Haryana Board (HBSE) Class 8 Sanskrit Question Paper 2024 PDF Download. HBSE Class 8 Sanskrit Question Paper 2024. Haryana Board Class 8th Sanskrit Question Paper 2024. Class 8 Sanskrit Paper 2024 Haryana Board. HBSE Class 8th Sanskrit Question Paper 2024 with Answer. Haryana Board Class 8th Sanskrit Question Paper 2024 Solution. हरियाणा बोर्ड कक्षा 8 संस्कृत पेपर 2024.
HBSE Class 8 Sanskrit Question Paper 2024 Answer Key
भाग क – बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)
1. ‘शिखीनाम्’ पदस्य हिन्दी अर्थः अस्ति ………
(क) मोरों का
(ख) कोयल नामक पक्षियों का
(ग) शेरों का
(घ) बाजों का
उत्तर – (क) मोरों का
2. भारतस्वर्णभूमिः कुत्र राजते?
(क) द्वीपे
(ख) पर्वते
(ग) क्षितौ
(घ) वने
उत्तर – (ग) क्षितौ
3. आर्यभटेन कः ग्रन्थः रचितः?
(क) महाभारतम्
(ख) रामायणम्
(ग) अर्थशास्त्रम्
(घ) आर्यभटीयम्
उत्तर – (घ) आर्यभटीयम्
4. ‘वीरः’ शब्दस्य विलोमपदं किमस्ति?
(क) शूरः
(ख) विकल :
(ग) पराक्रमी
(घ) कातरः
उत्तर – (घ) कातरः
5. ‘मेन्धिकाम्’ पदस्य हिन्दी अर्थः किमस्ति?
(क) रंगोली को
(ख) मेहन्दी को
(ग) उबटन को
(घ) इत्र को
उत्तर – (ख) मेहन्दी को
6. का स्वदृढ़निश्चयात् न विचलति?
(क) लक्ष्मी बाई
(ख) सावित्रीबाई फुले
(ग) विपाशा
(घ) अनारिका
उत्तर – (ख) सावित्रीबाई फुले
7. वयं शिक्षिताः अपि कथमाचरामः?
(क) वीराः इव
(ख) अशिक्षिताः इव
(ग) साधवः इव
(घ) ज्ञानिनः इव
उत्तर – (ख) अशिक्षिताः इव
8. इयं धरा कैः स्वर्णवद् भाति?
(क) वीरैः
(ख) रत्तैः
(ग) जलैः
(घ) शस्यैः
उत्तर – (घ) शस्यैः
9. विहरति पदे कः उपसर्गः?
(क) हरति
(ख) हृ
(ग) वि
(घ) विह
उत्तर – (ग) वि
10. अस्माकं प्रथमोपग्रहस्य नाम किम्?
(क) दिवाकरः
(ख) भास्करः
(ग) चन्द्रयानः
(घ) आर्यभट
उत्तर – (घ) आर्यभट
11. भारतभू: कस्मिन् युतानाम् अस्ति?
(क) युद्धानाम्
(ख) भूः प्रबन्धे
(ग) समुद्राणाम्
(घ) पर्वतानाम्
उत्तर – (ख) भूः प्रबन्धे
12. केसरीणाम् शब्दस्य हिन्दी अर्थः किम्?
(क) कबूतरों की
(ख) शेरों की
(ग) मोरों की
(घ) वीरों की
उत्तर – (ख) शेरों की
13. आर्यभटः कः आसीत्?
(क) चिकित्सकः
(ख) शिल्पकारः
(ग) सङ्गीतकारः
(घ) गणितज्ञः ज्योतिर्विच्च
उत्तर – (घ) गणितज्ञः ज्योतिर्विच्च
14. तक्रम् पदस्य कोऽर्थः?
(क) दही
(ख) शहद
(ग) छाछ
(घ) दूध
उत्तर – (ग) छाछ
15. हरिताः पदस्य कोऽर्थः?
