प्रदान करते हैं। ये सिद्धांत उस समाजशास्त्रीय और आर्थिक संदेश को प्रकट करते हैं जिसे राज्य को अपने नागरिकों के प्रति अपनी कर्तव्यनिष्ठा का पालन करते हुए पूरा करना है।
2. ये न्यायिक रूप से पारित किए जाने वाले कानून के तहत सुरक्षित होते हैं। इन्हें सुरक्षित करने के लिए न्यायिक नियंत्रण है, जिसे विपरीत रूप से संविधानीय मान्यता या उपयोग किया जाता है। 2. ये केवल नीतियों और उद्देश्यों के रूप में स्थापित होते हैं और इन्हें भारतीय संविधान के उद्देश्यों और नीतियों को पूरा करने के लिए स्पष्ट करने के लिए स्थापित किया गया है।
3. ये संविधान के द्वारा स्थापित किए गए अधिकार हैं और उन्हें न्यायिक द्वारा प्रावधानित किया जाता है। इन्हें संविधान की अनुपालना के द्वारा सुरक्षित किया जाता है। 3. ये अनिवार्यता नहीं हैं और राज्य को इनके अनुसार अपनी कार्रवाई का आयोजन करना नहीं है।

 

Section – D (5 Marks)

37. आदर्श नागरिक के गुण लिखें।
उत्तर – आदर्श नागरिक के गुण निम्नलिखित है :
(i) आदर्श नागरिक को अपने क्षेत्र में सामर्थ्य और योग्यता होनी चाहिए। वह अपने कार्यों में प्रोफेशनलिज्म और दक्षता दिखाना चाहिए।
(ii) आदर्श नागरिक को नैतिक अदालत और ईमानदारी का पालन करना चाहिए। वह समाज में अपने नैतिक मूल्यों को स्थापित करने का प्रयास करता है।
(iii) आदर्श नागरिक समाज सेवा में सक्रिय रहता है और समाज के उत्थान के लिए योगदान देता है। वह सामाजिक समस्याओं के समाधान में सहयोग करता है।
(iv) आदर्श नागरिक को समाज में एकता और समझदारी को बढ़ावा देना चाहिए। वह अन्य व्यक्तियों के प्रति समर्थन और सहयोग का प्रदर्शन करता है।
(v) आदर्श नागरिक को संवेदनशीलता और सहिष्णुता की भावना होनी चाहिए। वह दूसरों के भावनाओं का सम्मान करता है और उनके साथ उचित व्यवहार करता है।
(vi) आदर्श नागरिक को संविधान के प्रति समर्पितता और देश की प्रणालियों का पालन करना चाहिए। वह अपने कार्यों में कानूनीता और संविधानिकता की पालना करता है।

अथवा

राष्ट्र और राज्य में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर –

राष्ट्र राज्य
1. राष्ट्र एक व्यापक सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक समूह को संकेत करता है जिसमें एक साझी भावना, जातीयता, भाषा, संस्कृति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि होती है। राष्ट्र की अधिकृतता और स्वतंत्रता उसकी पहचान होती है। 1. राज्य एक संगठित राजनीतिक और प्रशासनिक संघ होता है जिसमें सरकार अपनी सत्ता और प्रबंधन के लिए संरचित होती है। यहां नियम, कानून, और न्याय प्रणाली की उपस्थिति होती है।
2. राष्ट्र का प्रशासनिक संगठन सामान्यत: केवल राष्ट्रीय स्तर पर होता है और इसमें एक सेंट्रल गवर्नमेंट होती है। 2. राज्य का प्रशासनिक संगठन स्थानीय स्तर पर होता है और यहां स्थानीय सरकारें और प्रशासनिक विभाग होते हैं जो केंद्रीय सरकार द्वारा निर्धारित नीतियों का पालन करते हैं।
3. राष्ट्र अपनी संरक्षण क्षमता को स्वतंत्रता, स्वाभाविक संसाधनों और रक्षा संस्थाओं के माध्यम से व्यवस्थित करता है। 3. राज्य अपनी संरक्षण क्षमता को स्थानीय सुरक्षा और पुलिस बलों के माध्यम से व्यवस्थित करता है।
4. राष्ट्र अपनी स्वायत्तता और अपने अंतर्निहित फैसलों के लिए जाता है। 4. राज्य की स्वायत्तता केंद्र और राज्य के बीच संविधान के प्रावधानों और समझौतों के अंतर्गत विभाजित की जाती है।
5. राष्ट्र की संविधानिक स्थिति अपने निर्माण और संरचना के साथ संबंधित होती है। यह राष्ट्रीय एकता और संघीयता के माध्यम से व्यवस्थित किया जाता है। 5. राज्य की संविधानिक स्थिति निर्माण, संरचना, और केंद्र और राज्य के बीच समझौतों के माध्यम से व्यवस्थित होती है।

