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HBSE Class 10 Hindi Important Question Answer 2025
क्षितिज (काव्य-खंड)
1. ‘पुरइनि पात’ किसका पत्ता होता है ?
(क) कमल
(ख) गुलाब
(ग) चंपा
(घ) चमेली
उत्तर – (क) कमल
2. ‘राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद’ काव्यांश रामचरितमानस के कौन-से कांड से लिया गया है ?
(क) बालकांड
(ख) अयोध्याकांड
(ग) सुंदरकांड
(घ) उत्तरकांड
उत्तर – (क) बालकांड
3. ‘सीवन उधेड़ना’ का अर्थ है :
(क) सिलाई उधेड़ना
(ख) सिलना
(ग) जीवन के रहस्य जानना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) जीवन के रहस्य जानना
4. उत्साह एक आहवान गीत है, यह किसे संबोधित है :
(क) बादल को
(ख) बिजली को
(ग) फागुन को
(घ) सावन को
उत्तर – (क) बादल को
5. कवि की झोपड़ी में क्या खिल रहे थे?
(क) गुलाब
(ख) जलजात
(ग) चंपा
(घ) जूही
उत्तर – (ख) जलजात
6. संगतकार का क्या काम है ?
(क) गीत गाना
(ख) परामर्श देना
(ग) मुख्य गायक की आवाज़ में अपनी आवाज़ मिलाना
(घ) प्रशंसा करना
उत्तर – (ग) मुख्य गायक की आवाज़ में अपनी आवाज़ मिलाना
7. उद्धव को बड़भागी कहने में कौन-सा भाव निहित है ?
(क) हास्य
(ख) व्यंग्य
(ग) उपेक्षा
(घ) प्रशंसा
उत्तर – (ख) व्यंग्य
8. पाठ्यक्रम में निहित ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ की भाषा क्या है ?
(क) ब्रज
(ख) मैथिली
(ग) अवधी
(घ) राजस्थानी
उत्तर – (ग) अवधी
9. किसकी स्मृति को कवि ने पाथेय कहा है ?
(क) राहगीर की
(ख) पत्नी की स्मृति को
(ग) मित्र की स्मृति को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) पत्नी की स्मृति को
10. फागुन में गाया जाने वाला गीत है :
(क) फाग
(ख) कजरी
(ग) फाग और कजरी दोनों
(घ) कोई नहीं
उत्तर – (क) फाग
11. फसल कितने हाथों के स्पर्श की गरिमा है :
(क) एक
(ख) दो
(ग) हज़ारों
(घ) करोड़ों
उत्तर – (घ) करोड़ों
12. तारसप्तक किसे कहा गया है :
(क) सरगम के निम्न स्वर को
(ख) सरगम के उच्च स्वर को
(ग) सरगम के मध्यम स्वर को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) सरगम के उच्च स्वर को
13. ‘गुर चाँटी ज्यों पागी’ में गुर क्या है ?
(क) गुरु
(ख) शिक्षक
(ग) बड़ा
(घ) गुड़
उत्तर – (घ) गुड़
14. ‘गर्भन्ह के अर्भक दलन’ यहाँ ‘अर्भक’ का क्या अर्थ है ?
(क) भस्म
(ख) बच्चा
(ग) गंधक
(घ) शत्रु
उत्तर – (ख) बच्चा
15. ‘आत्मकथ्य’ कविता में ‘मधुप’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया है ?
(क) मन के लिए
(ख) बगीचे के लिए
(ग) शहद के लिए
(घ) मधुरता के लिए
उत्तर – (क) मन के लिए
16. ‘विश्व के निदाघ’ से कौन विकल व उन्मन है ?
(क) नेता
(ख) समस्त जन
(ग) अभिनेता
(घ) कोई नहीं
उत्तर – (ख) समस्त जन
17. ‘यह दंतुरित मुस्कान’ कविता में छोटे बच्चे के स्पर्श मात्र से कौन-से फूल झरने लगे ?
(क) गुलाब
(ख) कमल
(ग) शेफालिका
(घ) जूही
उत्तर – (ग) शेफालिका
18. ‘चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में’ – यहाँ ‘अनहद’ का क्या अर्थ है ?
(क) अपार मस्ती
(ख) सीमाहीन
(ग) दुख
(घ) हताशा
उत्तर – (ख) सीमाहीन
19. ‘सु तो ब्याधि हमकौ लै आए’ – यहा ‘ब्याधि’ का क्या अर्थ है ?
(क) शिकारी
(ख) रोग
(ग) परेशानी
(घ) ब्याज
उत्तर – (ख) रोग
20. अयमय खांड न ऊखमय में ‘अयमय’ का क्या अर्थ है ?
(क) स्वयं
(ख) गन्ना
(ग) लोहे से बना हुआ
(घ) खांड से बना हुआ
उत्तर – (ग) लोहे से बना हुआ
21. कवि ने भावहीन मन को क्या कहा है ?
(क) रीती गागर
(ख) अथाह सागर
(ग) सीमित साधन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) रीती गागर
22. ‘निदाघ’ का क्या अर्थ है ?
(क) वसंत
(ख) वर्षा
(ग) गर्मी
(घ) सर्दी
उत्तर – (ग) गर्मी
23. फसल को किसका रूपांतर कहा गया है ?
(क) हवा की थिरकन का
(ख) सूरज की किरणों का
(ग) नदियों के पानी का
(घ) भूरी-काली संदली मिट्टी का
उत्तर – (ख) सूरज की किरणों का
24. गोपियाँ किसे बड़भागी कहते हैं ?
(क) राधा को
(ख) कृष्ण को
(ग) यशोदा को
(घ) उद्भव को
उत्तर – (घ) उद्भव को
25. श्रीराम ने किसके धनुष को तोड़ा था ?
(क) शिव के
(ख) परशुराम के
(ग) जनक के
(घ) ब्रह्मा के
उत्तर – (क) शिव के
26. कवि किसका स्वप्न देखकर जाग गया था ?
(क) धन का
(ख) भूत का
(ग) सुख का
(घ) परीक्षा का
उत्तर – (ग) सुख का
27. ‘उत्साह’ किस प्रकार का गीत हैं ?
(क) प्रेम का
(ख) विरह का
(ग) आह्वान का
(घ) उत्साह का
उत्तर – (ग) आह्वान का
28. ‘चिर प्रवासी मैं इतर’ वाक्यांश में चिर प्रवासी कौन हैं ?
(क) बालक
(ख) कवि
(ग) माँ
(घ) ईश्वर
उत्तर – (ख) कवि
29. संगतकार की आवाज कैसी कही गई हैं ?
(क) भारी
(ख) ऊँची
(ग) अति मधुर
(घ) कमजोर
उत्तर – (क) भारी
क्षितिज (गद्य-खंड)
30. हालदार साहब हर 15वें दिन किस लिए कस्बे से गुजरते थे ?
