HBSE Class 10 Social Science Question Paper 2023 Answer Key

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HBSE Class 10 Social Science Question Paper 2023 Answer Key (All Sets – A,B,C,D)


 

SET–A

(History)
Q1. नील नदी का वरदान किसे कहा जाता है ?
(A) मिस्र
(B) इराक
(C) ईरान
(D) अफगानिस्तान
उत्तर – (A) मिस्र

Q2. ईसा मसीह के उपदेश किस ग्रंथ में संग्रहित हैं ?
उत्तर – बाइबिल

Q3. महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम …………. था।
उत्तर – सिद्धार्थ

Q4. महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमणों के पीछे क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर – भारत की धन-दौलत को लूटना और भारत की संस्कृति को नष्ट करना।

Q5. मध्यकालीन यूरोपीय समाज के तीन प्रमुख वर्ग कौन से थे ?
उत्तर – कुलीन वर्ग, पादरी वर्ग और किसान वर्ग

Q6. सरस्वती-सिंधु सभ्यता की विश्व को क्या-क्या देन है ?
उत्तर – (i) नगर नियोजन व्यवस्था का बेहतरीन नमूना।
(ii) इस सभ्यता ने विश्व को योग का महत्व बताया।
(iii) पक्की ईंटों का प्रयोग।

Q7. साम्राज्यवाद व उपनिवेशवाद में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : साम्राज्यवाद – साम्राज्यवाद एक राजनीतिक व्यवस्था है जिसमें शक्ति एक व्यक्ति या समूह के हाथ में होती है। इस प्रकार की व्यवस्था में समूह के लोगों को आरक्षण नहीं मिलता है और उन्हें अस्थायी जीवन की समस्याओं से निपटना पड़ सकता है। साम्राज्य के अंतर्गत पाश्चात्य शासन वाले देश जैसे ब्रिटेन, फ्रांस और स्पेन इस व्यवस्था के उदाहरण हैं।
उपनिवेशवाद – उपनिवेशवाद प्रणाली को एक ऐसी प्रणाली कहते हैं जिसमें समूह के सदस्यों के बीच समानता बनाए रखा जाता है। इस प्रणाली में समूह के सदस्यों के बीच शक्ति और अधिकार को बांटा जाता है। सभी सदस्यों के लिए समान अवसर प्रदान किए जाते हैं और यह व्यवस्था सामूहिक न्याय को संभव बनाती है। सामान्यतया उपनिवेशवाद को सोशलिज्म के माध्यम से परिभाषित किया जाता है।

Q8. 1857 की क्रांति के मुख्य कारण क्या थे ?
उत्तर : (i) राजनीतिक कारण – लॉर्ड डलहौजी की सहायक संधि और डलहौजी की लैप्स नीति से भारतीय शासकों में असंतोष फैला हुआ था जो 1857 की क्रांति का एक कारण रहा। नाना साहेब की पेंशन बंद होने के कारण वह अंग्रेजों के विरुद्ध हो गए। जमीदार तथा सरदार की भूमि छीन लेने के कारण वह भी अंग्रेजों के खिलाफ हो गए। सातारा तथा नागपुर की रियासतें अंग्रेजी साम्राज्य में मिला दी गई थी और भारतीय शासक अंग्रेजों के शत्रु बन गए।
(ii) आर्थिक कारण – इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के फलस्वरुप मशीन माल सस्ता हो गया। जिसके कारण अंग्रेजी माल तो अधिक बिकने लगा परंतु भारतीय माल नहीं बिकने के कारण भारतीय उद्योग बंद हो गए। अंग्रेजों की व्यापारिक नीति ने भारत के व्यापार संघ को उनके खिलाफ खड़ा होने पर मजबूर कर दिया। भारत के माल पर अंग्रेज भारी कर वसूलने लगे, जिसके कारण भारतीय माल महंगा हो जाता था। महंगा होने के कारण भारतीय माल को विदेशों में नहीं खरीदा जाता था और भारतीय व्यापार संघ को भारी नुकसान उठाना पड़ता था। भारतीय जनता पर इतना कर लगा दिया गया की परेशान होकर उन्होंने विद्रोह का मार्ग अपनाया।
(iii) सामाजिक तथा धार्मिक कारण – अंग्रेजी शिक्षा के प्रचार-प्रसार के कारण भारतवासियों में असंतोष उत्पन्न हो गया।
अंग्रेज अपने धर्म का प्रचार प्रसार करने के साथ-साथ हिंदू धर्म के ग्रंथों की घोर निंदा करते थे जिससे भारतीय लोग क्रोधित हो उठे।
(iv) सैनिक कारण – 1856 ई. में अंग्रेजों द्वारा एक सैनिक कानून बनाया गया जिसमें हिंदू सैनिक को समुद्र पार जाना था और भारतीय जनता इसे अपने धर्म के विरुद्ध समझती थी। परेड के समय अभद्र व्यवहार करना तथा भारतीय सैनिकों को बहुत कम वेतन देना भी क्रांति का कारण था।
(v) तत्कालिक कारण – सैनिकों को ऐसे कारतूस दिए गए जिन्हें मुंह से काटना पड़ता था और इन पर गाय तथा सूअर की चर्बी लगी होती थी। बैरकपुर छावनी के कुछ सैनिकों ने इसका प्रयोग करने से इंकार कर दिया। मंगल पांडे नामक सैनिक जिनका नाम आज भी लिया जाता है उन्होंने क्रोध में आकर एक अंग्रेज अधिकारी की हत्या कर दी इसलिए उन्हें फांसी से लटका दिया गया। इससे सैनिकों के मन में विद्रोह की भावना फैल गई।

अथवा

स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् देश के सामने कौन-कौन सी समस्याएँ थीं ?
उत्तर – स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् देश के सामने निम्नलिखित समस्याएँ थीं :
(i) शरणार्थियों की समस्या – शरणार्थी लाखों की संख्या में पाकिस्तान के भिन्न-भिन्न इलाकों से आए। उनकी सहायता तथा रोजगार देने की कठिन समस्या भारत के सामने थी।
(ii) औद्योगिक समस्या – देश के विभाजन से पहले भारत का जूट तथा वस्त्र उद्योग बहुत उन्नत था परन्तु विभाजन के बाद जूट और कपास पैदा करने वाले क्षेत्र पाकिस्तान चले गए और अर्थव्यवस्था असन्तुलित हो गई थी। उद्योगों के लिए कच्चे माल का अभाव हो गया। कपास और पटसन के कारखाने तो भारत में थे परन्तु कच्चे माल का उत्पादन करने वाले अधिकांश क्षेत्र पाकिस्तान में थे। अत: बहुत से कारखाने बन्द हो गए।
(iii) देशी राज्यों की समस्या – भारत की स्वतन्त्रता के साथ 500 से अधिक देशी रियासतें भी स्वतन्त्र हो गईं। इन रियासतों को भारतीय संघ में शामिल किए बिना भारत की स्वतन्त्रता अधूरी थी।
(iv) खाद्यान्न की समस्या – देश के विभाजन से गेहूँ और चावल पैदा करने वाला काफी सारा उपजाऊ क्षेत्र पाकिस्तान में चला गया। इसी प्रकार भारत में नहरी सिंचाई वाले क्षेत्र भी कम रह गए। अतः भारत में खाद्यान्न की समस्या पैदा हो गई।
(v) परिवहन व्यवस्था का तहस-नहस होना – परिवहन व्यवस्था तहस-नहस हो गई, जरूरी चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने में कठिनाई आई।

Q9. दिए गए भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित स्थानों को दर्शाइए :
(i) वह स्थान जहाँ 1922 ई० में असहयोग आंदोलन हिंसक रूप में बदल गया (गोरखपुर, उत्तरप्रदेश)
(ii) वह स्थान जहाँ गाँधी जी ने नमक कानून तोड़ा (दांडी, गुजरात)
(iii) भारत में साइमन कमीशन कहाँ पहुँचा? (बंबई, महाराष्ट्र)
(iv) भारत में एक पुर्तगाली उपनिवेश (गोवा)

(Political Science)
Q10. किस वर्ष में श्रीलंका एक स्वतंत्र राष्ट्र बना ?
(A) 1946
(B) 1947
(C) 1948
(D) 1949
उत्तर – (C) 1948

Q11. …………. साथ आकर संघ बनाने का उदाहरण है।
(A) अमेरिका
(B) भारत
(C) पाकिस्तान
(D) श्रीलंका
उत्तर – (A) अमेरिका

Q12. भारत में यहाँ औरतों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है :
(A) लोकसभा
(B) विधानसभा
(C) मंत्रिमंडल
(D) पंचायती राज की संस्थाएँ
उत्तर – (D) पंचायती राज की संस्थाएँ

Q13. उस संगठन का नाम बताइए, जिसके साथ भारत में हर दल को पंजीकरण कराना पड़ता है।
उत्तर – भारत निर्वाचन आयोग

Q14. किस आन्दोलन का नेतृत्व मार्टिन लूथर ने किया ?
उत्तर – सुधार आंदोलन

Q15. बहुदलीय व्यवस्था क्या है ?
उत्तर – वह प्रणाली जिसमें कई दलों और पार्टियों की प्रधानता पायी जाती है। सभी दल सरकार बनाने की प्रतिस्पर्धा में लगे रहते है। कई दलों को मिलाकर सांझा सरकार बनती है। इसे ही बहुदलीय व्यवस्था/प्रणाली (Multi Party System) कहते है।

Q16. समरूप समाज क्या है ?
उत्तर – समरूप समाज एक ऐसा समाज होता है जिसमें काफ़ी समानता पायी जाती है। इनके बीच संस्कृति और जाति पर आधारित असमानता बेहद कम पायी जाती है। समरूप समाज एक ऐसा समाज होता है जिसमें सामुदायिक, सांस्कृतिक या जातीय विभिन्नताएँ ज्यादा गहरी नहीं होती हैं। समरूप समाज में सभी सदस्य एक सी परम्पराओं का अनुपालन कर रहे होते हैं।

Q17. बेल्जियम की जातीय बनावट कैसी है ?
उत्तर – बेल्जियम में, 59% लोग फ्लेमिश क्षेत्र में रहते हैं और डच बोलते हैं। 40% वालोनिया क्षेत्र में रहते हैं और फ्रेंच बोलते हैं। बेल्जियम के 1% लोग जर्मन बोलते हैं। ब्रसेल्स में, जो बेल्जियम की राजधानी है, 80% फ्रेंच बोलते हैं और अन्य 20% डच बोलते हैं।

Q18. महिलाओं ने विश्व में अपने आप को संगठित करके आंदोलन क्यों आरम्भ किए ?
उत्तर – महिलाओं ने विश्व में अपने आप को संगठित करके आंदोलन शुरू किया था क्योंकि उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता था। पुरुषों के साथ बराबरी के अधिकारों के लिए संघर्ष करना, जैसे- मताधिकार, शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य सेवाएं, विवाह, तलाक, संतुलित विकास, सुरक्षा और समानता।
महिलाओं को अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ता था क्योंकि उन्हें पुरुषों से भेदभाव, समाज में स्थान की कमी, परंपरागत सोच, संस्कृति, धर्म आदि कारणों से उन्हें अपने अधिकारों से वंचित किया जाता था। इसलिए, महिलाओं ने संगठित होकर समाज में बदलाव लाने के लिए आंदोलन शुरू किया।

Q19. लोकतंत्र, सरकार के अन्य रूपों से बेहतर क्यों है ?
उत्तर – एक लोकतांत्रिक सरकार एक बेहतर सरकार है क्योंकि यह सरकार का एक जवाबदेह रूप है। लोकतंत्र निर्णय लेने की गुणवत्ता में सुधार करता है। लोकतंत्र मतभेदों और संघर्षों से निपटने के लिए एक तरीका प्रदान करता है। लोकतंत्र नागरिकों की गरिमा को बढ़ाता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिक अधिकार और सम्मान में वृद्धि होती है।

