HBSE Class 9 Hindi Question Paper 2022 Answer Key

Haryana Board (HBSE) Class 9 Hindi Question Paper 2022 Answer Key. Haryana Board Class 9th Hindi Solved Question Paper 2022 PDF Download. HBSE Board Solved Question Paper Class 9 Hindi 2022. HBSE 9th Question Paper Download 2022. HBSE 9th Hindi Question Paper Pdf Download 2022. HBSE Class 9 Hindi Paper Solution 2022. BSEH 9th Hindi Solved Question Paper 2022. HBSE 9th Class Hindi Solved Question Paper 2022.

 

HBSE Class 9 Hindi Question Paper 2022 Answer Key 

1. निम्नलिखित प्रश्नों के यथानिर्दिष्ट उत्तर दीजिए :
(i) निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकारों के नाम बताइए :
(क) आए महंत वसंत
Ans. रूपक अलंकार

(ख) काली घटा का घमण्ड घटा
Ans. यमक अलंकार

(ii) तत्सम् रूप लिखिए : दही, कान
Ans. दही – दधि
कान – कर्ण

(iii) निम्न शब्दों में उपसर्ग व प्रत्यय अलग-अलग कीजिए :
सुपात्र, चिकनाहट
Ans. सुपात्र – सु उपसर्ग
चिकनाहट – हट प्रत्यय

(iv) दो-दो अनेकार्थी शब्द लिखिए :
कर, कल
Ans. कर – हाथ, किरण, टैक्स
कल – मशीन, आने वाला दिन, बीता हुआ दिन

(v)(क) स्वर रहित र यानि र् का प्रयोग करते हुए एक शब्द लिखिए।
Ans. कर्म
(ख) संयुक्त व्यंजन ‘ज्ञ’ में वर्ण विच्छेद कीजिए।
Ans. ज् + ञ

(vi) विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए :
चतुर्भुज, दाल-रोटी
Ans. चतुर्भुज – चार भुजाओं का समूह (द्विगु समास) अथवा चार भुजाएँ हैं जिसकी (भगवान विष्णु – बहुव्रीहि समास)
दाल-रोटी – दाल और रोटी (द्वंद्व समास)

(vii) निम्न शब्दों के विलोम शब्द लिखिए :
उन्नति, जय
Ans. उन्नति – अवनति
जय – पराजय या हार

(viii) निम्न शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए :
घर, भगवान
Ans. घर – निकेतन, भवन, निवास
भगवान – ईश्वर, प्रभु, परमात्मा

2. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सही विकल्प चुनिए :
(i) मानसरोवर शब्द का प्रयोग किस सन्दर्भ में हुआ है ?
(क) हंस
(ख) पवित्र मन
(ग) मुक्ताफल
(घ) भक्ति
Ans. (ख) पवित्र मन

(ii) ‘सोई संत सुजान’ में कौन-सा अलंकार है :
(क) उपमा
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) अनुप्रास
(घ) रूपक
Ans. (ग) अनुप्रास

(iii) ‘सुबरन कलस सुरा भरा’ में सुरा शब्द किसका प्रतीक है ?
(क) सोना
(ख) अच्छाइयाँ
(ग) बुराइयाँ
(घ) साधू
Ans. (ग) बुराइयाँ

(iv) कवि ललद्यद को जेब टटोलने पर क्या नहीं मिला ?
(क) रुपया
(ख) पैसा
(ग) कौड़ी
(घ) सोना
Ans. (ग) कौड़ी

(v) संसार के कण-कण में किसका वास है ?
(क) प्रभु
(ख) ब्रहमा
(ग) विष्णु
(घ) शिव
Ans. (घ) शिव

(vi) किस पर्वत को श्रीकृष्ण ने अपनी अँगुली पर उठाया था ?
(क) कैलाश
(ख) हिमालय
(ग) गोवर्धन
(घ) अरावली
Ans. (ग) गोवर्धन

(vii) रसखान करील के कुंजों पर क्या न्यौछावर करना चाहता है ?
(क) वन, बाग
(ख) अष्ट सिद्धियाँ
(ग) नौ निधियाँ
(घ) सोने के करोड़ों भवन
Ans. (घ) सोने के करोड़ों भवन

