Class 11 Business Studies Half Yearly Question Paper 2025 Answer Key

Class 11 Business Studies Half Yearly Question Paper 2025 Answer Key (NCERT Based)

Instructions :
• All questions are compulsory.
• Questions (1-10) carry 1 mark each.
• Questions (11-12) carry 3 marks each.
• Questions (13-15) carry 4 marks each.
• Questions (16-17) carry 6 marks each.

1. निम्न में से अग्नि बीमा का क्या उद्देश्य है?
(A) विनियोग
(B) सुरक्षा
(C) लाभ
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर – (B) सुरक्षा

2. निम्न में से किसे व्यवसाय का उद्देश्य नहीं कहा जा सकता?
(A) विनियोग
(B) उत्पादकता
(C) नवप्रवर्तन
(D) लाभ अर्जित करना
उत्तर – (A) विनियोग (निवेश)

3. किस व्यवसायिक संगठन में ‘स्थायी अस्तित्व’ पाया जाता है?
(A) साझेदारी
(B) एकल स्वामित्व
(C) कंपनी
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (C) कंपनी

4. ‘भारतीय रेलवे’ सार्वजनिक उपक्रमों के …………… प्रारूप का उदाहरण है।
(A) विभागीय उपक्रम
(B) सार्वजनिक निगम
(C) सरकारी कंपनी
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर – (A) विभागीय उपक्रम

5. सार्वजनिक कंपनी में सदस्यों की अधिकतम संख्या …………… है। (50 / कोई सीमा नही)
उत्तर – कोई सीमा नही

6. मिठाईयों के व्यापार को …………… श्रेणी में रखा गया है। (स्थानीय / अंतरराष्ट्रीय)
उत्तर – स्थानीय

7. बैंक अधिविकर्ष सुविधा के समान ……………है। (डेबिट कार्ड / क्रेडिट कार्ड)
उत्तर – क्रेडिट कार्ड

8. एक सार्वजनिक कंपनी के लिए वार्षिक सभा बुलाना अनिवार्य है। (सत्य / असत्य)
उत्तर – सत्य

9. इसका अभिप्राय उस उद्योग से है जो सेवाएं प्रदान करता है। इस उद्योग को पहचानिए।
उत्तर – सेवा उद्योग (तृतीयक क्षेत्र)

10. अभिकथन (A) : एकल स्वामित्व को प्रत्यक्ष प्रोत्साहन का लाभ प्राप्त है।
कारण (R) : चूंकि व्यवसाय के इस प्रारूप में एक अकेला व्यक्ति ही स्वामी होता है इसलिए उसे लाभ में किसी को हिस्सा बांटने की आवश्यकता नहीं है।
(A) अभिकथन और कारण दोनों सत्य हैं और कारण अभिकथन का सही स्पष्टीकरण है।
(B) अभिकथन और कारण दोनों सत्य हैं, लेकिन कारण अभिकथन का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(C) अभिकथन सत्य है लेकिन कारण असत्य है।
(D) अभिकथन और कारण दोनों असत्य है।
उत्तर – (A) अभिकथन और कारण दोनों सत्य हैं और कारण अभिकथन का सही स्पष्टीकरण है।

11. उपभोक्ताओं के प्रति व्यवसाय के कोई तीन उत्तरदायित्व बताइए।
उत्तर – उपभोक्ताओं के प्रति व्यवसाय के तीन मुख्य दायित्व हैं :
(i) उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएं प्रदान करना
(ii) ग्राहकों की शिकायतों का तुरंत समाधान करना
(iii) सुरक्षित और विश्वसनीय उत्पादों की आपूर्ति करना

12. अंशों एवं ऋणपत्रों में कोई तीन अंतर बताइए।
उत्तर – मुख्य अंतर इस प्रकार हैं :
(i) अंश कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि ऋणपत्र कंपनी के लिए ऋण का प्रतिनिधित्व करते हैं।
(ii) अंशधारकों को लाभांश मिलता है, जो कंपनी के मुनाफे का हिस्सा होता है, जबकि ऋणपत्रधारकों को ब्याज मिलता है, जो एक निश्चित दर पर भुगतान किया जाता है।
(iii) अंशों की तुलना में ऋणपत्र अधिक सुरक्षित होते हैं क्योंकि वे आमतौर पर कंपनी की संपत्ति पर प्रभार (charge) द्वारा सुरक्षित होते हैं।

13. इंटरनेट से आपका क्या अभिप्राय है? इसके दो लाभों का वर्णन करें।
उत्तर – इंटरनेट एक वैश्विक कंप्यूटर नेटवर्क है जो दुनिया भर के लाखों कंप्यूटरों को आपस में जोड़ता है। इसके माध्यम से हम जानकारी का आदान-प्रदान, संचार, ऑनलाइन खरीददारी, शिक्षा, मनोरंजन आदि कार्य कर सकते हैं।
• इंटरनेट के दो लाभ :
(i) सूचना तक आसान पहुँच – इंटरनेट पर किसी भी विषय से संबंधित जानकारी तुरंत प्राप्त की जा सकती है, जिससे शिक्षा, शोध और व्यवसायिक निर्णय आसान हो जाते हैं।
(ii) ऑनलाइन लेन-देन की सुविधा – इंटरनेट के माध्यम से हम बैंकिंग, शॉपिंग, बिल भुगतान, आदि कार्य घर बैठे आसानी से कर सकते हैं, जिससे समय और श्रम की बचत होती है।

14. बीमा के किन्ही चार सिद्धान्तों का वर्णन करें।
उत्तर – बीमा के चार प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन :
(i) क्षतिपूर्ति का सिद्धान्त – बीमाकर्ता (Insurance Company) बीमाधारक को उसकी वास्तविक हानि की ही भरपाई करता है, उससे अधिक नहीं। इसका उद्देश्य लाभ कमाना नहीं, हानि की पूर्ति करना है।
(ii) न्यूनतम हानि का सिद्धान्त – बीमाधारक का कर्तव्य होता है कि वह किसी भी दुर्घटना या क्षति की स्थिति में हानि को यथासंभव कम करने का प्रयास करे।
(iii) अधिकार समर्पण का सिद्धान्त – बीमा कंपनी, हानि की भरपाई के बाद, बीमाधारक के स्थान पर खड़ी हो जाती है और उसे हानि पहुँचाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है।
(iv) सर्वोत्तम आस्था का सिद्धान्त – बीमाधारक और बीमाकर्ता दोनों को एक-दूसरे को पूरी और सच्ची जानकारी देना अनिवार्य होता है। कोई भी तथ्य छुपाना अनुचित माना जाता है।

15. व्यावसायिक जोखिम क्या है? और इसके कारण क्या है?
उत्तर – व्यावसायिक जोखिम वह स्थिति है जिसमें किसी व्यवसाय को हानि या नुकसान होने की संभावना रहती है। यह जोखिम व्यवसाय से जुड़ी अनिश्चित परिस्थितियों, गलत निर्णयों, बाजार की अस्थिरता, प्राकृतिक घटनाओं और मानवजनित कारणों के कारण उत्पन्न होता है। व्यवसाय में लाभ की गारंटी नहीं होती, इसलिए जोखिम हर व्यावसायिक गतिविधि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे समझना और नियंत्रित करना व्यवसाय की सफलता के लिए आवश्यक है।
• व्यावसायिक जोखिम के कारण :
(i) आर्थिक कारण – बाजार में मांग और आपूर्ति में बदलाव, महंगाई, आर्थिक मंदी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और पूंजी की कमी व्यवसाय को प्रभावित कर सकती है। आर्थिक परिस्थितियों में अस्थिरता से लाभ में कमी और नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।
(ii) प्राकृतिक कारण – भूकंप, बाढ़, तूफ़ान, आग या मौसम और जलवायु की अनियमितताएँ व्यवसाय को जोखिम में डाल सकती हैं। प्राकृतिक आपदाएँ उत्पादन, वितरण और बिक्री को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे व्यवसाय का संचालन कठिन हो जाता है।
(iii) मानवजनित कारण – कर्मचारियों की गलती, लापरवाही, प्रबंधन की कमी, तकनीकी विफलताएँ, चोरी या धोखाधड़ी जैसी घटनाएँ व्यवसाय को नुकसान पहुँचा सकती हैं। इन कारणों से व्यवसाय की प्रतिष्ठा और वित्तीय स्थिति पर भी असर पड़ता है।

