HBSE Class 9 Hindi SAT-1 Question Paper 2025 Answer Key

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HBSE Class 9 Hindi SAT-1 Question Paper 2025 Answer Key

खण्ड – क

1. व्याकरण पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द शुद्ध है :
(क) सन्यासी
(ख) सनयासी
(ग) संन्यासी
(घ) सनयाशी
उत्तर – (ग) संन्यासी

(ii) वर्णमाला किसे कहते हैं?
(क) शब्द समूह को
(ख) वर्णों के संकलन को
(ग) शब्द गणना को
(घ) वर्णों के व्यवस्थित समूह को
उत्तर – (घ) वर्णों के व्यवस्थित समूह को

2. निम्नलिखित प्रश्नों के यथानिर्दिष्ट उत्तर दीजिए : (2 × 3 = 6 अंक)
(i) भाषा के मानक रूप से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – भाषा के मानक रूप से अभिप्राय वस्तुत: भाषा के व्याकरण सम्मत शुद्ध, परिनिष्ठित व परिमार्जित रूप से है। दूसरे शब्दों में भाषा के शुद्ध रूप से है।

(ii) ‘विकारी’ शब्द किसे कहते हैं? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – वे शब्द जो लिंग, वचन, पुरुष, काल, कारक आदि के आधार पर परिवर्तित हो जाते हैं, विकारी शब्द कहलाते हैं। उदाहरण: लड़का-लड़की (लिंग), लड़का-लड़के (वचन)

(iii) व्यंजन किसे कहते हैं? उसके कितने भेद होते हैं?
उत्तर – जिन ध्वनियों के उच्चारण में वायु रुकावट के साथ बाहर निकलती है, उन्हें व्यंजन कहते हैं। इनकी संख्या 33 है। भेद: कण्ठ्य, तालव्य, मूर्द्धन्य, दन्तय, ओष्ठ्‌य आदि।

(प्रश्न 3 या 4 में से किसी एक का उत्तर दीजिए)

3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (5 अंक)
(i) विज्ञान के लाभ तथा हानियाँ
(ii) बढ़ती हुई महंगाई
(iii) प्रदूषण की समस्या
उत्तर – स्वयं करे।

4. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर पत्र लिखिए : (5 अंक)
भाई के विवाह के लिए अपने विद्यालय के मुख्याध्यापक को अवकाश हेतु प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर –

सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय,
चरखी दादरी 

 

विषय : भाई के विवाह हेतु अवकाश प्रदान करने के संबंध में

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मेरे बड़े भाई का विवाह दिनांक 15 सितम्बर 20xx को होना निश्चित हुआ है। विवाह की तैयारियों में मेरी उपस्थिति आवश्यक है, क्योंकि घर के अनेक कार्यों में सहयोग करना पड़ेगा। इस कारण मैं विद्यालय की कक्षाओं में सम्मिलित नहीं हो पाऊँगा।
अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि मुझे दिनांक 13 सितम्बर 20xx से 17 सितम्बर 20xx तक कुल 5 (पाँच) दिनों का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। वापसी पर मैं छूटी हुई पढ़ाई को मेहनत से पूरा करुंगा।

आपकी कृपा हेतु मैं सदा आपका आभारी रहूँगा।

सधन्यवाद,

भवदीय
अनिल
कक्षा 9
अनुक्रमांक 21

 

अथवा

अपने मित्र या सहेली को परीक्षा में प्रथम आने पर बधाई-पत्र लिखें।
उत्तर –

प्रिय मित्र रोहित,
सप्रेम नमस्कार

 

तुम्हारे वार्षिक परीक्षा में प्रथम आने का समाचार पाकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। यह सुनकर मेरा मन गर्व और आनंद से भर गया। तुम्हारी यह सफलता तुम्हारे कठिन परिश्रम, लगन और अनुशासन का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
तुम सदैव कक्षा में ध्यानपूर्वक पढ़ाई करते हो और शिक्षकों का आदर करते हो। यही कारण है कि आज तुमने विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। तुम्हारी इस उपलब्धि से तुम्हारे माता-पिता, शिक्षक और मित्र सभी गौरवान्वित हैं।
मुझे पूरा विश्वास है कि तुम आगे भी इसी प्रकार निरंतर मेहनत करके जीवन में और भी ऊँचाइयाँ प्राप्त करोगे। तुम्हारी सफलता देखकर मुझे भी पढ़ाई के प्रति और अधिक प्रेरणा मिली है।
ईश्वर से प्रार्थना है कि तुम्हें सदैव स्वस्थ रखे और भविष्य में निरंतर सफलता प्रदान करे।