(viii) मानुष जन्म पाने पर रसखान जी क्या बनना चाहते हैं ?
(क) ग्वाला
(ख) गोपियाँ
(ग) पक्षी
(घ) पशु
Ans. (क) ग्वाला

(ix) किन दीवारों को कवि ने काली कहा है ?
(क) जेल की
(ख) घर की
(ग) स्कूल की
(घ) बाजार की
Ans. (क) जेल की

(x) कोयल कब चीखती है ?
(क) दिन में
(ख) रात में
(ग) अर्धरात्रि में
(घ) सुबह के समय
Ans. (ग) अर्धरात्रि में

(xi) ‘मोहन के व्रत’ में मोहन किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
(क) महात्मा गांधी
(ख) कवि
(ग) लेखक
(घ) माखन लाल चतुर्वेदी
Ans. (क) महात्मा गांधी

(xii) ‘बच्चों का काम पर जाना’ समस्या को कवि किस प्रकार उठाना चाहता है ?
(क) उत्तर की तरह
(ख) प्रश्न की तरह
(ग) जवाब की तरह
(घ) प्रश्नोत्तर की तरह
Ans. (ख) प्रश्न की तरह

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं ? क्या वास्तव में सारे उपकरण मिट गए हैं ? ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता के आधार पर लिखिए।
Ans. सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चों के वंचित रहने के मुख्य कारण सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक मज़बूरी है। निम्नश्रेणी के बच्चों को बचपन से ही भरण-पोषण करने के लिए श्रम करना पड़ता हैं। समाज के गरीब तबके के बच्चों को न चाहते हुए भी अपने माता-पिता का हाथ बँटाना पड़ता है। जहाँ जीविका के लिए इतनी मेहनत करनी पड़े तब सुख-सुविधाओं की कल्पना करना असंभव सा लगता है।

(ख) कवि माखन लाल चतुर्वेदी कोयल की अपेक्षा स्वयं को हीन महसूस क्यों कर रहे हैं ?
Ans. कवि की कोयल से ईर्ष्या का मुख्य कारण उसकी स्वच्छंदता से है, क्योंकि कवि के अनुसार कोयल को हरे भरे पेड़ों  की हरी-भरी शाखाओं पर रहने का मौका मिलता है, जबकि वह 10 फुट की अंधेरी जेल में रह रहा है।‌ वह तो सारे आकाश में उड़ने के लिए आजाद है जबकि कवि के पास काल कोठरी का छोटा सा स्थान है। कोयल का कूकना मधुर गीत कहलाता है जबकि कवि का रोना भी एक गुनाह माना जाता है।

(ग) सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया था ? अपने शब्दों में लिखिए।
Ans. सखी गोपी से वही सब कुछ धारण करने के लिए कहती है जो कृष्ण धारण करते हैं, सखी ने गोपी से आग्रह किया था कि वह कृष्ण के समान सर पर मोरपंखों का मुकुट धारण करें। गले में गुंजों की माला पहने। तन पर पीले वस्त्र पहने। हाथों में लाठी थामे और पशुओं के संग विचरण करें।

4. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए :
(i) गधे के गुणों के समान दूसरा पशु कौन माना जाता है ?
(क) घोड़ा
(ख) बैल
(ग) गाय
(घ) हाथी
Ans. (ख) बैल

(ii) गधा किस महीने में कुलेल कर लेता है ?
(क) चैत्र
(ख) वैशाख
(ग) ज्येष्ठ
(घ) आषाढ़
Ans. (ख) वैशाख

(iii) कांजीहौस में कितनी घोड़ियाँ थीं ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच
Ans. (ख) तीन

(iv) शेकर विहार की खेती के मुखिया कौन थे ?
(क) नम्से
(ख) नमस्ते
(ग) नस्मे
(घ) नमसते
Ans. (क) नम्से

(v) लेखक किस मार्ग में अपने साथियों से बिछुड़ गया ?
(क) तिब्बत
(ख) ल्हासा
(ग) लंङ्कोर
(घ) थोड्ला
Ans. (ग) लंङ्कोर