(क) लाल
(ख) पीले
(ग) काले
(घ) हरे
उत्तर – (घ) हरे
भाग ख – वस्तुनिष्ठ प्रश्न (1 अंक)
16. मधुरसूक्तरसं के सृजन्ति?
उत्तर – सन्त:
17. सिंहस्य नाम किम् ?
उत्तर – खरनखर:
18. कुत्र “डिजीटल इण्डिया” इत्यस्य चर्चा भवति?
उत्तर – सम्पूर्ण विश्वे
19. सततं किं करणीयम्?
उत्तर – ध्येय स्मरणम्
20. बदरीगुल्मानां पृष्ठे का निलीना आसीत्?
उत्तर – लोमशिका
21. राकेशः कस्याः तिरस्कारं करोति?
उत्तर – राकेशः सृष्टेः उत्पादिन्याः शक्त्याः तिरस्कारं करोति।
22. अहं वसुधां किं मन्ये?
उत्तर – कुटुम्बम्
23. कीदृशं जलं पिबेत्?
उत्तर – वस्त्रपूतम्
24. केन पीडितः वैभव : बहिरागत:?
उत्तर – प्रचण्डोष्मणा
25. वयं तीजपर्वणि हस्तयोः किं लेपयामः?
उत्तर – मेंदिका
भाग ग – अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (2 अंक)
26. संधिविच्छेदं कुरुत।
(क) महात्मनामुक्तिः = महात्मनाम् + ……….
उत्तर – उक्तिः
(ख) अधुनैव = ………… + एव
उत्तर – अधुना
(ग) बहिरागत्य = बहिः + ………..
उत्तर – आगत्य
(घ) प्रवृतोऽपि = प्रवृत्तः + ……….
उत्तर – अपि
27. संधिं कुरुत।
(क) वृक्ष + अग्रवासी = ……………
उत्तर – वृक्षाग्रवासी
(ख) प्रथम + उपग्रहस्य = ………….
उत्तर – प्रथमोपग्रहस्य
(ग) पो + अनम् = ………….
उत्तर – पवनम्
(घ) पर + उपकारः = …………..
उत्तर – परोपकार:
28. संस्कृत भाषायाम् अंकान् समायोजयत।
(क) 66 | (i) चतुःसप्ततिः |
(ख) 82 | (ii) त्रिषष्टिः |
(ग) 74 | (iii) षट्षष्टिः |
(घ) 63 | (iv) द्वशीतिः |
उत्तर : (क)→(iii), (ख)→(iv), (ग)→(i), (घ)→(ii)
29. विलोमपदानि योजयत।
(क) स्वकीयम् | (i) आगमनम् |
(ख) भीतिः | (ii) विरक्तिः |
(ग) अनुरक्तिः | (iii) परकीयम् |
(घ) गमनम् | (iv) साहसः |
उत्तर : (क)→(iii), (ख)→(iv), (ग)→(ii), (घ)→(i)
30. भिन्नप्रकृतिकं पदं चिनुत।
(क) गच्छति, पठति, क्रीडति, अहसत्
उत्तर – अहसत्
(ख) समदर्शनः, योगः, रिपुः, आत्मनः
उत्तर – योगः
(ग) मित्रम्, पुष्पम्, आम्रः, फलम्
उत्तर – आम्रः
(घ) कामः, क्रोधः, योगः, आशा
उत्तर – योगः
31. तद्भव शब्दानां कृते संस्कृतपदानि चिनुत।
(क) दूध | (i) लुब्धः |
(ख) पूँछ | (ii) मधुमक्षिका |
(ग) लोभी | (iii) दुग्धम् |
(घ) मधुमक्खी | (iv) पुच्छः |
उत्तर : (क)→(iii), (ख)→(iv), (ग)→(i), (घ)→(ii)
32. संस्कृतशब्दानां कृते तद्भव शब्दान् चिनुत।
(क) कोख | (i) भ्राता |
(ख) साथ | (ii) कूपः |
(ग) भाई | (iii) कुक्षिः |
(घ) कुआं | (iv) सह |
उत्तर : (क)→(iii), (ख)→(iv), (ग)→(i), (घ)→(ii)
33. कोष्ठके प्रदत्तविपरीतार्थकपदानि चित्वा अधोलिखित पदानां समक्ष लिखत।
(बन्धः, ज्ञानम्, बन्धुः, न्यूनः)
(क) रिपुः = ……….
उत्तर – बन्धुः
(ख) अधिकः = ……….
उत्तर – न्यूनः
(ग) अज्ञानम् = ………..
उत्तर – ज्ञानम्
(घ) मुक्तः = …………
उत्तर – बन्धः
भाग घ – लघु उत्तरात्मक प्रश्न (3 अंक)
34. अधोलिखितेषु वाक्येषु कर्तृपदं (कर्ता) क्रियापदं (क्रिया) च चित्वा लिखत।
यथा:- सन्तः मधुरसूक्तरसं सृजन्ति।
उत्तर – कर्तृपदं = सन्तः, क्रियापदं = सृजन्ति
(क) पिशुनस्य मैत्री यशः नाशयति।
उत्तर – कर्तृपदं = मैत्री, क्रियापदं = नाशयति
(ख) मधुमक्षिका माधुर्य जनयेत्।
उत्तर – कर्तृपदं = मधुमक्षिका, क्रियापदं = जनयेत्
(ग) नद्यः समुद्रमासाद्य अपेयाः भवन्ति।
उत्तर – कर्तृपदं = नद्यः, क्रियापदं = भवन्ति
35. घटनानुसारं वाक्यानि लिखत।
(क) गुहायाः स्वामी दधिपुच्छ: नाम शृगालः समागच्छत्।
(ख) सिंहः खरनखरः एकां महतीं गुहाम् अपश्यत्।
(ग) परिभ्रमन् सिंहः क्षुधार्तो जातः।
(घ) सिंहः शृगालस्य आह्वानमकरोत्।
(ङ) दूरं पलायमानः शृगालः श्लोकमपठत्।
(च) दूरस्थः शृगालः रवं कर्तुमारब्धः।
उत्तर –
1. (ग) परिभ्रमन् सिंहः क्षुधार्तो जातः।
2. (ख) सिंहः खरनखरः एकां महतीं गुहाम् अपश्यत्।
3. (क) गुहायाः स्वामी दधिपुच्छ: नाम शृगालः समागच्छत्।
4. (च) दूरस्थः शृगालः रवं कर्तुमारब्धः।
5. (घ) सिंहः शृगालस्य आह्वानमकरोत्।
6. (ङ) दूरं पलायमानः शृगालः श्लोकमपठत्।
36. उदाहरणमनुसृत्य विशेषेण सह विशेष्यमेलनं कुरुत।
यथा- सम्पूर्ण भारते (विशेषण=संपूर्णे, विशेष्य=भारते)
विशेषण | विशेष्य |
(क) परिवर्तिनि | (i) ज्ञानम् |
(ख) महान् | (ii) काले |
(ग) मौखिकम् | (iii) उपकारः |
उत्तर : (क)→(ii), (ख)→(iii), (ग)→(i)
37. उचितकथनानां समक्षम् ‘आम्’,
अनुचितकथनानां समक्षम् ‘न’ इति लिखत।
(क) अहं परिवारस्य चक्षुषा संसारं पश्यामि।
उत्तर – न
(ख) निजनिकेतनं गिरिशिखरे अस्ति।
उत्तर – आम्
(ग) स्वकीयं बलं बाधकं भवति।
उत्तर – न
(घ) अहं वसुन्धरां कुटुम्बं न मन्ये।
उत्तर – न
(ङ) गमनं सुकरं अस्ति।
उत्तर – न
(च) सदैव अग्रे एव चलनीयम्।
उत्तर – आम्
38. कोष्ठकप्रदत्ते उचिताव्ययेन वाक्यपूर्ति कुरुत।
(तावत्, अपि, एव, यथा, नित्यं, यादृशम्)
(क) तयोः ………….. प्रियं कुर्यात्।
उत्तर – नित्यं
(ख) …………… कर्म करिष्यसि तादृशं फलं प्राप्स्यसि।
उत्तर – यादृशम्
(ग) वर्षशतैः …………. निष्कृतिः न कर्तुं शक्या।
उत्तर – अपि
(घ) तेषु ………… त्रिषु तुष्टेषु तपः समाप्यते।
उत्तर – एव
(ङ) ………….. राजा तथा प्रजा।
उत्तर – यथा
(च) यावत् सफलः न भवति ………… परिश्रमं कुरु।
उत्तर – तावत्
39. अधोलिखित-पदानां शब्द – लिङ्ग – विभक्तिं – वचन – परिचयं लिखत।
(क) वायुः
उत्तर – शब्द: = वायु, लिङ्गम् = पुल्लिंग, विभक्ति: = प्रथमा, वचनम् = एकवचन
(ख) अभ्यासेन
उत्तर – शब्द: = अभ्यास, लिङ्गम् = पुल्लिंग, विभक्ति: = तृतीया, वचनम् = एकवचन
(ग) धृतिः
उत्तर – शब्द: = धृति, लिङ्गम् = स्त्रील्लिङ्ग, विभक्ति: = तृतीया, वचनम् = एकवचन
40. पर्यायवाचीपदानि योजयत।
(क) सकले | (i) वृक्षाः |
(ख) दृष्ट्वा | (ii) स्त्रियः |
(ग) पादपाः | (iii) वर्तते |
(घ) महिलाः | (iv) अनेकानि |
(ङ) अस्ति | (v) विलोक्य |
(च) बहूनि | (vi) सम्पूर्ण |
उत्तर : (क)→(vi), (ख)→(v), (ग)→(i), (घ)→(ii), (ङ)→(iii), (च)→(iv)
41. (क) शब्दरूपं पूरयत।
मया | ………… | अस्माभिः |
तव | युवयोः | ………… |
राज्ञा | …………. | राजभिः |
उत्तर –
मया | आवाभ्याम् | अस्माभिः |
तव | युवयोः | युष्माकम् |
राज्ञा | राजाभ्याम् | राजभिः |
(ख) धातु रूपाणि पूरयत।
खादति | खादतः | ……….. |
………. | अखादताम् | अखादन् |
खादानि | ………… | खादाम |
उत्तर –
खादति | खादतः | खादन्ति |
अखादत् | अखादताम् | अखादन् |
खादानि | खादाव | खादाम |
भाग ङ – दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (5 अंक)
42. रेखाङ्कितपदमाधृत्य प्रश्न निर्माणं कुरुत।
(क) मधुमक्षिका माधुर्यमेव जनयति।
उत्तर – का माधुर्यमेव जनयति।
(ख) सर्वकारस्य घोषणा अस्ति।
उत्तर – कस्य घोषणा अस्ति।
(ग) अहं वसुन्धरां कुटुम्बं मन्ये।
उत्तर – अहं वसुन्धरां किम् मन्ये।
(घ) गजधरः सुन्दरः शब्दः अस्ति।
उत्तर – क: सुन्दरः शब्दः अस्ति।
(ङ) वयं स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामः।
उत्तर – वयं कस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामः।
43. निम्नलिखितयोः श्लोकयोः कस्यापि श्लोकस्य सप्रसंग व्याख्याम् कुरुत।
(क) पथि पाषाणाः विषमाः प्रखराः
हिंस्राः पशवः परितः घोरा:।
सुदुष्करं खलु यद्यपि गमनम्।
सदैव पुरतो निधेहि चरणम्।।
उत्तर : प्रसंग – प्रस्तुत श्लोक हमारी संस्कृत की पाठ्य-पुस्तक में निहित पाठ-4 “सदैव पुरतो निधेहि चरणम्” से लिया गया है।
• व्याख्या – मार्ग में विचित्र से ऊबड़-खाबड़ तथा नुकीले पत्थर हैं। चारों ओर भयंकर व हिंसक पशु हैं। यद्यपि वहाँ जाना निश्चय ही अत्यंत कठिन है, (फिर भी) सदा कदम आगे बढ़ाओ।
अथवा
(ख) भोजनान्ते च किं पेयम्?
