HBSE Class 10 Hindi Half Yearly Question Paper 2024 Answer Key

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HBSE Class 10 Hindi Half Yearly Question Paper 2024 Answer Key

खण्ड – क

1. व्याकरण पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) स्वर संधि कितने प्रकार की होती हैं?
(क) तीन
(ख) पांच
(ग) चार
(घ) दो
उत्तर – (ख) पांच

(ii) जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन और कारक के कारण परिवर्तित हो जाता है वे क्या कहलाते हैं?
(क) कारक
(ख) पद
(ग) अविकारी शब्द
(घ) विकारी शब्द
उत्तर – (घ) विकारी शब्द

2. निम्नलिखित प्रश्नों के यथानिर्दिष्ट उत्तर दीजिए : (2 × 3 = 6 अंक)
(i) श्लेष अलंकार की परिभाषा सोदाहरण लिखिए।
उत्तर – जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब वहां श्लेष अलंकार होता है। जैसे: रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरै मोती मानुष चून।। (यहाँ ‘पानी’ शब्द का भिन्न संदर्भों में ‘चमक’, ‘इज्जत’ एवं ‘जल’ अर्थ प्रकट होता है।)

(ii) भाववाचक संज्ञा की परिभाषा लिखिए।
उत्तर – जिन शब्दों से किसी प्राणी या पदार्थ के गुण भाव स्वभाव की अवस्था का बोध होता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: मिठास, बुढ़ापा, गरीबी, साहस, वीरता, आदि।

(iii) दोहा छंद की परिभाषा दीजिए।
उत्तर – दोहा एक अर्द्धसममात्रिक छंद है। इसके प्रथम तथा तृतीय चरण में 13-13 तथा द्वितीय एवं चतुर्थ चरण में 11-11 मात्राएं होती हैं। द्वितीय एवं चतुर्थ चरण के अंत में गुरु लघु वर्ण आते हैं। जैसे: तुलसी या संसार में, सबसे मिलिए धाय। न जाने किस रूप में, नारायण मिल जायें।

(प्रश्न 3 व 4 में से किसी एक का उत्तर दीजिए)
3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (5 अंक)
(i) राष्ट्रीय एकता
(ii) चुनाव में मतदान का महत्त्व
(iii) विज्ञान की देन
(iv) विद्यार्थी और अनुशासन
उत्तर – विवेकानुसार खुद करे।

4. विद्यालय में स्वच्छ जल की व्यवस्था करवाने के लिए अपने मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना पत्र लिखिए। (5 अंक)
उत्तर –
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय
अ ब स स्कूल भिवानी
25 सितंबर 20xx
विषय : पीने के पानी की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय में पिछले कुछ दिनों से पीने का पानी स्वच्छ नहीं आ रहा है। पानी में छोटे-छोटे कीड़े भी आ रहे हैं व पानी में बदबू भी आती है। गंदा तथा दुर्गंध युक्त पानी पीने के कारण छात्र बीमार हो रहे हैं। इससे उनके शैक्षणिक प्रदर्शन और समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हमारे विद्यालय में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था होने से दूषित पानी से होने वाली बीमारियों में भी कमी आएगी। इसके अतिरिक्त, यह हमारे छात्रों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक प्रभावी तरीका होगा।
मुझे आशा है कि आप मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे और कर्मचारियों से कहकर पानी की टंकी की सफाई हर सप्ताह करवाएंगे।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
सुनील
कक्षा 10वी

अथवा

जीवन में खेलों का महत्त्व बताते हुए अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखिए।
उत्तर –
88, प्रेम नगर
चरखी दादरी
25 सितंबर 20xx
प्रिय भाई रोहित,
मैं तुमसे खेलों के महत्व के बारे में बात करना चाहता हूँ। खेल न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं। खेलों से हमारा शारीरिक फिटनेस बढ़ता है, हमारी मानसिक स्थिति सुधरती है और हमें सक्रिय रखने में मदद मिलती है। इसलिए, मैं तुमसे अनुरोध करता हूँ कि तुम खेलों को अपने जीवन में सम्मिलित करो। तुम्हें जो भी खेल पसंद हो, उसे खेलो। खेल से तुम्हारी शारीरिक फिटनेस बढ़ेगी और तुम्हारी मानसिक स्थिति सुधरेगी। इसके अलावा, खेल से तुम्हें नए दोस्तों का मौका भी मिलेगा। अपने खेल के साथ-साथ अपनी पढ़ाई को भी समय दो। खेल तुम्हारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन पढ़ाई भी तुम्हारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मैं उम्मीद करता हूँ कि तुम मेरी बातों को समझोगे और खेलों को अपने जीवन में सम्मिलित करोगे।
तुम्हारा बड़ा भाई
नवीन

खण्ड – ख

5. क्षितिज भाग-2 (काव्य खण्ड) पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) गोपियों द्वारा उद्धव को बड़भागी कहने में कौन-सा भाव है?
(क) क्रोध का
(ख) प्रेम का
(ग) व्यंग्य का
(घ) प्रसंशा का
उत्तर – (ग) व्यंग्य का

(ii) परशुराम ने लक्ष्मण के लिए किन-किन शब्दों का प्रयोग किया है?
(क) मूर्ख
(ख) उद्दण्ड
(ग) काल का ग्रास
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी

6. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
“हमारैं हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जक री।
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यों करुई ककरी।
सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।
यह तो ‘सूर’ तिनही लै सौंपो, जिनके मन चकरी।।”
प्रश्न :
(i) ‘हारिल’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
उत्तर – पक्षी

(ii) ‘कान्ह-कान्ह जकरी’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – कृष्ण-कृष्ण की रट

(iii) गोपियों ने उद्धव को कौन-सी ब्याधि लेकर आने पर उलाहना दिया है?
उत्तर – योग रूपी ब्याधि

(iv) किसका मन चकरी के समान कहा गया है और क्यों?
उत्तर – चंचल लोगों का मन चकरी के समान कहा गया है क्योकि चकई पक्षी का मन चंचल होता है।

(v) योग के संदेश को किसके समान बताया गया है?
उत्तर – कड़वी ककड़ी के स्वाद के समान

(प्रश्न 7 व 8 में से किसी एक का उत्तर दीजिए)
7. निम्नलिखित काव्यांश में निहित भाव एवं शिल्प सौन्दर्य को स्पष्ट कीजिए : (3 अंक)
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
उत्तर : भाव सौन्दर्य – इस कविता में कवि ने बादल के बारे में लिखा है। कवि बादलों से गरजने का आह्वान करता है। कवि का कहना है कि बादलों की रचना में एक नवीनता है। काले-काले घुंघराले बादलों का अनगढ़ रूप ऐसे लगता है जैसे उनमें किसी बालक की कल्पना समाई हुई हो। उन्हीं बादलों से कवि कहता है कि वे पूरे आसमान को घेर कर घोर ढ़ंग से गर्जना करें। बादल के हृदय में किसी कवि की तरह असीम ऊर्जा भरी हुई है। इसलिए कवि बादलों से कहता है कि वे किसी नई कविता की रचना कर दें और उस रचना से सबको भर दें।
• शिल्प सौन्दर्य – संस्कृतनिष्ठ शब्दावली का सार्थक प्रयोग किया गया है। लघु शब्दों की आवृत्ति के कारण जहाँ भाव प्रभावशाली बन पड़े हैं, वहीं कविता में प्रवाह का समावेश भी हुआ है। संबोधन शैली का प्रयोग किया गया है। अनुप्रास, उपमा अलंकार का प्रयोग हुआ है।

8. श्रीराम ने परशुराम के क्रोध को शांत करने के लिए क्या किया? (3 अंक)
उत्तर – परशुराम के क्रोध करने पर श्री राम ने धीरज से काम लिया। उन्होंने नम्रता पूर्ण वचनों का सहारा लेकर परशुराम के क्रोध को शांत करने का प्रयास किया। परशुराम जी क्रोधी स्वभाव के थे। श्री राम उनके क्रोध पर शीतल जल के समान शब्दों व आचरण का आश्रय ले रहे थे।

खण्ड – ग

9. क्षितिज भाग -2 (गद्य खण्ड) पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 3 = 3 अंक)
(i) नेताजी की मूर्ति पर बार-बार चश्मा कौन बदल रहा था?
(क) पान वाला
(ख) ड्राइवर
(ग) ड्राइंग मास्टर
(घ) कैप्टन चश्मे वाला
उत्तर – (घ) कैप्टन चश्मे वाला

(ii) नवाब साहब ने खीरे का स्वाद कैसे प्राप्त किया?
(क) खाकर
(ख) सूंघकर
(ग) सुनकर
(घ) देखकर
उत्तर – (ख) सूंघकर

(iii) मन्नू भंडारी के पिता ‘भटियारखाना’ किसे कहते थे?
(क) मंदिर को
(ख) रसोई को
(ग) दुकान को
(घ) पुस्तकालय को
उत्तर – (ख) रसोई को

(प्रश्न 10 व 11 में से किसी एक का उत्तर दीजिए)
10. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
“गर्मियों में उनकी ‘संझा’ कितनी उमसभरी शाम को न शीतल करती! अपने घर के आँगन में आसन जमा बैठते। गाँव के उनके कुछ प्रेमी भी जुट जाते। खैजड़ियों और करतालों की भरमार हो जाती। एक पद पर बालगोबिन भगत कह जाते, उनकी प्रेमी-मंडली उसे दुहराती, तिहराती। धीरे-धीरे स्वर ऊँचा होने लगता एक निश्चित ताल, एक निश्चित गति से। उस ताल-स्वर के चढ़ाव के साथ श्रोताओं के मन भी ऊपर उठने लगते। धीरे-धीरे मन तन पर हावी हो जाता। होते-होते, एक क्षण ऐसा आता कि बीच में खैजड़ी लिए बालगोबिन भगत नाच रहे हैं और उनके साथ ही सबके तन और मन नृत्यशील हो उठे हैं। सारा आँगन नृत्य और संगीत से ओतप्रोत है!”
प्रश्न :
(i) उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? और इसके लेखक का क्या नाम है?
उत्तर : पाठ – बालगोबिन भगत, लेखक – रामवृक्ष बेनीपुरी