तुम्हारा सच्चा मित्र,
सुनील
दिनांक : 15 मई 20xx

 

खण्ड – ख

5. क्षितिज भाग-1 (काव्य खण्ड) पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) ललद्यद किस काव्य शैली में लिखती थी?
(क) दोहा
(ख) चौपाई
(ग) वाख
(घ) मुक्तक
उत्तर – (ग) वाख

(ii) जिस कंद पर श्री कृष्ण बाँसुरी बजाते थे, वह किस नदी के तट पर था?
(क) यमुना
(ख) गंगा
(ग) घाघर
(घ) सरस्वती
उत्तर – (क) यमुना

6. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि॥
प्रश्न :
(i) प्रस्तुत काव्यांश के कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
उत्तर – कवि : कबीरदास, कविता : साखियाँ

(ii) ज्ञान रूपी हाथी पर दुलीचा डालकर चढ़ने का क्या अभिप्राय है?
उत्तर – ज्ञान रूपी हाथी पर दुलीचा डालकर चढ़ने का अभिप्राय ज्ञान ग्रहण कर निरंतर आगे बढ़ने से है।

(iii) कवि ने साधक को ज्ञान रूपी हाथी पर चढ़ने के लिए क्यों कहा है?
उत्तर – क्योकि ये अज्ञानी संसार व्यर्थ मे भौकने वाले कुत्ते के समान है।

(iv) कवि ने संसार को क्या कहा है और क्यों?
उत्तर – कवि ने संसार को अज्ञानी कुत्ता कहा है क्योंकि ये संसार बेवजह कुत्ते के समान भौकता रहता है।

(v) “दुलीचा” का क्या अर्थ है?
उत्तर – कालीन या छोटा आसन

(प्रश्न 7 या 8 में से किसी एक का उत्तर दीजिए)

7. निम्नलिखित काव्यांश में निहित भाव एवं शिल्प सौन्दर्य को स्पष्ट कीजिए : (3 अंक)
खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगा अहंकारी।
सम खा तभी होगा समभावी,
खुलेगी सांकल बंद द्वार की।
उत्तर : भाव सौन्दर्य – इस काव्यांश में कवि जीवन में संतुलन और संयम का महत्व बताते हैं। अधिक खाने से कोई लाभ नहीं मिलता और न खाने से व्यक्ति अहंकारी हो जाता है। केवल संतुलित भोजन करने से ही मनुष्य में समभाव उत्पन्न होता है। जब व्यक्ति समभावी बनता है तो उसके जीवन की रुकावटें दूर होकर उन्नति और आत्मज्ञान के द्वार खुल जाते हैं।
• शिल्प सौन्दर्य – कविता की भाषा सरल, सहज और प्रभावशाली है। इसमें लयात्मकता है, जिससे विचार और भी प्रभावशाली बन जाते हैं। “खा-खाकर, न खाकर” में पुनरुक्ति अलंकार का प्रयोग हुआ है। “सांकल बंद द्वार” का प्रयोग प्रतीकात्मक रूप में किया गया है, जो जीवन की बाधाओं और आत्मज्ञान के मार्ग की ओर संकेत करता है।

8. सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए। (3 अंक)
उत्तर – सखी ने गोपी से श्रीकृष्ण का रूप धारण करने का आग्रह किया था। उसने कहा कि वह अपने सिर पर मोर पंख सजाए, गले में फूलों की माला धारण करे, तन पर पीताम्बर ओढ़े और हाथों में लाठी लेकर ग्वालबालों के साथ गाएँ चराने जाए। इस प्रकार गोपी का रूप श्रीकृष्ण जैसा हो जाएगा।

खण्ड – ग

9. क्षितिज भाग-1 (गद्य खण्ड) पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 3 = 3 अंक)
(i) राहुल सांकृत्यायन ने बौद्ध धर्म कब ग्रहण किया था?
(क) 1925
(ख) 1930
(ग) 1935
(घ) 1940
उत्तर – (ख) 1930

(ii) गधे के चेहरे पर कौन-सा स्थायी भाव सदा छाया रहता है?
(क) प्रसन्नता का
(ख) असंतोष का
(ग) विषाद का
(घ) निराशा का
उत्तर – (ग) विषाद का

(iii) हमारी मानसिक शक्ति कौन बदल रहा है?
(क) सरकार
(ख) फैशन
(ग) विज्ञापन और प्रसार के तंत्र
(घ) उद्योगपति
उत्तर – (ग) विज्ञापन और प्रसार के तंत्र

(प्रश्न 10 या 11 में से किसी एक का उत्तर दीजिए)

10. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
“गाँधी जी ने कहा था कि हम स्वस्थ सांस्कृतिक प्रभावों के लिए अपने खिड़की-दरवाजे खुले रखें पर अपनी बुनियाद पर कायम रहे। उपभोक्ता संस्कृति हमारी सामाजिक नींव को ही हिला रही है। यह एक बड़ा खतरा है। भविष्य के लिए यह एक बड़ी चुनौती है।”
प्रश्न :
(i) पाठ एवं लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर – पाठ : उपभोक्तावाद की संस्कृति, लेखक : श्यामाचरण दूबे

(ii) गाँधी जी ने क्या कहा था?
उत्तर – हम अपनी बुनियाद पर कायम रहे।

(iii) भविष्य में आने वाली चुनौती के लिए हमे क्या करना होगा?
उत्तर – हमें अपनी सामाजिक नींव को मजबूत करना होगा।

(iv) उपभोक्ता संस्कृति से किसे और क्या चुनौती है?
उत्तर – सामाजिक नींव को, वह गिर (समाप्त) हो सकती है।

(v) दरवाजे खिड़की खुले रहने से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – समय के साथ कुछ अच्छे बद‌लाव को ग्रहण करे।

11. मुंशी प्रेमचंद अथवा महादेवी वर्मा का संक्षिप्त जीवन परिचय देते हुए उनकी कहानी कला की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। (5 अंक)
उत्तर –

मुंशी प्रेमचंद

• जन्म – मुंशी प्रेमचंद का जन्म सन् 1880 में बनारस के लमही गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम धनपत राय था। प्रेमचंद का बचपन अभावों में बीता।
• शिक्षा – उनकी शिक्षा बी.ए. तक ही हो पाई। उन्होंने शिक्षा विभाग में नौकरी की परंतु असहयोग आंदोलन में सक्रिय भाग लेने के लिए सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और लेखन कार्य के प्रति पूरी तरह समर्पित हो गए।
• रचनाएं – प्रेमचंद की कहानियाँ मानसरोवर के आठ भागों में संकलित हैं। सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, कायाकल्प, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान उनके प्रमुख उपन्यास हैं। उन्होंने हंस, जागरण, माधुरी आदि पत्रिकाओं का संपादन भी किया।
• साहित्यिक विशेषताएं – कथा साहित्य के अतिरिक्त प्रेमचंद ने निबंध एवं अन्य प्रकार का गद्य लेखन भी प्रचुर मात्रा में किया। प्रेमचंद साहित्य को सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम मानते थे। उन्होंने जिस गाँव और शहर के परिवेश को देखा और जिया उसकी अभिव्यक्ति उनके कथा साहित्य में मिलती है। किसानों और मज़दूरों की दयनीय स्थिति, दलितों का शोषण, समाज में स्त्री की दुर्दशा और स्वाधीनता आंदोलन आदि उनकी रचनाओं के मूल विषय हैं।
• भाषा शैली – प्रेमचंद के कथा साहित्य का संसार बहुत व्यापक है। उसमें मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षियों को भी अद्भुत आत्मीयता मिली है। बड़ी से बड़ी बात को सरल भाषा में सीधे और संक्षेप में कहना प्रेमचंद के लेखन की प्रमुख विशेषता है। उनकी भाषा सरल, सजीव एवं मुहावरेदार है तथा उन्होंने लोक प्रचलित शब्दों का प्रयोग कुशलतापूर्वक किया है।
• मृत्यु – सन् 1936 में इस महान कथाकार का देहांत हो गया।

अथवा

महादेवी वर्मा

• जन्म – महादेवी वर्मा का जन्म सन् 1907 में उत्तर प्रदेश के फ़र्रुखाबाद शहर में हुआ था।
• शिक्षा – उनकी शिक्षा-दीक्षा प्रयाग में हुई। प्रयाग महिला विद्यापीठ में प्राचार्या पद पर लंबे समय तक कार्य करते हुए उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए काफ़ी प्रयत्न किए।
• रचनाएं – महादेवी जी छायावाद के प्रमुख कवियों में से एक थीं। नीहार, रश्मि, नीरजा, यामा, दीपशिखा उनके प्रमुख काव्य संग्रह हैं। कविता के साथ-साथ उन्होंने सशक्त गद्य रचनाएँ भी लिखी हैं जिनमें रेखाचित्र तथा संस्मरण प्रमुख हैं। अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएँ, पथ के साथी, श्रृंखला की कड़ियाँ उनकी महत्वपूर्ण गद्य रचनाएँ हैं।
• साहित्यिक विशेषताएं – महादेवी वर्मा को साहित्य अकादमी एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से अलंकृत किया।
• भाषा शैली – उनकी भाषा शैली सरल एवं स्पष्ट है तथा शब्द चयन प्रभावपूर्ण और चित्रात्मक है।
• मृत्यु – सन् 1987 में महादेवी वर्मा का देहांत हो गया।

12. यात्रा-वृतांत के आधार पर तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का शब्द-चित्र प्रस्तुत करें। वहाँ की स्थिति आपके राज्य/शहर से किस प्रकार भिन्न है? (2 अंक)
उत्तर – तिब्बत एक ऊँचा और ठंडा पठार है, जहाँ बर्फ़ से ढकी पर्वत-श्रृंखलाएँ, कम वर्षा, विरल जनसंख्या और याक–भेड़ पालन प्रमुख हैं। यह मेरे राज्य/शहर से भिन्न है क्योंकि यहाँ समतल मैदान, अधिक वर्षा, घनी आबादी और गेहूँ–धान जैसी फसलें होती हैं।

खण्ड – घ

13. कृतिका भाग-1 के आधार पर किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए : (3 अंक)
(i) ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर – ‘मृत्यु का तरल दूत’ बाढ़ के उफनते हुए पानी को कहा गया है। यह पानी जिस क्षेत्र में प्रवेश करता था, वहाँ अपनी तीव्र और अनियंत्रित गति से सब कुछ डुबो देता और बहा ले जाता था। पेड़, घर, पशु-पक्षी और खेत सभी उसकी धारा में समा जाते थे। उसकी विनाशकारी शक्ति को देखकर लेखक ने उसे मृत्यु का तरल दूत कहा है।

अथवा

नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?
उत्तर – नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी उसके साथ कूद गया। दोनों ने ऐसा कर्तव्य-भावना और निष्ठा के वशीभूत होकर किया। नौजवान बाढ़ के समय अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए पानी में उतरा, जबकि कुत्ते ने अपने स्वामी के प्रति वफादारी और साथ निभाने की भावना से पानी में छलाँग लगाई। इस प्रकार एक में कर्तव्यनिष्ठा और दूसरे में निष्ठा तथा प्रेम की भावना दिखाई देती है।

खण्ड – ङ

14. आदर्श जीवन मूल्य (मध्यमा) के आधार पर किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (2 × 2 = 4 अंक)
(i) अंतिम श्लोक में संजय धृतराष्ट्र को संबोधित करते हुए क्या कहते हैं?
उत्तर – अंतिम श्लोक में संजय धृतराष्ट्र से कहते हैं- हे राजन! जहाँ योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण हैं और जहाँ धनुषधारी अर्जुन हैं, वहाँ श्री (समृद्धि), विजय और विभूति (शक्ति) अवश्य होती है। यही सनातन सत्य है और यही मेरा अटल मत है।

अथवा

‘आर्जवम’ के रूप में ‘गीता’ के कृष्ण वास्तव में क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर – ‘आर्जवम्’ के रूप में गीता के कृष्ण वास्तव में यह कहना चाहते हैं कि मनुष्य का आचरण सच्चाई और सरलता से युक्त होना चाहिए। व्यक्ति का मन, वचन और कर्म तीनों में एकरूपता होनी चाहिए। छल, कपट और दिखावा जीवन से दूर होना चाहिए। गीता का संदेश है कि आर्जव या सरलता ही मनुष्य को श्रेष्ठ और आदर्श बनाती है।

(ii) विद्यार्थी के रूप में झूठा दिखावा करने का आपको क्या नुकसान उठाना पड़ सकता है?
उत्तर – विद्यार्थी के रूप में झूठा दिखावा करने से कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। झूठ बोलकर या दूसरों की नकल करके पढ़ाई करने से सच्चा ज्ञान प्राप्त नहीं हो पाता। परीक्षा में सफलता अस्थायी हो सकती है, परंतु जीवन में आगे चलकर यह छलावा व्यक्ति को असफल बना देता है। झूठा दिखावा करने से आत्मविश्वास घटता है और समाज में भी विद्यार्थी की छवि खराब हो सकती है।

अथवा

अपने भीतर की विलक्षण विचार शक्ति को जगाकर हम किस प्रकार लाभान्वित हो सकते हैं?
उत्तर – हम निम्न प्रकार से लाभान्वित हो सकते हैं :
• हम अपने कर्मों में पूर्ण सजग और जिम्मेदार हो जाएंगे।
• हमें भगवान की कृपा पर गहरा विश्वास होने लगेगा।
• धर्म और कर्तव्य का बोध होगा।
• हम विचारहीनता और भ्रम की स्थिति से बाहर निकल आएंगे।