Haryana Board (HBSE) Class 9 Hindi Half Yearly Question Paper 2024 PDF Download. HBSE Class 9 Hindi Half Yearly Question Paper 2024. Haryana Board Class 9 Hindi Half Yearly Exam 2024. HBSE Class 9th Hindi Half Yearly Paper 2024 Answer. Haryana Board Class 9 Half Yearly Paper PDF Download. Haryana Board Class 9 Hindi Half Yearly Paper 2024 Solution. हरियाणा बोर्ड कक्षा 9 हिन्दी अर्धवार्षिक पेपर 2024.
HBSE Class 9 Hindi Half Yearly Question Paper 2024 Answer Key
खण्ड – क
1. व्याकरण पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द शुद्ध है :
(क) उजवल
(ख) उज्ज्वल
(ग) उज्जवल
(घ) उज्वल
उत्तर – (ख) उज्ज्वल
(ii) वर्ण के कितने भेद होते हैं?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पांच
उत्तर – (क) दो (स्वर, व्यंजन)
2. निम्नलिखित प्रश्नों के यथानिर्दिष्ट उत्तर दीजिए : (2 × 3 = 6 अंक)
(i) भाषा के मानक रूप से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – भाषा के मानक रूप से अभिप्राय वस्तुत: भाषा के व्याकरण सम्मत शुद्ध, परिनिष्ठित व परिमार्जित रूप से है, दूसरे शब्दों में भाषा के शुद्ध रूप से है।
(ii) विकारी शब्द किसे कहते है? सोदाहरण परिभाषा दीजिए।
उत्तर – जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन और कारक के कारण परिवर्तित हो जाता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे: बूढ़ा से बुढ़ापा, बुढ़िया आदि शब्द बन सकते हैं।
(iii) स्वर किसे कहते हैं?
उत्तर – जिन वर्णों का उच्चारण करते समय किसी अन्य वर्ण की सहायता नहीं ली जाती है, उन्हें स्वर कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला में स्वरों की संख्या 11 है। ये हैं: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
(प्रश्न 3 या 4 में से किसी एक का उत्तर दीजिए)
3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (5 अंक)
(i) विज्ञान वरदान या अभिशाप
(ii) विद्यार्थी और अनुशासन
(iii) प्रदूषण की समस्या
(iv) राष्ट्रभाषा हिन्दी
उत्तर – स्वयं करे।
4. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर पत्र लिखिए : (5 अंक)
स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेने हेतु अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर –
सेवा में
श्रीमान प्रधानाचार्य जी
मॉडल संस्कृति स्कूल
बाढ़डा (चरखी दादरी)
विषय : स्थानांतरण प्रमाण-पत्र लेने हेतु।
श्रीमान जी
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा 9वी का छात्र हूं। मेरे पिताजी एक सरकारी कर्मचारी हैं, उनका तबादला यहां से रोहतक हो गया है। इसलिए मुझे भी अपने परिवार के साथ वहां रोहतक रहना होगा। अतः मुझे वहां पर किसी विद्यालय में दाखिला लेने के लिए विद्यालय छोड़ने का प्रमाण-पत्र देने का कष्ट करें। विद्यालय की तरफ से मुझ पर किसी भी प्रकार का कोई शुल्क बाकी नहीं रहता है। शीघ्र कार्यवाही के लिए मैं आपका आभारी रहूंगा। आपकी अति कृपया होगी।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अमित कुमार
कक्षा 9वी
दिनांक :
अथवा
व्यायाम के महत्त्व को बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर –
88, प्रेम नगर
चरखी दादरी
13 अक्टूबर 20xx
प्रिय मित्र अरविंद,
मैं तुमसे व्यायाम के महत्व के बारे में बात करना चाहता हूँ। व्यायाम न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं। व्यायाम से हमारा शारीरिक फिटनेस बढ़ता है, हमारी मानसिक स्थिति सुधरती है और हमें सक्रिय रखने में मदद मिलती है। इसलिए, मैं तुमसे अनुरोध करता हूँ कि तुम व्यायाम को अपने जीवन में सम्मिलित करो। तुम्हें जो भी व्यायाम पसंद हो, उसे करो।
मैं उम्मीद करता हूँ कि तुम मेरी बातों को समझोगे और व्यायाम को अपने जीवन में सम्मिलित करोगे।
तुम्हारा मित्र
विजय
खण्ड – ख
5. क्षितिज भाग-1 (काव्य खण्ड) पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) ‘कैदी और कोकिला’ कविता के आधार पर कवि ने कौन-सा गहना पहना हुआ है?