(क) घरेलू काम से
(ख) कंपनी के काम से
(ग) बाजार के काम से
(घ) खेत के काम से
उत्तर – (ख) कंपनी के काम से
31. बालगोबिन भगत की प्रभातियाँ कब तक चलती थीं ?
(क) कार्तिक
(ख) आषाढ़
(ग) अश्विन
(घ) फागुन
उत्तर – (घ) फागुन
32. ‘लखनवी अन्दाज’ पाठ में लेखक ने किस पर व्यंग्य किया है ?
(क) अफसरशाही पर
(ख) पतनशील सामंती वर्ग पर
(ग) रेल व्यवस्था पर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) पतनशील सामंती वर्ग पर
33. लेखिका के पिताजी का शब्दकोश कैसा था ?
(क) शब्दवार
(ख) विषयवार
(ग) घटनावर
(घ) मुहावरेदार
उत्तर – (ख) विषयवार
34. हनुमान जयंती के अवसर पर शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायन-वादन की सभा कितने दिनों तक होती है ?
(क) चार दिनों तक
(ख) सात दिनों तक
(ग) पाँच दिनों तक
(घ) नौ दिनों तक
उत्तर – (ग) पाँच दिनों तक
35. सभ्यता को किसका परिणाम कहा गया है ?
(क) संस्कृति का
(ख) समाज का
(ग) देश का
(घ) राष्ट्रीयता का
उत्तर – (क) संस्कृति का
36. चश्मे वाले की देशभक्ति के प्रति कौन नतमस्तक था ?
(क) पानवाला
(ख) हालदार साहब
(ग) कैप्टन
(घ) पूरा देश
उत्तर – (ख) हालदार साहब
37. बालगोबिन भगत हर वर्ष गंगा स्नान के लिए कितने कोस की दूरी तय करते थे ?
(क) बीस कोस
(ख) तीस कोस
(ग) चालीस कोस
(घ) दो कोस
उत्तर – (ख) तीस कोस
38. ‘लखनवी अन्दाज़’ पाठ की क्या विधा है?
(क) नाटक
(ख) कहानी
(ग) निबंध
(घ) व्यंग्य
उत्तर – (घ) व्यंग्य
39. लेखिका मन्नू भंडारी अपनी बड़ी बहन सुशीला से कितने साल बड़ी थी ?
(क) दो वर्ष
(ख) तीन वर्ष
(ग) चार वर्ष
(घ) एक वर्ष
उत्तर – (क) दो वर्ष
40. प्रवेश द्वार के ऊपर मंगल ध्वनि बजाने का स्थान क्या कहलाता है ?
(क) मुख्य द्वार
(ख) नौबतखाना
(ग) ड्योढी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) नौबतखाना
41. रूस का भाग्यविधाता किसे कहा गया है ?
(क) कार्ल मार्क्स
(ख) लेनिन
(ग) महावीर स्वामी
(घ) महात्मा गांधी
उत्तर – (ख) लेनिन
42. ‘नेताजी का चश्मा’ किस विधा की रचना है ?
(क) उपन्यास
(ख) कहानी
(ग) निबंध
(घ) एकांकी
उत्तर – (ख) कहानी
43. बालगोबिन भगत ‘साहब’ किसे कहते थे ?
(क) कबीरदास को
(ख) तुलसीदास को
(ग) अपने पिताजी को
(घ) अपने मित्र को
उत्तर – (क) कबीरदास को
44. ‘नवाबी नस्ल के एक सफ़ेदपोश पालथी मारे बैठे थे’ – यहाँ ‘सफ़ेदपोश’ का क्या अर्थ है ?
(क) सफ़ेद कपड़े पहने व्यक्ति
(ख) भद्रपुरुष
(ग) नवाब
(घ) अमीर
उत्तर – (ख) भद्रपुरुष
45. पिताजी के किस अंतरंग व सम्मानित मित्र ने लेखिका का गर्मजोशी से स्वागत किया ?
(क) यशपाल
(ख) डॉ. अंबालाल
(ग) डॉ. धीरेंद्र वर्मा
(घ) डॉ. भगवतीचरण
उत्तर – (ख) डॉ. अंबालाल
46. दक्षिण भारत के मंगल वाद्य का नाम है :
(क) शहनाई
(ख) मुरली
(ग) नागस्वरम
(घ) वंशी
उत्तर – (ग) नागस्वरम
47. सिद्धार्थ के गृह त्याग का सर्वोच्च क्या लक्ष्य था ?
(क) निर्वाण
(ख) देह सुख
(ग) विद्यार्जन
(घ) मानव सुख
उत्तर – (घ) मानव सुख
48. नेताजी की मूर्ति टोपी की नोक से कोट के दूसरे बटन तक कितने फुट ऊँची थी ?
(क) दो फुट
(ख) तीन फुट
(ग) चार फुट
(घ) एक फुट
उत्तर – (क) दो फुट
49. बालगोबिन भगत की संगीत साधना का चरम उत्कर्ष कब देखा गया ?
(क) बेटे के जन्म पर
(ख) बेटे की शादी पर
(ग) बेटे की मृत्यु पर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) बेटे की मृत्यु पर
50. नवाब साहब ने सीट के नीचे से क्या उठाया ?
(क) लोटा
(ख) जीरा मिला नमक
(ग) चाकू
(घ) तौलिया
उत्तर – (क) लोटा
51. सबसे बड़ी बहन की शादी के समय मन्नू भंडारी कितने वर्ष की थी ?
(क) चार वर्ष
(ख) दस वर्ष
(ग) सात वर्ष
(घ) बारह वर्ष
उत्तर – (ग) सात वर्ष
52. अमीरुदीन का जन्म कहाँ हुआ था ?
(क) काशी में
(ख) डुमराँव में
(ग) बनारस में
(घ) अलीगढ़ में
उत्तर – (ख) डुमराँव में
53. नेता जी की मूर्ति किसने बनाई थी ?
(क) ड्राइवर ने
(ख) पानवाले ने
(ग) ड्राइंग मास्टर ने
(घ) थानेदार ने
उत्तर – (ग) ड्राइंग मास्टर ने
54. बालगोबिन भगत का कद कैसा था ?
(क) लंबा
(ख) मंझोला
(ग) नाटा
(घ) छोटा
उत्तर – (ख) मंझोला
55. नवाब साहब ने खीरे का स्वाद कैसे प्राप्त किया ?
(क) खाकर
(ख) सूंघकर
(ग) सुनकर
(घ) देखकर
उत्तर – (ख) सूंघकर
56. मन्नू भंडारी के पिता ‘भाटियारखाना’ किसे कहते थे ?
(क) मंदिर को
(ख) रसोई को
(ग) दुकान को
(घ) पुस्तकालय को
उत्तर – (ख) रसोई को
क्षितिज (भाग-2)
1. ‘आत्मकथ्य’ कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – ‘आत्मकथ्य’ कविता जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित कविता है। इस कविता में उन्होंने यह संदेश दिया है कि आत्मकथा लिखने के लिए लेखक को अपने जीवन की तमाम अच्छाइयों के साथ बुराइयों अथवा कमियों को भी पूरी ईमानदारी के साथ उजागर करना पड़ता है। अपने मित्रों आदि के बारे में भी सत्य लिखना होता है, अपने निजी तथा व्यक्तिगत क्षणों के बारे में लिखना होता है। अतः या तो व्यक्ति हिम्मत करके वह सब कुछ लिखे अन्यथा झूठी महानता प्राप्त करने के लिए कल्पना का सहारा लेकर आत्मकथा लिखने का कोई महत्व नहीं है।
2. सूरदास के पदों के आधार पर गोपियों का योग साधना के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – गोपियों के अनुसार योग साधना एक कड़वी ककड़ी के समान है जिसे निगला नहीं जा सकता। वे इसे एक ऐसी बीमारी मानती हैं जिसके बारे में न देखा, न सुना और न ही भोगा। वे योग की शिक्षा ऐसे लोगों को देने की बात कहती हैं जिनका मन विचलित या अस्थिर है।
3. ‘उत्साह’ कविता में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – ‘उत्साह’ कविता का मूल स्वर क्रांति है। इस कविता में कवि ने यह संदेश दिया है कि जिस प्रकार बादल अपनी गर्जन-तर्जन से, अपनी विद्युत और वज्र जैसी कठोरता से तप्त धरा को शीतलता और जनजीवन को एक नया जीवन पाने हेतु उत्साहित कर देता है, उसी प्रकार मनुष्य भी अपने अंदर छिपे गुणों व शक्ति की घोषणा करके अपने अधिकार पाने हेतु प्रवृत्त हो सकता है। वह ऐसा करके परतंत्रता की बेड़ियों को भी तोड़ सकता है।
4. गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है ?
उत्तर – गोपियाँ उद्धव को अत्यंत बड़भागी या भाग्यवान कहती हैं। यह बात वे सामान्य ढंग से ना कह कर व्यंग्य रूप में कहती हैं। उनके कहने का तात्पर्य है- उद्धव श्री कृष्ण के पास रहते हुए भी उनके प्रेम के बंधन में नहीं बंधे। यदि वे प्रेम में लीन होते तो उनकी दशा भी गोपियों के समान हो जाती।
5. ‘संगतकार’ कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – ‘संगतकार’ कविता श्री मंगलेश डबराल द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण कविता है। इस कविता का उद्देश्य मुख्य गायक का साथ देने वाले संगतकार की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डालना है। इस कविता के माध्यम से कवि ने यह संवेदनशीलता विकसित करने का प्रयास किया है कि नायक की सफलता में सहायक प्रत्येक व्यक्ति का अपना विशेष महत्त्व है। उनके बिना नायक सफलता के चरम बिंदु पर नहीं पहुँच सकता। संगतकारों का सामने न आना उनकी कमज़ोरी या असफलता नहीं बल्कि उनकी मानवता है।
6. स्मृति को ‘पाथेय’ बनाने से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर – कवि ने स्वयं को इस जीवन रूपी पथ का राहगीर बताया है और इस राहगीर के लिए ‘पाथेय’ अर्थात संबल है उनकी पत्नी की यादें। कई बार जब मनुष्य दुःखी होता है तो सुखी जीवन की स्मृतियाँ ही उसके लिए सहारा बन जाती है। आज कवि अपनी प्रिया की उन यादों का सहारा लेकर अपने जीवन के रास्ते की थकान दूर करता है। स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का आशय जीवन के उन सुनहरे पलों की सुखद यादों से है जो उसने पत्नी के साथ सँजोई थी। अब यही यादें उसके जीवन पथ के लिए सहारा बनी हैं।
7. ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर पानवाले का रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर – पानवाला काला, मोटा व खुशमिजाज व्यक्ति है। क़स्बे के चौहारे पर उसकी पान की दुकान थी। उसकी बड़ी सी तोंद है वह किसी भी बात को जाने बिना ही उस पर टिप्पणी कर देता है। उसके मुँह में पान ठुसा रहता था, जिससे उसके दांत लाल-काले हो गए थे। वह कैप्टन जैसे देशभक्त को लंगड़ा व पागल कहने से नहीं चूकता था। वह संवेदनशील व्यक्ति भी है, कैप्टन की मृत्यु की बात कहते समय उसकी आँखों में आंसू छलक आए थे।
8. लेखक के अनुसार ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अभी तक क्यों नहीं बन पायी है?
उत्तर – लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ शब्दों की सही समझ अब तक इसलिए नहीं बन पाई है, क्योंकि हम इन दोनों बातों को एक ही समझते हैं या फिर एक-दूसरे में मिला लेते हैं। इन दोनों शब्दों के साथ कई बार ‘भौतिक’ और ‘आध्यात्मिक’ जैसे विशेषण भी लगा दिए जाते हैं। इन विशेषणों के प्रयोग के कारण यह निर्णय करना कठिन हो जाता है कि ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ एक ही हैं या फिर अलग-अलग वस्तुएँ हैं। यह जानना ज़रूरी है कि क्या यह एक चीज़ है अथवा दो चीजें हैं? और यदि दो हैं तो दोनों में अंतर क्या है? तभी सही बात समझ में आएगी। इसीलिए ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक नहीं बन पाई है।
9. बालगोबिन पाठ का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा रचित यह पाठ एक संदेशपूर्ण रेखाचित्र है। इस रेखाचित्र के माध्यम से लेखक ने ऐसे अद्भुत चरित्र को हमारे सामने प्रस्तुत किया है जो मनुष्यता, लोक संस्कृति और सामूहिक चेतना का प्रतीक है। लेखक ने स्पष्ट किया है कि वेशभूषा या बाह्य अनुष्ठानों से कोई संन्यासी नहीं होता। संन्यास का आधार तो जीवन के मानवीय सरोकार होते हैं। इस लेख के माध्यम से लेखक ने सामाजिक रूढ़ियों पर भी प्रहार किया है और ग्रामीण जीवन की सजी झांकी प्रस्तुत की है।
10. वास्तविक अर्थों में संस्कृत व्यक्ति किसे कहा जा सकता है ?
उत्तर – जो व्यक्ति अपनी बुद्धि अथवा विवेक से किसी नए तथ्य का दर्शन करता है, वही वास्तव में संस्कृत व्यक्ति कहलाता है। ऐसा व्यक्ति मानवता की भलाई के लिए किसी नई चीज़ का आविष्कार करता है। मनुष्य कोई कितनी ही बारीकिया क्यों न जान ले, परंतु संस्कृत कहलाने का अधिकारी नहीं हो सकता। उस सिद्धांत को प्रतिपादित करने वाला ही संस्कृत व्यक्ति होगा। इसलिए अन्य व्यक्ति न्यूटन से ज्यादा सभ्य हो सकते हैं, लेकिन संस्कृत नहीं।
11. बालगोबिन भगत की दो चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – वे कबीर को ‘साहब’ मानते थे व उन्हीं के दिए हुए आदेशों का पालन करते थे। वे ‘साहब’ को इतना मानते थे कि उनकी खेती में जो कुछ भी पैदा होता तो पहले उसे चार कोस चलकर ‘साहब’ के दरबार में ले जाते थे व प्रसाद स्वरुप चढ़ाते व फिर जो भी बचता उसे भेंट स्वरुप स्वीकार कर गुजारा चलाते थे।
वे बहुत खुले दिल के थे व बेकार में किसी से लड़ाई नहीं करते थे। वह किसी और की चीज को बिना पूछे नहीं छूते थे व न ही उनका प्रयोग करते थे।
12. बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक क्यों कहा जाता है ?
उत्तर – शहनाई मंगलध्वनि का वाद्य है। बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक कहा जाता है। वे सुरों के सच्चे साधक थे। अस्सी बरस की सुर साधना के बाद भी उनको ऐसा लगता था कि अभी उनके शहनाई वादन में कुछ कमी रह गई है। इसीलिए वे अल्लाह से सच्चा सुर माँगते रहे। उनके सुरों में वो जादू था कि सुनने वाले मदहोश हो जाते थे। बालाजी मंदिर हो या संकटमोचन मंदिर या विश्वनाथ का मंदिर – सब जगह उनकी शहनाई का स्वर सुनाई पड़ता है। इसलिए उन्हें शहनाई की मंगलध्वनि का नायक कहा गया है।
13. हालदार साहब की आदत से मजबूर आँखों ने क्या देखा ?
उत्तर – कैप्टन चश्मे वाले की मृत्यु के पश्चात् हालदार साहब ने निश्चय किया था कि वे कस्बे से गुजरते वक्त नेता जी की मूर्ति की तरफ नहीं देखेंगे क्योंकि अब नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाला कोई नहीं रहा हैं, परन्तु अगली बार जब वे उस चौराहे से गुजरे तो आदत से मजबूर उनकी आँखे स्वतः ही नेता जी की मूर्ति की ओर चली गई। उन्होंने देखा कि किसी ने उस मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना छोटा चश्मा लगा दिया था।
14. शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता हैं ?
उत्तर – शहनाई और डुमराँव का गहरा संबंध है। वहां सोन नदी के किनारे नरकट नामक घास मिलती है। इस घास की रीड, शहनाई बजाने के काम आती है। इसके अतिरिक्त प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्ला खाँ की जन्मभूमि भी यही डुमराँव है। इसी कारण शहनाई की दुनियां में डुमराँव को याद किया जाता है।
कृतिका (भाग-2)
15. आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है ?
उत्तर – भोलानाथ की माँ जब तेल डालकर उसकी मालिश करती है और चोटी को गूँथ देती है तो वह सिसकने लगता है। परन्तु अपने साथियों को देखकर सिसकना इसलिए भूल जाता है, क्योंकि बच्चों का स्वभाव होता है कि वह अपनी उम्र के बच्चों के साथ ही खेलना पसंद करता है। भोलानाथ को भी अपने साथियों के साथ उछल-कूद करने में आनंद मिलता था। साथियों के बिना उसकी सारी मौज-मस्ती अधूरी रह जाती है। यदि वह अपने साथियों के सामने रोना-सिसकना जारी रखता, तो वे उसकी हँसी उड़ाते और उसे अपने साथ लेकर खेलने के लिए नहीं जाते। अपने मित्रों के साथ खेलने में भोलानाथ को बहुत आनंद आता था तथा अपने मित्रों के साथ वह तरह-तरह की शरारतें भी करता था। वह अपने साथियों की मस्ती देखकर उसी में मग्न हो जाता है जिस कारण वह सिसकना भूल जाता है।
16. प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन-कौन से दृश्य झकझोर गए ?
उत्तर – जब लेखिका ने सड़क बनाने के लिए पत्थर तोड़ती सुंदर पहाड़ी औरतों को देखा तो इस दृश्य ने उसे झकझोर दिया। उनके शरीर कोमल थे, किंतु हाथों में कुदाल और हथौड़े थे। उनके हाथों में ठाठे पड़े हुए थे और पाँव फूले हुए थे। कई औरतों की पीठ पर बंधी टोकरी में उनके बच्चे थे। मातृत्व और श्रम-साधना एक साथ चल रही थी।
17. लेखक का नाम तारकेश्वर से भोलानाथ कैसे पड़ा ?
उत्तर – बचपन में लेखक का नाम तारकेश्वरनाथ था। उसके सिर पर लंबी-लंबी जटाएँ थीं। जब वह अपने पिता को पूजा करते देखता तब अपने माथे पर तिलक लगवाने का हठ करता। उसके पिता उसके चौड़े माथे पर भभूत से त्रिपुंड (तीन आड़ी रेखाएँ) कर देते। इस रूप में वह बिल्कुल ‘बम भोला’ दिखाई देता। इस तरह उसका नाम तारकेश्वरनाथ से भोलानाथ पड़ गया।
18. ‘कटाओ’ को भारत का स्विट्जरलैंड क्यों कहा जाता है ?
उत्तर – कटाओ लायुंग से 500 फीट की ऊँचाई पर स्थित था। इसे भारत का स्विट्ज़रलैंड कहा जाता है। वह अपनी बर्फीली घाटियों के कारण प्रसिद्ध था। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता असीम है। वह अभी तक सुर्खियों में इसलिए नहीं आया क्योंकि वह अभी तक टूरिस्ट स्पॉट नहीं बना था। वह अभी तक अपने प्राकृतिक स्वरूप में था।
19. ‘माता का अँचल’ शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर – ‘माता का अँचल’ कहानी में माँ के आँचल की सार्थकता को समझाने का प्रयास किया गया है। बालक भोलानाथ का जुड़ाव पिता के साथ दिखाया गया है, परंतु जब वह साँप को देखकर डर जाता है तब वह पिता की अपेक्षा माता की गोद में छिपकर ही शांति व सुरक्षा का अनुभव करता है। भोलानाथ का अपने पिता से अपार स्नेह था, पर विपति के समय जो शांति और प्रेम की छाया उसे अपनी माँ की गोद में जाकर मिली वह शायद उसे पिता से प्राप्त नहीं हो पाती। लेखक ने इसीलिए पिता-पुत्र के प्रेम को दर्शाते हुए भी इस कहानी का शीर्षक ‘माता का अँचल’ रखा है, जो कि पूर्णतः उपयुक्त है।
20. ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ में जितेन नार्गे ने गुरु नानक देव जी से संबंधित किस प्रसंग का उल्लेख किया है ?