Q20. राजनीतिक दलों की आवश्यकता क्यो है ?
उत्तर – राजनीतिक दलों की आवश्यकता उस समय होती है जब लोगों के अधिकारों की रक्षा और समाज में बदलाव लाने के लिए संघर्ष करना होता है। राजनीतिक दलें लोगों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती हैं और समाज में बदलाव के लिए संघर्ष करती हैं। यह दल लोगों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए समाज में सक्रिय होते हैं और समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने स्टैंड लेते हैं। राजनीतिक दलें नेताओं के माध्यम से समाज में बदलाव लाने के लिए संघर्ष करती हैं और लोगों को जागरूक करती हैं। ये राजनीतिक दल देश में व्याप्त समस्याओं को जनता के सामने रख कर जनता में जागरूकता पैदा करते है। राजनीतिक दल देश के कानून निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। राजनीतिक दल मतदाताओं के समक्ष अपनी छवि अच्छी बनाने के लिए जनता की सुख-सुविधा के लिए विभिन्न कार्य करते है। राजनीतिक दल जनता को अपने भाषणों के माध्यम से सरकार की नीतियों से परिचित कराते है जिससे जनता को राजनीतिक शिक्षा प्राप्त होती है। इसलिए, राजनीतिक दलों की आवश्यकता समाज में बदलाव लाने के लिए होती है।

अथवा

सरकार की तीसरे स्तर की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर – सरकार के तीसरे स्तर को स्थानीय स्वशासन कहा जाता है। स्थानीय स्वशासन प्रणाली में त्रिस्तरीय संरचना होती है :
(i) ग्राम पंचायत – यह व्यवस्था का सबसे निचला स्तर है और इसमें गाँव के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होते हैं। गांव के विकास की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होती है।
(ii) पंचायत समिति – यह व्यवस्था का मध्य स्तर है और इसमें ग्राम पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होते हैं। पंचायत समिति गांवों के एक समूह के विकास के लिए जिम्मेदार है।
(iii) जिला परिषद – यह व्यवस्था का सर्वोच्च स्तर है और इसमें पंचायत समिति के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होते हैं। जिला परिषद पूरे जिले के विकास के लिए जिम्मेदार है।
स्थानीय स्वशासन प्रणाली के निम्नलिखित कार्य हैं :
(i) आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाना और उन्हें लागू करना।
(ii) पानी की आपूर्ति, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना।
(iii) निर्णय लेने की प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
(iv) शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना।

(Geography)
Q21. इनमें से किस राज्य में काली मृदा मुख्य रूप से पाई जाती है ?
(A) जम्मू और कश्मीर
(B) महाराष्ट्र
(C) राजस्थान
(D) झारखण्ड
उत्तर – (B) महाराष्ट्र

Q22. पंजाब में भूमि निम्नीकरण का निम्नलिखित में से मुख्य कारण क्या है ?
(A) गहन खेती
(B) अधिक सिंचाई
(C) वनोन्मूलन
(D) अति पशुचारण
उत्तर – (B) अधिक सिंचाई

Q23. पर्वत पूरे भू-क्षेत्र के कितने प्रतिशत भाग पर विस्तृत है ?
उत्तर – 29.3% (या लगभग 30%)

Q24. काली मिट्टी को दूसरे किस नाम से जानते हैं ?
उत्तर – रेगुर

Q25. तीन राज्यों के नाम बताइए जहाँ पर काली मिट्टी पाई जाती है ?
उत्तर – महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश

Q26. नवीनीकरण संसाधन क्या हैं? परिभाषा दीजिए।
उत्तर – वे संसाधन जिन्हें एक बार उपयोग करने के बाद फिर से पुनः स्थापित किया जा सके और पुन: उपयोग में लाया जा सके, उन्हें नवीनीकरण संसाधन कहते हैं। उदाहरण- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि।

Q27. खनिजों का वर्गीकरण बताइए।
उत्तर – खनिज दो प्रकार के होते हैं : धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज।
धात्विक खनिज – ये विभिन्न धातुओं द्वारा निर्मित होते हैं जो कुछ अन्य तत्वों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं। इन खनिजों में भौतिक गुण होते हैं जो धातुओं के समान होते हैं, जैसे चमक। उदाहरण : बॉक्साइट, मैग्नेटाइट और लौह अयस्क।
अधात्विक खनिज – वे होते हैं जिनमें उनकी रासायनिक संरचना में धातु नहीं होती है और उनके भौतिक स्वरूप में एक गैर-धात्विक चमक होती है। उदाहरण : चूना पत्थर, जिप्सम और अभ्रक।

Q28. खनिज क्या हैं? लौह खनिज के प्रकार बताइए और व्याख्या कीजिए।
उत्तर – खनिज, प्राकृतिक रूप से मिलने वाले वे पदार्थ हैं जिनके अपनी भौतिक विशेषताएं और एक निश्चित रासायनिक संरचना होती है, जो वस्तुएँ पृथ्वी के धरातल से खोदकर या खनन द्वारा निकाली जाती हैं, उन्हें खनिज पदार्थ कहते हैं। जैसे- कोयला, पेट्रोलियम एवं धात्विक अयस्क।
लौह खनिज के प्रकार –
(i) मैग्नेटाइट – यह सबसे उत्तम कोटि का अयस्क हैं। इसमें धातु अंश 70 प्रतिशत पायी जाती हैं।
(ii) हेमेटाइड – यह लाल, कत्थ, रंग का होता हैं। इसमें लोहांश 60 से 70 प्रतिशत पायी जाती हैं।
(iii) लिमोनाइट – इसका रंग पीला या भूरा होता हैं। इसमें लोहांश की मात्रा 40 से 60 प्रतिशत तक पाया जाता हैं।
(iv) सिडेराइट – इसका रंग राख जैसा होता हैं।

Q29. दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्न को दर्शाइए और उनके नाम उनकी स्थिति के निकट लिखिए :
(i) भाखड़ा नांगल बांध (सतलुज नदी, पंजाब)
(ii) आगरा सूती वस्त्र उद्योग (उत्तरप्रदेश)
(iii) दिल्ली अन्तर्राष्ट्रीय हवाई पत्तन (दिल्ली)

(Economics)
Q30. सामान्यतया किसी देश का विकास किस आधार पर निर्धारित किया जा सकता है ?
(A) प्रति व्यक्ति आय
(B) औसत साक्षरता स्तर
(C) लोगों की स्वास्थ्य स्थिति
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी

Q31. वैश्वीकरण ने जीवन स्तर के सुधार में सहायता पहुँचायी है :
(A) सभी लोगों के
(B) विकसित देशों के लोगों के
(C) विकासशील देशों के श्रमिकों के
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर – (B) विकसित देशों के लोगों के

Q32. कोष्ठक में दिये गये सही विकल्प का प्रयोग कर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिये :
………….. क्षेत्रक के श्रमिक वस्तुओं का उत्पादन नहीं करते हैं। (तृतीयक / कृषि)
उत्तर – तृतीयक (सेवाएं देते है)

Q33. प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – प्रच्छन्न बेरोजगारी अर्थात छुपी हुई बेरोजगारी, यह वह स्थिति है, जब एक श्रमिक काम तो कर रहा होता है लेकिन उसकी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है। इसमें कुछ लोगों की उत्पादकता शून्य होती है अर्थात यदि इन लोगों को उस काम में से हटा भी लिया जाये तो भी उत्पादन में कोई अंतर नही आएगा।

Q34. ऋण के औपचारिक व अनौपचारिक स्रोतों में क्या अन्तर है ?
उत्तर : ऋण के औपचारिक स्रोत – ये सरकार द्वारा पंजीकृत होते है जैसे बैंक और सहकारी समितियाँ। इनका ब्याज दर निश्चित होती है। औपचारिक ऋण के स्रोतों से ऋण लेने पर शोषण नहीं होता है। इसकी निगरानी RBI करती है और इनका उद्देश्य सामाजिक कल्याण के लिए ऋण प्रदान करना है।
ऋण के अनौपचारिक स्रोत – ये सरकार द्वारा पंजीकृत नहीं होते है जैसे- साहूकार, व्यापारी और रिश्तेदार आदि। इनका ब्याज दर निश्चित नहीं होता है। अनौपचारिक ऋण के स्रोतों से ऋण लेने पर शोषणहोता है। इनकी निगरानी RBI नहीं करती है और इनका उद्देश्य केवल लाभ कमाने के लिए होता है।

Q35. हम औसत का प्रयोग क्यों करते हैं? इनके प्रयोग करने की क्या सीमायें हैं ?
उत्तर – देशों के बीच तुलना करने के लिए कुल आय एक उपयुक्त माप नहीं है, क्योंकि विभिन्न देशों में जनसंख्या भिन्न-भिन्न होती है इसलिए कुल आय से यह पता नहीं चलता है कि औसत व्यक्ति कितना कमा रहा है। इसका पता औसत आय से ही चलता है। यही कारण है कि हम विकास की माप के लिए औसत या औसत आय का प्रयोग करते हैं। इसके अतिरिक्त यह दो देशों की आर्थिक स्थिति को जानने का एक अच्छा व सरल मापदण्ड है। देश की आय को यदि उसकी कुल जनसंख्या से विभाजित कर दिया जाए तो हमें उसकी औसत आय प्राप्त हो जाती हैं।
सीमाएं – इसके उपयोग की सीमा यह है कि यह हमें लोगों के बीच आय के विभाजन को सही रूप में नहीं दर्शाता है अर्थात औसत आय से हमें यह पता नहीं चलता है कि यह आय लोगों में कैसे वितरित है। यद्यपि औसत आय तुलना के लिए उपयोगी है, फिर भी यह असमानता को छुपा देती है।

Q36. उपभोक्ता के पाँच अधिकार कौन-से हैं ? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर : (i) सुरक्षा का अधिकार – उपभोक्ताओं को अधिकार हैं कि वे उन वस्तुओं की बिक्री से अपना बचाव कर सकें जो उनके जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक हैं ।
(ii) सूचना का अधिकार – इसके अंतर्गत गुणवत्ता, मात्रा शुद्धता, स्तर और मूल्य आते हैं। उपभोक्ता को उस उत्पाद या सेवा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए, जिसको वह खरीदने का विचार कर रहा है।
(iii) सुनवाई का अधिकार – उपभोक्ता के हितों से जुड़ी उपयुक्त संस्थाएँ उपभोक्ताओं की समस्याओं पर पूरा ध्यान दें। उपभोक्ता को उसके खरीदे गए उत्पाद या सेवा में कुछ गलत होने पर शिकायत दर्ज करने का अधिकार होता है।
(iv) चुनने का अधिकार – विभिन्न वस्तुओं को देख-परख के चुनाव करने का अधिकार। उपभोक्ता को स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह कौन सा उत्पाद या सेवा खरीदना चाहता है।
(v) शिकायतें निपटाने का अधिकार – उपभोक्ताओं के शोषण व अनुचित व्यापारिक क्रियाओं के विरुद्ध निदान और शिकायतों का सही प्रकार से निपटाना।

अथवा

वैश्वीकरण के कोई पाँच फायदे संक्षेप में लिखिए।
उत्तर – विश्व के सभी बाजारों के एकजुट होकर कार्य करने की प्रक्रिया को वैश्वीकरण (globalization) कहते हैं।
वैश्वीकरण के फायदे निम्नलिखित हैं :
(i) विश्व अर्थव्यवस्था में समानता – वैश्वीकरण से विभिन्न देशों के बीच आर्थिक समानता बढ़ती है।
(ii) विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से संभव होने वाले उत्पादों का विकास – वैश्वीकरण के माध्यम से विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से उत्पादों का विकास संभव होता है।
(iii) नए बाजारों का खुलना – वैश्वीकरण से नए बाजारों का खुलना होता है, जिससे उत्पादकों को नए ग्राहकों का पता लगता है।
(iv) तकनीकी विकास – वैश्वीकरण के माध्यम से तकनीकी विकास होता है, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ती है।
(v) नए रोजगार के अवसर – वैश्वीकरण से नए रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं, जिससे लोगों का आर्थिक स्तर बढ़ता है।


 

SET–B

(History)
Q1. मिस्र के शासक किस देवता को अपना इष्ट देवता मानते थे ?
(A) इंद्र देव को
(B) सूर्य देवता को
(C) अन्न के देवता को
(D) शनि देव को
उत्तर – (B) सूर्य देवता को

