Haryana Board (HBSE) Class 9 Physical Education Question Paper 2023 Answer Key. Haryana Board Class 9th Physical Education Solved Question Paper 2023 PDF Download. HBSE Board Solved Question Paper Class 9 Physical Education 2023. BSEH Class 9 Physical Education Paper Solution 2023. HBSE 9th Physical Education Solved Question Paper 2023. HBSE 9th Class Physical Education Solved Question Paper 2023.
HBSE Class 9 Physical Education Question Paper 2023 Answer Key
Q1. स्कूली स्वास्थ्य कार्यक्रम के विभिन्न तत्त्वों का उल्लेख कीजिए। यह सभी तत्त्व बच्चों के स्वास्थ्य को किस प्रकार प्रभावित करते हैं ?
उत्तर – स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत विद्यालयों में स्वास्थ्य सेवाएँ संबंधी कार्यक्रमों को चलाया जाता है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य प्रत्येक छात्र का शारीरिक, मानसिक और भावात्मक रूप से अधिक से अधिक स्वास्थ्य का विकास करना होता है। विद्यालय प्रशासन के द्वारा इस ओर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए जिससे छात्र स्वस्थ जीवन जीते हुए नीरोगी रहे।
स्कूली स्वास्थ्य कार्यक्रम में निम्नलिखित तत्त्व होते हैं :
(i) स्वच्छता – इसमें स्कूल के वातावरण को साफ-सुथरा रखने के लिए सम्मिलित किया जाता है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर अधिक विशेष ध्यान दिया जाता है।
(ii) स्वास्थ्य जागरूकता – इसमें बच्चों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने के लिए सम्मिलित किया जाता है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की अधिकतम संभावना होती है।
(iii) संबंधों का समर्थन – इसमें बच्चों के संबंधों को समर्थन करने के लिए सम्मिलित किया जाता है। इससे बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
(iv) स्वस्थ आहार – इसमें स्कूल में स्वस्थ आहार प्रदान करने के लिए सम्मिलित किया जाता है। इससे बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया जाता है।
(v) शारीरिक गतिविधि – इसमें स्कूल में शारीरिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मिलित किया जाता है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर अधिक प्रभाव पड़ता है।
इन सभी तत्त्वों का संयोग बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारता है और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रोत्साहित करता है।
अथवा
स्वास्थ्य शिक्षा से क्या अभिप्राय है ? इसके महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर – स्वास्थ्य शिक्षा का अभिप्राय बच्चों को स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जागरूक करना है। यह बच्चों को सही आहार, स्वस्थ व्यवहार और स्वस्थ मानसिकता के बारे में सिखाता है।
स्वास्थ्य शिक्षा का महत्त्व – स्वास्थ्य शिक्षा का जीवन मे बहुत महत्त्व है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया जाता है और उन्हें सही जीवन शैली के बारे में समझाया जाता है। स्वस्थ जीवन शैली के पालन से बच्चों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सही आहार, संतुलित व्यवहार और स्वस्थ मानसिकता से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में सकारात्मक प्रभाव होता है। स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से बच्चों को संबंधों के महत्त्व, सही आहार का महत्त्व, नियमित शारीरिक गतिविधि का महत्त्व और स्वस्थ मानसिकता के बारे में समझाया जाता है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की अधिकतम संभावना होती है और उन्हें सही जीवन शैली के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इसलिए, स्वास्थ्य शिक्षा का महत्त्व बच्चों के स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जागरूकता फैलाने में होता है। इससे उन्हें सही समझ और संबंधों के महत्त्व के बारे में जानकारी मिलती है।
Q2. योग और प्राणायाम में अंतर स्पष्ट कीजिए। योगासन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर – योग और प्राणायाम दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। योग शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बनाए रखता है जबकि प्राणायाम सेहतमंद जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। योग शब्द का अर्थ जुड़ना या जोड़ना होता है। वहीं, प्राणायाम शब्द का अर्थ है श्वास का योग होता है। योग एक प्रकार का व्यायाम है, जो शरीर को लचीला बनाने का काम करता है। वहीं, प्राणायाम कुछ अभ्यासों के माध्यम से श्वास का नियम है। योग आमतौर पर प्राणायाम को सफल बनाता है। वहीं, प्राणायाम योगासन के बाद किया जाता है। योग अस्थमा जैसी बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। वहीं, प्राणायाम हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
योगासन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –
निर्धारित समय के लिए योग करें, जिससे समय के साथ-साथ, आपके शरीर को भी स्थिरता मिलेगी। सही पोजीशन में बैठें, सही पोजीशन में बैठने से आपके शरीर को ज्यादा से ज्यादा फायदा होगा। योग करते समय, सही तरीके से अपने हाथ और पैरों को व्यवस्थित करें। अपनी सांसों को संयमित करें। सही सांस लेने से आपके शरीर को और ज्यादा फायदा होगा। योग करते समय सबसे ध्यान रखने वाली बात है कि, आपका पेट खाली रहना चाहिए। इसका मतलब है कि, भोजन करने के 5 या 6 घंटे बाद ही योग करना चाहिए। योग करने के लिए सर्वोत्तम समय है प्रातःकाल है, योग करने के लिए शारीरिक तनाव नही होना चाहिए। योग हमेशा ही मैट पर करना चाहिये खाली भूमि में कभी भी योग नही करना चाहिये।
अथवा
दैनिक जीवन में योग के महत्त्व का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर – दैनिक जीवन में योग का महत्त्व असीम है। योग शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बनाए रखता है और स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है। योग करने से हमारे शरीर की संरचना मजबूत होती है और हमारी मानसिक स्थिति भी सुधरती है।
योग करने से हमारे शरीर का रक्त संचार बेहतर होता है, सांस लेने की क्षमता बढ़ती है, मानसिक स्थिति सुधरती है, स्पोर्ट्स प्रदर्शन में सुधार होता है, स्ट्रेस कम होता है, नींद में सुधार होता है, अस्थमा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, विकारों से बचाव होता है। योग करने से हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। योग करने के लिए हमें प्रतिदिन कुछ समय निकालना चाहिए। योग करने से पहले हमें सही पोजीशन में बैठना चाहिए और सही सांस लेना चाहिए।
इसके अलावा, हमें स्वस्थ आहार लेना चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए, स्पष्ट मन के साथ काम करना चाहिए, प्रकृति में समय बिताना चाहिए, अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना चाहिए। योग एक आध्यात्मिक अनुभव है, जो हमें अपने आत्मा से जोड़ता है। योग करने से हम अपने आत्मा के संग संपर्क में आते हैं और अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। इसलिए, हमें नियमित योग करना चाहिए और अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहिए।
Q3. व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारकों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर – व्यक्तिगत स्वास्थ्य से अभिप्राय है कि हम कैसे अपने-आपको मेहनत करने के योग्य, स्वस्थ तथा नीरोग बना सकते हैं जिससे हम अपने जीवन का अधिक-से-अधिक लाभ समाज और देश को दे सकें तथा अपने-आपको नीरोग बना सकें। अतः हम कह सकते हैं कि स्वास्थ्य ही व्यक्ति की सबसे बड़ी संपत्ति है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य दो शब्दों से मिलकर बना है- ‘व्यक्ति’ एवं ‘स्वास्थ्य’। इससे स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य की सफाई के सिद्धांत, व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर व्यवहार में लाए जाते हैं। इसके लिए व्यक्ति को स्वयं ही प्रयत्नशील होना पड़ता है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य संबंधी आचरण; जैसे शरीर की स्वस्थता, दाँतों की सफाई, आँखों की सफाई, बालों की सफाई, हाथों की सफाई, भोजन या आहार, व्यायाम तथा मद्यपान संबंधी नियमों का पालन आदि इसके अंतर्गत आते हैं। इनके प्रति लापरवाही हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।
व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं –
स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, सही नींद, अधिक स्ट्रेस से बचना, संतुलित मानसिक स्थिति, नियमित मेडिटेशन या योग, आनुवांशिकी, बाहरी वातावरण, रहन-सहन का तरीका, सामाजिक परिप्रेक्ष्य तथा स्वास्थ्य सेवाएँ।
अथवा
निम्नलिखित मुद्राओं पर संक्षिप्त नोट लिखिए :
(a) अच्छी मुद्रा या उचित आसन
उत्तर – अच्छे आसन से अभिप्राय व्यक्ति के शरीर का ठीक एवं उचित संतुलन में होना है। प्रत्येक व्यक्ति के शरीर का संतुलन विभिन्न क्रियाओं; जैसे उठना, बैठना, खड़े होना, लिखना, पढ़ना, लेटना आदि को करते हुए उचित या अच्छा होना चाहिए। वास्तव में एक खड़े हुए व्यक्ति का उचित आसन उस अवस्था में होगा, जब उसके शरीर का भार उसके दोनों पैरों पर एक-समान होगा। अच्छी मुद्रा और उचित आसन हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अच्छी मुद्राएं और उचित आसन हमें स्थिरता, संतुलन, शांति और समझौता की भावना प्रदान करते हैं। इससे हमारी मानसिक तनाव कम होता है और हम अपनी सोच को संतुलित रख पाते हैं।
(b) भद्दी मुद्रा या अनुचित आसन
उत्तर – भद्दी मुद्रा या अनुचित आसन मनुष्य के व्यक्तित्व में बाधा डालता है, जिसके कारण मनुष्य में आत्म-विश्वास की कमी आ जाती है। शरीर की स्थिति ठीक अवस्था में न होना अनुचित आसन कहलाता है अर्थात् चलते, बैठते, लिखते, पढ़ते व खड़े होते समय शरीर का उचित अवस्था या स्थिति में न रहना अनुचित आसन कहलाता है। भद्दी मुद्रा या अनुचित आसन हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनसे हमारी मांसपेशियों, हड्डियों, जोड़ों, स्पाइन और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। इसलिए, हमेशा उचित आसन और मुद्राएं करने की सलाह दी जाती है।
Q4. मोच क्या है? मोच पड़ने के विभिन्न कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – किसी ज्वाइंट के लिगामेन्ट जब अपनी क्षमता से अधिक खिंच जाते हैं तो इस प्रकार की चोट को मोच कहते हैं। चोट लगने के साथ ही सूजन शुरू हो जाती है। मोच किसी भी जोड़ में हो सकता है पर एड़ी और कलाई के जोड़ पर ज्यादा मोच आती है। मोच एक ऐसी स्थिति है जब किसी अंग की नस फट जाती है और रक्त का बहाव होता है। यह अंग फूल जाता है, लाल हो जाता है और दर्द होता है।
मोच के कुछ सामान्य कारणों में से कुछ निम्नलिखित हैं :
(i) अनुचित आसन – अनुचित आसनों का प्रयोग करने से मोच हो सकती है। इसलिए, सही मार्गदर्शन के साथ ही आसन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
(ii) अधिक संचालन – अधिक संचालन करने से भी मोच हो सकती है। इसलिए, लंबी समय तक समान आसन में बैठने से बचना चाहिए।
(iii) अत्यधिक तनाव – अत्यधिक तनाव भी मोच का कारण बन सकता है। इसलिए, समय-समय पर ध्यान और मेडिटेशन करना चाहिए।
(iv) संक्रमण – कभी-कभी संक्रमण के कारण भी मोच हो सकती है।
(v) अन्य कारण – अन्य कारणों में घाव, अधिक शराब पीना, अधिक समय तक सीधे खड़े रहना, बैठने वाले कुर्सी का उपयोग करना, आंतरिक हार्मोनल परिवर्तन आदि शामिल होते हैं।
Q5. मद्यपान का पाचन संस्थान पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर – पाचन संस्थान के कोमल अंगों पर मद्यपान (एल्कोहल) का बुरा प्रभाव पड़ता है। पाचक अंगों की झिल्ली(Membrane) मोटी हो जाती है। पाचक रस, जो पाचन क्रिया में सहायक होते हैं, कम मात्रा में पैदा होने लगते हैं, जिसके परिणामस्वरूप भोजन का पाचन ठीक तरह से नहीं हो पाता। भूख में भी प्रायः धीरे-धीरे कमी होने लगती है। पाचन संस्थान के खराब होने से शरीर का विकास रुक जाता है।
Q6. खेलों से भाईचारे की भावना का विकास कैसे होता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर – खेलों से नियम पालन के स्वभाव का विकास होता है और मन एकाग्र होता है। खेल में भाग लेने से खिलाड़ियों में सहिष्णुता,धैर्य और साहस का विकास होता है तथा सामूहिक सद्भाव और भाईचारे की भावना बढ़ती है। खेलकूद अप्रत्यक्ष रूप से आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होते हैं ये जीवन संघर्ष का मुकाबला करने की शक्ति प्रदान करते है। व्यक्ति किसी भी खेल में खेल के नियमों का पालन करते हुए तथा अपनी टीम के हित को सामने रखते हुए भाग लेता है। वह अपनी टीम को पूरा सहयोग देता है।
Q7. हमारे जीवन में अच्छे स्वास्थ्य का क्या महत्त्व है ?
उत्तर – सुखमय जीवन व्यतीत करने के लिए स्वस्थ होने की आवश्यकता होती है। स्वस्थ होने पर हम शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक रूप से अपनी क्षमताओं का अधिकाधिक उपयोग कर सकते है। स्वस्थ रहकर हम सुखी जीवन व्यतीत कर सकते है। निरोगी होना हमारे स्वास्थ्य का प्रमुख लक्षण है। स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ और मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। जो व्यक्ति शारीरिक, मानसिक तथा संवेगात्मक दृष्टि से पूरी तरह सामान्य होता है, उसे ही पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति कहा जा सकता है। किसी भी कार्य को सुचारू रूप से कुशलतापूर्वक करने के लिए व्यक्ति का स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है। एक प्रसन्नचित निरोग एवं स्वस्थ व्यक्ति ही किसी भी कार्य को कुशलतापूर्वक सम्पन्न करने की क्षमता रखता है।
Q8. आधुनिक युग में शारीरिक शिक्षा को व्यवसाय के रूप में देखा जाने लगा है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का वह अभिन्न अंग है, जो खेलकूद तथा अन्य शारीरिक क्रियाओं के माध्यम से व्यक्ति में एक चुनी हुई दिशा में परिवर्तन लाने का प्रयास करता है। इससे केवल बुद्धि तथा शरीर का ही विकास नहीं होता, बल्कि यह व्यक्ति के स्वभाव, चरित्र एवं आदतों के निर्माण में भी सहायक होती है। उद्देश्य, लक्ष्य की तरह अदृश्य या अपूर्ण नहीं है, बल्कि ये साधारण भाषा में लिखे जाते हैं। शारीरिक शिक्षा शब्द का प्रयोग शारीरिक क्रियाओं के लिये किया जाता रहा है क्योकि शारीरिक शिक्षा परमात्मा की सर्वोतम रचना मनुष्यों के लिये अत्यावश्यक है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। स्वस्थ शरीर कैसे रहे इस हेतु शारीरिक शिक्षा के ज्ञान की जानकारी प्रत्येक इंसान के लिये जरुरी है। शारीरिक शिक्षा की जिसको जानकारी है, वह स्कूल या गांव मे अध्यापक के रूप मे कार्य कर सकता है।
Q9. राष्ट्र के लिए खेल मुकाबलों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर – खेल कई मायनों में राष्ट्रीय एकता की कुंजी है। खेल गतिविधियां प्रमुख हैं क्योंकि इसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, सामुदायिक विकास के साथ-साथ शांति को बढ़ावा देने में किया जाता है। इन सभी के माध्यम से, लोग एकजुट हो जाते हैं क्योंकि इसकी भूमिका लोगों को उनके मूल, धर्म, उनकी मान्यताओं के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बावजूद एकजुट करना है। खेल राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हैं और मित्रता, सौहार्द और खेल की भावना को बढ़ावा देते हुए राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाते हैं। खेलकूद प्रतियोगिताएँ मनुष्य के व्यक्तित्व का पूर्ण विकास करती हैं। वे मनुष्य को शारीरिक दृष्टिकोण से मज़बूत, शक्तिशाली और कार्यशील, मानसिक दृष्टिकोण से तेज़, मनोभावुक दृष्टिकोण से संतुलित, बौद्धिक दृष्टिकोण से सुशील और सामाजिक दृष्टिकोण से स्वस्थ बनाती हैं।
Q10. R.I.C.E. का वर्णन कीजिए।
उत्तर : R.I.C.E – Rest, Ice, Compression and Elevation
R(Rest) – इसका मतलब ये है कि चोट के बाद गतिविधि को तुरंत प्रतिबंधित करें, क्योंकि इस तरह चोट को और गंभीर होने से रोका जा सकता है।
I(Ice) – चोट पर तुरंत 20 मिनट के लिए बर्फ लगाएं। ये आपकी चोट के लिए मिनटों में आराम देने वाला उपाय हो सकता है।
C(Compression) – घायल क्षेत्र के ऊपर टाइट पट्टी बांधे। ये टाइट पट्टी इंट्रा मस्कुलर ब्लीडिंग को भी कम करती है।
E(Elevation) – घायल क्षेत्र को ऊपर उठाएं और उसकी सिकाई करें।
Q11. स्वास्थ्य शिक्षा कैसे लाभदायक हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – वह शिक्षा जो स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की पहचान करने और इन आवश्यकताओं में मेल खाते उचित व्यवहार सुझाने के लिए दी जाती है, उसे हम स्वास्थ्य शिक्षा कहते हैं। यह विद्यार्थियों को मानव शरीर की बुनियादी प्रणालियों व कार्यों से अवगत कराती है। यह मानव को सामाजिक जीवन व पारिवारिक जिंदगी के स्वभाव व मूल संबंधी गहरा ज्ञान प्रदान करता है। यह स्वस्थ आदते स्वस्थ दृष्टिकोण, स्वस्थ्य सोच व स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान को प्रोत्साहित करता है।
Q12. व्यक्तिगत सफाई क्या है ?
उत्तर – व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत सबसे पहले शरीर की सफ़ाई है। बच्चे को प्रतिदिन स्नान करने और हाथ धोने का महत्व बताएँ। संक्रमण को रोकने के लिए, शरीर को साफ रखने के लिए सावधानीपूर्वक पालन किए जाने वाले बहुत से अभ्यास हैं। इसमें नहाना, दांत साफ करना, खाने से पहले हाथ धोना और बर्तन, कपड़े आदि की उचित सफाई शामिल है।
Q13. परिवार की परिभाषा दीजिए।
उत्तर – परिवार का अंग्रेजी शब्द family है, जो लैटिन (रोमन) भाषा के famulus से बना है, जिसका अर्थ होता है नौकर या सेवक। परिवार एक गृहस्थ समूह है जिसमें माता-पिता और बच्चे एक साथ रहते हैं। इसका मूल रूप में दम्पत्ति और उनके सन्तान रहती हैं। परिवार दो प्रकार का होता है- संयुक्त परिवार और एकल परिवार।
Q14. वज्रासन के बारे में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर – वज्रासन घुटनों को मोड़ने के बाद पैरों पर बैठकर किया जाने वाला आसन है। यह संस्कृत के शब्द ‘वज्र’ से बना है, जिसका अर्थ आकाश से गिरने वाली बिजली है। इसे डायमंड पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस योगासन में बैठकर प्राणायाम, कपालभाति व अनुलोम-विलोम किया जा सकता है।
Q15. नशे से ग्रस्त खिलाड़ी की मानसिक स्थिति कैसी होती है ?
उत्तर – नशे से ग्रस्त खिलाड़ी की मानसिक स्थिति अर्द्ध-बेहोशी वाली होती है। उसका मन संतुलन में नहीं रहता तथा वह अच्छी तरह बोलने की अपेक्षा तुतलाता है। खेल के समय वह दूसरों की बात नहीं सुनता, केवल अपनी सफाई देता है। वह रैफरी के निर्णयों से संतुष्ट नहीं होता तथा नियमों की पालना नहीं करता, जिसके फलस्वरूप मैदान से बाहर बैठने के लिए मजबूर हो जाता है। वह स्वयं अथवा दूसरों को चोट लगवा बैठता है।
Q16. रेबीज से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर – रेबीज शब्द का अर्थ है ‘पागलपन’। यह आमतौर पर कुत्तों और जंगली मांसाहारी जानवरों के काटने से फैलती है। रेबीज एक घातक वायरस है जो संक्रमित जानवरों की लार से लोगों में फैलता है। यह न्यूरोट्रोपिक लाइसा वायरस से फैलता है। जिन लोगों को रेबीज होने का खतरा हो सकता है, उन्हें सुरक्षा के लिए रेबीज के टीके लगवाने चाहिए। रेबीज के लक्षणों में – बुखार आना, सिरदर्द होना, घबराहट या बेचैनी होना, चिंता और व्याकुलता रहना, भ्रम की स्थिति में रहना, खाना निगलने में मुश्किल होना, बहुत अधिक लार निकलना, इसके अलावा पानी से डर लगना, पागलपन के लक्षण व अनिद्रा की समस्या रेबीज के लक्षण हो सकते हैं।
Q17. विश्व स्वास्थ्य दिवस प्रतिवर्ष कब मनाया जाता है ?
उत्तर – 7 अप्रैल
Q18. W.H.O. का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर – World Health Organization
Q19. “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क वास करता है।” यह कथन किसका है ?
उत्तर – अरस्तू
Q20. शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के शरीर को कैसा बनाती है ?
उत्तर – स्वस्थ, सुंदर, सुगठित, विकसित
Q21. डूरंड कप किस खेल से संबंधित है ?
उत्तर – फुटबॉल
Q22. योग के आदिगुरु कौन हैं ?
उत्तर – शिव
Q23. ‘प्रोटीन’ शब्द का प्रयोग सबसे पहले किसने किया ?
उत्तर – जे जे मुल्डर
Q24. विश्व तम्बाकू निषेध दिवस प्रतिवर्ष कब मनाया जाता है ?
उत्तर – 31 मई
Q25. वंशानुक्रम क्या है ?
उत्तर – जिस विधि के द्वारा माता-पिता के गुण बालक के व्यक्तित्व में आते हैं, उसे वंशानुक्रम कहते हैं।
Q26. शरीर की चेतना के खो जाने को क्या कहते हैं ?
उत्तर – बेहोशी
Q27. आसन करने वाली जगह कैसी होनी चाहिए ?
उत्तर – सुरक्षित, साफ, समतल
Q28. श्वास को बाहर निकालने की क्रिया को क्या कहते हैं ?
उत्तर – रेचक