(vi) तिब्बत का सबसे खतरनाक स्थान कौन-सा है ?
(क) लंङ्कोर
(ख) थोङला
(ग) डाँडे
(घ) विहार
Ans. (ग) डाँडे

(vii) पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर सालिम अली किससे मिलने गए ?
(क) जवाहर लाल नेहरू
(ख) चौधरी चरण सिंह
(ग) महात्मा गांधी
(घ) अटल बिहारी वाजपेयी
Ans. (ख) चौधरी चरण सिंह

(viii) डी० एच० लारेंस की पत्नी का क्या नाम था ?
(क) तहमीना
(ख) फ्रीड़ा
(ग) राधिका
(घ) गौरया
Ans. (ख) फ्रीड़ा

(ix) ‘बर्ड वाचर’ की संज्ञा किसे दी गई है ?
(क) जाबिर हुसैन
(ख) सालिम अली
(ग) लारेंस
(घ) कवि को
Ans. (ख) सालिम अली

(x) टोपी कितने आने में मिल जाती थी ?
(क) चार आने
(ख) पाँच आने
(ग) छह आने
(घ) आठ आने
Ans. (घ) आठ आने

(xi) ‘पूस की रात’ में नीलगाय किसका खेत चर गई थी ?
(क) लेखक का
(ख) प्रेमचन्द का
(ग) होरी का
(घ) हलकू का
Ans. (घ) हलकू का

(xii) प्रेमचन्द किसके साथ फोटो खिंचवा रहे हैं ?
(क) मित्र
(ख) लेखक
(ग) कवि
(घ) पत्नी
Ans. (घ) पत्नी

5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) ‘प्रेमचन्द के फटे जूते’ पाठ में ‘टीले’ शब्द का प्रयोग किन संदर्भों को इंगित करने के लिए किया गया है ?
Ans. इस पाठ में ‘टीला’ शब्द रास्ते की रुकावट का प्रतीक है। पाठ में टीले शब्द का प्रयोग व्यक्ति के जीवन में आने वाली कठिनाइयों, मुसीबतों, परेशानियों, समस्याओं, संघर्षों एवं असुविधाओं के लिए किया गया है। अनेक बुराइयां, कुरीतियां और भ्रष्ट आचरण जीवन की गति को रोक देते हैं जैसे- शोषण, अन्याय, छुआछूत, जाति-पाति आदि।

(ख) छोटी बच्ची (लड़की) किसकी बेटी थी और उसने बैलों को रोटियाँ क्यों खिलाई ?
Ans. छोटी लड़की झूरी के साले गया की लड़की थी। उसने बैलों को रोटी इसलिए खिलाई क्योंकि वह दयालु थी। लड़की की माँ मर चुकी थी और उसकी सौतेली माँ उसे हर-समय मारती-पीटती रहती थी। वो लड़की खुद एक पीड़ित लड़की थी, इसी कारण से बैलों पर हो रहे अत्याचार के प्रति उसे उनसे संवेदना थी। जब गया ने बैलों को चारा नही दिया तो उसी छोटी लड़की ने उन्हे रोटी खिलाई ताकि वो दोनों बैल हीरा-मोती भूखे न रहें। बाद में उस लड़की ने उन्हे भागने में भी मदद की थी।

6. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर स्वरचित वाक्य बनाइए :
(क) अपना उल्लू सीधा करना
Ans. अपना काम निकालना या अपने फायदे के लिए दुसरो को धोखा देना (वाक्य- काम्या ने अपने दोस्त को अच्छा बताने के लिए मेरे दोस्त को बुरा बता कर अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश की)

(ख) नौ दो ग्यारह होना
Ans. भाग जाना (वाक्य- पुलिस के आते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गया)

