Haryana Board (HBSE) Class 11 Hindi SAT-2 Question Paper 2025 Answer Key
खण्ड – क
1. व्याकरण पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 4 = 4 अंक)
(i) ‘लेखक ने अभिनेता की घमंड तोड़ी’ शुद्ध वाक्य क्या होगा?
(क) लेखक ने अभिनेता की घमंड फोड़ा
(ख) लेखक ने अभिनेता का घमंड तोड़ा
(ग) लेखक ने अभिनेता का घमंड तोड़ी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) लेखक ने अभिनेता का घमंड तोड़ा
(ii) ‘वह आंख से काना है’ शुद्ध वाक्य क्या होगा?
(क) वह आंखों से काना है
(ख) वह काना है आंख से
(ग) वह काना है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) वह काना है
(iii) शुद्ध वर्तनी शब्द है :
(क) उज्जवल
(ख) उजजवल
(ग) उज्ज्वल
(घ) उत्जवल
उत्तर – (ग) उज्ज्वल
(iv) निम्नलिखित में शुद्ध शब्द छांटिए।
(क) अनाधीकार
(ख) अनूग्रहित
(ग) आशीर्वाद
(घ) बरात
उत्तर – (ग) आशीर्वाद
खण्ड – ख
2. आरोह भाग-1 (काव्य खण्ड) पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) ‘सबसे खतरनाक’ कविता के कवि कौन है?
(क) महादेवी वर्मा
(ख) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
(ग) राजेश जोशी
(घ) पाश
उत्तर – (घ) पाश
(ii) ‘आओ मिलकर बचाएं’ कविता किस भाषा से अनूदित है?
(क) अवधी
(ख) ब्रज
(ग) हिन्दी
(घ) संथाली
उत्तर – (घ) संथाली
3. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 3 = 3 अंक)
है भूख! मत मचल
प्यास, तड़प मत
है नींद! मत सता
क्रोध, मचा मत उथल-पुथल
हे मोह! पाश अपने ढील
लोभ मत ललचा
हे मद! मत कर मदहोश
ईर्ष्या, जला मत॥
प्रश्न :
(क) प्रस्तुत पंक्तियों किस कविता से ली गई हैं?
उत्तर – ‘हे भूख! मत मचल’
(ख) कवित्री किसको संबोधित कर रही है?
उत्तर – अपनी इंद्रियों (भूख, प्यास, क्रोध, लोभ आदि) को।
(ग) प्रस्तुत पंक्तियां किसके द्वारा लिखी गई हैं?
उत्तर – अक्का महादेवी
अथवा
लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियां बाधक होती है। अपने तर्क दीजिए।
उत्तर – लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियाँ अक्सर बाधक बनती हैं, क्योंकि वे मनुष्य को भोग-विलास, आलस्य, क्रोध, लोभ और मोह की ओर आकर्षित करती हैं। इंद्रियों के वश में होकर व्यक्ति अपने उद्देश्य से भटक जाता है और एकाग्रता भंग हो जाती है। जब तक इंद्रियों पर संयम नहीं रखा जाता, तब तक मन स्थिर नहीं रहता और लक्ष्य की प्राप्ति कठिन हो जाती है।
खण्ड – ग
4. गद्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) ‘रजनी’ पाठ किस विधा से संबंधित है?
(क) कहानी
(ख) निबंध
(ग) एकांकी
(घ) पटकथा
उत्तर – (घ) पटकथा
(ii) ‘जामुन का पेड़’ कहानी किसके द्वारा रचित है?
(क) जवाहरलाल नेहरू
(ख) कृष्ण चंदर
(ग) प्रेमचंद
(घ) मन्नू भंडारी
उत्तर – (ख) कृष्ण चंदर
5. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
रात को माली ने दबे हुए आदमी को दाल भात खिलाया जबकि उसके चारों तरफ पुलिस का पहरा था कि कहीं लोग कानून को अपने हाथ में लेकर पेड़ को खुद से हटवाने की कोशिश ना करें। मगर एक पुलिस कांस्टेबल को दया आ गई और उसने माली को दबे हुए आदमी को खाना खिलाने की इजाजत दे दी। माली ने दबे हुए आदमी से कहा “तुम्हारी फाइल चल रही है, उम्मीद है कल तक फैसला हो जाएगा”।
प्रश्न :
(क) पाठ और रचनाकार का नाम लिखिए।
उत्तर – पाठ : जामुन का पेड़, रचनाकार : कृष्ण चंदर
(ख) माली ने किसको दाल भात खिलाया?
उत्तर – दबे हुए आदमी को
(ग) पुलिस कांस्टेबल को किस पर दया आई?
उत्तर – दबे हुए आदमी पर
(घ) माली ने दबे हुए आदमी से क्या कहा?
उत्तर – तुम्हारी फाइल चल रही है, उम्मीद है कल तक फैसला हो जाएगा।
(ङ) गद्यांश में प्रयुक्त कोई दो उर्दू शब्द बताइए?
