Haryana Board (HBSE) Class 10 Social Science SAT-1 Question Paper 2025 PDF Download. SAT (Students Assessment Test). HBSE Class 10 Social Science SAT Question Paper 2025. Haryana Board Class 10 Social Science Students Assessment Test 2025. HBSE Class 10th Social Science SAT 2025 Answer. Haryana Board Class 10 Students Assessment Test. Haryana Board Class 10 Social Science SAT Paper 2025 Solution. हरियाणा बोर्ड कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान SAT पेपर 2025.
HBSE Class 10 Social Science SAT-1 Question Paper 2025 Answer Key
Instructions :
• All questions are compulsory.
• Questions (1-10) carry 1 mark each.
• Questions (11-14) carry 2 marks each.
• Questions (15-16) carry 3 marks each
• Questions (17-18) case study, carry 3 marks.
• Question (19) carry 5 marks each.
• Question (20) map, carry 5 marks each.
1. सरस्वती-सिंधु सभ्यता में बंदरगाह के साक्ष्य कहां से मिले हैं?
(a) हड़प्पा
(b) मोहनजोदड़ो
(c) लोथल
(d) बनावली
उत्तर – (c) लोथल
2. सरस्वती-सिंधु सभ्यता में अंत्येष्टि संस्कार की कितनी विधियां प्रचलित थी?
(a) तीन
(b) चार
(c) दो
(d) पांच
उत्तर – (a) तीन
3. निम्नलिखित में से किस राज्य में छत की खेती की जाती है?
(a) पंजाब
(b) हरियाणा
(c) उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाके
(d) उत्तराखंड
उत्तर – (d) उत्तराखंड
4. किस प्रमुख सामाजिक समूह ने श्रीलंका की जनसंख्या में सबसे बड़ा हिस्सा गठित किया?
(a) सिंहली
(b) श्रीलंकाई तमिल
(c) भारतीय तमिल
(d) मुस्लिम
उत्तर – (a) सिंहली
5. किसी देश का विकास सामान्तया किसके द्वारा निर्धारित किया जा सकता है?
(a) प्रति व्यक्ति आय
(b) औसत साक्षरता स्तर
(c) लोगों की स्वास्थ्य स्थिति
(d) ये सभी
उत्तर – (d) ये सभी
6. राजनीतिक दृष्टि से रोमन सभ्यता को …………… कालों में बांटा जा सकता है।
उत्तर – चार
7. उत्तर पूर्वी राज्यों में अधिकांश वन …………… की श्रेणी के हैं ।
उत्तर – अवर्गीकृत वन
8. श्रीलंका का आधिकारिक धर्म क्या है?
उत्तर – सिंहली
9. PCI का पूरा नाम क्या है?
उत्तर – Per Capita Income
10. अभिकथन (A) : सिंचाई ने फसल पैटर्न को भी बदल दिया है।
कारण (R) : फसलें अब पानी की मात्रा और उपलब्धता के अनुसार बोई जाती हैं।
उत्तर – अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही है और कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।
11. सरस्वती-सिंधु सभ्यता की नगर योजना की दो प्रमुख विशेषताएं क्या थी?
उत्तर – (i) नगरों में पूर्व और पश्चिम दिशा में दो टीले होते थे। पूर्व दिशा के टीले पर आवास क्षेत्र होता था जहां सामान्य नागरिक, व्यापारी, शिल्पकार, कारीगर और श्रमिक रहते थे जबकि पश्चिम दिशा के टीले पर दुर्ग होता था जहां प्रशासनिक, सार्वजनिक भवन और अन्नागार होते थे।
(ii) सरस्वती-सिन्धु सभ्यता की नगर योजना में सड़कों का महत्वपूर्ण स्थान होता था। मुख्य सड़के नगर को पांच या छः खण्डों में बांटती थी।
(iii) साफ-सफाई पर खास ध्यान दिया जाता था। कुड़े कचरे के लिए सड़कों के किनारे कूड़ेदान रखे गए थे।
12. सत्ता साझेदारी की कोई दो विशेषताएं बताइए।
उत्तर – (i) इसमें सरकार के विभिन्न स्तरों पर शक्तियों का बंटवारा किया जाता है।
(ii) इसमें विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच सत्ता या शासकीय शक्तियों का बंटवारा किया जाता है।
13. कुछ लोग बांधों का विरोध क्यों करते हैं?
उत्तर – (i) नदी पर बाँध बनाकर जब एक बड़े क्षेत्र में पानी को रोका जाता है तो इससे नदी का प्राकृतिक बहाव रूक जाता है।
(ii) बाँध बनाकर पानी को रोकने के लिए एक बड़े क्षेत्र को साफ किया जाता है। इस क्षेत्र में जितने भी लोग रहते है वे सभी उजड़ जाते है।
(iii) नदी पर बाँध बनाकर जब एक बड़े क्षेत्र में पानी को इकट्ट्टा किया जाता है तो इससे उस क्षेत्र के पेड़-पौधे और जमीन पानी में डूब जाती है।
14. किन्हीं दो कारकों की व्याख्या करें जिनके कारण भारत की जैव विविधता में गिरावट आई है।
उत्तर – बड़े पैमाने पर वनों को काटा जा रहा है जिसके कारण जैव विविधता में गिरावट आई है।
(ii) जंगली जानवरों के शिकार के कारण भी जैव विविधता में गिरावट आई है।
15. मिस्र सभ्यता का विश्व को क्या योगदान है?
उत्तर – मिस ने विश्व को 365 दिन का एक वर्ष का कलेण्डर प्रदान किया।
(ii) मिस्र ने विश्व को सूर्य घड़ी व जल घड़ी दी।
(iii) औषधि विज्ञान के क्षेत्र में मिस्र ने विश्व को ऐसा रासायनिक लेप तैयार करके दिया जिससे मृतक शरीर को शताब्दियों तक सुरक्षित रखा जा सकता था।
16. विकसित देश की कोई तीन विशेषताएं बताएं।
उत्तर – (i) जिन देशों में प्रति व्यक्ति आय काफी ज्यादा होती है।
(ii) जिन देशों में लोगों का जीवन स्तर उच्च स्तर का होता है तथा मानव विकास सूचकांक भी उच्च होता है।
(iii) ये औद्योगिक देश होते है
17. CASE STUDY : वैदिक दर्शन में मनुष्य के जीवन को आध्यात्मिक व भौतिक दृष्टि से उन्नत करने के लिए चार पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) की व्यवस्था का उल्लेख है। इन पुरुषार्थों में धर्म मुख्य है। किसी वस्तु के स्वाभाविक गुणों को उसका धर्म कहते है, जैसे विद्यार्थी का धर्म पढ़ना, अध्यापक का धर्म पढ़ाना, सूर्य का धर्म प्रकाश करना है। इसी प्रकार मानव का स्वाभाविक धर्म मानवता है अतः धर्म का अर्थ है ‘कर्तव्य बोध’। मनुष्य का नैतिक कर्तव्य ही उसका धर्म है। धर्म ‘धृ’ धातु से बना है जिसका अर्थ है ‘धारण करना’। शास्त्रों में धर्म के 10 लक्षण बताये गए हैं।
प्रन्न :
17.1 वैदिक दर्शन में मनुष्य के जीवन को उन्नत बनाने के लिए कितने पुरुषार्थ का उल्लेख है?
उत्तर – चार पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष)
17.2 धर्म का अर्थ क्या है?
उत्तर – धर्म ‘धृ’ धातु से बना है जिसका अर्थ है-धारण करना।
17.3 शास्त्रों के अनुसार धर्म के कितने लक्षण बताये गए है? उतर – 10 लक्षण
18. CASE STUDY : मानव और दूसरे जीवधारी एक जटिल पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करते है, जिसका हम केवल एक हिस्सा हैं और अपने अस्तित्व के लिए इसके विभिन्न तत्वों पर निर्भर करतें हैं। उदाहरण के लिए, वायु जिसमे हम सांस लेते हैं, जल जिसे हम पीते हैं और मृदा जो अनाज पैदा करती है, जिसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते, पौधे, पशु और सूक्ष्मजीवी इनका पुनः सृजन करते है। वन पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि ये प्राथमिक उत्पादक भी हैं जिन पर दूसरे सभी जीव निर्भर करते हैं।
प्रन्न :
18.1 पारिस्थितिकी तंत्र क्या है?
उतर – पृथ्वी पर मानव और दूसरे जीवधारियों का आपस में मिलकर एक तंत्र का निर्माण करना ही पारिस्थितिकी तंत्र कहलाता है। इसने प्रत्येक अपने अस्तित्व के लिए इसके तत्वों पर निर्भर करतें हैं।
18.2 हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में कौन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?
उतर – वन
19. मृदा अपरदन क्या है? भारत में प्रचलित मृदा अपरदन के प्रमुख प्रकारों की व्याख्या करें।
उतर – भूमि की सबसे ऊपरी परत को मृदा कहते है। जब तेज हवा तथा पानी मृदा की ऊपरी परत को अपने साथ बहाकर ले जाते हैं तो इसे मृदा अपरदन या मिट्टी का कटाव कहते हैं। इससे मिट्टी के उपजाऊ तत्व नष्ट हो जाते है जिसके कारण मिट्टी कृषि योग्य नही रहती है।
मृदा अपरदन के प्रमुख प्रकार :
• खनन – खनन के बाद खानों वाले स्थान पर जो गहरे गड्डे बनते है उन्हे खुला छोड़ दिया जाता है। इसके बाद यहां की जमीन कृषि योग्य नही रहती है।
• वनों की अत्यधिक कटाई – वर्तमान समय में मानवीय आवश्कताओं को पूरा करने के लिए वनों को बड़े पैमाने पर काटा जा रहा है। वनों की कटाई से भूमि की ऊपरी परत खाली हो जाती है जिसके कारण यह परत आसानी से हवा और पानी के साथ बह जाती है। ऐसी भूमि भी कृषि योग्य नही रहती।
• अत्यधिक सिंचाई – अत्यधिक सिंचाई से जलभराव की समस्या पैदा होती है जिससे भूमि में लवणीयता तथा क्षारीयता की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसी भूमि भी कृषि योग्य नही रहती
• अत्यधिक पशुचारण – अत्यधिक पशु चराने से पशुओं के पैर भूमि की ऊपरी परत को छिल देते है। यह परत आसानी से हवा के साथ उड़ जाती है या पानी के साथ बह जाती है। इससे मिट्टी के उपजाऊ तत्व नष्ट हो जाते है जिसके कारण मिट्टी कृषि योग्य नही रहती है।
अथवा
राजस्थान में छत जल संचयन क्यों महत्वपूर्ण है? विस्तार से व्याख्या करें।
उतर – राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों खासकर बीकानेर और बाड़मेर में लगभग हर घर में बरसात के पानी को इकट्ट्टा करने के लिए एक भूमिगत टैंक होता है जिसे वहां ‘टाँका’ कहा जाता है। इसका आकार एक बड़े कमरे जितना होता है इसे घर के आँगन में बनाया जाता है। यह घरों की ढलवाँ छतों से पाइप द्वारा जुड़ा होता हैं। छत से वर्षा का पानी इन पाईप से होकर इस भूमिगत टाँका तक पहुँचता है जहाँ पर यह इकट्ठा होता रहता है। वर्षा का पहला जल छत और नलों को साफ करने में प्रयोग होता था और उसे इकट्ठा नहीं किया जाता है। इसके बाद होने वाली वर्षा का जल इकट्टा किया जाता है। टाँका में वर्षा का जल अगली वर्षा ऋतु तक इकट्ठा रहता है। यहां के लोग इस जल को गर्मी की ऋतु में पीने के रूप में प्रयोग करते हैं।
20. भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाए :
भाग-अ (इतिहास)
सरस्वती सिंधु सभ्यता के स्थल :
(i) बनावली
(ii) कालीबंगा
(iii) लोथल
भाग-ब (भूगोल)
(iii) चिपको आन्दोलन
(iv) सरिस्का टाइगर रिजर्व
उत्तर –