7. कृतिका भाग-1 के आधार पर निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) लेखिका की नानी की आजादी की लड़ाई में किस प्रकार भागीदारी रही ?
Ans. लेखिका की नानी की वैसे तो प्रत्यक्ष रूप से आज़ादी के आन्दोलन में किसी प्रकार की भागीदारी नहीं रही पर उन्होंने स्वतंत्रता की भावना को मन-ही-मन पनपने दिया। उन्होंने कभी अंग्रेजियत को स्वीकारा नहीं। जबकि उनके पति अंग्रेजों के भक्त थे, फिर भी नानी ने कभी अंग्रेजों की जीवन शैली को अपनाया नहीं । नानी ने अपनी बेटी की शादी क्रांतिकारी से करने की इच्छा व्यक्त की जिससे उनके देश प्रेम की भावना का ही पता चलता है। उनका सबसे बड़ा योगदान यह है कि अपने बच्चों को इस विवाह की घटना से अँग्रेज-भक्तों से मुक्त करा लिया और देश के क्रांतिकारियों को भी बड़ी प्रेरणा प्रदान की । इस तरह अप्रत्यक्ष रूप से लेखिका की नानी की स्वतंत्रता आन्दोलन में भागी दारी रही है।

(ख) ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ के आधार पर बताइए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धाभाव से देखा जाता है ?
Ans. प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ऊँची भावना वाले दृढ़ संकल्पी लोगों को श्रद्धा से देखा जाता है। जो लोग कभी झूठ नहीं बोलते और सच का साथ देते हैं। जो किसी की बात को इधर-उधर नहीं करते, जिनके इरादे मजबूत होते हैं, जो हीन भावना से ग्रसित नहीं होते तथा जिनका व्यक्तित्व सरल, सहज एवं पारदर्शी होता है, जो लोग सद्भावना से व्यवहार करते हैं तथा आवश्यकता पडने पर गलत रूढ़ियों को तोड़ डालने की हिम्मत रखतें हैं, उन्हें पूरा समाज श्रद्धाभाव से देखता है।

(ग) शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की, समाज को कैसे व्यक्तित्व की जरूरत है ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
Ans. समाज में आज उमा जैसे व्यक्तित्व, स्पष्टवादिनी तथा उच्च चरित्र वाली लड़की की ही आवश्यकता है। ऐसी लड़कियाँ ही गोपाल प्रसाद जैसे दोहरी मानसिकता रखने वाले, लालची और ढोंगी लोगों को सबक सिखा सकती है। ऐसी लड़कियों से ही समाज और देश प्रगति कर पाएगा जो आत्मविश्वास से भरी तथा निडर हो। इसके विपरीत शंकर जैसे लड़के समाज के लिए निरुपयोगी है। शंकर जैसे व्यक्ति समाज को कोई दिशा नहीं प्रदान कर सकते हैं।

(घ) ‘रीढ़ की हड्डी’ पाठ के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए ।
Ans. रामस्वरूप जी और गोपाल प्रसाद जी की चारित्रिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं :
रामस्वरूप – आधुनिक और प्रगतिशील विचारधाराओं से संपन्न हैं परन्तु एक मजबूर पिता हैं। वे एक तरफ़ तो स्त्री-शिक्षा के समर्थक है परन्तु बेटी के विवाह के समय यही शिक्षा वे छिपाने का प्रयास करते हैं जिससे उनकी विवशता तथा कायरता झलकती है।
रामगोपाल – रामगोपाल निहायती चालक, बड़बोले, लालची और पढ़े-लिखे होने के बावजूद स्त्री-पुरुष की समानता में अविश्वास रखनेवाले व्यक्ति के रूप में उभरते हैं। इसी कारणवश वे अपने मेडिकल में पढ़ने वाले बेटे का विवाह कम पढ़ी-लिखी लड़की से करवाना चाहते हैं। वे विवाह जैसे पवित्र रिश्ते को भी बिजनेस मानते हैं इससे उनका लालची स्वभाव पता चलता है।

(ङ) माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज्यादा सोचने का समय क्यों नहीं था ?
Ans. माटीवाली अपनी आर्थिक और पारिवारिक उलझनों में उलझी, निम्न स्तर का जीवन जीने वाली महिला थी। अपना तथा बुड्ढे का पेट पालना ही उसके सामने सबसे बड़ी समस्या थी। सुबह उठकर माटाखाना जाना और दिनभर उस मिट्टी को बेचना इसी में उसका सारा समय बीत जाता था। अपनी इसी दिनचर्या को वह नियति मानकर चले जा रही थी। ऐसे में माटीवाली के पास अच्छे और बुरे भाग्य के बारे में सोचने का समय नहीं था।