(क) हथकड़ी
(ख) घड़ी
(ग) कंगन
(घ) सोने का कड़ा
उत्तर – (क) हथकड़ी
(ii) ललद्यद किस काव्य शैली में लिखती थी?
(क) दोहा
(ख) चौपाई
(ग) वाख
(घ) मुक्तक
उत्तर – (ग) वाख
6. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि॥
प्रश्न :
(i) प्रस्तुत काव्यांश के कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
उत्तर – कवि : कबीरदास, कविता : साखियाँ एवं सबद
(ii) ज्ञान रूपी हाथी पर दुलीचा डालकर चढ़ने का क्या अभिप्राय है?
उत्तर – ज्ञान रूपी हाथी पर दुलीचा डालकर चढ़ने का अभिप्राय ज्ञान ग्रहण कर निरंतर आगे बढ़ने से है।
(iii) कवि ने साधक को ज्ञान रूपी हाथी पर चढ़ने के लिए क्यों कहा है?
उत्तर – क्योकि ये अज्ञानी संसार व्यर्थ में भौंकने वाले कुत्ते के समान है।
(iv) कवि ने संसार को क्या कहा है और क्यों?
उत्तर – कवि ने संसार को अज्ञानी कुत्ता कहा है क्योंकि ये संसार बेवजह कुत्ते के समान भौकता रहता है।
(v) ‘दुलीचा’ का क्या अर्थ है?
उत्तर – कालीन या छोटा आसन
(प्रश्न 7 या 8 में से किसी एक का उत्तर दीजिए)
7. निम्नलिखित काव्यांश में निहित भाव एवं शिल्प सौन्दर्य को स्पष्ट कीजिए : (3 अंक)
अब रजत स्वर्ण मंजरियों से
लद गई आम्र तरु की डाली,
झर रहे ढाक, पीपल के दल,
हो उठी कोकिला मतवाली।
उत्तर : भाव सौंदर्य – यह काव्यांश प्राकृतिक सौंदर्य, ऋतु परिवर्तन, और प्रकृति के प्रति कवि के प्रेम को बहुत ही सुंदर और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है, जो इसे काव्यात्मक सौंदर्य से परिपूर्ण बनाता है। कवि कहते हैं कि आम के पेड़ की डालियाँ सोने-चाँदी की मंजरियों से लद गई हैं। ढाक और पीपल के पत्ते गिरने लगे हैं। कोयल वसंत ऋतु की मादकता में मतवाली हो गई है। अर्थात् आम डालियों पर बैठकर कूकने लगी है।
• शिल्प सौंदर्य – इन पंक्तियों में साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है। भाषा सरल तथा सहज है। प्रसाद गुण तथा काव्यांश में शांत रस का प्रयोग है।
8. ब्रज भूमि के प्रति कवि का प्रेम किन-किन रूपों में अभिव्यक्त हुआ है? (3 अंक)
उत्तर – कवि ने ब्रजभूमि के प्रति अपने प्रेम को कई रूपों में अभिव्यक्त किया है। कवि की इच्छा है कि वे चाहे जिस रूप में जन्म लें, हर रूप में ब्रजभूमि में ही जन्म ले। यदि मनुष्य हों तो गोकुल के ग्वालों के रूप में बसना चाहिए। यदि पशु हों तो नंद की गायों के साथ चरना चाहिए। यदि पत्थर हों तो उस गोवर्धन पहाड़ पर होना चाहिए जिसे कृष्ण ने अपनी उंगली पर उठा लिया था। यदि पक्षी हों तो उन्हें यमुना नदी के किनारे कदम्ब की डाल पर बसेरा करना पसंद हैं।
खण्ड – ग
9. क्षितिज भाग-1 (गद्य खण्ड) पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 3 = 3 अंक)
(i) ‘साँवले सपनों की याद’ किस विधा की रचना है?