 

38. ‘राष्ट्र निर्माण’ के सहायक तत्त्वों/घटकों का उल्लेख करें।
उत्तर – राष्ट्र निर्माण के सहायक तत्त्व या घटक निम्नलिखित हो सकते हैं :
(i) सामाजिक एकता – एक समाज में सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का अवलंबन राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है। इसे विभिन्न समूहों, जातियों, धर्मों और संस्कृतियों के साथ समझौता करने और साझी भावनाओं को बढ़ावा देने के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
(ii) राष्ट्रीय भावना – राष्ट्रीय भावना और एकत्रिति का महत्वपूर्ण स्तर होता है जो लोगों को अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित करता है। यह एक साझी भावना और गर्व की भावना के माध्यम से स्थापित किया जा सकता है।
(iii) भाषा और संस्कृति – राष्ट्र निर्माण में भाषा और संस्कृति का महत्वपूर्ण योगदान होता है। एक साझी भाषा और संस्कृति के माध्यम से लोगों का एक होना और राष्ट्रीय पहचान का अनुभव होता है।
(iv) शिक्षा और सामाजिकीकरण – शिक्षा और समाजीकरण राष्ट्र निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनके माध्यम से लोगों में राष्ट्रवाद की भावना और जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता फैलाई जा सकती है।
(v) राजनीतिक संगठन – राष्ट्र निर्माण में राजनीतिक संगठन और सरकारी व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान होता है। एक स्थिर और प्रभावशाली सरकारी प्रणाली राष्ट्र की निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अथवा

भारतीय चुनाव प्रणाली की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर – भारतीय चुनाव प्रणाली की कुछ मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं :
(i) सशक्तिकरण और समानता – भारतीय चुनाव प्रणाली दुनिया में सबसे बड़ी और सबसे व्यापक लोकतंत्रिक प्रक्रिया में से एक है। यहां पर सभी नागरिकों को बराबर और स्वतंत्र मतदान करने का अधिकार होता है।
(ii) निर्वाचन की व्यवस्था – भारत में निर्वाचन आयोग, निर्वाचन प्रक्रिया को संचालित करता है और इसका निर्वाचन विधि व्यापकता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करता है।
(iii) फेयर और फ्री चुनाव – भारत में चुनाव प्रक्रिया निर्विरोध और स्वतंत्रता में संपन्न होती है। पार्टियों और उम्मीदवारों को समान अवसर मिलता है और चुनावी प्रक्रिया में कोई भी अनुचित प्रभाव नहीं होता है।
(iv) क्रमश: चुनावी अवधि – भारत में चुनावी अवधि निर्धारित होती है और नियमित अंतरालों पर निर्वाचन होते हैं। यह देश के लिए स्थायी और संविधानिक स्थापना का हिस्सा है।
(v) विभिन्न स्तरों पर चुनाव – भारत में चुनाव विभिन्न स्तरों पर होते हैं जैसे कि लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, और स्थानीय निकायों के लिए। इससे नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों का चयन करने का मौका मिलता है।

39. भारत के प्रधानमंत्री की भूमिका/कार्यों की व्याख्या करें।
उत्तर – भारत के प्रधानमंत्री की भूमिका और कार्यों को समझने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखा जा सकता है :
(i) केंद्रीय सरकार के प्रमुख – प्रधानमंत्री भारतीय संविधान के अनुसार केंद्रीय सरकार के प्रमुख होते हैं। वे सरकारी नीतियों और योजनाओं के निर्माण और संचालन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
(ii) संसद में प्रतिनिधित्व – प्रधानमंत्री लोकसभा के सदस्य होते हैं और वे सरकारी नीतियों को संसद में प्रस्तुत करते हैं। वे संसदीय प्रक्रिया के माध्यम से लोकतंत्र के मूल्यों को स्थापित करते हैं।
(iii) राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधित्व – प्रधानमंत्री देश के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व का भी मार्गदर्शन करते हैं। वे देश के विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मामलों में संलिप्त रहते हैं और विदेशी राजनयिकों के साथ समझौते करते हैं।
(iv) नीति निर्धारण और कार्यक्रमों का निर्देशन – प्रधानमंत्री विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी नीतियों को निर्धारित करते हैं और उनके लागू होने का प्रबंधन करते हैं। वे राष्ट्रीय विकास और सामाजिक न्याय के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(v) राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा – प्रधानमंत्री देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के मामलों में भी महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं और सेना और सुरक्षा बलों के संरक्षण का जिम्मेदारी उठाते हैं।