8. प्रेमचन्द अथवा हरिशंकर परसाई के जीवन और साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
Ans.
मुंशी प्रेमचंद
जन्म – मुंशी प्रेमचंद का जन्म सन् 1880 में बनारस के लमही गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम धनपत राय था। प्रेमचंद का बचपन अभावों में बीता।
शिक्षा – उनकी शिक्षा बी.ए. तक ही हो पाई। उन्होंने शिक्षा विभाग में नौकरी की परंतु असहयोग आंदोलन में सक्रिय भाग लेने के लिए सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और लेखन कार्य के प्रति पूरी तरह समर्पित हो गए।
रचनाएं – प्रेमचंद की कहानियाँ मानसरोवर के आठ भागों में संकलित हैं। सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, कायाकल्प, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान उनके प्रमुख उपन्यास हैं। उन्होंने हंस, जागरण, माधुरी आदि पत्रिकाओं का संपादन भी किया।
साहित्यिक विशेषताएं – कथा साहित्य के अतिरिक्त प्रेमचंद ने निबंध एवं अन्य प्रकार का गद्य लेखन भी प्रचुर मात्रा में किया। प्रेमचंद साहित्य को सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम मानते थे। उन्होंने जिस गाँव और शहर के परिवेश को देखा और जिया उसकी अभिव्यक्ति उनके कथा साहित्य में मिलती है। किसानों और मज़दूरों की दयनीय स्थिति, दलितों का शोषण, समाज में स्त्री की दुर्दशा और स्वाधीनता आंदोलन आदि उनकी रचनाओं के मूल विषय हैं।
भाषा शैली – प्रेमचंद के कथा साहित्य का संसार बहुत व्यापक है। उसमें मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षियों को भी अद्भुत आत्मीयता मिली है। बड़ी से बड़ी बात को सरल भाषा में सीधे और संक्षेप में कहना प्रेमचंद के लेखन की प्रमुख विशेषता है। उनकी भाषा सरल, सजीव एवं मुहावरेदार है तथा उन्होंने लोक प्रचलित शब्दों का प्रयोग कुशलतापूर्वक किया है।
मृत्यु – सन् 1936 में इस महान कथाकार का देहांत हो गया।

अथवा

हरिशंकर परसाई– हरिशंकर परसाई का जन्‍म मध्‍य प्रदेश के होशंगाबाद जनपद में इटारसी के निकट स्थित जमानी नामक ग्राम में 22 अगसत 1924 ई. को हुआ था। इनकी प्रारम्भिक शिखा से स्‍नातक तक की शिक्षा मध्‍य प्रदेश में हुई। तदुपरान्‍त इन्‍होंने नागजुर विश्‍वविद्यालय से एम.ए. हिन्‍दी की परीखा उत्तीर्ण की। इनके पश्‍चात् कुछ वर्षों तक इन्‍होंने अध्‍यापन-कार्य किया।
इन्‍होंने बाल्‍यावस्‍था से ही कला एवं साहित्‍य में रुचि लेना प्रारम्‍भ कर दिया था। वे अध्‍यापन के साथ-साथ साहित्‍य-सृजन भी करते रहे। दोनो कार्य साथ-साथ न चलने के कारण अध्‍यापन-कार्य छोड़कर साहित्‍य-साधना को ही इन्‍होंने अपने जीवन का लक्ष्‍य बना लिया ।
इन्‍होंने जबलपुर में ‘वसुधा’ नामक पत्रिका के सम्‍पादन एवं प्रकाशन का काय्र प्रारम्‍भ किया, लेकिन अर्थ के अभाव के कारण यह बन्‍द करना पड़ा। इनके निबन्‍ध और व्‍यंग्‍य समसामयिक पत्र-पत्रिकाओं में प्र‍कशित होते रहते थे, लेकिन इन्‍होंने नियमित रूप से धर्मयुग और साप्‍ताहिक हिन्‍दुस्‍तान के लिए अपनी रचनाऍं लिखीं। 10 अगस्‍त 1995 ई. को इनका स्‍वर्गवास हो गया।
हिन्‍दी गद्य-साहित्‍य के व्‍यंग्‍यकारों में हरिशंकर परसाई अग्रगण्‍य थे। इनके व्‍यंग्‍य-विषय सामािजक एवं राजनीतिक रहे। व्‍यंग्‍य के अतिरिक्‍त इन्‍होंने साळितय की अन्‍य विधाओं पर भी अपनी लेखनी चलाई थी, परन्‍तु इनकी प्रसिद्धि व्‍यंग्‍याकार के रूप में ही हुई। \
हरिशंकर परसाई जी की पहली रचना “स्वर्ग से नरक जहाँ तक” है, जो कि मई, 1948 में प्रहरी में प्रकाशित हुई थी, जिसमें उन्होंने धार्मिक पाखंड और अंधविश्वास के ख़िलाफ़ पहली बार जमकर लिखा था। धार्मिक खोखला पाखंड उनके लेखन का पहला प्रिय विषय था। वैसे हरिशंकर परसाई कार्लमार्क्स से अधिक प्रभावित थे। परसाई जी की प्रमुख रचनाओं में “सदाचार का ताबीज” प्रसिद्ध रचनाओं में से एक थी जिसमें रिश्वत लेने देने के मनोविज्ञान को उन्होंने प्रमुखता के साथ उकेरा है।

9. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 250 शब्दों में एक निबन्ध लिखिए :
(i) आदर्श विद्यार्थी
(ii) पुस्तकालय का महत्त्व
(iii) बाल श्रम
(iv) समय का सदुपयोग
(v) वृक्ष हमारे मित्र
Ans. खुद करे।

10. अपने मित्र को ग्रीष्मावकाश साथ-साथ बिताने हेतु पत्र लिखिए।
Ans.
19, प्रेम नगर
चरखी दादरी
दिनांक 24 मार्च, 2022
प्रिय मित्र सुभाष,
सप्रेम नमस्ते।
कल शाम तुम्हारा स्नेहपूर्ण पत्र मिला। मुझे यह जानकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई कि तुमने अपनी कक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर स्वर्णपदक जीता हैं। कल ही मेरा भी परीक्षा-परिणाम घोषित हुआ था। मैंने अपनी कक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त किया हैं।
जैसा कि तुम जानते हो स्कूल में प्रत्येक वर्ष गर्मियों की छुट्टियाँ पड़ती हैं। हमारा विद्यालय भी 1 जून से 25 जून तक के लिए बन्द हो रहा हैं। तुम्हारा स्कूल भी इस दौरान बन्द रहेगा। मैं चाहता हूँ कि छुट्टियों के दौरान एक सप्ताह के लिए तुम उत्तराखण्ड आ जाओ। एक-दो दिन यहाँ रहकर हरिद्वार और ऋषिकेश चलेंगे। इन दिनों यहाँ का मौसम काफी अच्छा होता हैं। मेरे चाचा जी आजकल हरिद्वार में ही हैं। अतः कोई परेशानी नहीं होगी। तुम अपने घर पर अपने माता व पिताजी से विचार विमर्श करके अपने आने के कार्यक्रम की अविलम्ब सूचना देना।
तुम्हारा परम मित्र
राकेश शर्मा

अथवा
अपने प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति प्राप्त करने हेतु एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।
Ans.
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय
सर्वोदय बाल विद्यालय
नई दिल्ली – 110084
विषय – छात्रवृत्ति पाने के लिए आवेदन पत्र
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा नवमी “अ” का आज्ञाकारी और मेधावी छात्र हूं। मेरा नामरोहित कुमार है। मेरे घर की आर्थिक स्थिति संतोषजनक नहीं है। मेरा कला और खेल में भी अच्छा प्रदर्शन है। मेरे पिताजी मेरी आगे की पढ़ाई का खर्च वहन करने में असमर्थ हैं। मैं आगे की पढ़ाई जारी रखने का इच्छुक हूँ जिससे मैं अपने स्कूल और देश का नाम रोशन कर सकूं।
अतः आपसे प्रार्थना है कि मेरी आर्थिक स्थिति और इच्छा को ध्यान रखते हुए छात्रवृत्ति प्रदान करने की कृपा करें। इसकेलिए मैं आपका सदा आभारी रहूँगा।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र
रोहित कुमार
कक्षा – नवमी “अ”
दिनांक – 05/06/2022

 

Leave a Comment

error: