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Haryana Board Class 8 Sanskrit SAT-1 Question Paper 2025 Answer Key
Instructions :
• All questions are compulsory.
• Questions (1-5) carry 1 mark each.
• Question (6) carry 2 marks.
• Question (7) carry 3 marks.
• Question (8) carry 5 marks.
1. कस्य वाणी शृगालेन कदापि न श्रुता?
(क) काकस्य
(ख) वनस्य
(ग) सिंहस्य
(घ) बिलस्य
उत्तर – (घ) बिलस्य
2. कः + चित् अत्र संधिपदम् अस्ति।
(क) काचित्
(ख) केचित्
(ग) कश्चित्
(घ) काश्चित्
उत्तर – (ग) कश्चित्
3. ग्रामं …………. वृक्षाः सन्ति।
(क) अधः
(ख) परितः
(ग) उपरि
(घ) बिना
उत्तर – (ख) परितः
4. व्याधः व्याघ्रं कस्मात् बहिः निरसारयत्।
(क) वनात्
(ख) जालात्
(ग) तडागात्
(घ) उद्यानात्
उत्तर – (ख) जालात्
5. “विषाणहीनः” पदस्य अर्थः अस्ति।
(क) विष से रहित
(ख) विद्या से रहित
(ग) सींग से रहित
(घ) पूँछ से रहित
उत्तर – (ग) सींग से रहित
6. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत।
(क) शृगालः कुत्र पलायितः?
उत्तर – शृगालः दूरं पलायितः।
(ख) वस्त्रपुटके केषाम् आवश्यकता न भविष्यति?
उत्तर – वस्त्रापुटके रूप्यकाणाम् आवश्यकता न भवति।
7. अधोलिखित पदयोः सन्धिं कृत्वा लिखत।
पदस्य + अस्य | ………. |
तालपत्र + उपरि | ………. |
कुत्र + अपि | ………. |
उत्तर –
पदस्य + अस्य | पदस्यास्य |
तालपत्र + उपरि | तालपत्रोपरि |
कुत्र + अपि | कुत्रापि |
8. अधोलिखित गद्यांश व पद्यांश में से किसी एक का हिन्दी भाषा में अनुवाद किजिए।
चञ्चलः वृक्षम् उपगम्य अपृच्छत्। वृक्षः अवदत्, मानवाः अस्माकं छायायां विरमन्ति अस्माकं फलानि खादन्ति, पुनः कुठारैः प्रहृत्य अस्मभ्यं सर्वदा कष्टं ददति। यत्र कुत्रापि छेदनं कुर्वन्ति। सर्वः स्वार्थं समीहते।
उत्तर – चंचल ने वृक्ष के पास जाकर पूछा। वृक्ष कहने लगा- ‘मनुष्य हमारी छाया में आराम करते हैं, हमारे फल खाते हैं। फिर कुल्हाड़ियों से प्रहार करके हमें सदा कष्ट देते हैं। जहाँ कहीं भी काट डालते हैं। सभी स्वार्थ चाहते हैं।
अथवा
गुणाः गुणज्ञेषु गुणाः भवन्ति। ते निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषाः।।
सुस्वादुतोयाः प्रभवन्ति नद्यः। समुद्रमासाद्य भवन्त्यपेया:।।
उत्तर – गुणी व्यक्तियों में गुण होते हैं लेकिन गुणहीन व्यक्ति में वही गुण दोष बन जाते हैं। उसी प्रकार नदियाँ स्वादिष्ट जल वाली होकर निकलती हैं, किन्तु समुद्र में पहुंचकर उनका जल पीने योग्य नही रहता है।