अथवा

भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन प्रक्रिया एवं योग्यताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : राष्ट्रपति के निर्वाचन प्रक्रिया – भारतीय राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया निर्वाचन आयोग द्वारा प्रबंधित की जाती है। आयोग निर्वाचन घोषणा, मतदाता सूची तैयारी, चुनावी प्रक्रिया की अवधारणा और निर्वाचन की सभी व्यवस्थाओं का प्रबंधन करता है। राष्ट्रपति के चुनाव में उम्मीदवारों की नामांकन प्रक्रिया और वोटिंग दिन का व्यवस्थापन निर्वाचन आयोग द्वारा की जाती है। वोटिंग दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है ताकि सभी नागरिक मतदान कर सकें। चुनाव के बाद मतगणना की प्रक्रिया और नतीजों का घोषणा भी आयोग द्वारा की जाती है। राष्ट्रपति का निर्वाचन नतीजे के आधार पर घोषित किया जाता है।
• राष्ट्रपति की योग्यताएँ – राष्ट्रपति को भारतीय नागरिक होना आवश्यक होता है। वे भारतीय नागरिकता के धारक होते हैं। राष्ट्रपति की योग्यता की आयु सीमा कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए। राष्ट्रपति के लिए अन्य योग्यताएँ शामिल हो सकती हैं जैसे कि उन्हें भारतीय संविधान और नैतिकता के प्रति विशेष रुचि होनी चाहिए, और उन्हें देश की सर्वोच्च न्यायिक पद पर अनुभव होना चाहिए।

40. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्णक पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
हमारे संविधान में स्वतन्त्रता की गारण्टी दी गई है फिर भी हमें हरदम नई व्याख्याओं का सामना करना पड़ता है। यह सब एक खेल जैसा लगता है जैसे क्रिकेट/शतरंज खेलते समय हम सीखते हैं तथा नये नियमों की व्याख्या करते हैं। ठीक इसी प्रकार नित नई परिस्थितियों के मद्देनजर संविधान में नई पुनर्व्याख्याएँ जुड़ती जाती हैं। इसकी एक बानगी तो यही है कि ‘आजीविका के अधिकार’ को जीवन के अधिकार में शामिल करने के लिए अदालतों द्वारा उसकी पुनर्व्याख्या की गई है। सूचना के अधिकार की गारन्टी एक नए कानून द्वारा दी गई है। समाज के बदलते स्वरूप के साथ-साथ नई चुनौतियों को संविधान संशोधनों के माध्यम से मौलिक अधिकारों की स्पष्टता और विस्तार हुआ है।
प्रश्न :
(i) स्वतंत्रता की गारण्टी कौन देता है?
उत्तर – संविधान

(ii) अधिकारों की पुनर्व्याख्या कौन करता है?
उत्तर – अदालत

(iii) ‘आजीविका का अधिकार’ अधिकारों की किस श्रेणी में आता है?
उत्तर – मौलिक अधिकारों की श्रेणी में

(iv) मौलिक अधिकारों की स्थापना कहाँ की गई है?
उत्तर – भारतीय संविधान में

(v) संविधान में हुए सुधार क्या कहलाते हैं?
उत्तर – संशोधन (amendment)

अथवा

निम्नलिखित परिच्छेद में दिये गए खाली स्थानों को नीचे दिये गए शब्दों से पूरा करें :
(1) ………… भारत के लोग, (2) …………. को एक सम्पूर्ण (3) …………. सम्पन्न, (4) …………. पंथनिरपेक्ष लोकतन्त्रात्मक (5) …………… बनाने के लिए तथा उसके नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और (6) …………. न्याय, विचार (7) ………….. विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता। प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की (8) ………….. और राष्ट्र की एकता और (9) …………. सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस (10) …………. में आंज 26 नवम्बर, 1949 को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
(शब्द : संविधान सभा, हम, अखण्डता, समाजवादी, राजनीतिक, गरिमा, अभिव्यक्ति, गणराज्य, भारत, प्रभुत्व)
उत्तर – (1) हम, (2) भारत, (3) प्रभुत्व, (4) समाजवादी,  (5) गणराज्य, (6) राजनीतिक, (7) अभिव्यक्ति, (8) गरिमा, (9) अखण्डता, (10) संविधान सभा

Leave a Comment

error: