Haryana Board (HBSE) Class 10 Social Science Pre Board Question Paper 2024 Answer Key. Haryana Board Class 10th Pre Board Question Paper PDF Download 2024. HBSE Class 10 Social Science Solved Question Paper 2024. Haryana Board Class 10th Pre Board Question Paper Social Science 2024. HBSE Class 10th Social Science Pre Board Question Paper Solution 2024. HBSE Social Science Pre Board Question Paper 2024 Class 10.
HBSE Class 10 Social Science Pre-Board Question Paper 2024 Answer Key
SECTION – A (1 Mark)
1. मोहन जोदड़ो की खोज किस वर्ष में हुई थी?
(a) 1920 ई०
(b) 1921 ई०
(c) 1922 ई०
(d) 1923 ई०
उत्तर – (c) 1922 ई०
2. ग्रीस में शहर राज्य को क्या कहा जाता था?
(a) पीट्स
(b) पालिस
(c) बुल्ले
(d) पैटेसी
उत्तर – (b) पालिस
3. महात्मा बुद्ध की मृत्यु किस उम्र में हुई थी?
(a) 75 वर्ष
(b) 85 वर्ष
(c) 80 वर्ष
(d) 95 वर्ष
उत्तर – (c) 80 वर्ष
4. रोमन साम्म्राज्य का पतन कब हुआ?
(a) 8 वीं शताब्दी
(b) पहली शताब्दी
(c) चौथी शताब्दी
(d) 5वीं शताब्दी
उत्तर – (d) 5वीं शताब्दी
5. अरब साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
(a) अकबर
(b) मोहम्मद तुगलक
(c) हजरत मोहम्मद
(d) बाबर
उत्तर – (c) हजरत मोहम्मद
6. किस देश ने ओपन डोर पॉलिसी शुरू की?
(a) जापान
(b) जर्मनी
(c) अमेरिका
(d) फ्रांस
उत्तर – (c) अमेरिका
7. सत्ता की साझेदारी वांछनीय है क्योंकि इससे मदद मिलती है:
(a) सरकार पर दबाव बढ़ाना
(b) संघर्षों की संभावनाओं को कम करना
(c) लोगों में जागरूकता पैदा करना
(d) मतदाताओं का प्रतिशत बढ़ाना
उत्तर – (b) संघर्षों की संभावनाओं को कम करना
8. केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा, बेल्जियम में प्रचलित तीसरी प्रकार की सरकार कौन-सी है?
(a) स्थानीय सरकार
(b) नगरपालिका सरकार
(c) सामुदायिक सरकार
(d) जातीय सरकार
उत्तर – (c) सामुदायिक सरकार
9. एक स्थानीय सरकार में, सभी पदों में से कम से कम एक तिहाई पद किसके लिए आरक्षित होते हैं?
(a) महिलाएं
(b) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति
(c) दिव्यांग
(d) पुरुष
उत्तर – (a) महिलाएं
10. एक व्यक्ति जो महिलाओं और पुरुषों के लिए समान अधिकारों और अवसरों में विश्वास करता है, उसे किस रूप में जाना जाता है?
(a) नारीवादी
(b) कम्युनिस्ट
(c) जातिवादी
(d) धर्मनिरपेक्षतावादी
उत्तर – (a) नारीवादी
11. निम्नलिखित में से किस देश ने एकदलीय प्रणाली अपनाई है?
(a) भारत
(b) USA
(c) चीन
(d) जापान
उत्तर – (c) चीन
12. भारतीय जनता पार्टी की स्थापना कब हुई थी?
(a) 1975
(b) 1986
(c)1980
(d)1990
उत्तर – (c)1980
13. ………… लोगों का एक समूह है जो चुनाव लड़ने और सरकार में सत्ता हासिल करने के लिए एक साथ आते हैं।
(a) दबाव
(b) सार्वजनिक हित समूह
(c) अनुभागीय हित समूह
(d) राजनीतिक दल
उत्तर – (d) राजनीतिक दल
14. भारत के किस क्षेत्र में लौह एवं इस्पात उद्योग स्थापित हैं?
(a) मालवा पठार
(b) छोटा नागपुर पठार
(c) उत्तर-पश्चिम क्षेत्र
(d) पश्चिमी घाट
उत्तर – (b) छोटा नागपुर पठार
15. निम्नलिखित में से किस राज्य में सीढ़ीदार खेती की जाती है?
(a) पंजाब
(b) यूपी
(c) हरियाणा
(d) हिमाचल प्रदेश
उत्तर – (d) हिमाचल प्रदेश
16. भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह कौन-सा है?
(a) कांडला
(b) मुंबई
(c) विशाखापत्तनम
(d) कोचीन
उत्तर – (b) मुंबई
17. निम्न में से कौन-सा संगठन है जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है?
(a) UNO
(b) विश्व बैंक
(c) WTO
(d) सुरक्षा परिषद
उत्तर – (c) WTO
18. आर्थिक विकास को मापने का सबसे सामान्य तरीका कौन-सा है?
(a) लाभ हानि
(b) आय
(c) बिक्री
(d) आयात-निर्यात
उत्तर – (b) आय
19. स्वयं सहायता समूह में बचत और ऋण सम्बन्धित अधिकतर निर्णय किसके द्वारा लिए जाते हैं?
(a) बैंक द्वारा
(b) सदस्यों द्वारा
(c) गैर सरकारी संस्था द्वारा
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (b) सदस्यों द्वारा
20. वह कौन-सा कारक है जिसने वैश्वीकरण प्रक्रिया को प्रेरित किया है?
(a) प्रौद्योगिकी
(b) जहाज उद्योग
(c) लोकतंत्र
(d) समाजवाद
उत्तर – (a) प्रौद्योगिकी
SECTION – B (2 Marks)
21. सरस्वती सिन्धु सभ्यता के नगरों की दो विशेषताएँ बताइए?
उत्तर – सरस्वती सिन्धु सभ्यता की नगर योजना की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित थी :
(i) सभ्यता के नगरों में पूर्व और पश्चिम दिशा में दो टीले मिले हैं। पूर्व टीले पर आवास क्षेत्र तथा पश्चिम टीले पर दुर्ग स्थित था। ये नगर मजबूत रक्षा प्राचीर से युक्त थे जिनमें बुर्ज बने हुए थे।
(ii) इस सभ्यता में मुख्य सड़कें नगर को पांच-छह खंड़ों में विभाजित करती थीं। मोहनजोदड़ो में मुख्य सड़कें 9.15 मीटर तथा गलियाँ 3.0 मीटर चौड़ी थीं। सड़कें कच्ची होती थीं।
22. विश्व मानचित्र पर मेसोपोटामिया सभ्यता के दो नगरों को दर्शाइए?
उत्तर – सुमेरियन, असीरियन, बेबीलोनियन
23. खनिजों का वर्गीकरण दीजिए।
उत्तर – धात्विक, अधात्विक और ऊर्जा खनिज।
(i) धात्विक खनिज –
• लौह धातु – जिसमें लोहे का अंश हो; जैसे- लौह अयस्क, मैंगनीज, निकल व कोबाल्ट आदि।
• अलौह – ताँबा, सीसा, जस्ता व बॉक्साइट आदि।
• बहुमूल्य खनिज – सोना, चांदी, प्लेटिनम आदि।
(ii) अधात्विक खनिज – अभ्रक, नमक, पोटाश, सल्फर, चूना पत्थर, संगमरमर तथा बलुआ पत्थर।
(iii) ऊर्जा खनिज – कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस।
24. प्राकृतिक गैस और बायो गैस में अंतर लिखिए।
उत्तर : प्राकृतिक गैस – (i) यह खनिज का एक रूप है।
(ii) यह धरातल के नीचे प्राकृतिक रूप से उपलब्ध है।
(iii) यह घरेलू कार्यों के साथ-साथ वाणिज्यिक रूप से भी प्रयोग की जाती है।
• बायो गैस – (i) इसे गली सड़ी वनस्पति तथा पशुओं के अपशिष्ट पदार्थों से बनाया जाता है।
(ii) इसे यंत्रों द्वारा बनाया जाता है।
(iii) यह ऊर्जा का एक स्वच्छ ईंधन है। इसे केवल घरेलू कार्यों (अवाणिज्यिक) में प्रयोग किया जाता है।
25. ग्राम सभा क्या है?
उत्तर – ग्राम सभा किसी एक गांव या पंचायत का चुनाव करने वाले गांवों के समूह की मतदाता सूची में शामिल व्यक्तियों से मिलकर बनी संस्था है।
किसी ग्राम की निर्वाचक नामावली में जो नाम दर्ज होते हैं उन व्यक्तियों को सामूहिक रूप से ग्राम सभा कहा जाता है।
26. प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – यह वह बेरोजगारी है जिसमें लोग प्रत्यक्ष रूप से तो काम कर रहे होते हैं परन्तु सभी अपनी क्षमता से कम काम कर रहे होते है। अगर उन में से कुछ व्यक्तियों को हटा भी दिया जाता है तो भी कार्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस प्रकार की बेरोजगारी को प्रच्छन्न (अल्प, छिपी, अदृश्य) बेरोजगारी कहा जाता है। यह बेरोजगारी कृषि क्षेत्र में पाई जाती है।
SECTION – C (4 Marks)
27. CASE STUDY : अगर लोकतांत्रिक शासन में अच्छी सरकार की उम्मीद की जाती है तो उससे विकास की उम्मीद करना क्या उचित नहीं है? अगर हम 1950 से 2000 के बीच के सभी लोकतांत्रिक शासनों और तानाशाहियों के कामकाज की तुलना करें तो पाएँगे कि आर्थिक संवृद्धि के मामले में तानाशाहियों का रिकॉर्ड थोड़ा बेहतर है। उच्चतर आर्थिक संवृद्धि हासिल करने में लोकतांत्रिक शासन की यह अक्षमता हमारे लिए चिंता का कारण है। पर अकेले इसी कारण से लोकतंत्र को खारिज नहीं किया जा सकता। जैसा कि आपने अर्थशास्त्र में पढ़ा है आर्थिक विकास कई कारकों मसलन देश की जनसंख्या के आकार, वैश्विक स्थिति, अन्य देशों से सहयोग और देश द्वारा तय की गई आर्थिक प्राथमिकताओ पर भी निर्भर करता है। तानाशाही वाले कम विकसित देशों और लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले कम विकसित देशों के बीच का अंतर नगण्य-सा है। पर हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस मामले में लोकतांत्रिक व्यवस्था तानाशाही से नहीं पिछड़े। तानाशाही और लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के आर्थिक विकास दर में अंतर भले ज्यादा हो लेकिन इसके बावजद लोकतांत्रिक व्यवस्था का चुनाव ही बेहतर है क्योंकि इसके अन्य अनेक फायदे है।
प्रश्न :
(i) गरीबों को किसी राष्ट्र में बेहतर हिस्सेदारी के लिए आवाज कैसे मिल सकती है?
(a) उन्हें उचित प्रतिनिधित्व कब दिया जायेगा
(b) उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने का मौका कब मिलेगा
(c) दोनों (a) और (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (c) दोनों (a) और (b)
(ii) किसी देश की आर्थिक वृद्धि निम्नलिखित में से किस कारक पर निर्भर करती है?
(a) देश का क्षेत्र
(b) वैश्विक परिदृश्य
(c) देश की जनसंख्या का आकार
(d) विभिन्न राष्ट्रों के बीच सहयोग
उत्तर – (c) देश की जनसंख्या का आकार
(iii) आर्थिक विकास का लाभ समान रूप से क्यों वितरित किया जाना चाहिए?
(a) आर्थिक रूप से सम समाज बनाना
(b) सामाजिक न्याय के विचार को बढ़ावा देना
(c) समाज में असमानता को कम करना
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
(iv) गरीब देश दुनिया की संपत्ति में ज्यादा हिस्सा पाने के लिए क्या कर सकते हैं?
(a) उन्हें अपने आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए पहल करनी चाहिए।
(b) उन्हें इस मुद्दे के लिए आवाज उठाने के लिए एकजुट होना चाहिए।
(c) उन्हें अपने स्वयं के उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना चाहिए।
(d) दोनों (a) और (b)
उत्तर – (d) दोनों (a) और (b)
28. CASE STUDY : इसी तरह, विकास के लिए लोग मिले जुले लक्ष्यों को देखते हैं। यह सत्य है कि यदि महिलाएं वेतनभोगी कार्य करती हैं, तो घर और समाज में उनका आदर बढ़ता है। तथापि यह भी सच है कि अगर महिलाओं के प्रति सम्मान है तो घर के काम में उनका ज्यादा हाथ बंटाया जायेगा और बाहर काम करने वाली महिलाओं को अधिक स्वीकार किया जायेगा। सुरक्षित और संरक्षित वातावरण के कारण अधिक महिलायें विभिन्न प्रकार की नौकरियाँ या व्यापार कर सकती है। इसलिए, लोगों के विकासात्मक लक्ष्य न केवल बेहतर आय के बारे में हैं, बल्कि जीवन में अन्य महत्वपूर्ण चीजों के बारे में भी होते हैं।
प्रश्न :
(i) विकासात्मक लक्ष्य का अर्थ है –
(a) कमजोर लोगों के लक्ष्य
(b) महिलाओं के लक्ष्य
(c) समाज के सभी वर्गों के लक्ष्य
(d) कामकाजी जनसँख्या के लक्ष्य
उत्तर – (c) समाज के सभी वर्गों के लक्ष्य
(ii) ………… लक्ष्यों से देश की जीडीपी घटी है।
(a) सामाजिक
(b) आर्थिक
(c) विकासात्मक
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (d) इनमें से कोई नहीं
(iii) यदि महिलाएँ वैतनिक कार्यों में लगें तो समाज में उनकी ………… बढ़ेगी।
(a) सम्मान
(b) गरिमा
(c) प्रतिष्ठा
(d) ये सभी
उत्तर – (d) ये सभी
(iv) राष्ट्रीय विकास का अर्थ केवल महिलाओं के लक्ष्यों के बारे में सोचना है, न कि समाज के अन्य सदस्यों के बारे में। (सही / गलत)
उत्तर – गलत
SECTION – D (3 Marks)
29. भारत पर विदेशी आक्रमण के क्या प्रभाव पड़े?
उत्तर : (i) तत्कालीन प्रभाव :
• इस्लाम का प्रसार – अरब व तुर्क आक्रमणकारियों के साथ उलेमा-मौलवी भी भारत आए और उन्होंने भारत में इस्लाम का प्रसार किया।
• जन-धन की हानि – महमूद गजनवी ने भारत के मंदिरों पर आक्रमण करके खूब धन लूटा और कत्लेआम किया। अन्य विदेशी आक्रमणों में भी जन-धन की बहुत हानि हुई।
• कमजोर युद्ध नीति – भारतीयों की सैनिक दुर्बलता इन विदेशी आक्रमणों से उजागर हो गई। भारतीयों का युद्ध करने का ढंग एवं सैन्य संगठन कमजोर था।
• कला एवं साहित्य को आघात – विदेशी आक्रमणों से भारतीय कला और साहित्य की अनेक कृतियां नष्ट हो गईं। गजनवी के आक्रमणों से भव्य कला के नमूने तथा मूर्तियाँ सदा के लिए नष्ट हो गई। बख्तियार खिलजी ने नालन्दा बौद्ध विहार को आग लगवा दी। इसमें अनेक अमूल्य पुस्तकें और पाण्डुलिपियाँ जल गई।
(ii) दूरगामी प्रभाव :
• भारत में इस्लामी राज्य की स्थापना – तुर्क आक्रमणों के फलस्वरूप भारत में दिल्ली सल्तनत की स्थापना हुई।
• सामन्ती प्रथा का अन्त – तुर्क आक्रमणों के कारण राजपूत काल की सामन्ती प्रथा का अंत हो गया।
• इस्लामी स्थापत्य का विकास – तुर्क आक्रमण से भारत में इस्लामी स्थापत्य का विकास हुआ। ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ नामक मस्जिद का निर्माण इसी कला से हुआ। इस नई स्थापत्य कला में चूना मिश्रित नए मसालों का प्रयोग भवनों के निर्माण में हुआ।
• शिक्षा और भाषा पर प्रभाव – तुर्क आक्रमण से भारत में आरम्भ हुई तथा अरबी व फारसी भाषा का विकास हुआ।
30. भारत में साम्राज्यवाद के उदय का मुख्य कारण बताइए।
उत्तर : (i) यूरोपीय देशों में औद्योगिक क्रांति – यूरोप के देशों में औद्योगिक क्रांति आने से कच्चे माल की प्राप्ति तथा वस्तुओं को बेचने के लिए मंडियों की आवश्यकता पड़ी जिसने साम्राज्यवाद को बढ़ावा दिया।
(ii) यूरोपीय देशों में अतिरिक्त पूंजी – यूरोप के देशों में औद्योगिक क्रांति के कारण अतिरिक्त पूंजी इकट्ठी हो गई जिसे उपनिवेशों में लगाया गया।
(iii) ईसाई धर्म प्रचारकों का योगदान – यूरोप के ईसाई पादरियों के लिए साम्राज्य विस्तार धर्म प्रसार का एक अच्छा साधन था।
(iv) यूरोपीयन राष्ट्रवाद की भावना – सभी यूरोपीय राष्ट्र उपनिवेश प्राप्त करके शक्तिशाली बनना चाहते थे जिसने साम्राज्यवाद को प्रोत्साहन दिया।
(v) सभ्य बनाने का अभियान – यूरोप के लोग स्वयं को सभ्य और श्रेष्ठ मानकर एशिया और अफ्रीका के हीन और असभ्य लोगों को सभ्य बनाना अपना कर्तव्य समझते थे। इसने साम्राज्यवाद को प्रोत्साहन दिया।
(vi) यातायात और संचार के साधन – यूरोपीय देशों में यातायात और संचार के साधनों के विकास के कारण दूर-दूर के देशों पर अधिकार करना सरल हो गया जिससे साम्राज्यवाद को बढ़ावा मिला।
(vii) एशिया और अफ्रीका में अनुकूल परिस्थितियाँ – यूरोपीय देशों में आधुनिक शस्त्रों तथा शक्तिशाली सेनाओं का निर्माण हो गया था जिससे उनके लिए एशियाई और अफ्रीकी देशों की पिछड़ी और दुर्बल सेनाओं को पराजित करके नियंत्रण करना सरल हो गया।
31. स्थानीय सरकार के क्या लाभ हैं?
उत्तर – (i) नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों के लिए करीब 36 लाख लोगों का चुनाव होता है। इससे लोकतंत्र की जड़े और मजबूत होती है।
(ii) इससे महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ने के साथ-साथ हमारे लोकतंत्र में उनकी आवाज मजबूत हुई है।
(iii) इससे गाँवों और शहरों का सर्वपक्षीय विकास हुआ है।
32. सूती कपड़ा उद्योग महाराष्ट्र और गुजरात में क्यों केंद्रित था?
उत्तर – (i) इन राज्यों की काली मिट्टी कपास की उपज के लिए अतिउत्तम है। इसलिए यहाँ अधिक कपास पैदा होती है।
(ii) अधिक जनसंख्या के कारण यहाँ सस्ते मजदूर आसानी से मिल जाते हैं।
(iii) इन राज्यों में बैंकिंग व्यवस्था विकसित है।
(iv) यहाँ यातायात एवं संचार के साधन विकसित हैं।
(v) यहाँ मुंबई बंदरगाह है जिससे तैयार को आसानी से विदेशों में भेजा जाता है।
33. रेलवे की कोई तीन खूबियाँ बताइये।
उत्तर – (i) यह सस्ता, सुरक्षित और आरामदायक परिवहन का साधन है।
(ii) खनिजों के परिवहन के लिए यह सुविधाजनक है।
(iii) लंबी दूरी की यात्रा के लिए यह लाभदायक है।
(iv) यह उद्योगों और कृषि के विकास में भी सहायक है।
SECTION – E (5 Marks)
34. महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले क्षण का वर्णन कीजिए।
उत्तर – गांधी जी ने देश को आजाद कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जो निम्न प्रकार से है :
(i) गांधी जी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और उन्होंने पूरे भारत का दौरा किया।
(ii) 10 मार्च 1919 को रॉलेट एक्ट पारित किया गया। जिसके कारण 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ। इसके बाद गांधी जी ने 1920 में असहयोग आंदोलन चलाया।
(iii) उन्होंने भारत सरकार के सभी मैडल और पुरस्कार लौटा दिए और केसर-ए-हिंद की उपाधि भी लौटा दी।
(iv) फरवरी, 1922 में चौरी-चौरा की घटना के बाद इस आंदोलन को वापिस ले लिया गया क्योंकि इस आंदोलन ने हिंसक रूप धारण कर लिया।
(v) 1929 में उन्होंने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव रखा।
(vi) 12 मार्च, 1930 को दाडी यात्रा से सविनय अवज्ञा आंदोलन को आरम्भ कर दिया। 6 अप्रैल, 1930 को गांधी जी ने दांडी पहुंचकर नमक बनाया और नमक कानून का उल्लंघन किया।
(vii) यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया। ब्रिटिश सरकार ने मजबूर होकर 5 मार्च, 1931 को गांधी-इर्विन समझौता करना पड़ा।
(viii) 8 अगस्त, 1942 को बंबई अधिवेशन में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पास किया गया। लेकिन अगले ही दिन कांग्रेस के मुख्य नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया।
अथवा
1857 ई. की क्रांति के क्या कारण थे?
उत्तर – 1857 की क्रांति को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है। इस क्रांति के निम्नलिखित कारण थे :
(i) अंग्रेजी सरकार की शोषणकारी नीतियों के कारण किसानों की हालत खराब हो गई और उन्हें भारी लगान चुकाना पड़ता था।
(ii) हस्तशिल्प उद्योग विनाश के कगार पर आ गए।
(iii) भारतीय सैनिकों के साथ भेदभाव किया गया।
(iv) ईसाई धर्म के प्रचार से भारतीय धर्म-संस्कृति को नुकसान हुआ।
(v) अंग्रेजों ने नई वन नीति लागू की जिस कारण आदिवासी भी इनके खिलाफ ही गए।
(vi) भारत से बड़ी मात्रा में धन की निकासी की गई जिससे भारत की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई।
(vii) देशी राजाओं पर अनेक प्रतिबंध लगाए गए।
(viii) चर्बी वाले कारतूस
इस प्रकार सभी भारतीय अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट हुए और 1857 की क्रांति हुई।
35. लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी क्यों आवश्यक है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर – शक्ति-साझाकरण किसी भी संविधान का एक महत्वपूर्ण घटक है। शक्ति-साझाकरण यह सुनिश्चित करता है कि समाज में विभिन्न वर्गों के बीच एक इष्टतम संतुलन हो। प्रत्येक राज्य में शक्ति-साझाकरण का कोई न कोई रूप होना चाहिए। हर नागरिक को अवसर मिलने की संभावना बढ़ जाती है। लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी का अपना महत्व है। यह राजनीतिक व्यवस्था की स्थिरता सुनिश्चित करता है।। टकराव को रोकने के लिए-सत्ता की साझेदारी जरूरी इसलिए है क्योंकि इससे सामाजिक समूहों के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है। चूंकि सामाजिक टकराव आगे बढ़कर अक्सर हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का रूप ले लेता है इसलिए सत्ता में हिस्सा दे देना राजनैतिक व्यवस्था के स्थायित्व के लिए अच्छा है। बहुसंख्यक समुदाय की इच्छा को बाकी सभी पर थोपना तात्कालिक तौर पर लाभकारी लग सकता है और आगे चलकर यह देश की अखंडता के लिए घातक हो सकता है। बहुसंख्यकों का आतंक सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए ही परेशानी पैदा नहीं करता।, अक्सर यह बहुसंख्यकों के लिए भी बर्बादी का कारण बन जाता है। लोकतंत्र की आत्मा-सत्ता की साझेदारी वास्तव में लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र का अर्थ ही होता है कि जो लोग इस शासन-व्यवस्था के अंतर्गत हैं, उनके बीच सत्ता को बाँटा जाए और ये लोग इसी ढरें से रहें। इसलिए वैध सरकार वही है जिसमें अपनी भागीदारी के माध्यम से सभी समूह शासन व्यवस्था से जुड़ते हैं।
अथवा
लोकतंत्र में स्थानीय स्वशासन की ताकत और सीमाओं का मूल्यांकन करें।
उत्तर – स्थानीय स्वशासन ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में लोगों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करती है। पंचायतें स्व- शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करती हैं और यह गांवों और व्यक्तियों के बीच विवादों का निपटारा करती हैं और इस शक्ति को भारत सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर कार्य करने के लिए विकेंद्रीकृत किया गया है। ग्राम पंचायत जल स्रोतों, सड़कों, नालियों और अन्य सामान्य संपत्ति संसाधनों के निर्माण और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है।
• सीमाएं : बिजली का उचित वितरण नहीं है, कार्य किस आधार पर सौंपा गया है, कौन पात्र है, आवश्यक योग्यताएं जैसे प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया गया है। अपर्याप्त निधि- सीमित वित्तीय शक्तियों के कारण यह समस्या स्वशासन के वास्तविक उद्देश्य में बाधा उत्पन्न करती है। पंचायती राज का अप्रत्यक्ष चुनाव भ्रष्ट आचरण को बढ़ावा देता है।
36. व्यावसायिक कृषि किसे कहते हैं?
