Haryana Board (HBSE) Class 12 Hindi Half Yearly Question Paper 2024 PDF Download. HBSE Class 12 Hindi Half Yearly Question Paper 2024. Haryana Board Class 12 Hindi Half Yearly Exam 2024. HBSE Class 12th Hindi Half Yearly Paper 2024 Answer. Haryana Board Class 12 Half Yearly Paper PDF Download. Haryana Board Class 12 Hindi Half Yearly Paper 2024 Solution. हरियाणा बोर्ड कक्षा 12 हिन्दी अर्धवार्षिक पेपर 2024.
HBSE Class 12 Hindi Half Yearly Question Paper 2024 Answer Key
1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
‘साहित्य का आधार जीवन है। इसी आधार पर साहित्य की दीवार खड़ी है। उसकी अटारिया, मीनार और मकान बने हुए हैं, लेकिन बुनियाद मिट्टी के नीचे दबी पड़ी है। जीवन परमात्मा की सृष्टि है, इसलिए सुबोध है, सुगम है और मर्यादाओं से परिमित है। जीवन परमात्मा को अपने कामों का जवाबदेह है या नहीं, हमें मालूम नहीं, लेकिन साहित्य मनुष्य के सामने जवाबदेह है। इसके लिए कानून है, जिनसे वह इधर-उधर नहीं जा सकता। मनुष्य जीवन पर्यंत आनन्द की खोज में लगा रहता है। किसी को यह रत्न द्रव्य के रूप मिलता है, किसी को भरे-पूरे परिवार में, किसी को लंबे-चौड़े भवन में, किसी को ऐश्वर्य में, लेकिन साहित्य का आनन्द इस आनन्द से ऊँचा है। इसका आधार सुन्दर और सत्य है। वास्तव में सच्चा आनन्द सुन्दर और सत्य से मिलता है, उसी आनंद को दर्शाना, वही आनन्द उत्पन्न करना साहित्य का उद्देश्य है।
प्रश्न :
(i) साहित्य और जीवन में गहरा संबंध है क्योंकि-
(क) जीवन का मुख्य आधार साहित्य है
(ख) साहित्य जीवन की मजबूत दीवार है
(ग) साहित्य का आधार जीवन है
(घ) साहित्य का आनन्द जीवन से ऊँचा है
उत्तर – (ग) साहित्य का आधार जीवन है
(ii) मनुष्य किसकी खोज में जीवन भर लगा रहता है?
(क) परमात्मा की
(ख) आनन्द की
(ग) साहित्य की
(घ) ऐश्वर्य को पाने की
उत्तर – (ख) आनन्द की
(iii) साहित्य के आनन्द का आधार है :
(क) सुन्दर और सत्य को पाना
(ख) जीवन
(ग) रत्न और ऐश्वर्य पाना
(घ) परमात्मा
उत्तर – (क) सुन्दर और सत्य को पाना
(iv) परिमिति का अर्थ है :
(क) सीमित
(ख) दबा हुआ
(ग) विस्तृत
(घ) फंसा हुआ
उत्तर – (क) सीमित
(v) साहित्य किसके सामने जवाबदेह है?
(क) परमात्मा के
(ख) जीवन के
(ग) मनुष्य के
(घ) परिवार के
उत्तर – (ग) मनुष्य के
2. काव्य-खण्ड पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 3 = 3 अंक)
(i) ‘पतंग’ कविता में खरगोश की आँखों जैसा किसे कहा गया है?
(क) पतंग को
(ख) बौछार को
(ग) पतला कागज को
(घ) लाल सवेरा को
उत्तर – (घ) लाल सवेरा को
(ii) परदे की कीमती चीज क्या है?
(क) चित्र
(ख) अभिनय
(ग) शिक्षा
(घ) वक्त
उत्तर – (घ) वक्त
(iii) ‘उषा का जादू’ किससे टूटने की बात कही गई है?
(क) लाल केसर
(ख) भोर से
(ग) नभ से
(घ) सूर्योदय से
उत्तर – (घ) सूर्योदय से
3. गद्य-खण्ड पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) ‘बाजार दर्शन’ पाठ में फिजूल सामान को फिजूल समझने वाले लोगों को क्या कहा है?
(क) मूर्ख
(ख) संयमी
(ग) बुद्धिमान
(घ) मितव्ययी
उत्तर – (ख) संयमी
(ii) पहलवान ने ‘चांद सिंह’ को कहां के दंगल में हराया?
(क) जामनगर
(ख) श्यामनगर
(ग) भावनगर
(घ) चांदनगर
उत्तर – (ख) श्यामनगर
4. ‘अभिव्यक्ति एवं माध्यम’ पाठ्य पुस्तक पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) भुगतान के आधार पर अलग-अलग समाचार पत्रों में लिखने वाले को …….……… पत्रकार कहते हैं।
(क) अल्पकालीक
(ख) संपादक
(ग) अंशकालिक
(घ) फ्रीलांसर
उत्तर – (घ) फ्रीलांसर
(ii) टेलीविजन किस प्रकार का माध्यम है?
(क) दृश्य माध्यम
(ख) श्रव्य माध्यम
(ग) दृश्य-श्रव्य माध्यम
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) दृश्य-श्रव्य माध्यम
5. व्याकरण पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 3 = 3 अंक)
(i) ‘एकैक’ का संधि-विच्छेद है :
(क) एक + ऐक
(ख) एक + इक
(ग) एक + एक
(घ) एकै + एक
उत्तर – (ग) एक + एक (वृद्धि संधि)
(ii) ‘लम्बोदर’ में कौन-सा समास है?
(क) बहुव्रीहि समास
(ख) द्वंद्व समास
(ग) द्विगु समास
(घ) तत्पुरुष समास
उत्तर – (क) बहुव्रीहि समास (लम्बा है उदर जिसका अर्थात् गणेश)
(iii) वाक्य शुद्ध कीजिए :
लड़की कितनी सुंदर गाती है।
(क) लड़की सुंदर गाती है कितनी।
(ख) लड़की कितना सुंदर गाती है।
(ग) लड़की सुंदर कितना गाती है।
(घ) कितना गाती है लड़की सुंदर।
उत्तर – (ख) लड़की कितना सुंदर गाती है।
6. निम्नलिखित पंद्याश को पढ़कर सम्बंधित प्रश्नों के उचित उत्तर दीजिए : (5 अंक)
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ों से झांक रहे होंगे
यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
प्रश्न :
(क) कवि और कविता का नाम लिखिए।
उत्तर : कवि – हरिवंशराय बच्चन, कविता – दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
(ख) बच्चे किस आशा से नीड़ों से बाहर झांक रहे होगे?
उत्तर – प्रत्याशा में
(ग) चिड़ियों के घोंसलों से किस दृश्य की कल्पना की गई है?
उत्तर – उतावलेपन के दृश्य की
(घ) चिड़ियों के पंखों में चंचलता क्यों उत्पन्न हो जाती है?
उत्तर – माता के इंतजार में
(ङ) चिड़ियों को क्यों लगता है कि दिन जल्दी-जल्दी ढल रहा है?
उत्तर – बहुत देर हो गई है, मां नहीं आई।
अथवा
7. काव्य-खण्ड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए अंकों के अनुसार उपयुक्त शब्दों में दीजिए। (3 + 2 = 5 अंक)
(क) ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में ‘छिपी क्रूरता की कविता है’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – दूरदर्शन पर एक अपाहिज का साक्षात्कार‚ व्यावसायिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिखाया जाता है। दूरदर्शन पर एक अपाहिज व्यक्ति को प्रदर्शन की वस्तु मान कर उसके मन की पीड़ा को कुरेदा जाता है‚ साक्षात्कारकर्ता को उसके निजी सुख दुख से कुछ लेना-देना नहीं होता है। यहाँ पर कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले इस प्रकार के अधिकतर कार्यक्रम केवल संवेदनशीलता का दिखावा करते हैं।
(ख) ‘बात सीधी थी’ कविता का मूल भाव स्पष्ट करें।