Q2. मध्यकालीन यूरोपीय समाज मुख्य रूप से कितने वर्गों में बंटा हुआ था ?
उत्तर – तीन

Q3. सभी दर्शनों का अंतिम लक्ष्य मानव जीवन को ………….. बनाना है।
उत्तर – अध्यात्मिक एवं श्रेष्ठ

Q4. दर्रों से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – पर्वतों एवं पहाड़ों के मध्य पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्गो को दर्रा कहा जाता है। ये वे प्राकृतिक मार्ग हैं जिनसे होकर पहाड़ों को पार किया जाता है।

Q5. ‘योजना आयोग’ की स्थापना किसने, कब तथा क्यों की थी ?
उत्तर – योजना आयोग की स्थापना प्रधानमंत्री जवाहर लाल ने 1950 मे की थी। योजना आयोग का कार्य, देश के संसाधनों के सबसे प्रभावी और संतुलित उपयोग के लिए एक योजना तैयार करना।

Q6. सरस्वती-सिंधु सभ्यता की नगर योजना की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं ?
उत्तर – (i) सरस्वती-सिन्धु सभ्यता के नगर नदी किनारे बसे हुए थे।
(ii) इस सभ्यता के नगरों में प्रायः पूर्व और पश्चिम दिशा में दो टीले मिलते हैं, पूर्व दिशा के टीले पर आवास क्षेत्र और पश्चिम टीले पर दुर्ग स्थित होता था।
(iii) सड़कों तथा गलियों को लगभग एक ‘ग्रिड पद्धति’ (जालनुमा) में बनाया गया था और ये एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं।
(iv) नालियाँ ईंटों या पत्थरों से ढकी होती थी।
(v) साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता था तथा कूड़े-कचरे के लिए कूड़ेदान होते थे।

Q7. जैन धर्म व बौद्ध धर्म में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – (i) बौद्ध धर्म आत्मा को नहीं मानता है परन्तु जैन धर्म आत्मा को मानता है।
(ii) जैन धर्म शरीर यातना पर विशेष जोर प्रदान करता है जबकि बौद्ध धर्म विलास और तप के बीच के मध्यम मार्ग को मानता है।
(iii) जैन धर्म, बौद्ध धर्म की अपेक्षा अहिंसा पर विशेष बल देता है।
(iv) जैन धर्म की अपेक्षा बौद्ध धर्म में संघ व्यवस्था का विशेष महत्त्व है।

Q8. साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने शोषण के कौन-कौन से तरीके अपनाये ?
उत्तर – (i) साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने अपने उपनिवेशों से कच्चा माल सस्ती कीमतों पर प्राप्त किया।
(ii) साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने अपने उपनिवेशों से धन अपने देश पहुंचा दिया जिससे वह उपनिवेश गरीब हो गया।
(iii) साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने अपने उपनिवेशों में अपने देश का निर्मित माल सस्ती कीमतों पर बेचकर उपनिवेशों के लघु उद्योग बंद करवा दिए।
(iv) साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने अपने उपनिवेशों में ईसाई धर्म का बहुत प्रचार किया जिससे वहां की संस्कृति बर्बाद हो गई।
(v) साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने अपने उपनिवेशों में किसानों से अपनी जरूरतों की खेती करवाई।

अथवा

स्वतन्त्रता आन्दोलन में स्वदेशी व बहिष्कार क्यों महत्त्वपूर्ण थे ?
उत्तर – स्वदेशी का अर्थ है- अपने देश का। इस रणनीति के लक्ष्य ब्रिटेन में बने माल का बहिष्कार करना तथा भारत में बने माल का अधिकाधिक प्रयोग करके साम्राज्यवादी ब्रिटेन को आर्थिक हानि पहुँचाना व भारत के लोगों के लिये रोजगार सृजन करना था।
स्वतन्त्रता आन्दोलन में स्वदेशी व बहिष्कार महत्त्वपूर्ण होने के निम्न कारण थे :
(i) बंगाल के विभाजन को समाप्त करने के लिए जिस स्वदेशी और बहिष्कार के आंदोलन की शुरुआत हुई, वह जल्दी ही आजादी की लड़ाई का प्रमुख हथियार बन गया।
(ii) स्वदेशी वस्तुओं का बढ़ावा देने के साथ-साथ विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने का भी नारा दिया गया। इससे जनता की राष्ट्रीय भावनाओं को उभारने में मदद मिली।
(iii) इस बात पर जोर दिया गया कि विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने से, अधिकांश विदेशी वस्तुएँ इंग्लैंड से आती थीं तो इंग्लैंड के आर्थिक हितों को क्षति पहुँचेगी, और तब ब्रिटिश सरकार को भारतीय मांगें स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा सकेगा।
(iv) कांग्रेस ने 1905 ई. के वाराणसी अधिवेशन में और 1906 ई. के कलकत्ता अधिवेश में स्वदेशी और बहिष्कार के आंदोलनों का समर्थन किया।
(v) स्वदेशी और बहिष्कार का आंदोलन केवल बंगाल तक सीमित न रहकर देश के अनेक भागों में फैल गया। इससे सारे देश में राजनीतिक गतिविधियाँ तीव्र हो गई।

Q9. दिए गए भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित स्थानों को दर्शाइए :
(i) वह स्थान जहाँ जनरल डायर के आदेश पर गोली चलाई गई (अमृतसर, पंजाब)
(ii) वह स्थान जहाँ 1942 में कांग्रेस ने भारत छोड़ो आन्दोलन प्रस्ताव पास किया (मुंबई, महाराष्ट्र)
(iii) भारत में एक फ्रांस का उपनिवेश (गोवा)
(iv) वह स्थान जहां 1907 में कांग्रेस दो टुकड़ों में बंट गया (सूरत, गुजरात)

(Political Science)
Q10. श्रीलंका की आबादी में सबसे बड़ा हिस्सा किस सामाजिक समूह का है ?
(A) सिंहली
(B) श्रीलंकाई तमिल
(C) भारतीय तमिल
(D) मुस्लिम
उत्तर – (A) सिंहली

Q11. सामाजिक विभाजन अधिकांशत: ………… पर आधारित होता है।
(A) जाति
(B) धर्म
(C) जन्म
(D) चुनाव
उत्तर – (C) जन्म

Q12. कई ग्राम पंचायतों को मिलाकर …………. का गठन होता है।
उत्तर – पंचायत समिति

Q13. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई ?
उत्तर – 28 दिसंबर 1885

Q14. फेडेकोर नामक संगठन किस देश का है ?
उत्तर – बोलीविया

Q15. नेपाल में उठे लोकतंत्र के आंदोलन का विशिष्ट उद्देश्य क्या था ?
उत्तर – इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र को लाना तथा राजा ज्ञानेंद्र के हाथों से देश का नियंत्रण हासिल करना था जोकि कई प्रकार से राजनीतिक दलों को दबा रहा था।

Q16. दल-बदल क्या है ?
उत्तर – दल-बदल का साधारण अर्थ- एक दल से दूसरे दल में सम्मिलित होना हैं अर्थात उम्मीदवार ने जिस दल के टिकट पर चुनाव लड़ा हो उस दल का त्याग करके किसी अन्य दल में शामिल होना या निर्दलीय सदस्य के रूप में बने रहना।

Q17. श्रीलंका की जातीय बनावट कैसी है ?
उत्तर – श्रीलंका की जनसंख्या में बहुत विविधता है। सिंहली समुदाय बहुसंख्यक है ये लगभग 74% है, और तमिलों की आबादी की कुल जनसंख्या में 18% है और बाकि अन्य जातियां हैं।

Q18. किन्हीं तीन लक्षणों का वर्णन करें जो सरकार की सभी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सामान्य होती हैं ?
उत्तर –(i) सभी लोकतंत्रों में, जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा सरकार बनाई जाती है।
(ii) सभी लोकतंत्रों में सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है। यदि सरकार लोगों की इच्छाओं को पूरा करने में विफल रहती है, तो उसके पास अपने सामान्य कार्यकाल से पहले ही हटाए जाने का उचित अवसर होता है।
(iii) उनके पास राजनीतिक दल हैं। जिसे पूर्ण बहुमत मिलता है वही सरकार बनाता है।
(iv) वे नागरिकों के अधिकारों की गारंटी देते हैं।

Q19. स्थानीय सरकारों के क्या लाभ हैं ?
उत्तर – स्थानीय सरकारो की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह होती है कि यह देश के आम नागरिकों के सबसे करीब होती है और इसलिये यह लोकतंत्र में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने में सक्षम होती है। स्थानीय सरकार का क्षेत्राधिकार एक विशेष क्षेत्र तक सीमित होता है और यह उन्हीं लोगों के लिये कार्य करती है जो उस क्षेत्र विशेष के निवासी हैं।

Q20. भारतीय राजनीति में जाति की भूमिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर – भारतीय राजनीति में जाति की भूमिका :
(i) जब पार्टियां चुनावों में उम्मीदवारों का चयन करती हैं, तो वे मतदाताओं की जाति संरचना को ध्यान में रखती हैं और विभिन्न जातियों के उम्मीदवारों को नामांकित करती हैं, ताकि चुनाव जीतने के लिए आवश्यक समर्थन जुटाया जा सके।
(ii) जब सरकार बनती है, तो राजनीतिक दल आमतौर पर इस बात का ध्यान रखते हैं कि विभिन्न जातियों और जनजातियों के प्रतिनिधियों को इसमें जगह मिले।
(iii) राजनीतिक दल और उम्मीदवार समर्थन जुटाने के लिए जातिगत भावनाओं की अपील करते हैं। कुछ राजनीतिक दल कुछ जातियों का पक्ष लेने के लिए जाने जाते हैं और उनके प्रतिनिधि के रूप में देखे जाते हैं।
(iv) सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार और एक व्यक्ति एक वोट के सिद्धांत ने राजनीतिक नेताओं को समाज के विभिन्न वर्गों के राजनीतिक समर्थन को जुटाने और हासिल करने के कार्य के लिए मजबूर किया।

अथवा

लोकतांत्रिक सरकारों द्वारा सामना की जीने वाली बुनियादी चुनौतियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – लोकतांत्रिक सरकारों द्वारा सामना की जीने वाली बुनियादी चुनौतियां निम्नलिखित हैं :
(i) निरक्षरता – अशिक्षित जनता कभी भी एक शक्ति लोकतंत्र बनाने में योगदान नहीं दे सकती। यह समस्या देश के साथ आजादी के समय से है।
(ii) गरीबी – बढ़ती गरीबी की समस्या, लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती है। आर्थिक विकास के लिए यह जरूरी है कि देश की जनता के बीच अमीरी गरीबी के बीच की निगाह कम से कम हो।
(iii) साम्प्रदायिकता – साम्प्रदायिकता एक ऐसी बाधा है जिसके अनुसार समाज के कुछ लोग केवल अपने विचारों को साधने के कारण लोकतंत्र की तरकीबें नहीं करते। वह धार्मिक समुदाय में बंटकर बंट जाता है।
(iv) जातिवाद – अनादी काल से भारत में जातिवाद व्यवस्था हो रही है। जातिवाद के कारण दो समाज के लोग खुद को दूसरे से अलग मानते हैं और लोकतंत्र शक्तिमान नहीं हो पाता।

(Geography)
Q21. जल किस प्रकार का संसाधन है ?
(A) नवीनीकरण योग्य
(B) प्रवाह
(C) जैव
(D) अनवीनीकरण योग्य
उत्तर – (A) नवीनीकरण योग्य

Q22. ‘रेगुर’ मिट्टी को मुख्यतौर पर किस नाम से जाना जाता है ?
(A) लैटेराइट मिट्टी
(B) पीली मिट्टी
(C) काली मिट्टी
(D) जलोढ़ मिट्टी
उत्तर – (C) काली मिट्टी

Q23. ‘सरदार सरोवर बांध’ किस नदी पर स्थित है ?
उत्तर – नर्मदा नदी पर

Q24. ‘चावल’ उत्पादन में हमारा देश किस नं० पर है ?
उत्तर – दूसरे पर

Q25. उत्पत्ति के आधार पर दो संसाधनों के नाम बताइए।
उत्तर – जैव संसाधन और अजैव संसाधन