उत्तर – जितेन नार्गे ने बताया कि एक पत्थर पर गुरुनानक देव जी के पैरों के निशान हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां गुरुनानक देव जी की थाली से थोड़े से चावल छिटक कर बाहर गिर गए थे। जिस जगह चावल गिरे थे, वहा चावल की खेती होती है।
21. ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ शीर्षक पाठ का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – ‘मैं क्यों लिखता हूँ?’ अज्ञेय जी का एक प्रसिद्ध निबंध है। लेखक ने अपने विचार रखते हुए निबंध में बताया है कि लेखक की भीतरी विवशता ही उसे लिखने के लिए मजबूर करती है और लिखकर ही लेखक उससे मुक्त हो पाता है। प्रत्यक्ष अनुभव जब अनुभूति का रूप धारण करता है, तभी रचना पैदा होती है। अनुभव के बिना अनुभूति नहीं होती, परंतु यह आवश्यक नहीं है कि हर अनुभव अनुभूति बने। लेखक ने अपने द्वारा रचित ‘हिरोशिमा’ कविता की रचना का उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया है कि अनुभव जब भाव जगत् और संवेदना का हिस्सा बनता है, तभी वह कलात्मक अनुभूति में रूपांतरित होता है।
22. लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों ?
उत्तर – लेखक का विचार है कि प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति किसी के लेखन में कहीं अधिक सहायक होती है। अनुभव लेखक के अंदर की विवशता तथा आकुलता को बाहर निकालने में उतना सक्षम नहीं होता जितनी अनुभूति होती है। लेखन के लिए आंतरिक अनुभूति, संवेदना तथा कल्पना का होना अनिवार्य है, न कि सिर्फ अनुभव का। सच्चा लेखन भीतरी विवशता से पैदा होता है। जब तक रचनाकार का हृदय किसी अनुभव के कारण पूरी तरह संवेदित नहीं होता तब तक वह कुछ लिख नहीं पाता। इसलिए प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है।
23. ‘माता का अँचल’ पाठ का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – बचपन की बड़ी अद्भुत, मनोरम एवं सजीव तस्वीर की प्रस्तुती, बच्चों के प्रति माता-पिता स्नेह का वर्णन, बच्चों के प्रति माता-पिता का मित्रवत् व्यवहार, बच्चों की शरारतों, अठखेलियों एवं मनोविनोद का वर्णन।
24. गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा गया है ?
उत्तर – गंतोक एक कठिन पर्वतीय स्थल है। अपने जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यहाँ के लोग मेहनत से घबराते नहीं हैं। कठिनाईयों के बावजूद ये लोग मस्त रहते हैं। इसीलिए गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ कहा गया है।
25. कौन से अनुभव ने लेखक को हिरोशिमा कविता लिखने पर विवश कर दिया।
उत्तर – जापान के हिरोशिमा नामक नगर में घूमते हुए लेखक को सड़क पर एक जले हुए पत्थर पर उस व्यक्ति की लंबी, उजली छाया दिखाई दी, जो परमाणु विस्फोट के समय वहाँ खड़ा रहा होगा। इस विस्फोट के कारण वह भाप बनकर उड़ गया होगा और उसकी छाप उस पत्थर पर पड़ गई होगी। इसी अनुभव से उत्पन्न अनुभूति ने लेखक को ‘हिरोशिमा’ कविता लिखने पर विवश कर दिया।
नैतिक शिक्षा (पाठ्य-पुस्तक)
1. योग किसको जोड़ने का काम करता है ?
(क) शरीर
(ख) मन
(ग) आत्मा
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
2. मनुबाई को ‘छबीली’ कहकर कौन पुकारते थे ?
(क) गंगाधर राव
(ख) पेशवा साहब
(ग) मोरोपंत
(घ) बाजीराव
उत्तर – (ख) पेशवा साहब
3. सालिम अली को किस रूप में जाना जाता है ?
(क) पक्षी विज्ञानी
(ख) पशु विज्ञानी
(ग) चिकित्सा शास्त्री
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) पक्षी विज्ञानी
4. भगिनी निवेदिता का मूल नाम क्या था ?
(क) मनस्वी
(ख) मारग्रेट नोबल
(ग) निवेदिता
(घ) एनी बेसेंट
उत्तर – (ख) मारग्रेट नोबल
5. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है?
(क) 21 जून
(ख) 21 जुलाई
(ग) 20 जून
(घ) 23 जुलाई
उत्तर – (क) 21 जून
6. कौन सी बुराइयाँ मनुष्य के भीतर से निकलती हैं?
(क) छल कपाट
(ख) लंपटता
(ग) अहंकार और धर्महीनता
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
7. जिसके पास धन है, उस व्यक्ति को समाज क्या समझता है?
(क) अच्छे कुल का
(ख) महान
(ग) पंडित
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
8. दुनिया में किसे पूजा जाता है?
(क) न्याय को
(ख) अन्याय को
(ग) देशप्रेम को
(घ) प्रतिष्ठा को
उत्तर – (क) न्याय को
9. कौन-सा आभूषण शाश्वत है ?
(क) वाणी रूपी आभूषण
(ख) कर्म रूपी आभूषण
(ग) सोने का हार
(घ) हीरों का हार
उत्तर – (क) वाणी रूपी आभूषण
10. सरोजिनी नायडू को किस उपाधि से विभूषित किया गया ?
(क) स्वर कोकिला
(ख) भारत रत्न
(ग) भारत कोकिला
(घ) पद्म भूषण
उत्तर – (ग) भारत कोकिला
11. भारत सरकार ने मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न से कब अलंकृत किया ?
(क) 2014 में
(ख) 2015 में
(ग) 2016 में
(घ) 2017 में
उत्तर – (ख) 2015 में
12. राष्ट्रीयता के विकास के लिए अनिवार्य तत्व क्या है ?
(क) राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना
(ख) संस्कृति
(ग) भाषा
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
13. मदन मोहन मालवीय जी विश्वविद्यालय के कुलपति कब से कब तक रहे ?
(क) 1919 से 1932 तक
(ख) 1918 से 1932 तक
(ग) 1919 से 1933 तक
(घ) 1920 से 1932 तक
उत्तर – (क) 1919 से 1932 तक
14. सच्चा मित्र हमें सदा किससे बचाता है ?
(क) अच्छे कर्म से
(ख) बुरे कर्म से
(ग) कोई भी कर्म करने से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) बुरे कर्म से
15. योग का प्रयोग किस लाभ के लिए हमेशा से होता रहा है ?
(क) शारीरिक
(ख) मानसिक
(ग) आध्यात्मिक
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी
16. कितने वर्ष की आयु में रानी लक्ष्मीबाई को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी ?
(क) 16 वर्ष
(ख) 17 वर्ष
(ग) 18वर्ष
(घ) 15 वर्ष
उत्तर – (क) 16 वर्ष
17. भिक्षुक सम्राट किसे कहा जाता हैं ?
(क) महात्मा गांधी को
(ख) मदन मोहन मालवीय को
(ग) सुभाष चंद्र बोस को
(घ) लाला लाजपत राय को
उत्तर – (ख) मदन मोहन मालवीय को
18. महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश कहा दिया ?