उत्तर – ‘बात सीधी थी’ कविता का मूल भाव यह है कि जीवन में सीधी बातों का अहमियत होता है। जीवन में कुछ बातें अपने आप सीधी हो जाती हैं, जो हमें उनके महत्व को समझने के लिए प्रेरित करती हैं। कविता में इस बात को दर्शाया गया है कि हमें सीधी बातों को धैर्य से समझना चाहिए और सच्चाई से कभी नहीं भागना चाहिए।
8. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए : (5 अंक)
भक्तिन को नौकर कहना उतना ही असंगत है, जितना अपने घर में बारी-बारी से आने-जाने वाले अँधेरे-उजाले और आँगन में फूलने वाले गुलाब और आम को सेवक मानना। वे जिस प्रकार एक अस्तित्व रखते हैं, जिसे सार्थकता देने के लिए ही हमें सुख-दुख देते हैं, उसी प्रकार भक्तिन का स्वतंत्र अस्तित्व अपने विकास के परिचय के लिए ही मेरे जीवन को घेरे हुए है।
उत्तर : प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश लेखिका ‘महादेवी वर्मा’ द्वारा लिखित पाठ ‘भक्तिन’ से लिया गया है। इसमें लेखिका ने स्वयं का और भक्तिन का सम्बन्ध स्पष्ट किया गया है।
• व्याख्या – महादेवी की दृष्टि में भक्तिन को घर का नौकर कहना सर्वथा अनुचित है। जिस प्रकार घर में बारी-बारी अंधेरा और उजाला आता रहता है, गुलाब खिलता रहता है और आम फलता रहता है, परंतु हम उन्हें नौकर नहीं कह सकते, यह उनका स्वभाव है। इन सबका अपना-अपना अस्तित्व है, जिसे सार्थक बनाने के लिए वह हमें सुख और दुख देते रहते हैं। उसी प्रकार भक्तिन का अस्तित्व भी स्वतंत्र था और वह अपने विकास का परिचय देने के लिए लेखिका को चारों ओर से घेरे हुए थी। भाव यह है कि भक्तिन महादेवी के जीवन का एक अनिवार्य अंग थी, अपने सुख-दुख दोनों के साथ जीवित रहने की अधिकारिणी थी।
अथवा
9. गद्य-खण्ड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए अंकों के अनुसार उपयुक्त शब्दों में दीजिए : (3 + 2 = 5 अंक)
(क) ‘बाजार के जादू’ का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर – बाजार ग्राहक को आकर्षित करता है। वहाँ सुन्दर ढंग से सजी चीजों को देखकर मनुष्य उनको खरीदने के लिए मजबूर हो जाता है। यह जादू उन पर प्रभाव डालता है जिनको अपनी आवश्यकताओं का पता नहीं होता और जेब में खूब पैसा होता है। बाजार जाकर वे जो अच्छा लगता है उसे खरीद लेते हैं। यह नहीं देखते कि उनको उसकी जरूरत है या नहीं। वे फिजूलखर्ची करते हैं। इस जादू के उतरने पर उनको पता चलता है कि ज्यादा चीजें सुख नहीं देतीं बल्कि उसमें बाधा डालती हैं।
(ख) शिरीष की महिमा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर – शिरीष भयंकर गरमी, उमस, लू आदि के बीच सरस रहता है। वसंत में वह लहक उठता है तथा भादों मास तक फलता-फूलता रहता है। उसका पूरा शरीर फूलों से लदा रहता है। उमस से प्राण उबलता रहता है और लू से हृदय सूखता रहता है, तब भी शिरीष कालजयी अवधूत की भाँति जीवन की अजेयता का मंत्र प्रचार करता रहता है, वह काल व समय को जीतकर लहलहाता रहता है।
10. ‘अभिव्यक्ति एवं माध्यम’ पाठ्य पुस्तक पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (5 अंक)
विशेष लेखन से क्या अभिप्राय है? यह क्यों लिखा जाता है?