Q26. जैव और अजैव संसाधनों के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर : जैव संसाधन – इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमें जीवन व्याप्त है। उदाहरण- मनुष्य, पशु, वनस्पति और फसल।
अजैव संसाधन – वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं। उदाहरण- धातुएँ, पत्थर, जल और मिट्टी।

Q27. मृदा (मिट्टी) के प्रकार लिखिए।
उत्तर – जलोढ़ मिट्टी, काली मिट्टी, लाल मिट्टी, लैटेराइट मिट्टी और मरुस्थलीय मिट्टी।

Q28. कृषि के प्रकार बताते हुए चाय की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – कृषि के प्रकार निम्नलिखित है- जीविका निर्वाह कृषि, गहन कृषि, वाणिज्यिक कृषि, रोपण कृषि और व्यावसायिक खेती।
चाय पेय फसल है, इसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियां निम्नांकित हैं :
(i) तापमान – चाय उष्ण एवं आर्द्र जलवायु का पौधा है । इस पौधे के लिए औसत 25° से 30° सें०ग्रे० तापमान उपयुक्त रहता है। चाय के पौधों की वृद्धि के लिए अनुकूल व शुष्क हवा प्रतिकूल रहती है ।
(ii) वर्षा – चाय के लिए आर्द्र जलवायु आवश्यक होती है। यदि वसन्त एवं शीत ऋतु में अच्छी वर्षा हो जाये तो चाय की पत्तियों को वर्ष में 4-5 बार चुना जा सकता है। इसके लिए 150 से 250 सेमी वर्षा उपयुक्त रहती है।
(iii) भूमि – चाय का उत्पादन पहाड़ी ढालों वाली भूमि पर अधिक किया जाता है। इसके लिए गहरी, गन्धक, पोटाश, लोहांश तथा जीवांशों से युक्त मिट्टी उपयुक्त रहती है। वनों से साफ की गयी भूमि पर चाय सर्वाधिक उगायी जाती है। बलुई मिट्टी, जिसमें जीवांशों की मात्रा अधिक होती है, चाय के लिए सर्वोत्तम रहती है। चाय की झाड़ी की जड़ों में पानी नहीं रुकना चाहिए।
(iv) श्रम – चाय की पत्तियों के लिए सस्ते एवं अधिक संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होती है, क्योंकि चाय की पत्तियाँ एक-एक कर चुनी जाती हैं जिससे कोमल पत्तियाँ नष्ट न हों। इस कार्य के लिए बच्चे एवं स्त्रियाँ श्रमिक अधिक उपयुक्त रहती हैं।

Q29. दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्न को दर्शाइए और उनके नाम उनकी स्थिति के निकट लिखिए :
(i) टिहरी बांध (उत्तराखंड)
(ii) वड़ोदरा सूती वस्त्र उद्योग (गुजरात)
(iii) मुम्बई अन्तर्राष्ट्रीय हवाई पत्तन (महाराष्ट्र)

(Economics)
Q30. निम्नलिखित पड़ोसी देशों में से मानव विकास के लिहाज से किस देश की स्थिति भारत में बेहतर है ?
(A) बांग्लादेश
(B) श्रीलंका
(C) नेपाल
(D) पाकिस्तान
उत्तर – (B) श्रीलंका

Q31. स्वयं सहायता समूह से बचत और ऋण सम्बन्धित अधिकतर निर्णय लिये जाते हैं :
(A) बैंक द्वारा
(B) सदस्यों द्वारा
(C) गैर-सरकारी संस्था द्वारा
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर – (B) सदस्यों द्वारा

Q32. कोष्ठक में दिये गये सही विकल्प का प्रयोग कर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिये :
प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रक की गतिविधियाँ …………. हैं। (स्वतन्त्र / परस्पर निर्भर)
उत्तर – परस्पर निर्भर

Q33. तृतीयक क्षेत्रक से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर – यह वह क्षेत्र है जिसे सेवाओं के रूप में भी जाना जाता है और यह अर्थव्यवस्था का हिस्सा है जो उपभोक्ताओं को सेवाएं प्रदान करता है। ये सेवाएं व्यक्तिगत नागरिकों और कंपनियों, सार्वजनिक या निजी संस्थानों, दोनों के लिए हैं। मूल रूप से, तृतीयक क्षेत्र अंतिम उत्पादों के बजाय सेवाओं के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है। तृतीयक गतिविधियों में वित्तीय सेवाएं, परिवहन, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवाएं, परामर्श, खुदरा आदि शामिल हैं। तृतीयक क्षेत्र प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र को सहायता प्रदान करता है और यह उत्पादन प्रक्रिया के लिए भी सहायता प्रदान करता है।

Q34. सभी लोगों के लिये यथोचित दरों पर ऋण क्यों उपलब्ध होना चाहिए ?
उत्तर – ऋण के अधिक ब्याज दर पर मिलने से ऋणी की अधिकांश आय ऋण के ब्याज-भुगतान में ही व्यय हो जाती है। ऋणी के पास अपने लिए बहुत कम आय बचती है। कई बार अत्यधिक ऊँची ब्याज दरों के कारण ऋणी जीवन भर ऋण के बोझ से दबा रहता है और विकास में पिछड़ जाता है। इन सब कारणों से सभी लोगों के लिए यथोचित दरों पर ऋण उपलब्ध होना चाहिए।

Q35. भारत के लोगों द्वारा ऊर्जा के किन स्रोतों का प्रयोग किया जाता है? ज्ञात कीजिए।
उत्तर – भारत के लोगों द्वारा प्रयोग किय जाने वाले ऊर्जा के वर्तमान स्त्रोत निम्न हैं :
परंपरागत स्त्रोत – (i)कोयला, (ii)पेट्रोलियम, (iii)प्राकृतिक गैस, (iv)बिजली।
गैर-परंपरागत स्त्रोत – (i)सौर ऊर्जा, (ii)पवन ऊर्जा , (iii)बायो-गैस, (iv)भूतापीय ऊर्जा, (v)ज्वारीय ऊर्जा, (vi)परमाणु ऊर्जा।

Q36. भारत सरकार द्वारा विदेशी व्यापार एवम् विदेशी निवेश पर अवरोध लगने के क्या कारण थे? इन अवरोधों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी ?
उत्तर – भारत सरकार ने स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगा दिए थे। ये अवरोधक सन् 1991 तक लगे रहे। सरकार ने विदेशी प्रतिस्पर्धा से देश में उत्पादकों की रक्षा करने के लिए यह प्रतिबन्ध लगाए। सन् 1950 एवं 1960 के दशक में भारतीय उद्योग अपनी प्रारम्भिक अवस्था में था। इस अवस्था में आयातों से प्रतिस्पर्धा इन उद्योगों को बढ़ने नहीं देती।
यही कारण था कि भारत सरकार ने आयातों को केवल मशीनरी, उर्वरक, खनिज तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं तक ही सीमित रखा और विदेश व्यापार व विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाया। इन अवरोधकों को सरकार इसलिए हटाना चाहती थी क्योंकि सन् 1991 तक भारतीय उत्पादक विश्व के उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो गये थे। अब यह महसूस किया जाने लगा था कि प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों के प्रदर्शन में सुधार होगा क्योंकि उन्हें अपनी गुणवत्ता में सुधार करना आवश्यक होगा।

अथवा

कुछ ऐसे कारकों की चर्चा कीजिए, जिनसे उपभोक्ता का शोषण होता है।
उत्तर – उपभोक्ताओं के शोषण के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं :
(i) माँग व पूर्ति में असन्तुलन – जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि के कारण माँग की तुलना में वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धि कम होने के कारणं माँग व पूर्ति में असन्तुलन अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में व्यवसायी घटिया वस्तुओं का उत्पादन कर उपभोक्ता से ऊँचा मूल्य वसूलते हैं।
(ii) अशिक्षा एवं अज्ञानता – भारत में उपभोक्ता शोषण का एक प्रमुख कारण उपभोक्ता का अशिक्षित होना व उपभोक्ता अधिकार से अनभिज्ञ होना है। बहुत अधिक संख्या में उपभोक्ता वस्तुओं की गुणवत्ता की पहचान भी नहीं कर पाते हैं। इस वजह से उपभोक्ताओं का शोषण होता है।
(iii) गलत जानकारी – कई कम्पनियाँ उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए विज्ञापनों पर बहुत अधिक धन खर्च करती हैं। ये उपभोक्ताओं को अपने उत्पादन की गलत जानकारियाँ देती हैं।
(iv) सीमित जानकारी – उपभोक्ताओं को उत्पादों के लिखित पक्षों; यथा-मूल्य, गुणवत्ता, बनावट, प्रयोग की शर्तों आदि की जानकारी न होने के कारण उपभोक्ता गलत वस्तु का चयन कर लेते हैं और शोषण का शिकार हो जाते हैं।
(v) मिलावट की समस्या – महँगी वस्तुओं में मिलावट करके उपभोक्ता का शोषण होता है।
(vi) कम तोलने से – वस्तुओं के माप में हेरा-फेरी करके भी उपभोक्ता का शोषण होता है।
(vii) ऊँची कीमत द्वारा – ऊँची कीमतें वसूल करके भी उपभोक्ता का शोषण होता है।
(viii) डुप्लीकेट वस्तुएँ – धोखे वाली या डुप्लीकेट वस्तुएँ प्रदान करके भी उपभोक्ता का शोषण होता है।


 

SET–C

(History)
Q1. गायत्री मंत्र किस वेद से लिया गया है ?
(A) सामवेद
(B) यजुर्वेद
(C) ऋग्वेद
(D) अथर्ववेद
उत्तर – (C) ऋग्वेद

Q2. महमूद गज़नवी द्वारा भारत पर कुल कितनी बार आक्रमण किया गया ?
उत्तर – 17 बार

Q3. मेसोपोटामिया का आधुनिक नाम ………….. है।
उत्तर – इराक

Q4. रोम को सात पहाड़ियों का नगर क्यों कहा जाता है ?
उत्तर – यह शहर सात पहाड़ियों से घिरा हुआ होने के कारण सात पहाड़ियों का नगर कहलाता है ।

Q5. खलीफा कौन होते थे? उनका क्या काम होता था ?
उत्तर – मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम के प्रमुख को खलीफ़ा या उत्तराधिकारी कहते थे। खलीफा बनने का मतलब था कि उस बड़े साम्राज्य की बागडोर संभालना। बारी-बारी से उनके चार प्रमुख उत्तराधिकारी बने। इन खलीफाओं का कार्य इस्लाम का प्रचार करना होता था। इस्लाम की पवित्र पुस्तक ‘कुरान’ के अनुसार खलीफा जीवन व्यतीत करने की शिक्षा देना तथा इस्लाम की रक्षा हेतु हमेशा तैयार रहने का कार्य करते थे। धीरे-धीरे जिस-जिस स्थान पर खलीफाओं की राजनीतिक सत्ता स्थापित होती गई वहाँ-वहाँ इस्लाम का प्रचार-प्रसार होता गया।

Q6. सरस्वती-सिंधु सभ्यता की नगर योजना में सड़कों व गलियों की व्यवस्था कैसी थी ?
उत्तर – सड़कों तथा गलियों को ग्रिड पद्धति (जालनुमा) में बनाया गया था अर्थात सुनिश्चित योजना के अनुसार निर्मित थी। सड़कें सीधी, चौड़ी और एक-दूसरे को समकोण पर काटती थी।

Q7. गुट-निरपेक्ष आंदोलन क्या था ?
उत्तर – गुट-निरपेक्ष आंदोलन एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो दूसरे विश्वयुद्ध के बाद संस्थागत रूप से 1961 में बेलग्रेड में स्थापित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिका और सोवियत संघ के संघर्ष से दूर रहना, दोनों के साथ मैत्री रखना, किसी के साथ सैनिक संधियां नहीं करना, एक स्वतंत्र विदेश नीति का विकास करना है। गुट-निरपेक्ष देश, सैनिक गुटों से इसलिए अलग रहते हैं कि वे विश्व में अशान्ति के वातावरण को रोक सकें और यदि कहीं युद्ध छिड़ गया है तो वे बीच में पड़कर दोनों पक्षों में फैसला करवाकर शान्ति स्थापित कर सकें।