(क) गया
(ख) लुम्बिनी
(ग) सारनाथ
(घ) गया
उत्तर – (ग) सारनाथ
19. (क) निम्नलिखित सूक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए :
ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोय ।
औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय ।।
उत्तर – हमें अहंकार से मुक्त होकर ऐसी वाणी का प्रयोग करना चाहिए, जिससे दूसरों को भी शीतलता की प्राप्ति हो तथा हम स्वयं भी शीतल हो जाए।
(ख) सारे गुण कंचन में वास करते हैं।
उत्तर – यहाँ कंचन का अर्थ है – सोना अर्थात् धन दौलत। अगर व्यक्ति के पास ज़रूरत से ज़्यादा धन संचय हो जाता है तो सभी उसके मित्र बन जाते हैं और मुसीबत या संकट आने पर जब धन समाप्त हो जाता है तो उससे मुँह मोड़ लेते हैं। धनवान व्यक्ति को ही गुणवान / बुद्धिमान समझा जाता है।
(ग) जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ है- जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। एक जन्म देने वाली माँ होती जो हमारा लालन पालन करती है। माता स्वयं कष्ट सहकर बच्चे का भविष्य संवारती है और एक अन्न-जल दे कर पालन करने वाली माँ अर्थात जन्मभूमि। कहा भी गया है कि पालन करने वाली माँ (पृथ्वी माँ) जन्म देने वाली माँ से श्रेष्ठ होती है।
20. वास्तव में सच्चा कर्मयोगी कौन है ?
उत्तर – जिस व्यक्ति को कर्म करने में ही आनंद का आभास होने लगता है तब उसकी समस्त शक्ति कर्म की कुशलता पर ही केंद्रित हो जाती हैं। ऐसा व्यक्ति सुख-दुख, हानि-लाभ, जय-पराजय में समान भाव रखता है। ऐसे व्यक्ति को ही सच्च कर्मयोगी कहा जाता है।
21. स्त्री शिक्षा के विषय में मदन मोहन मालवीय के क्या विचार थे ?
उत्तर – स्त्री शिक्षा के विषय में मदनमोहन मालवीय जी के उच्च विचार थे। वे कहा करते थे, “स्त्री शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि स्त्रियाँ भावी सन्तान की माताएँ हैं। उनकी शिक्षा ऐसी हो, जो उनके व्यक्तित्व में प्राचीन तथा नवीन सभ्यता के गुणों का समन्वय कर सके।” इस प्रकार वे चाहते थे कि स्त्रियाँ ऐसी शिक्षा ग्रहण करें जिससे वे अपनी भावी संतान में प्राचीनता के साथ-साथ नवीन गुणों का भी समावेश करे।
22. राष्ट्रीयता किसी भी देश की आत्मा होती है, कैसे ?
उत्तर – राष्ट्रीयता किसी भी देश की आत्मा होती है। इसकी सुदृढ़ता तथा व्यापकता में ही देश की समृद्धि एवं प्रगति निहित है। जो देश आन्तरिक रूप से जितना अधिक सघन और एक है, वह उतना ही सशक्त और प्रभावशाली भी होता है। जिस देश के जन-समुदाय में जितनी अधिक सद्भावना, सहिष्णुता एवं बलिदान की भावना है, वह उतना ही अधिक ऊर्जावान व विकसित होता है।
23. वानप्रस्थ होने से पूर्व ऋषि याज्ञवल्क्य ने अपनी पत्नी से क्या कहा? इससे उनका क्या भाव प्रकट होता हैं।
उत्तर – याज्ञवल्क्य ऋषि की पत्नी मैत्रेयी महान विदुषी थी। जब ऋषि ने वानप्रस्थ होने का विचार किया तो अपनी पत्नी से मन्त्रणा की और कहा कि तुम आज्ञा दो तो मैं वानप्रस्थ होने का विचार रखता हूँ। इससे उनका अपनी पत्नी के प्रति आदर भाव प्रकट होता है और साथ ही नारी के प्रति सम्मान झलकता है।
24. सालिम अली ने अपनी आत्मकथा का क्या नाम रखा व क्यों?
उत्तर : आत्मकथा का नाम – ‘द फॉल ऑफ ए स्पैरो’।
बचपन में अपनी एयरगन का ट्रिगर अचानक दब जाने से आकाश में उड़ती हुई एक पीली चिड़िया के घायल हो जाने के कारण।
हिन्दी (व्याकरण)
1. स्वर संधि को उदाहरण सहित परिभाषित कीजिए।
उत्तर – स्वर का स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं। जैसे: महा + आत्मा = महात्मा
2. व्यंजन संधि को उदाहरण सहित परिभाषित कीजिए।
उत्तर – व्यंजन का स्वर या व्यंजन से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं। जैसे: अभी + सेक = अभिषेक
3. सन्धि-विच्छेद कीजिए :
मतानुसार, भारतेंदु, सोमेश, सूर्योदय, स्वागत, नयन
उत्तर : मतानुसार = मत + अनुसार
भारतेंदु = भारत + इन्दु
सोमेश = सोम + ईश
सूर्योदय = सूर्य + उदय
स्वागत = सु + आगत
नयन = ने + अन
4. कर्मधारय समास किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
उत्तर – जिस समास में दोनों पदों के मध्य विशेषण-विशेष्य या उपमान-उपमेय का संबंध होता है, उसे कर्मधारय समास किसे कहते हैं। जैसे: नीलगगन = नीला है जो गगन।
5. द्विगु समास किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
उत्तर – जिस समास में पूर्व पद संख्यवाचक विशेषण होता है, उसे द्विगु समास किसे कहते हैं। जैसे: दोपहर = दो पहरों का समूह।
6.विग्रह करके समास का नाम लिखिए :
पीताम्बर, मृगनयन, नीलकमल, जन्मान्ध
उत्तर : पीताम्बर = पीला है अम्बर जिसका (बहुव्रीहि समास)
मृगनयन = मृग के समान नयन (कर्मधारय समास)
नीलकमल = नीला है जो कमल (कर्मधारय समास)
जन्मान्ध = जन्म से अंधा (अव्ययीभाव समास)
7. उपसर्गों से एक नया शब्द बनाएँ :
अति, उप, अधि, सु, अनु, अप,
उत्तर : अति = अतिक्रमण
उप = उपकार
अधि = अधिनियम
सु = सुपुत्र
अनु = अनुसार
अप = अपशब्द
8. उपसर्ग छांटिए :
निराकार, अभियान
उत्तर : निराकार = निर्
अभियान = अभि
9. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए :
गृह, घोड़ा, पर्वत, पत्नी, बिजली, राक्षस, सोना
उत्तर : गृह = घर, निकेतन
घोड़ा = अश्व, घोटक
पर्वत = पहाड़, नग
पत्नी = गृहिणी, भार्या
बिजली = विद्युत, दामिनी
राक्षस = निशाचार, दैत्य
सोना = कनक, स्वर्ण
सागर = समुद्र, पारावार
दिन = दिवस, दिवा
10. मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
(i) अंधे की लाठी
उत्तर – एकमात्र सहारा
श्रवण कुमार अपने माता पिता के लिए अंधे की लाठी के समान था।
(ii) आँखें खुलना