जयन्तः कस्य वै सुतः?
कथं विष्णुपदं प्रोक्तम्?
तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।।
उत्तर : प्रसंग – प्रस्तुत श्लोक हमारी संस्कृत की पाठ्य-पुस्तक में निहित पाठ-15 “प्रहेलिकाः” से लिया गया है।
• व्याख्या – और भोजन के अंत में क्या पीना चाहिए? छाछ। निश्चित रूप से जयन्त किसका पुत्र है? इन्द्र का। भगवान विष्णु का स्थान कैसा कहा गया है? दुर्लभ (कठिनाई से प्राप्त होने योग्य)।
44. अधोलिखितयोः गद्यांशयोः कस्यापि एकगद्यांशस्य हिन्दी भाषायाम् अनुवादं कुरुत।
(क) एतस्मिन् अन्तरे गुहायाः स्वामी दधिपुच्छः नामकः शृगालः समागच्छत्। स च यावत् पश्यति तावत् सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा दृश्यते, न च बहिरागता। शृगालः अचिन्तयत्- “अहो! विनष्टोऽस्मि। नूनम् अस्मिन् बिले सिंहः अस्तीति तर्कयामि। तत् किं करवाणि?”
उत्तर : प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी संस्कृत की पाठ्य-पुस्तक में निहित पाठ-2 “बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता” से लिया गया है।
• व्याख्या – इसी बीच गुफा का स्वामी दधिपुच्छ नामक गीदड़ आ गया। और वह जहाँ तक देखता वहाँ तक उसे शेर के पैरों के निशान गुफा में गए दिखे और बाहर आए नहीं दिखे। गीदड़ ने सोचा “अरे मैं तो मर गया। निश्चय ही इस बिल में सिंह है ऐसा मैं सोचता हूँ। तो क्या करूँ?”
अथवा
(ख) जनवरी मासस्य तृतीये दिवसे 1831 तमे ख्रिस्ताब्दे महाराष्ट्रस्य नायगांव-नाम्नि स्थाने सावित्री अजायत। तस्याः माता लक्ष्मीबाई पिता च खण्डोजी इति अभिहितौ। नववर्षदेशीया सा ज्योतिबा – फुले – महोदयेन परिणीता। सोऽपि तदानीं त्रयोदशवर्षकल्पः एव आसीत्। यतोहि सः स्त्रीशिक्षायाः प्रबलः समर्थकः आसीत्, अतः सावित्र्याः मनसि स्थिता अध्ययनाभिलाषा उत्साहं प्राप्तवती।
उत्तर : प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी संस्कृत की पाठ्य-पुस्तक में निहित पाठ-11 “सावित्री बाई फुले” से लिया गया है।
• व्याख्या – जनवरी महीने के तीसरे दिन सन् 1831 ईस्वीय वर्ष में महाराष्ट्र के नायगाँव नामक स्थान पर सावित्री ने जन्म लिया। उनकी माता लक्ष्मीबाई और पिता खंडोरी नाम वाले थे। नौ वर्ष की आयु वाली वह ज्योतिबा फुले जी के साथ ब्याही गईं। वह भी उस समये तेरह वर्ष के आयु वाले थे। क्योंकि वह स्त्रीशिक्षा के प्रबल समर्थक थे इसलिए सावित्री के मन में स्थित पढ़ाई करने की इच्छा बढ़ गई।