उत्तर – उम्मीद, फैसला
अथवा
मन्नू भंडारी अथवा कृष्ण चंद्र का जीवन परिचय देते हुए, उनकी रचनाओं, साहित्यिक विशेषताओं एवं भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
उत्तर –
मन्नू भंडारी
• जन्म – मन्नू भंडारी का जन्म सन् 1931 में गाँव भानपुरा, जिला मंदसौर (मध्य प्रदेश) में हुआ।
• शिक्षा – उनकी इंटर तक की शिक्षा-दीक्षा हुई राजस्थान के अजमेर शहर में। उन्होंने हिंदी में एम.ए. किया। दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलिज में अध्यापन कार्य से अवकाश प्राप्ति के बाद दिल्ली में ही रहकर स्वतंत्र लेखन कर रही थी।
• रचनाएं – मन्नू भंडारी की प्रमुख रचनाएँ हैं- एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, यही सच है, त्रिशंकु (कहानी-संग्रह); आपका बंटी, महाभोज मरू (उपन्यास)। इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म एवं टेलीविज़न धारावाहिकों के लिए पटकथाएँ भी लिखी हैं। हाल ही में ‘एक कहानी यह भी’ नाम से आत्म कथ्य का प्रकाशन किया।
• साहित्यिक विशेषताएं – उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए हिंदी अकादमी के शिखर सम्मान सहित उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं जिनमें भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पुरस्कार शामिल हैं।
• भाषा शैली – मन्नू भंडारी की कहानियाँ हों या उपन्यास, उनमें भाषा और शिल्प की सादगी तथा प्रामाणिक अनुभूति मिलती है। उनकी रचनाओं में स्त्री-मन से जुड़ी अनुभूतियों की अभिव्यक्ति भी देखी जा सकती है।
• मृत्यु – मन्नू भंडारी की मृत्यु 15 नवंबर 2021 को 90 वर्ष की आयु में गुड़गांव, हरियाणा में हुई थी।
खण्ड – घ
6. ‘वितान भाग-1’ के आधार पर किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए : (2 अंक)
(क) अपने परिवार से तातुश के घर तक के सफर में बेबी के सामने रिश्तो की कौन-सी सच्चाई उजागर होती है?
उत्तर – अपने परिवार से तातुश के घर तक के सफ़र में बेबी के सामने यह सच्चाई उजागर होती है कि रिश्तों की मजबूती खून से नहीं, बल्कि प्रेम, करुणा और संवेदनशीलता से होती है। जहाँ उसके अपने परिवार ने उसे संकट में अकेला छोड़ दिया, वहीं तातुश ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए उसे और उसके बच्चों को सहारा, सुरक्षा और अपनापन दिया। इससे स्पष्ट होता है कि सच्चे रिश्ते सहानुभूति और दायित्व से बनते हैं, न कि केवल रक्त-संबंध से।
(ख) बेबी की जिंदगी में तातुश का परिवार ना आया होता तो उसका जीवन कैसा होता? कल्पना करें और लिखें।
उत्तर – यदि बेबी की ज़िंदगी में तातुश का परिवार न आया होता, तो उसका जीवन अभाव, असुरक्षा और अपमान से भरा रहता। वह उसी गलीच वातावरण में घरेलू काम करते हुए शोषण का शिकार बनती रहती, उसके बच्चों को शिक्षा और संरक्षण न मिल पाता तथा वे उससे बिछुड़ भी सकते थे। तातुश के सहयोग से ही बेबी को सम्मान, आत्मविश्वास और जीवन की नई दिशा मिली; उनके बिना उसका जीवन अंधकारमय बना रहता।
खण्ड – ङ
7. ‘आदर्श जीवन मूल्य’ के आधार पर किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए : (2 अंक)
(क) वीर सावरकर ने स्वतंत्रता प्राप्ति को सर्वोपरि कैसे माना?
उत्तर – वीर सावरकर ने अपने जीवन में व्यक्तिगत सुख, पारिवारिक जीवन और सुविधाओं से ऊपर उठकर राष्ट्र की स्वतंत्रता को सर्वोपरि माना। उन्होंने भारतीय इतिहास के छह स्वर्णिम पृष्ठ जैसे ग्रंथों के माध्यम से भारतीयों में स्वाभिमान और राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत की। कठोर कारावास और कष्ट सहते हुए भी वे जीवन के अंतिम समय तक स्वतंत्रता और राष्ट्रहित के लिए संघर्षरत रहे।
(ख) गुरु ग्रंथ साहिब में विश्व बंधुत्व के बारे में क्या कहा गया है?
उत्तर – गुरु ग्रंथ साहिब में विश्व-बंधुत्व का संदेश देते हुए कहा गया है कि समस्त संसार का एक ही परमात्मा है और सभी मनुष्य उसकी संतान हैं। इसलिए सभी मानव समान हैं; कोई ऊँचा-नीचा या भला-बुरा नहीं है। यह ग्रंथ प्रेम, समानता, भाईचारे और मानवता की भावना को अपनाने की शिक्षा देता है।