Q8. जैन धर्म की उत्पत्ति कैसे हुई ? जैन दर्शन व बौद्ध दर्शन में क्या-क्या समानताएँ हैं ?
उत्तर – जैन धर्म की उत्पत्ति के बारे में इतिहासकारों के बीच अलग-अलग मत हैं। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, जैन धर्म की उत्पत्ति महावीर के जन्म के समय हुई थी, जब वह बुद्ध के समकक्ष एक महान धर्मगुरु थे। दूसरे इतिहासकारों के अनुसार, जैन धर्म की उत्पत्ति एक विशिष्ट धर्मगुरु रिषभनाथ के जन्म के समय हुई थी, जो कुछ समय पहले जीवन में थे। जैन धर्म के संस्थापकों के जीवन और कार्य के बारे में अलग-अलग कथाएं हैं। इनके अनुसार, जैन धर्म का मूल मंत्र ‘अहिंसा परमो धर्म’ है, जिसका अर्थ होता है कि अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है। जैन धर्म में मोक्ष को प्राप्त करने के लिए संसार से संपूर्ण विरक्त होकर समस्त प्राणियों के प्रति दया रखना आवश्यक माना जाता है।
जैन धर्म तथा बौद्ध धर्म में अनेक समानताएं है :
(i) दोनों धर्म मनुष्य को मानवता के रास्ते पर चलने की शिक्षा देते हैं।
(ii) दोनों धर्मों के अनुसार मनुष्य की लालसा या तृष्णा ही उसके दुःख का कारण है।
(iii) महावीर स्वामी तथा गौतम बुद्ध दोनों ही मनुष्य को सदकर्म करने की प्रेरणा देते हैं ।
(iv) जैन धर्म व बौद्ध धर्म दोनों में ही दुःखों से पीड़ित मनुष्य को उपदेशों द्वारा सतत् शान्ति का मार्ग बताया गया है।
(v) जैन व बौद्ध धर्म दोनों ही मनुष्य को त्याग, परोपकार, सत्य आदि का संदेश देते हैं।

अथवा

1857 ई० की क्रान्ति को महान स्वतन्त्रता संघर्ष क्यों कहा गया ?
उत्तर – भारत में पहला प्रभावशाली आंदोलन 1857 ई. की क्रान्ति थी। यह भारत का पहला स्वतन्त्रता आन्दोलन था। इस क्रान्ति ने अंग्रेजों की रचनाओं को हिलाकर रख दिया। इससे पहले बैल्लोर, बैरकपुर और बुंदेलखण्ड में हुए विद्रोह में जिन्को अंग्रेजों ने कुचल दिया था, इन विद्रोहों के कारण 1857 ई. क्रान्तिकारी को बड़ी प्रेरणा मिली। वीर सावरकर, अशोक मेहता और अन्य भारतीय इतिहासकारों ने 1857 की इस क्रान्ति को प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम का नाम दिया। इस क्रान्ति का उदय होना का कारण, न तो चर्बी के कारतूसों का उपयोग करना था और न ही कुछ भारतीय शासकों का व्यक्तिगत स्वार्थ, वरन् जन साधारण में वह असन्तोष की भावना थी जो पिछले सौ वर्षों के अंग्रेजी राज्य के कारण लाभ प्राप्त कर रहा था। इन इतिहासकारों का विचार है कि विस्फोट की सामग्री काफी समय पहले से ही इकट्ठी हुई थी। इसे केवल एक चिंगारी की आवश्यकता थी जो चर्बी वाले कारतूसों से मिली थी। इसलिए 1857 की इस महान क्रान्ति को केवल सैनिक विद्रोह न देश पहला स्वतन्त्रता संग्राम या राष्ट्रीय आन्दोलन कहना कहीं उचित होगा।

Q9. दिए गए भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित स्थानों को दर्शाइए :
(i) वह स्थान जहाँ महात्मा गाँधी जी ने नमक कानून तोड़ा (दांडी, गुजरात)
(ii) वह स्थान जहाँ असहयोग आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया (चौरी-चौरा, गोरखपुर, उत्तरप्रदेश)
(iii) वह स्थान जहाँ साइमन कमीशन भारत में पहुँचा (बंबई, महाराष्ट्र)
(iv) वह स्थान जहाँ जलियाँवाला बाग हत्याकांड हुआ (अमृतसर, पंजाब)

(Political Science)
Q10. सिंहली को राजभाषा का दर्जा कब दिया गया ?
(A) 1947
(B) 1949
(C) 1950
(D) 1956
उत्तर – (D) 1956

Q11. समरूप समाज का अस्तित्व ……….. में है।
(A) भारत और अमेरिका
(B) भारत और स्वीडन
(C) जर्मनी और स्वीडन
(D) स्वीडन और अमेरिका
उत्तर – (C) जर्मनी और स्वीडन

Q12. भारतीय संविधान ने ………….. स्तरीय शासन व्यवस्था का प्रावधान किया है।
उत्तर – दो

Q13. भारत में किस प्रकार की दल व्यवस्था है ?
उत्तर – बहुदलीय व्यवस्था

Q14. कौन-सा दल हरियाणा का एक क्षेत्रीय दल है ?
उत्तर – INLD (इंडियन नेशनल लोकदल)

Q15. सत्ता की साझेदारी क्या है ?
उत्तर – सत्ता की साझेदारी ऐसी शासन व्यवस्था होती है जिसमें समाज के प्रत्येक समूह और समुदाय की भागीदारी होती है। सत्ता की साझेदारी ही लोकतंत्र का मूलमंत्र है। लोकतांत्रिक सरकार में प्रत्येक नागरिक की हिस्सेदारी होती है, जो भागीदारी के द्वारा संभव हो पाती है।

Q16. ग्राम सभा क्या है ?
उत्तर – ग्रामसभा किसी भी गांव की आम सभा कहलाती है। गांव में उपस्थित मतदान करने वाला नागरिक ग्राम सभा का सदस्य कहलाता है। इनको ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि चुनने का पूरा अधिकार दिया जाता है। अगर सरल भाषा में कहा जाए तो गांव के लोगों को ही ‘ग्रामसभा’ कहा जाता है। जिनके द्वारा अपने गांव के सरपंच से लेकर ग्राम पंचायत के प्रत्येक प्रतिनिधियों को चुना जाता है। ग्राम सभा पंचायतीराज की मूलभूत इकाई है।

Q17. नेपाल तथा बोलीविया के आन्दोलन में मुख्य अंतर क्या थे ?
उत्तर – नेपाल में आंदोलन लोकतंत्र की स्थापना के लिए था, जबकि बोलीविया में संघर्ष में एक निर्वाचित, लोकतांत्रिक सरकार के दावे शामिल थे। बोलीविया में लोकप्रिय संघर्ष एक विशिष्ट नीति के बारे में था, जबकि नेपाल में संघर्ष देश की राजनीति की नींव के बारे में था।

Q18. सामाजिक अंतर कब सामाजिक विभाजनों का रूप ले लेते हैं ?
उत्तर – हर सामाजिक भिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती। सामाजिक अंतर लोगों के बीच बँटवारे का एक बड़ा कारण जरूर होता है किंतु यही अंतर कई बार अलग-अलग तरह के लोगों के बीच पुल का काम भी करती है। सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अंतर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं। अमेरिका में श्वेत और अश्वेत का अंतर एक सामाजिक विभाजन भी बन जाता है क्योंकि अश्वेत लोग आमतौर पर गरीब हैं, बेघर हैं, भेदभाव के शिकार हैं। हमारे देश में भी दलित आमतौर पर गरीब और भूमिहीन हैं। उन्हें भी अक्सर भेदभाव और अन्याय का शिकार होना पड़ता है। जब एक तरह का सामाजिक अंतर अन्य अंतरों से ज्यादा महत्त्वपूर्ण बन जाता है और लोगों को यह महसूस होने लगता है कि वे दूसरे समुदाय के हैं तो इससे एक सामाजिक विभाजन की स्थिति पैदा होती है।

Q19. राजनीतिक दलों की जरूरत क्यों है ?
उत्तर – राजनीतिक दल ऐसे लोगों के समूह को कहते हैं जो एक जैसे विचार रखते हैं, देश की समस्याओं पर एक मत होते हैं और देश की सत्ता पर अपना अधिकार जमाना चाहते हैं उनकी लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाने, चुनाव लड़ने संविधान बनाने तथा सरकार के गठन और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Q20. भारत में ‘राजनीतिक सुधारों’ या ‘लोकतांत्रिक सुधारों’ का वर्णन कीजिए।
उत्तर – लोकतांत्रिक या राजनीतिक सुधारों के लिए भारतीय संदर्भ में हम निम्नलिखित उपाय सुझा सकते हैं :
(i) कानून बनाकर – कानून बनाकर राजनीति को सुधारने की बात सोचना बहुत लुभावना लग सकता है। नए कानून समस्त अवांछित चीज़ें समाप्त कर देंगे, यह सोच लेना भले ही सुखद हो लेकिन इस लालच पर लगाम लगाना ही अच्छा है। निश्चित रूप से सुधारों के मामले में कानून की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है। सावधानी से बनाए गए कानून गलत राजनीतिक आचरणों को हतोत्साहित और अच्छे कामकाज को प्रोत्साहित करेंगे, परंतु विधिक-संवैधानिक परिवर्तनों को ला देने भर से लोकतंत्र की चुनौतियों को हल नहीं किया जा सकता।
(ii) कानूनों के कल्याणकारी उद्देश्य के माध्यम से – कानून में बदलाव करते हुए इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा कि राजनीति पर इसका क्या असर पड़ेगा। कई बार नतीजे एकदम विपरीत निकलते हैं, जैसे कई राज्यों ने दो से अधिक बच्चों वाले लोगों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। इसके चलते अनेक गरीब लोग और महिलाएँ लोकतांत्रिक मौके से वंचित हुईं जबकि ऐसा करने के पीछे यह मंशा न थी। आम तौर पर किसी वस्तु की मनाही करने वाले कानून राजनीति में अधिक सफल नहीं होते। राजनीतिक कार्यकर्ता को अच्छे काम करने के लिए बढ़ावा देने वाले या लाभ पहुँचाने वाले कानूनों के कामयाब होने की संभावना अधिक होती है।
(iii) लोकतांत्रिक कामकाज को मजबूत बनाकर – राजनीतिक दलों के द्वारा लोकतांत्रिक कामकाज को मजबूत बनाकर राजनीतिक सुधारों की दिशा में कदम उठाया जा सकता है। राजनीतिक दलों द्वारा किए गए सभी सुधारों में मुख्य चिंता इस बात की होनी चाहिए कि नागरिक की राजनीतिक भागीदारी के स्तर और गुणवत्ता में सुधार होता है या नहीं।
(iv) सुधारों को लागू करने के उद्देश्य को स्पष्ट करके – राजनीतिक सुधार के किसी भी प्रस्ताव में अच्छे हल की चिंता होने के साथ-साथ यह सोच भी होनी चाहिए कि इन्हें कौन और क्यों लागू करेगा। यह मान लेना समझदारी नहीं कि संसद कोई ऐसा कानून बना देगी जो हर राजनीतिक दल और सांसद के हितों के विरुद्ध हो परंतु लोकतांत्रिक आंदोलन, नागरिक संगठन और मीडिया पर विश्वास करने वाले उपायों के कामयाब होने की संभावना होती है।