उत्तर – होश आना
फेल होने पर राम की आँखें खुल गई।
(iii) अपना उल्लू सीधा करना
उत्तर – अपना ही स्वार्थ सिद्ध करना
आजकल के नेता अपना ही उल्लू सीधा करने में लगे हैं।
(iv) अक़्ल का दुश्मन
उत्तर – मूर्ख होना
मैंने राम को बहुत समझाया परंतु वह तो अक्ल का दुश्मन है।
(v) कठपुतली होना
उत्तर – दूसरे के कहने पर चलना
रमेश तो आजकल अपनी पत्नी के हाथों की कठपुतली हो गया है।
(vi) ईद का चाँद होना
उत्तर – बहुत दिनों बाद दिखाई देना
महेश! बहुत दिनों बाद मिले। तुम तो ईद का चाँद हो गए हो।
11. उपमा अलंकार की परिभाषा सोदाहरण लिखिए।
उत्तर – जहाँ रूप, गुण आदि की समानता के आधार पर किसी साधारण व्यक्ति, वस्तु, प्राणी की तुलना किसी प्रसिद्ध व्यक्ति, वस्तु, प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। जैसे: पीपर पात सरिस मन डोला।
12. रूपक अलंकार की परिभाषा सोदाहरण लिखिए।
उत्तर – जहाँ उपमेय में उपमान का अभेद आरोप किया जाता है, वहाँ रूपक अलंकार होता है। जैसे: मैया मैं तो चन्द्र खिलौना लैहौं।
13. श्लेष अलंकार की परिभाषा सोदाहरण लिखिए।
उत्तर – काव्य में जहां किसी शब्द का भिन्न संदर्भों में अलग-अलग अर्थ निकले, वहाँ श्लेष अलंकार होता है, जैसे: रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरै मोती मानुष चून।।
(यहाँ ‘पानी’ शब्द का भिन्न संदर्भों में ‘चमक’, ‘इज्जत’ एवं ‘जल’ अर्थ प्रकट होता है।)
14. अलंकार पहचान कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए :
(i) पीपर पात सरिस मन डोला।
उत्तर – उपमा अलंकार
(ii) मेघ आए बड़े बन ठन के।
उत्तर – मानवीकरण अलंकार
(iii) काली घटा का घमंड घटा।
उत्तर – यमक अलंकार
ii. हाय, फूल सी कोमल बच्ची।
उत्तर – उपमा अलंकार
15. दोहा छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर – दोहा एक अर्धसममात्रिक छंद है। इसके प्रथम तथा तृतीय चरण में 13-13 तथा द्वितीय एवं चतुर्थ चरण में 11-11 मात्राएं होती हैं। द्वितीय एवं चतुर्थ चरण के अंत में गुरु लघु वर्ण आते हैं।
जैसे: तुलसी या संसार में मिलयो, सबसों धाये ।
ना जाने किस रूप में, नारायण मिल जाये ।।
16. चौपाई छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर – चौपाई एक सम मात्रिक छंद है। इस छंद के प्रत्येक चरण में सोलह मात्राएँ होती हैं और अंत में जगण और तगण नहीं होते।
जैसे: जय हनुमान ज्ञान गुण सागर।
जय कपीश तिहुँ लोक उजागर।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनिपुत्र पवन सुतनामा।
17. वाच्य को परिभाषित करें।
उत्तर – क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि वाक्य में क्रिया को मूल रूप से चलाने वाला कर्ता है, कर्म है या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। जैसे: राम ने खाना खाया।
18. विकारी व अविकारी शब्द अलग-अलग लिखिए :
लड़का, क्योंकि, उसका, बाहर
उत्तर : विकारी शब्द – लड़का, उसका
अविकारी शब्द – क्योंकि, बाहर
जीवन परिचय
जीवन परिचय देते हुए उनकी रचनाओं, साहित्यक विशेषताओं एवं भाषा शैली पर प्रकाश डालिए।
मन्नू भंडारी, स्वंय प्रकाश, रामवृक्ष बेनीपुरी, यतीन्द्र मिश्र, यशपाल
मन्नू भंडारी
• जन्म – मन्नू भंडारी का जन्म सन् 1931 में गाँव भानपुरा, जिला मंदसौर (मध्य प्रदेश) में हुआ।
• शिक्षा – उनकी इंटर तक की शिक्षा-दीक्षा हुई राजस्थान के अजमेर शहर में। उन्होंने हिंदी में एम.ए. किया। दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलिज में अध्यापन कार्य से अवकाश प्राप्ति के बाद दिल्ली में ही रहकर स्वतंत्र लेखन कर रही थी।
• रचनाएं – मन्नू भंडारी की प्रमुख रचनाएँ हैं- एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, यही सच है, त्रिशंकु (कहानी-संग्रह); आपका बंटी, महाभोज मरू (उपन्यास)। इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म एवं टेलीविज़न धारावाहिकों के लिए पटकथाएँ भी लिखी हैं। हाल ही में ‘एक कहानी यह भी’ नाम से आत्म कथ्य का प्रकाशन किया।
• साहित्यिक विशेषताएं – उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए हिंदी अकादमी के शिखर सम्मान सहित उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं जिनमें भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पुरस्कार शामिल हैं।
• भाषा शैली – मन्नू भंडारी की कहानियाँ हों या उपन्यास, उनमें भाषा और शिल्प की सादगी तथा प्रामाणिक अनुभूति मिलती है। उनकी रचनाओं में स्त्री-मन से जुड़ी अनुभूतियों की अभिव्यक्ति भी देखी जा सकती है।
• मृत्यु – मन्नू भंडारी की मृत्यु 15 नवंबर 2021 को 90 वर्ष की आयु में गुड़गांव, हरियाणा में हुई थी।
स्वंय प्रकाश
• जन्म – स्वयं प्रकाश का जन्म सन् 1947 में इंदौर (मध्यप्रदेश) में हुआ।
• शिक्षा – मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके एक औद्योगिक प्रतिष्ठान में नौकरी करने वाले स्वयं प्रकाश का बचपन और नौकरी का बड़ा हिस्सा राजस्थान में बीता। फ़िलहाल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद वे भोपाल में रहते थे और वसुधा पत्रिका के संपादन से जुड़े थे।
• रचनाएं – आठवें दशक में उभरे स्वयं प्रकाश आज समकालीन कहानी के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनके तेरह कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें सूरज कब निकलेगा, आएँगे अच्छे दिन भी, आदमी जात का आदमी और संधान उल्लेखनीय हैं। उनके बीच में विनय और ईंधन उपन्यास चर्चित रहे हैं। उन्हें पहल सम्मान, बनमाली पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादेमी पुरस्कार आदि पुरस्कारों से पुरस्कृत किया जा चुका है।