उत्तर – सामान्य लेखन से हटकर किसी खास विषय पर लिखा गया लेख विशेष लेखन कहलाता है। इसमें अखबारों के लिए समाचारों के अलावा खेल, अर्थ-व्यापार, सिनेमा या मनोरंजन आदि विभिन्न क्षेत्रों और विषयों संबंधित घटनाएँ, समस्याएँ आदि से संबंधित लेख लिखा है। इसमें विषय की गहराई, विस्तार और विशेषता को समझाया जाता है। इसलिए, विशेष लेखन को ज्यादातर संबोधन, भाषण, रिपोर्ट, लेख, आलेख, संक्षेपण, आदि में उपयोग किया जाता है। विशेष लेखन का प्रयोजन होता है कि पाठकों को समझ में आने वाली चुनौतियों, समस्याओं, संदेहों, सम्प्रेषणों, आदि का समाधान प्रस्तुत किया जाए।
अथवा
11. (क) किसी कहानी का ‘नाट्य रूपांतरण’ करते समय दृश्य-विभाजन कैसे किया जाता है? स्पष्ट कीजिए। (3 अंक)
उत्तर – कहानी का नाट्य रूपांतरण करते समय दृश्य विभाजन निम्न प्रकार करते हैं :
• कहानी की कथावस्तु को समय और स्थान के आधार पर विभाजित करके दृश्य बनाए जाते हैं।
• प्रत्येक दृश्य कथानक के अनुसार बनाया जाता है।
• एक स्थान और समय पर घट रही घटना को एक दृश्य में लिया जाता है।
• दूसरे स्थान और समय पर घट रही घटना को अलग दृश्यों में बांटा जाता है।
• दृश्य विभाजन करते समय कथाक्रम और विकास का भी ध्यान रखा जाता है।
(ख) अंशकालिक पत्रकार किसे कहते हैं? (2 अंक)
उत्तर – अंशकालीन पत्रकार को स्ट्रिंगर भी कहते हैं। यह किसी समाचार संगठन के लिए एक निश्चित मानदेय पर काम करता है।
12. ‘वितान भाग-2’ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (2 + 2 = 4 अंक)
(क) यशोधर बाबू को भूषण ने उपहार देते समय क्या कहा और उन्हें यह सब कैसा लगा?
उत्तर – जब यशोधर बाबू को भूषण ने ‘ड्रैसिंग गाउन’ उपहार में दिया, तब पुत्र द्वारा यह कहे जानेपर “बब्बा आप सबेरे दूध लेने जाते हैं तब आप यह ड्रैसिंग गाउन पहनकर जाया कीजिए”, यह बात उन्हें बुरी लगी। उनकी आखों में जल छलछला आया। बेटा उनसे यह भी कह सकता था कि “पिताजी दूध मैं ला दिया करूँगा, अब आपकी उम्र आराम करने की है”, लेकिन पुत्र ने ऐसा नहीं कहा। तो उनके मन को धक्का सा लगा, वे भीतर ही भीतर बड़े दुःखी हुए।
(ख) ‘जूझ’ पाठ में बचपन में लेखक के मन में पढ़ने के प्रति क्या विचार थे?
उत्तर – लेखक की पाठशाला में मराठी भाषा के अध्यापक सौंदलगेकर, कविता के अच्छे रसिक व मर्मज्ञ थे। वे कक्षा में सस्वर कविता-पाठ करते थे तथा लय, छद, गति-यति, आरोह-अवरोह आदि का ज्ञान कराते थे। लेखक इनको देखकर बहुत प्रभावित हुआ। इस प्रकार उसके मन में स्वयं कविता रच लेने का आत्मविश्वास पैदा हुआ।
13. व्यंजन संधि की परिभाषा उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। (2 अंक)
उत्तर – व्यंजन का स्वर या व्यंजन से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं। जैसे: अभी + सेक = अभिषेक
14. नैतिक शिक्षा पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए अंकों के अनुसार उपयुक्त शब्दों में दीजिए : (2 + 2 = 4 अंक)
(क) आत्म-अनुशासन के द्वारा मनुष्य अपने जीवन को किस प्रकार सफल बना सकता है?
उत्तर – ‘आत्म-अनुशासन’ शब्द का अर्थ है- स्वयं पर अनुशासन या नियंत्रण। यदि मनुष्य अपने मन एवं अन्य इन्द्रियों का केवल सदुपयोग करता है और बुराई की दशा में उन पर नियंत्रण रखता है, तब इसे आत्म-अनुशासन कहा जाता है। आत्म-अनुशासन के बल पर ही मनुष्य कुसंगति से बच सकता है, हानिकारक पदार्थों का सेवन करने से बच सकता है। वह अपने मन को एकाग्र करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी शक्ति व ऊर्जा लगा देता है। इस प्रकार आत्म-अनुशासन के द्वारा मनुष्य अपने जीवन को सफल बना सकता है।
(ख) भगवान् श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सांकेतिक भाषा में क्या समझाया?
उत्तर – भगवान् श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सांकेतिक भाषा में समझाया कि यदि मनुष्य का हृदय दुर्बल हो जाता है, तब महाबलशाली पुरुष भी कमजोर पड़ जाता है। कमजोर हृदय या मन के कारण ही शरीर भी लड़खड़ाने लगता है। अतः उसे अपने हृदय की दुर्बलता त्यागकर युद्ध करना चाहिए।