अथवा

राजनीति में साम्प्रदायिकता का क्या योगदान है ?
उत्तर – सांप्रदायिकता की सबसे आम अभिव्यक्ति दैनिक जीवन में ही दिखती है। इनमें धार्मिक पूर्वाग्रह, धार्मिक समुदायों के बारे में बनी बनाई धारणाएँ और एक धर्म को दूसरे धर्म से श्रेष्ठ मानने की मान्यताएँ शामिल हैं। ये चीजें इतनी आम हैं कि अक्सर हम उन पर ध्यान तक नहीं देते जबकि ये हमारे अंदर ही बैठी होती हैं।
सांप्रदायिक सोच अक्सर अपने धार्मिक समुदाय का राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित करने के फ़िराक में रहती है। जो लोग बहुसंख्यक समुदाय के होते हैं उनकी यह कोशिश बहुसंख्यकवाद का रूप ले लेती है। जो अल्पसंख्यक समुदाय के होते हैं उनमें यह विश्वास अलग राजनीतिक इकाई बनाने की इच्छा का रूप ले लेता है।
सांप्रदायिक आधार पर राजनीतिक गोलबंदी, सांप्रदायिकता का दूसरा रूप है। इसमें धर्म के पवित्र प्रतीकों, धर्मगुरुओं, भावनात्मक अपील और अपने ही लोगों के मन में डर बैठाने जैसे तरीकों का उपयोग बहुत आम है। चुनावी राजनीति में एक धर्म के मतदाताओं की भावनाओं या हितों की बात उठाने जैसे तरीके अक्सर अपनाए जाते हैं।
कई बार सांप्रदायिकता सबसे गंदा रूप लेकर संप्रदाय के आधार पर हिंसा, दंगा और नरसंहार कराती है। विभाजन के समय भारत और पाकिस्तान में भयावह सांप्रदायिक दंगे हुए थे। आज़ादी के बाद भी बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई है।

(Geography)
Q21. इनमें से कौन-सी ‘रबी’ फसल है ?
(A) चावल
(B) मोटे अनाज
(C) चना
(D) कपास
उत्तर – (C) चना

Q22. झारखण्ड में स्थित ‘कोडरमा’ निम्नलिखित में से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है ?
(A) बॉक्साइट
(B) अभ्रक
(C) लोह अयस्क
(D) तांबा
उत्तर – (B) अभ्रक

Q23. ‘चाय’ का पौधा किस जलवायु में उगाया जाता है ?
उत्तर – गर्म एवं आर्द्र जलवायु मे

Q24. ‘रबड़’ किस क्षेत्र की फसल है ?
उत्तर – भारत में रबड़ का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिणी भारत में विशेषकर केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में होता है।

Q25. लौह अयस्क के प्रकार बताइए।
उत्तर – लौह अयस्क चार प्रकार हैं – हेमेटाइट, मैग्नेटाइट, लिमोनाइट और सिडेराइट।

Q26. ‘खरीफ’ फसलें क्या हैं ?
उत्तर – खरीफ की फसल मुख्यतः उन फसलों को कहते हैं, जिन्हें जून-जुलाई में बोते हैं और अक्टूबर के आसपास काटते हैं। इन फसलों को बोते समय अधिक तापमान एवं आर्द्रता की आवश्यक पड़ती है। साथ ही पकते समय शुष्क वातावरण की जरुरत होती है। खरीफ फसल को मॉनसूनी फसल भी कहते हैं क्योंकि इन्हे मानसून के शुरुआत में ही लगाया जाता है। उदाहरण- मक्का, बाजरा, ज्वार आदि।

Q27. विनिर्माण क्या है ?
उत्तर – जब कच्चे माल को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर, अधिक मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है तो उस प्रक्रिया को विनिर्माण या वस्तु निर्माण कहते हैं। जैसे- गन्ने से चीनी और लकड़ी से कागज बनाया जाता है।

Q28. विनिर्माण की परिभाषा देते हुए सूती वस्त्र उद्योगों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर – वे क्रियाएँ जिनमें प्राथमिक व्यवसाय जैसे कृषि, पशुपालन, खनन आदि के उत्पादों को तकनीकों का प्रयोग करके संसाधित किया जाता है और अधिक उपयोगी वस्तुओं में बदला जाता है। ऐसी प्रक्रियाएँ विनिर्माण उद्योग कहलाती हैं। उदाहरण के लिए, कपास को कच्चे माल के रूप में सूती वस्त्र उद्योग में प्रयोग करके वस्त्र उत्पादन किया जाता है।
सूती एक प्राकृतिक रेशे वाली फसल है। सूती वस्त्र उद्योग वह उद्योग है जिसमें रेशे से कपड़े बनाये जाते हैं। यह दुनिया के सबसे पुराने उद्योगों में से एक है। भारत सूती वस्त्र उद्योग का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत का उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले सूती वस्त्रों के उत्पादन का गौरवशाली इतिहास रहा है। सूती वस्त्र उद्योग भारत के पुराने उद्योगों में से एक है। इस उद्योग से भारत की बड़ी जनसंख्या को रोजगार मिलता है। छोटे-बड़े स्तर पर भारत के हर एक राज्य में सूती वस्त्र उद्योग स्थापित है । सूती वस्त्रों का निर्यात करके भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित की जाती है।
सूती कपड़ों के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं- सूती कपड़े, लिनन, रेशम, ऊन और टैरीलीन।
सूती वस्त्र निर्माण के तीन सेक्टर है- हथकरघा सेक्टर, बिजली करघा सेक्टर और मिल सेक्टर।
सूती वस्त्र उद्योग की मुख्य समस्याओं में, कच्चे माल (रूई) की कमी, पुरानी मशीनें, ऊर्जा की कमी, हड़ताल, कृत्रिम वस्त्रों से मुकाबला तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में मुकाबला है।

Q29. दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्न को दर्शाइए और उनके नाम उनकी स्थिति के निकट लिखिए :
(i) हीराकुड बांध (महानदी, उड़ीसा)
(ii) मुम्बई सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (महाराष्ट्र)
(iii) हैदराबाद अन्तर्राष्ट्रीय हवाई पत्तन (तेलंगाना)

(Economics)
Q30. सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रक आधार पर विभाजित हैं :
(A) रोजगार की शर्तें
(B) आर्थिक गतिविधियों के स्वभाव
(C) उद्यमों के स्वामित्व
(D) उद्यम में नियोजित श्रमिकों की संख्या
उत्तर – (C) उद्यमों के स्वामित्व

Q31. वैश्वीकरण के विगत दो दशकों में द्रुत आवागमन देखा गया है :
(A) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों का
(B) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का
(C) देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर – (B) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का

Q32. कोष्ठक में दिये गये सही विकल्प का प्रयोग कर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिये :
…………. परिवारों की ऋण की अधिकांश जरूरतें अनौपचारिक स्रोतों से पूरी होती हैं। (निर्धन / धनी)
उत्तर – निर्धन

Q33. अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्रक से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर – अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र जिसके अन्तर्गत वस्तुओं के उत्पादन में प्राकृतिक साधनों का प्रयोग किया जाता है, प्राथमिक क्षेत्रक कहलाता है। इसमें कृषि एवं उससे संबंधित क्रियाएं, जैसे- उत्पादन, पशुपालन, मछली पालन, वन लगाना, खनन एवं उत्खनन आदि क्रियाएं आती हैं। सामान्य तौर पर देखा जाए तो प्राथमिक क्षेत्रक द्वारा उत्पादित किए गए उत्पाद, कच्चे माल के रूप में प्रयोग में लाए जाते हैं।

Q34. माँग जमा को मुद्रा क्यों समझा जाता है ?
उत्तर – माँग जमा करने पर चेक या मुद्रा निकालने वाली पर्ची के माध्यम से भुगतान योग्य होता है। इसलिए माँग जमा को मुद्रा समझा जाता है।

Q35. पर्यावरण में गिरावट के कुछ ऐसे उदाहरणों की सूची बनाइए जो आपने अपने आस-पास देखे हैं।
उत्तर – हम अपने आसपास कई ऐसे उदाहरण देखते हैं जो पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं जैसे- कूड़ा करकट, तालाबों पर पशुओं को नहलाना, लकड़ी का प्रयोग करने से धुंआ निकलना, वनों का अत्यधिक कटाव, उर्वरकों तथा कीटनाशकों का प्रयोग, गाड़ियों का धुआं, उद्योगों की चिमनियों से निकला धुआं आदि बहुत से उदाहरण है जो पर्यावरण में गिरावट के कारण है। इसके अतिरिक्त अधिक वाहनों की संख्या, उद्योगों द्वारा अपने अवशेषों को भूमि के ऊपर फेंकना, विभिन्न उद्योगों के चलने से उड़ने वाली धूल का वातावरण में फैलाव तथा वनस्पति का नाश इत्यादि कारणों से वैश्विक जलन बढ़ रही है जिससे पर्यावरण में दिन-प्रतिदिन गिरावट आ रही है।

Q36. विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं ? क्या आप जानते हैं कि विकसित देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिये ?
उत्तर – विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण इसलिए चाहते हैं ताकि वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा विदेशी व्यापार व विदेशी निवेश के माध्यम से विकासशील देशों में अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें। इसके अतिरिक्त विकसित देश ऊँची दर का लाभ अर्जित करने के लिए विकासशील देशों में निवेश करना चाहते हैं।
विकासशील देशों को भी बदले में विकसित देशों द्वारा अनुचित ढंग से अपनाये गये व्यापार अवरोधक को हटाने, उनके बाजार तक पहुँच तथा अधिक आर्थिक सहायता की माँग करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त विकासशील देश समान हितों वाले अन्य विकासशील देशों के साथ मिलकर विकसित देशों के प्रभाव का विरोध कर सकते हैं तथा उचित व सही नियमों के लिए वे विश्व व्यापार संगठन व अन्य संगठनों से बातचीत कर सकते हैं।

अथवा

भारत में उपभोक्ताओं को समर्थ बनाने के लिये सरकार द्वारा किन कानूनी मापदण्डों को लागू करना चाहिए ?
उत्तर – भारत में उपभोक्ताओं को समर्थ बनाने के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित कानूनी मापदण्डों को लागू करना चाहिए :
(i) उपभोक्ता के अधिकारों को प्रोत्साहित एवं संरक्षित करने के लिए जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तरों पर त्रिस्तरीय न्यायिक तन्त्र की स्थापना की गयी है। इनके माध्यम से उपभोक्ताओं की शिकायतों को सरल, तीव्र एवं कम खर्च में दूर किया जाता है।
(ii) सरकार उत्पादों के मानकीकरण द्वारा उत्पादों की गुणवत्ता में कमी एवं उत्पादों के मानकों से उपभोक्ताओं की सुरक्षा करती है।
(iii) भारत सरकार ने उत्पादों की गुणवत्ता एवं मानकता को निर्धारित करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो, एगमार्क, हॉलमार्क जैसे विश्वसनीयता के चिह्न अंकित करने का प्रावधान किया है।
(iv) सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं के वितरण के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अपनाया गया है। इस प्रणाली के माध्यम से उचित मूल्य की दुकानों से गरीब लोगों को उचित मूल्य पर आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी जाती है।
(v) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 कुछ विशिष्ट वस्तुओं को छोड़कर सभी वस्तुओं व सेवाओं पर लागू होता है। सरकार को इन सभी को कड़ाई से लागू करना चाहिए, तभी उपभोक्ता के हितों का संरक्षण हो सकता है।
(vi) सरकार को कानून बनाकर जमाखोरी, कालाबाजारी आदि पर रोक लगाकर उपभोक्ताओं को शोषण से बचाना होगा।


 

SET–D

(History)
Q1. पानीपत की प्रथम लड़ाई कब हुई थी ?
उत्तर – 1526 मे

Q2. महावीर स्वामी किस दर्शन से संबंधित हैं ?
(A) बौद्ध
(B) जैन
(C) पारसी
(D) यहूदी
उत्तर – (B) जैन

Q3. मिस्र के लोगों का मुख्य व्यवसाय ……….. था।
उत्तर – कृषि

Q4. सरस्वती-सिंधु सभ्यता के नगरों की दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर – इस सभ्यता के नगरों में प्रायः पूर्व और पश्चिम दिशा में दो टीले मिलते हैं, पूर्व दिशा के टीले पर आवास क्षेत्र और पश्चिम टीले पर दुर्ग स्थित होता था। सड़कों तथा गलियों को लगभग एक ‘ग्रिड पद्धति’ (जालनुमा) में बनाया गया था और ये एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं। नालियाँ ईंटों या पत्थरों से ढकी होती थी।