• साहित्यिक विशेषताएँ – स्वयं प्रकाश के साहित्य पर आदर्शवादी विचारधारा का काफी प्रभाव है। इनकी कृतियों में देश, समाज, नगर-गाँव की सुख-समृद्धि देखने की आकांक्षा प्रकट हुई है। भारतीय सांस्कृतिक जीवन-मूल्य उनमें प्रवाहित हुए हैं।
• भाषा शैली – मध्यवर्गीय जीवन के कुशल चितेरे स्वयं प्रकाश की कहानियों में वर्ग-शोषण के विरुद्ध चेतना है तो हमारे सामाजिक जीवन में जाति, संप्रदाय और लिंग के आधार पर हो रहे भेदभाव के खिलाफ़ प्रतिकार का स्वर भी है। रोचक किस्सागोई शैली में लिखी गईं उनकी कहानियाँ हिंदी की वाचिक परंपरा को समृद्ध करती हैं।
• मृत्यु – इनकी मृत्यु 7 दिसंबर 2019 को हुई।
रामवृक्ष बेनीपुरी
• जन्म – रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म बिहार के मुजफ़्फ़रपुर जिले के बेनीपुर गाँव में सन् 1899 में हुआ। माता-पिता का निधन बचपन में ही हो जाने के कारण जीवन के आरंभिक वर्ष अभावों कठिनाइयों और संघर्षों में बीते।
• शिक्षा – दसवीं तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे सन् 1920 में राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़ गए। कई बार जेल भी गए। 15 वर्ष की अवस्था में बेनीपुरी जी की रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं में छपने लगीं। वे बेहद प्रतिभाशाली पत्रकार थे।
• रचनाएं – उन्होंने अनेक दैनिक, साप्ताहिक एवं मासिक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया, जिनमें तरुण भारत, किसान मित्र, बालक, युवक, योगी, जनता, जनवाणी और नयी धारा उल्लेखनीय हैं। उनका पूरा साहित्य बेनीपुरी रचनावली के आठ खंडों में प्रकाशित है। उनकी रचना – यात्रा के महत्त्वपूर्ण पड़ाव हैं- पतितों के देश में (उपन्यास); चिता के फूल (कहानी); अंबपाली (नाटक); माटी की मूरतें (रेखाचित्र); पैरों में पंख बाँधकर (यात्रा-वृत्तांत); ज़ंजीरें और दीवारें (संस्मरण) आदि।
• साहित्यिक विशेषताएं – उनकी रचनाओं में स्वाधीनता की चेतना, मनुष्यता की चिंता और इतिहास की युगानुरूप व्याख्या है। विशिष्ट शैलीकार होने के कारण उन्हें ‘कलम का जादूगर’ कहा जाता है।
• भाषा शैली – बेनीपुरी जी की भाषा सरल एवं व्यावहारिक है। उनके द्वारा प्रयुक्त खड़ी बोली में सरलता, सुबोधता, सजीवता विद्यमान है। उनकी भाषा में भावानुकूल शब्द चयन किया गया है। उनकी भाषा में संस्कृत के तत्सम शब्दों के साथ-साथ तद्भव, देशज तथा अंग्रेजी एवं उर्दू के शब्दों का भी प्रयोग किया गया है। उनकी भाषा में लोकोक्तियों एवं मुहावरों का भी प्रयोग किया गया है।
• मृत्यु – उनका देहांत सन् 1968 में हुआ।
यतींद्र मिश्र
• जन्म – यतींद्र मिश्र का जन्म सन् 1977 में अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में हुआ।
• शिक्षा – उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से हिंदी में एम.ए. किया। वे आजकल स्वतंत्र लेखन के साथ अर्द्धवार्षिक सहित पत्रिका का संपादन कर रहे हैं। सन् 1999 में साहित्य और कलाओं के संवर्द्धन और अनुशीलन के लिए एक सांस्कृतिक न्यास ‘विमला देवी फाउंडेशन’ का संचालन भी कर रहे हैं।
• रचनाएं – यतींद्र मिश्र के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हुए हैं – यदा-कदा, अयोध्या तथा अन्य कविताएँ, ड्योढ़ी पर आलाप । इसके अलावा शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी के जीवन और संगीत साधना पर एक पुस्तक गिरिजा लिखी। रीतिकाल के अंतिम प्रतिनिधि कवि द्विजदेव की ग्रंथावली (2000) का सह-संपादन किया। कुँवर नारायण पर केंद्रित दो पुस्तकों के अलावा स्पिक मैके के लिए विरासत-2001 के कार्यक्रम के लिए रूपंकर कलाओं पर केंद्रित थाती का संपादन भी किया।
• साहित्यिक विशेषताएं – यतींद्र मिश्र ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज और संस्कृति के अनेक पहलुओं का चित्रण किया है। उन्होंने कविता, संगीत और अन्य ललित कलाओं को समाज के साथ जोड़ा है। उन्होंने समाज के अनेक भावुक प्रसंगों को बड़ी ही सहजता से शब्दों में पिरोया है। उनकी रचनाओं के माध्यम से समाज के निकटता से दर्शन होते हैं।
• भाषा शैली – उनकी भाषा सहज, सरल, प्रवाहमयी, व्यावहारिक भाषा-शैली तथा प्रसंगों के अनुकूल है। उनकी रचनाओं में भावुकता और संवेदना का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। कृति को प्रभावशाली बनाने के लिए उन्होंने लोक प्रचलित शब्दों के साथ-साथ सूक्तियों का भी प्रयोग किया है। उर्दू-फारसी, तत्सम तथा उद्भव शब्दों का भरपूर प्रयोग किया गया है।
यशपाल
• जन्म – यशपाल का जन्म सन् 1903 में पंजाब के फीरोज़पुर छावनी में हुआ।
• शिक्षा – प्रारंभिक शिक्षा काँगड़ा में ग्रहण करने के बाद लाहौर के नेशनल कॉलेज से उन्होंने बी.ए. किया। वहाँ उनका परिचय भगत सिंह और सुखदेव से हुआ। स्वाधीनता संग्राम की क्रांतिकारी धारा से जुड़ाव के कारण वे जेल भी गए।
• रचनाएं – यशपाल की रचनाओं में आम आदमी के सरोकारों की उपस्थिति है। सामाजिक विषमता, राजनैतिक पाखंड और रूढ़ियों के खिलाफ़ उनकी रचनाएँ मुखर हैं। उनके कहानी संग्रहों में ज्ञानदान, तर्क का तूफ़ान, पिंजरे की उड़ान, वा दुलिया, फूलो का कुर्ता उल्लेखनीय हैं। उनका ‘झूठा सच’ उपन्यास भारत विभाजन की त्रासदी का मार्मिक दस्तावेज़ है। अमिता, दिव्या, पार्टी कामरेड, दादा कामरेड, मेरी तेरी उसकी बात, उनके अन्य प्रमुख उपन्यास हैं।
• भाषा शैली – भाषा की स्वाभाविकता और सजीवता उनकी रचनागत विशेषता है। वे यथार्थवादी शैली के विशिष्ट रचनाकार हैं।
• मृत्यु – उनकी मृत्यु सन् 1976 में हुई।