(क) कहानी
(ख) निबंध
(ग) संस्मरण
(घ) यात्रावृत्तांत
उत्तर – (ग) संस्मरण
(ii) गधे के चेहरे पर कौन-सा स्थायी भाव सदा छाया रहता है?
(क) प्रसन्नता का
(ख) असंतोष का
(ग) विषाद का
(घ) निराशा का
उत्तर – (ग) विषाद का
(iii) हमारी मानसिक शक्ति कौन बदल रहा है?
(क) सरकार
(ख) फैशन
(ग) विज्ञापन और प्रसार के तंत्र
(घ) उद्योगपति
उत्तर – (ग) विज्ञापन और प्रसार के तंत्र
(प्रश्न 10 या 11 में से किसी एक का उत्तर दीजिए)
10. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
उन जैसा ‘बर्ड वाचर’ शायद ही कोई हुआ हो। लेकिन एकांत क्षणों में सालिम अली बिना दूरबीन भी देखे गए हैं। दूर क्षितिज तक फैली जमीन और झुके आसमान को छूने वाली उनकी नजरों में कुछ-कुछ वैसा ही जादू था, जो प्रकृति को अपने घेरे में बाँध लेता है। सालिम अली उन लोगों में थे जो प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाए प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल होते हैं। उनके लिए प्रकृति में हर तरफ एक हँसती खेलती रहस्यमयी दुनिया थी।
प्रश्न :
(i) प्रस्तुत गद्यांश के लेखक और पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर – लेखक : जाबिर हुसैन, पाठ : साँवले सपनों की याद
(ii) किस पक्षी ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया था?
उत्तर – गौरैया
(iii) इस गद्यांश में ‘बर्ड वाचर’ कौन है?
उत्तर – सालिम अली
(iv) पक्षियों के सम्बंध में सालिम अली के क्या विचार थे?
उत्तर – सालिम अली जीवनभर पक्षियों की खोज में खोए रहे। वे पक्षियों के लिए एक समर्पित ‘वर्ड वाचर’ थे।
(v) एकांत क्षणों में सालिम अली कैसे देखे गए?
उत्तर – बिना दूरबीन के
11. मुंशी प्रेमचंद अथवा राहुल सांकृत्यायान का संक्षिप्त जीवन परिचय देते हुए उनकी कहानी कला की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। (5 अंक)
उत्तर –
मुंशी प्रेमचंद
• जन्म – मुंशी प्रेमचंद का जन्म सन् 1880 में बनारस के लमही गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम धनपत राय था। प्रेमचंद का बचपन अभावों में बीता।
• शिक्षा – उनकी शिक्षा बी.ए. तक ही हो पाई। उन्होंने शिक्षा विभाग में नौकरी की परंतु असहयोग आंदोलन में सक्रिय भाग लेने के लिए सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और लेखन कार्य के प्रति पूरी तरह समर्पित हो गए।
• रचनाएं – प्रेमचंद की कहानियाँ मानसरोवर के आठ भागों में संकलित हैं। सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, कायाकल्प, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान उनके प्रमुख उपन्यास हैं। उन्होंने हंस, जागरण, माधुरी आदि पत्रिकाओं का संपादन भी किया।