उत्तर – अधिक पैदावार देने वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से व्यापारिक दृष्टि से की जाने वाली कृषि को व्यावसायिक कृषि कहते है। व्यावसायिक कृषि को उन कृषि प्रक्रियाओं और तकनीकों को कहा जाता है जिन्हें व्यापारिक और उत्पादकता के लक्ष्यों के साथ सम्बंधित किया जाता है। इसमें उचित विपणन, उत्पादकता, और मुनाफे के लिए उचित प्रबंधन की तकनीकें शामिल होती हैं। व्यावसायिक कृषि में किसानों और कृषि उत्पादकों के लिए सुधारित तकनीकी और प्रबंधन प्रक्रियाएं होती हैं जो कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और मुनाफे को बढ़ाने में मदद करती हैं।
अथवा
पिछले पंद्रह वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रकृति पर एक नोट लिखिए।
उत्तर – पिछले पंद्रह वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रकृति ने व्यापारिक मानदंडों और श्रेणियों में महत्वपूर्ण परिवर्तनों का सामना किया है। वैश्विक मार्केटों के खुलने और तकनीकी उन्नति के प्रभाव से, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया भर में उत्पादों और सेवाओं का व्यवसायिक आदान-प्रदान और निवेश स्तरों में वृद्धि हो रही है।
साथ ही, विश्व के व्यापारिक संबंधों में सतत परिवर्तन की मुख्य धारा में अपनापन और सरलीकरण की दिशा में वृद्धि हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में नए तकनीकी उपकरण, संप्रेषण और विचार के साधनों का उपयोग अब ऐसे व्यापारिक प्रक्रियाओं में सुधार लाने के लिए किया जा रहा है जो सुचारू और सरल हों।
इस प्रकार, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रकृति ने स्वायत्ता, विनिमय और सहयोग के संबंध में नए मानदंड स्थापित किए हैं। इससे आगामी वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधित क्षेत्र में नये और अवसरों भरपूर होते नजर आएंगे।
37. उपभोक्ता आंदोलन से क्या अभिप्राय है? कुछ ऐसे कारणों की चर्चा करें जिससे उपभोक्ता का शोषण होता है?
उत्तर – यह अनुचित और अनैतिक व्यापार प्रथाओं के सामने उपभोक्ता हितों की रक्षा और बढ़ावा देने के लिए एक ‘सामाजिक शक्ति’ के रूप में शुरू हुआ।
उपभोक्ता शोषण के तरीके :
(i) मूल्य से अधिक दाम लेना
(ii) भ्रामक प्रचार करना
(iii) कम तोलना
(iv) मिलावट करना
(v) जमाखोरी और काला बाजारी करना
अथवा
वैश्वीकरण से क्या अभिप्राय है? कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभावों का वर्णन करें।
उत्तर – इसे वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही, सीमा पार व्यापार आदि के माध्यम से वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के एकीकरण के रूप में परिभाषित किया गया है।
कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव :
(i) भारत के निर्वाह कृषि ने व्यापारिक कृषि का रूप धारण कर लिया है। आज भारतीय किसान उसी फसल के उत्पादन पर बल देता है जिसे उसे अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।
(ii) कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए नई तकनीकी का प्रयोग होने लगा है। नई तकनीकों द्वारा भारत में मिट्टी एवं जलवायु की अनुकूल दशाओं को पूरा-पूरा लाभ उठाया जा रहा है । परिणामस्वरूप आज किसान वर्ष में 2 से अधिक फसलें उगाने लगे हैं।
(iii) सुधरी बीजों के उपयोग से कृषि उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ गई है। अतः किसान को अपने उत्पादन का पहले से कहीं अधिक मूल्य प्राप्त होने लगा है।
(iv) वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप हमारे कृषि उत्पादों के विदेशी व्यापार में वृद्धि हुई है। अतः आज हम दूसरे देशों से पर्याप्त पूंजी अर्जित करने लगे हैं।
(v) कृषि का बड़े पैमाने पर मशीनीकरण किया गया है जिससे प्रति हेक्टेयर उत्पादन में असाधारण वृद्धि हुई है।
SECTION – F (Map : 5 Marks)
38. भारत के दिये गए रूपरेखा मानचित्र पर निम्नलिखित स्थानों को दर्शाइए।
(i) सिन्धु घाटी की सभ्यता का हरियाणा में एक केंद्र (राखीगढ़ी – हिसार)
(ii) महमूद गजनवी द्वारा ध्वस्त सोमनाथ मन्दिर का स्थान (गुजरात)
(iii) हीराकुंड बांध (उड़ीसा)
(iv) मुंबई सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (मुंबई)
(v) हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (हैदराबाद)