(ii) गर्मियों में बालगोबिन भगत क्या करते थे?
उत्तर – आँगन में आसन जमाकर संगीत व नृत्य का आनन्द लेते थे।

(iii) प्रेमी-मंडली कौन थी? उसका क्या काम था?
उत्तर – प्रेमी-मंडली गावों के लोगों का समूह था। संगीत में साथ देना उनका काम था।

(iv) ‘मन-तन पर हावी हो जाता’ का क्या अर्थ है?
उत्तर – सुध खो जाना या लीन हो जाना।

(v) ‘होते-होते’ किस प्रकार का क्षण आ जाता था?
उत्तर – एक ऐसा क्षण जब बालगोबिन नाचने लग जाते।

11. स्वयंप्रकाश अथवा यशपाल का साहित्यिक परिचय दीजिए। (5 अंक)
उत्तर – स्वयं करें।

12. ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ का मूलभाव स्पष्ट कीजिए। (2 अंक)
उत्तर – ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के लेखक ‘स्वयंप्रकाश’ हैं। इस पाठ का उद्‌देश्य देश-प्रेम का वर्णन करना है। देश का निर्माण कोई अकेला नहीं कर सकता है। जब-जब देश का निर्माण होता है उसमें कुछ नाम प्रसिद्ध हो जाते हैं और कुछ नाम गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं। कैप्टन का नेताजी की मूर्ति पर बार-बार चश्मा लगाना, उसके दिल में नेताजी व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान की भावना को प्रकट करता है और उसका अपने देश के प्रति प्रेम को भी दर्शाता हैं।

13. कृतिका भाग-2 के आधार पर किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए : (3 अंक)
(i) लेखक का नाम तारकेश्वर से भोलानाथ कैसे पड़ा?
उत्तर – बचपन में लेखक का नाम तारकेश्वरनाथ था। उसके सिर पर लंबी-लंबी जटाएँ थीं। जब वह अपने पिता को पूजा करते देखता तब अपने माथे पर तिलक लगवाने का हठ करता। उसके पिता उसके चौड़े माथे पर भभूत से त्रिपुंड (तीन आड़ी रेखाएँ) कर देते। इस रूप में वह बिल्कुल ‘बम भोला’ दिखाई देता। इस तरह उसका नाम तारकेश्वरनाथ से भोलानाथ पड़ गया।

(ii) ‘साना-साना हाथ जोड़ि ……….’ प्रार्थना के भाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर – साना साना हाथ जोड़ी का अर्थ है – छोटे छोटे हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूँ। इस प्रार्थना में एक व्यक्ति अपने हाथ जोड़ कर भगवान से अपनी विनती कर रहा है। यह प्रार्थना हमें ध्यान दिलाती है कि हम सब एक ही देवता के अधीन हैं और हमें अन्य लोगों के साथ सहयोग करना चाहिए। यह प्रार्थना हमें एक नम्र और समाधानपूर्ण भाव वाले व्यक्तित्व का विकास करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

खण्ड – ङ

14. आदर्श जीवन मूल्य (मध्यमा) के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (2 × 2 = 4 अंक)
(i) अर्जुन ने प्रार्थना के स्वरों में भगवान के समक्ष क्या स्वीकार किया?
उत्तर – अर्जुन कहते है- जिस प्रकार पिता अपने पुत्र की ढिठाई, मित्र अपने मित्र की धृष्टता, प्रिय अपनी प्रिया का अपराध सहन कर लेता है, उसी प्रकार आप कृपा करके मेरी त्रुटियों को सहन कर लें। मैंने गलती वश कभी भी आपका अनादर किया हो तो आप स्वामी मेरे इन अपराधों को क्षमा कर दें।

(ii) ईश्वर ही अपरिवर्तनीय सत्ता है, इसे उदाहरण देकर सिद्ध करें।
उत्तर – इस सृष्टि में दो प्रकार के पदार्थ हैं नित्य तथा अनित्य, केवल परमात्मा ही नित्य है क्योंकि वह अपरिवर्तित सत्ता है। शेष सब कुछ अनित्य है। विज्ञान ने भी माना है कि परिवर्तन तभी संभव है जब उसका आधार अपरिवर्तनीय हो। अत: ईश्वर की सत्ता अपरिवर्तनीय है।

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