• साहित्यिक विशेषताएं – कथा साहित्य के अतिरिक्त प्रेमचंद ने निबंध एवं अन्य प्रकार का गद्य लेखन भी प्रचुर मात्रा में किया। प्रेमचंद साहित्य को सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम मानते थे। उन्होंने जिस गाँव और शहर के परिवेश को देखा और जिया उसकी अभिव्यक्ति उनके कथा साहित्य में मिलती है। किसानों और मज़दूरों की दयनीय स्थिति, दलितों का शोषण, समाज में स्त्री की दुर्दशा और स्वाधीनता आंदोलन आदि उनकी रचनाओं के मूल विषय हैं।
• भाषा शैली – प्रेमचंद के कथा साहित्य का संसार बहुत व्यापक है। उसमें मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षियों को भी अद्भुत आत्मीयता मिली है। बड़ी से बड़ी बात को सरल भाषा में सीधे और संक्षेप में कहना प्रेमचंद के लेखन की प्रमुख विशेषता है। उनकी भाषा सरल, सजीव एवं मुहावरेदार है तथा उन्होंने लोक प्रचलित शब्दों का प्रयोग कुशलतापूर्वक किया है।
• मृत्यु – सन् 1936 में इस महान कथाकार का देहांत हो गया।
अथवा
‘राहुल सांकृत्यायान’ का जीवन परिचय – खुद करे।
12. यात्रा-वृतांत के आधार पर तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का शब्द-चित्र प्रस्तुत करें। वहाँ की स्थिति आपके राज्य/शहर से किस प्रकार भिन्न है? (2 अंक)
उत्तर – यात्रा वृत्तांत से ज्ञात होता है कि तिब्बत भारत और नेपाल से लगता हुआ देश है जहाँ कुछ समय तक आने-जाने पर प्रतिबंध था। यह स्थान समुद्र तल से काफ़ी ऊँचा है। यहाँ एक ओर हज़ारों बरफ़ से ढंके श्वेत शिखर हैं तो दूसरी ओर भीटे हैं जिन पर बहुत कम बरफ़ रहती है। यहाँ विशाल मैदान भी हैं जो पहाड़ों से घिरे हैं। यहाँ के विचित्र जलवायु में सूर्य की ओर मुँह करके चलने पर माथा जलता है जबकि कंधा और पीठ बरफ़ की तरह ठंडे हो जाते हैं। यह स्थिति हमारे राज्य/शहर से पूरी तरह भिन्न है।
खण्ड – घ
13. ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों? (3 अंक)
उत्तर – मोटी डोरी की शक्ल में गेरुआ-झाग-फेन में उलझे बाढ़ के पानी को लेखक ने तरल दूत कहा है क्योंकि ये वो पानी था जिसका स्वरुप तरल था पर मौत का संदेश लेकर तेज़ी से बढ़ रहा था जो अपने में शहरों, गाँवों को मृत्यु के विकराल दूत की भाँति निगल रहा था। बाढ़ का पानी जहां भी प्रवेश कर रहा था, वहा अपनी गति के कारण सब कुछ डुबोता तथा बहाता ले जा रहा था। इसलिए इसे मृत्यु का तरल दूत कहा गया है।
खण्ड – ङ
14. आदर्श जीवन मूल्य (मध्यमा) के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (2 × 2 = 4 अंक)
(i) बुद्धि पर संगति का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर – बुद्धि संगति के प्रभाव से ही बनती या बिगड़ती है। संगति अच्छी होगी तो बिगड़ी हुई बुद्धि भी सँवर जाएगी और सही निर्णय करने लगेगी। लेकिन यदि संगति ही बिगड़ी हुई होगी तो अच्छी-भली बुद्धि को भी बिगाड़ देगी।
(ii) अपने भीतर की विलक्षण विचार शक्ति को जगाकर हम किस प्रकार लाभान्वित हो सकते हैं?
उत्तर – हम निम्न प्रकार से लाभान्वित हो सकते हैं :
• हम अपने कर्म मे पूर्ण सजग हो जाएंगे।
• हमे भगवान की कृपा पर विश्वास होने लगेगा।
• हमें धर्म का अहसास होने लगेगा।
• हम विचारहीनता की स्थिति से बाहर निकल जाएंगे।