Q5. मिस्र को ‘नील नदी का वरदान’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर – मिस्र विश्व की आदि सभ्यता वाला अफ्रीका महाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित एक प्रमुख विकासशील देश है। मिस्र देश की अर्थव्यवस्था में नील नदी का महत्त्वपूर्ण स्थान है, इसी कारण मिस्र को ‘नील नदी का वरदान’ कहा जाता है।
मिस्र को ‘नील नदी का वरदान’ कहे जाने के अन्य कारण निम्नलिखित हैं :
मिस्र का अधिकतर भाग मरुस्थलीय एवं पठारी है, जो कृषि एवं मानव निवास के प्रतिकूल है, परन्तु नील नदी ने कृषि-सिंचाई में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। यहाँ नील नदी ही कृषि-सिंचाई का एकमात्र साधन है। नील नदी मिस्र के लगभग मध्य से होकर बहती है। अत: नील नदी पर अनेक बाँध बनाकर जलविद्युत का उत्पादन किया जाता है। इस प्रकार नील नदी मिस्र को जलविद्युत की सुविधा भी प्रदान करती है। नील नदी सदानीरा है; अत: यह परिवहन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस प्रकार नील नदी मिस्र की सम्पूर्ण आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अत: मिस्र को ‘नील नदी का वरदान’ उचित ही कहा गया है।

Q6. ईसाई लोगों ने क्रूसेड क्यों किए ?
उत्तर – ग्यारहवीं सदी में यरुशलम में रहने वाले ईसाइयों की स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी। मुसलमानों ने ईसाइयों एवं ईसा मसीह को मार डाला और उनकी पवित्र समाधि को नष्ट कर दिया। यरूशलम में ईसाइयों को बंदी बनाया तथा उन पर कई प्रकार के टैक्स लगाए गए। उनके घरों पर कीचड़ फेंका गया। उनकी सम्पत्ति छीनकर उन्हें जबरदस्ती मुसलमान बनाया जाता था। फिलिस्तीन में ईसाइयों की स्थिति एवं अत्याचार की सूचनाएँ यूरोप पहुँचने लगीं। पुण्य भूमि को उन यातनाओं व अन्याय से मुक्त करने के लिए यूरोप में विचार होने लगे इन्हीं विचारों के कारण ईसाइयों ने क्रूसेड (धर्मयुद्ध) किए।

Q7. साइमन कमीशन के विरोध पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर – साइमन कमीशन का मुख्य रूप से इसलिए विरोध किया गया क्योंकि इस कमीशन में एक भी भारतीय सदस्य नहीं था, सारे सदस्य अंग्रेज थे। इस आयोग को ब्रिटेन की सरकार ने 1927 में नियुक्त किया था। साइमन आयोग का उद्देश्य यह बताना था कि भारतीय संविधान कैसे कार्य करता है। इस कमीशन की धाराओं में भारतीयों को स्वराज्य दिए जाने का कोई जिक्र नहीं था। 1928 में जब साइमन कमीशन भारत पहुँचा तो उसका स्वागत ‘साइमन गो बैक’ के नारों से किया गया। काँग्रेस और मुस्लिम लीग, सभी पार्टियों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। पंजाब में लाला लाजपत राय ने इस आयोग के विरुद्ध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। पुलिस ने उन पर इतनी लाठियाँ बरसायीं कि इस प्रकार से उनकी मृत्यु हो गयी।

Q8. साम्राज्यवाद क्या है ? साम्राज्यवाद के प्रसार में कौन-कौन-सी परिस्थितियाँ सहायक रहीं ?
उत्तर – जब कोई शक्तिशाली राष्ट्र किसी अन्य कमजोर राष्ट्र पर अपना राजनीतिक एवं आर्थिक नियंत्रण स्थापित कर उनका आर्थिक शोषण करता है तो उसे साम्राज्यवाद कहते हैं। अतः साम्राज्यवाद तब होता है जब कोई देश या एक साम्राज्य अपनी शक्ति का उपयोग करके अन्य देशों को प्रभावित करता है।
साम्राज्यवाद के प्रसार में सहायक परिस्थितियाँ :
(i) यूरोपीय देशों में औद्योगिक क्रांति
(ii) अतिरिक्त पूँजी का निर्यात
(iii) यातायात व संचार के साधनों का विकास
(iv) उग्र-राष्ट्रवाद की भावना
(v) ईसाई पादरियों या धर्म प्रचारकों की भूमिका
(vi) असभ्य को सभ्य बनाना
(vii) खोजकर्ताओं का योगदान
(viii) एशिया और अफ्रीका में अनुकूल परिस्थितियाँ
(ix) यूरोप की जनसंख्या में वृद्धि आदि

अथवा

इंदिरा गांधी ने 1975 ई० में आपातकाल क्यों लागू किया ?
उत्तर – 25 जून 1975 से लेकर 21 मार्च 1977 तक यानी कि 21 महीने भारत में आपातकाल घोषित किया गया था,उस वक्त राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भारतीय पीएम इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी थी, स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था, जिसने उस वक्त देश में एक अलग तरह की दहशत और खौफ को भर दिया था। भारतीय लोकतंत्र में 25 जून की तारीख ‘ब्लैक डे’ के नाम से याद की जाती है।
दरअसल आपातकाल के पीछे साल 1971 का चुनाव था, उस साल इंदिरा गांधी ने रायबरेली सीट पर तेज-तर्रार नेता राजनारायण को पराजित किया था लेकिन राजनारायण ने उल्टा इंदिरा गांधी पर चुनाव में धांधली करने का आरोप लगा दिया था और उनके खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए थे, जिसके हाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का चुनाव निरस्त कर छह साल तक चुनाव लड़ने पर बैन कर दिया था लेकिन इंदिरा गांधी पर सुप्रीम कोर्ट चली गईं, विपक्ष ने विद्रोह शुरू कर दिया और उसके बाद वो उन्होंने 25 जून को इमरजेंसी का ऐलान कर दिया ।

Q9. दिए गए भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित स्थानों को दर्शाइए :
(i) वह स्थान जहाँ कांग्रेस 1942 में भारत-छोड़ो आन्दोलन प्रस्ताव पास किया (मुंबई, महाराष्ट्र)
(ii) वह स्थान जहाँ 1907 में कांग्रेस दो टुकड़ों में विभाजित हो गई (सूरत, गुजरात)
(iii) भारत में फ्रांस का एक उपनिवेश (पांडिचेरी, तमिलनाडु)
(iv) वह स्थान जहाँ जनरल डायर के आदेश पर गोली चलाई गई (अमृतसर, पंजाब)

(Political Science)
Q10. बेल्जियम में केन्द्र व राज्य सरकारों के अतिरिक्त अन्य कौन-सी सरकार है ?
(A) ग्राम पंचायत
(B) स्थानीय सरकार
(C) सामुदायिक सरकार
(D) जिला परिषद्
उत्तर – (C) सामुदायिक सरकार

Q11. भारतीय संविधान में हिन्दी के अतिरिक्त अन्य कितनी भाषाओं को अनुसूचित भाषा का दर्जा दिया गया है ?
(A) 20
(B) 21
(C) 22
(D) 23
उत्तर – (B) 21

Q12. बोलीविया कहाँ स्थित है ?
उत्तर – दक्षिण अमेरिका

Q13. मैक्सिको सिटी में ओलंपिक कब हुए थे ?
उत्तर – 1968 मे

Q14. एक लोकतांत्रिक सरकार ……….. के प्रति उत्तरदायी होती है।
उत्तर – जनता

Q15. श्रम के लैंगिक विभाजन का क्या अर्थ है ?
उत्तर – जब ऐसा माना जाता है कि कुछ कार्य महिलाओं के लिये और कुछ पुरुषों के लिये ही बने हैं तो ऐसी स्थिति को श्रम का लैंगिक विभाजन कहते हैं। उदाहरण के लिए औरतों की मुख्य जिम्मेवारी गृहस्थी चलाने और बच्चों का पालन-पोषण करने की है।

Q16. भारत में दबाव समूह की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर – दबाव समूह वह संगठित तथा असंगठित समूह होते हैं जो सरकार की नीतियों को प्रभावित करते हैं तथा अपने हितों को बढ़ावा देते हैं। उनकी कुछ उद्देश्य होते हैं तथा वे सरकार पर दबाव डालकर अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के प्रयास करते हैं। ये प्रत्यक्ष रुप से कभी भी चुनाव नहीं लड़ते बल्कि ये अपने प्रभाव से सत्ता को नियंत्रण में रखते हैं। ये सीधे रूप से राजनीतिक सत्ता पर नियंत्रण नहीं रखते हैं। उदाहरण- लेबर यूनियन, छात्र संघ, व्यापारी संघ, किसान संगठन आदि।

Q17. लोकतंत्र कैसे एक वैध शासन उपलब्ध कराता है ?
उत्तर – (i) लोकतांत्रिक शासन में सभी निर्णय कानून और नियम अनुसार लिए जाते हैं।
(ii) लोकतंत्र में नागरिकों के प्रति सरकार की पारदर्शिता होती है और नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि किसी भी निर्णय में कानून या नियम का पालन हुआ है या नहीं।
(iii) यदि कहीं भी नागरिकों को ऐसा लगता है कि सरकार ने नियम और कानून द्वारा कार्य नहीं किया है तो नागरिकों को विरोध करने का भी अधिकार है ।
यही कारण है कि अन्य शासन प्रणालियों की तुलना में लोकतंत्र अधिक वैध उपलब्ध कराता है।

Q18. 1992 के संविधान संशोधन के पहले और बाद के स्थानीय शासन के महत्त्वपूर्ण अंतरों को बताइए।
उत्तर – (i) 1992 के पहले स्थानीय सरकारों के लिए नियमित रूप से चुनाव नहीं होते थे, परन्तु 1992 के संविधान के बाद नियमित रूप से चुनाव होने लगे।
(ii) 1992 के पहले महिलाओं के लिए, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए एवं पिछड़े वर्ग के लिए सींटे आरक्षित नहीं थी। जबकि 1992 के संविधान के बाद महिलाओं के लिए, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए एवं पिछड़े वर्ग के लिए भी सींटे आरक्षित की गई।
(iii) 1992 के पहले स्थानीय सरकार के पास अपने कोई अधिकार या संसाधन नहीं थे। परन्तु 1992 के संविधान के बाद की राज्य सरकारों से यह अपेक्षा की गई, वे अपने राजस्व और अधिकारों के कुछ अंश स्थानीय सरकारों को देगी।

Q19. भारत में राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न क्यों आवंटित किए जाते हैं ?
उत्तर – राजनैतिक दलों के लिए चुनाव चिह्न होना जरूरी है क्योंकि चिह्न न होने से उनकी जनता में पहचान, प्रचार कार्य, चुनाव का कार्य समुचित रूप से नहीं हो सकता है। चुनाव चिह्न, वोट डालने के दौरान पार्टियों की पहचान करने में लोगों की मदद करते हैं। बहुत से ऐसे अनपढ़ लोग हैं जो पढ़ नहीं सकते, उनके लिए ये चिन्ह वोट डालने के काम आते हैं।

Q20. आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं ?
उत्तर – आधुनिक लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी के विभिन्न तरीके हैं :
(i) सत्ता का क्षैतिज विभाजन – यह सरकार के विभिन्न अंगों के बीच शक्ति का बँटवारा है, उदाहरण के लिए, कार्यपालिका, विधानमंडल और न्यायपालिका द्वारा शक्ति का बँटवारा। इस प्रकार की शक्ति-साझाकरण व्यवस्था में, सरकार के विभिन्न अंग, एक ही स्तर पर, विभिन्न शक्तियों का प्रयोग करते थे। इस तरह का अलगाव सुनिश्चित करता है कि कोई भी अंग असीमित शक्ति का प्रयोग नहीं कर सकता है, जिससे एक दूसरे पर रोक लग जाती है।
(ii) सत्ता का कार्यक्षेत्र विभाजन – यह विभिन्न स्तरों पर सरकारों के बीच सत्ता के बँटवारे की व्यवस्था है। उदाहरण के लिए, पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार और प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तर पर सरकारें। भारत में, हम इसे केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, नगर पालिका, ग्राम पंचायत आदि के रूप में संदर्भित करते हैं। संविधान सरकार के विभिन्न स्तरों की शक्तियों को निर्धारित करता है।
(iii) विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच शक्ति का विभाजन – शक्ति को विभिन्न समूहों के बीच भी साझा किया जा सकता है जो विभिन्न धार्मिक और भाषाई समूहों की तरह सामाजिक रूप से भिन्न होते हैं। बेल्जियम में ‘सामुदायिक सरकार’ इस प्रकार की सत्ता की साझेदारी का एक अच्छा उदाहरण है। भारत में आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों की प्रणाली एक और उदाहरण है। इस तरह की व्यवस्था का उपयोग अल्पसंख्यक समुदायों को सत्ता में उचित हिस्सा देने के लिए किया जाता है, जो अन्यथा सरकार से अलग-थलग महसूस करेंगे।
(iv) राजनीतिक दलों, दबाव समूहों और आंदोलनों के बीच शक्ति का विभाजन – समकालीन लोकतंत्रों में ऐसा विभाजन विभिन्न दलों के बीच प्रतिस्पर्धा का रूप ले लेता है, जो बदले में यह सुनिश्चित करता है कि सत्ता एक हाथ में न रहे और विभिन्न विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच साझा की जाती है।

अथवा

लोकतंत्र की प्रमुख चुनौतियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर – लोकतंत्र की प्रमुख चुनौतियाँ इस प्रकार हैं :
(i) भ्रष्टाचार और अक्षमता – कई लोकतांत्रिक देशों में, राजनीतिक नेता, अधिकारी, भ्रष्ट, बेईमान और अक्षम होते हैं। वे रिश्वत मांगते हैं। इसका परिणाम नागरिकों के विश्वास की कमी है। इससे देश में लोकतंत्र के कामकाज पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
(ii) असामाजिक तत्वों की भूमिका – चुनाव के दौरान असामाजिक तत्वों की भूमिका सामने आती है। बहुत सारे लोगों को किसी विशेष उम्मीदवार या पार्टी को वोट देने के लिए मजबूर किया जाता है या रिश्वत दी जाती है। चुनाव के दौरान धांधली भी होती है।
(iii) लोगों के बीच बढ़ती आर्थिक और सामाजिक असमानताएँ – लोगों के बीच बहुत अधिक सामाजिक आर्थिक असमानताएं हैं। हालांकि सभी नागरिकों को मतदान करने और चुनाव लड़ने का अधिकार है, केवल अमीर लोगों के पास चुनाव जीतने का मौका है।
(iv) जातिवाद और सांप्रदायिकता – चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में मतदाता उम्मीदवार की जाति और धर्म को तवज्जो देते हैं। राजनीतिक दल चुनाव के लिए टिकट बांटते समय व्यक्ति की जाति या धर्म को भी ध्यान में रखते हैं। जाति या धर्म के आधार पर चुने गए प्रतिनिधि केवल अपनी जाति या धर्म के लोगों के कल्याण के लिए काम करते हैं।

(Geography)
Q21. निम्नलिखित चट्टानों में से किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है ?
(A) तलछटी चट्टान
(B) आग्नेय चट्टान
(C) कायांतरित चट्टान
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (A) तलछटी चट्टान (अवसादी चट्टान)

Q22. निम्न में से कौन-सी एजेन्सी सार्वजनिक क्षेत्र में स्टील को बाजार में उपलब्ध कराती है ?
(A) हेल
(B) टाटा स्टील
(C) सेल
(D) एम०एन०सी०सी०
उत्तर – (C) सेल
(SAIL = Steel Authority of India Limited)

Q23. अधात्विक खनिज का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर – चूना पत्थर, जिप्सम और अभ्रक।

Q24. किस देश को कपास के पौधे का मूल स्थान माना जाता है ?
उत्तर – भारत

Q25. चार नवीनीकरण योग्य ऊर्जा संसाधनों के नाम बताइए।
उत्तर – वे संसाधन जिन्हें एक बार उपयोग करने के बाद फिर से पुनः स्थापित किया जा सके और पुन: उपयोग में लाया जा सके, उन्हें नवीनीकरण संसाधन कहते हैं। उदाहरण- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलीय उर्जा, ज्वारीय उर्जा, बायोमास आदि।

Q26. जैव और अजैव संसाधनों के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर : जैव संसाधन – इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमें जीवन व्याप्त है। उदाहरण- मनुष्य, पशु, वनस्पति, फसल आदि।
अजैव संसाधन – वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं। उदाहरण- धातुएँ, पत्थर, जल, मिट्टी आदि।

Q27. खनिज की परिभाषा देते हुए मुख्य तीन प्रकार के खनिज बताइए।
उत्तर – खनिज, प्राकृतिक रूप से मिलने वाले वे पदार्थ हैं जिनके अपनी भौतिक विशेषताएं और एक निश्चित रासायनिक संरचना होती है, जो वस्तुएँ पृथ्वी के धरातल से खोदकर या खनन द्वारा निकाली जाती हैं, उन्हें खनिज पदार्थ कहते हैं।
खनिज के तीन प्रकार हैं – धात्विक खनिज, अधात्विक खनिज तथा ऊर्जा खनिज।

Q28. परिवहन के साधन बताते हुए रेल परिवहन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : सबसे प्रमुख परिवहन के साधन हैं – हवाई परिवहन, रेल परिवहन, सड़क परिवहन और जल परिवहन।
रेल परिवहन – रेल परिवहन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें रेलगाड़ियों का उपयोग करके वस्तुओं और लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। रेल परिवहन की सुविधा के माध्यम से, बड़ी मात्रा में सामान, माल, और लोगों को समय पर अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाया जा सकता है। रेलवे लंबी दूरी पर माल के परिवहन के साथ-साथ व्यापार, दर्शनीय स्थलों की यात्रा और तीर्थयात्रा जैसी कई गतिविधियों को भी संभव बनाता है। रेल परिवहन सुरक्षित, सस्ता और प्रभावी होता है। यह ठीक ही कहा गया है कि भारत में रेलवे देश के आर्थिक जीवन को बांधता है और साथ ही उद्योग और कृषि के विकास को गति देता है। रेल परिवहन मैदानी भागों में अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन साधन है, क्योंकि मैदानों की समतल भूमि पर रेलमार्ग बनाना आसान होता है तथा लागत भी कम आती है। इसके अतिरिक्त मैदानी भागों में जनसंख्या की सघनता के कारण यात्रियों की संख्या अधिक होने से आय भी अधिक होती है। आन्तरिक परिवहन की दृष्टि से भारतीय अर्थव्यवस्था में रेलों का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान है। भारत के रेल यातायात का एशिया महाद्वीप में दूसरा तथा विश्व में चौथा स्थान है।

Q29. दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्न को दर्शाइए और उनके नाम उनकी स्थिति के निकट लिखिए :
(i) प्रवरा बांध (महाराष्ट्र)
(ii) फरीदाबाद ऊर्जा संयंत्र (हरियाणा)
(iii) अमृतसर ऊनी वस्त्र उद्योग (पंजाब)

(Economics)
Q30. मान लीजिए कि एक देश में चार परिवार हैं, इन परिवारों की औसत प्रति व्यक्ति आय 5000 रु० है। अगर तीन परिवारों की आय क्रमश: 4000, 7000 व 3000 रुपये है, तो चौथे परिवार की आय क्या है ?
(A) 7,500 रुपये
(B) 3,000 रुपये
(C) 2,000 रुपये
(D) 6,000 रुपये
उत्तर – (D) 6,000 रुपये

Q31. विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग हैं :
(A) नये कारखानों की स्थापना
(B) स्थानीय कम्पनियों की खरीद
(C) स्थानीय कम्पनियों की साझेदारी
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (B) स्थानीय कम्पनियों की खरीद

Q32. कोष्ठक में दिये गये सही विकल्प का प्रयोग कर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिये :
………….. क्षेत्रक के अधिकांश श्रमिकों को रोजगार सुरक्षा प्राप्त होती है। (संगठित / असंगठित )
उत्तर – संगठित

Q33. अर्थव्यवस्था के द्वितीयक क्षेत्रक से क्या अभिप्राय हैं ?
उत्तर – अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र जो प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को अपनी गतिविधियों में कच्चे माल (raw material) की तरह उपयोग करता है, द्वितीयक क्षेत्रक कहलाता है। उदाहरण के लिए लौह एवं इस्पात उद्योग, वस्त्र उद्योग, वाहन, बिस्किट, केक इत्यादि उद्योग। वास्तव में इस क्षेत्रक में विनिर्माण कार्य होता है, यही कारण है कि इसे औद्योगिक क्षेत्रक भी कहा जाता है।

Q34. भारत के लोगों द्वारा ऊर्जा के किन स्रोतों का प्रयोग किया जाता है ? ज्ञात कीजिए।
उत्तर – भारत में ऊर्जा के निम्नलिखित स्रोतों का प्रयोग किया जाता हैं : कोयला, विद्युत, ताप विद्युत, जल विद्युत, पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, सौर ऊर्जा, मानव संसाधन, पशु साधन, प्राकृतिक ऊर्जा, परमाणु शक्ति ऊर्जा।

Q35. महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी अधिनियम, 2005 का क्या उद्देश्य था ?
उत्तर – मनरेगा को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, जिसके लिए प्रत्येक परिवार के वयस्क सदस्यों को अकुशल मैनुअल काम करने के लिए स्वयंसेवा किया गया था। मनरेगा का एक और उद्देश्य है टिकाऊ संपत्तियां (जैसे सड़कों, नहरों, तालाबों, कुओं) का निर्माण करें आवेदक के निवास के 5 किमी के भीतर रोजगार उपलब्ध कराया जाना है, और न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करना है। यदि आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर काम नहीं किया गया है, तो आवेदक बेरोजगारी भत्ता के हकदार हैं। इस प्रकार, मनरेगा के तहत रोजगार एक कानूनी हकदार है।

Q36. भारत सरकार द्वारा विदेशी व्यापार एवम् विदेशी निवेश पर अवरोधक लगने के क्या कारण थे? इन अवरोधों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी ?
उत्तर – भारत सरकार ने स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगा दिए थे। ये अवरोधक सन् 1991 तक लगे रहे। सरकार ने विदेशी प्रतिस्पर्धा से देश में उत्पादकों की रक्षा करने के लिए यह प्रतिबन्ध लगाए। सन् 1950 एवं 1960 के दशक में भारतीय उद्योग अपनी प्रारम्भिक अवस्था में था। इस अवस्था में आयातों से प्रतिस्पर्धा इन उद्योगों को बढ़ने नहीं देती।
यही कारण था कि भारत सरकार ने आयातों को केवल मशीनरी, उर्वरक, खनिज तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं तक ही सीमित रखा और विदेश व्यापार व विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाया। इन अवरोधकों को सरकार इसलिए हटाना चाहती थी क्योंकि सन् 1991 तक भारतीय उत्पादक विश्व के उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो गये थे। अब यह महसूस किया जाने लगा था कि प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों के प्रदर्शन में सुधार होगा क्योंकि उन्हें अपनी गुणवत्ता में सुधार करना आवश्यक होगा।

अथवा

उपभोक्ता के पाँच अधिकार क्या है ? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर – (i) सुरक्षा का अधिकार – उपभोक्ताओं को अधिकार हैं कि वे उन वस्तुओं की बिक्री से अपना बचाव कर सकें जो उनके जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक हैं ।
(ii) सूचना का अधिकार – इसके अंतर्गत गुणवत्ता, मात्रा शुद्धता, स्तर और मूल्य आते हैं। उपभोक्ता को उस उत्पाद या सेवा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए, जिसको वह खरीदने का विचार कर रहा है।
(iii) सुनवाई का अधिकार – उपभोक्ता के हितों से जुड़ी उपयुक्त संस्थाएँ उपभोक्ताओं की समस्याओं पर पूरा ध्यान दें। उपभोक्ता को उसके खरीदे गए उत्पाद या सेवा में कुछ गलत होने पर शिकायत दर्ज करने का अधिकार होता है।
(iv) चुनने का अधिकार – विभिन्न वस्तुओं को देख-परख के चुनाव करने का आश्वासन। उपभोक्ता को स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह कौन सा उत्पाद या सेवा खरीदना चाहता है।
(v) शिकायतें निपटाने का अधिकार – उपभोक्ताओं के शोषण व अनुचित व्यापारिक क्रियाओं के विरुद्ध निदान और शिकायतों का सही प्रकार से निपटाना।

 

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