16. व्यवसाय, पेशा और रोजगार में अंतर बताइए।
उत्तर – व्यवसाय, पेशा और रोजगार में अंतर :
• व्यवसाय (Business) – व्यवसाय वह आर्थिक गतिविधि है जिसमें व्यक्ति किसी वस्तु या सेवा का उत्पादन या वितरण करता है और इसका मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना होता है। व्यवसाय में जोखिम और अनिश्चितताएँ रहती हैं क्योंकि बाजार की स्थिति, मांग और प्रतिस्पर्धा समय-समय पर बदलती रहती है। व्यवसाय स्वामित्व व्यक्तिगत, साझेदारी या कंपनी के रूप में हो सकता है और इसमें लाभ अर्जित करने के साथ-साथ समाज की आवश्यकताओं को पूरा करना भी शामिल होता है। उदाहरण के लिए, किराना स्टोर, होटल और फैक्ट्री।
• पेशा (Profession) – पेशा वह गतिविधि है जिसमें व्यक्ति विशेष शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करके समाज को सेवा प्रदान करता है और इसके बदले में फीस या पुरस्कार प्राप्त करता है। पेशा समाज के लिए उपयोगी सेवाएँ प्रदान करता है और इसमें लाभ का उद्देश्य तो होता है, लेकिन सेवा और विशेषज्ञता का महत्व अधिक होता है। पेशा व्यक्तिगत स्वामित्व पर आधारित होता है, इसमें जोखिम सीमित होता है और इसमें व्यक्ति अपने ज्ञान और कौशल का योगदान देता है। उदाहरण के लिए, डॉक्टर, वकील और शिक्षक।
• रोजगार (Employment) – रोजगार वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति किसी नियोक्ता के अधीन कार्य करता है और इसके बदले में नियमित वेतन या मजदूरी प्राप्त करता है। इसमें व्यक्ति व्यवसाय का मालिक नहीं होता और जोखिम न्यूनतम होता है। रोजगार में कर्मचारी केवल वेतन या अन्य सुविधाओं के लिए काम करता है और उसका कार्य नियोक्ता के नियमों और शर्तों के अधीन होता है। उदाहरण के लिए, स्कूल का शिक्षक, बैंक क्लर्क और फैक्ट्री मजदूर।

17. साझेदारी का अर्थ क्या है? और इसकी विशेषता बताइए।
उत्तर – साझेदारी वह व्यावसायिक संगठन है जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर व्यवसाय करते हैं और लाभ-हानि साझा करते हैं। इसमें सभी साझेदार व्यवसाय के संचालन में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं और अपने-अपने योगदान के अनुसार पूंजी लगाते हैं। इसे भागीदारी व्यवसाय (Partnership Business) भी कहा जाता है। साझेदारी का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय से लाभ अर्जित करना होता है, लेकिन इसमें जोखिम और हानि की संभावना भी रहती है।
• साझेदारी की विशेषताएँ :
(i) कई साझेदार – साझेदारी में कम से कम दो और अधिक व्यक्ति मिलकर व्यवसाय करते हैं। सभी साझेदार मिलकर व्यवसाय की योजना और संचालन में भाग लेते हैं।
(ii) लाभ और हानि साझा करना – साझेदारी में लाभ और हानि सभी साझेदारों के बीच पूर्व निर्धारित अनुपात या समझौते के अनुसार बांटा जाता है। इसका उद्देश्य सभी साझेदारों की बराबरी और न्याय सुनिश्चित करना है।
(iii) साझा निर्णय – व्यवसाय के सभी महत्वपूर्ण निर्णय, जैसे निवेश, विस्तार या संचालन, में सभी साझेदारों की राय शामिल होती है। इससे व्यवसाय में सहमति और जिम्मेदारी बनी रहती है।
(iv) पूंजी का योगदान – सभी साझेदार अपने-अपने हिस्से की पूंजी व्यवसाय में लगाते हैं। पूंजी का योगदान व्यवसाय के संचालन और विस्तार में सहायक होता है।
(v) भरोसा और समझौता – साझेदारी भरोसे और आपसी समझौते पर आधारित होती है। यह समझौता लिखित रूप में भी हो सकता है जिसे साझेदारी समझौता कहते हैं। इसमें साझेदारी के नियम, लाभ-हानि का वितरण और जिम्मेदारियों का विवरण होता है।
(vi) साझेदारी में जोखिम – सभी साझेदार व्यवसाय से जुड़े जोखिम और हानि के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सभी साझेदार अपने कर्तव्यों और फैसलों में सतर्क रहें।