HBSE Class 12th Hindi Solved Question Paper 2021

HBSE Class 12th Hindi Solved Question Paper 2021

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Subjective Questions 

1. निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :

नील जल में या

किसी की गौर, झिलमिल देह

जैसे मिल रही हो।

और

जादू टूटता है इस उषा का अब

सूर्योदय हो रहा है।

Ans. प्रसंग– प्रस्तुत काव्यांश प्रसिद्ध प्रयोगवादी कवि शमशेरबहादुर सिंह द्वारा रचित कविता ‘उषा’ से अवतरित है। यहाँ कवि प्रातःकालीन दृश्य का मनोहारी चित्रण कर रहा है। प्रातःकाल आकाश में जादू होता-सा प्रतीत होता है। जो पूर्ण सूर्योदय के पश्चात् टूट जाता है।

व्याख्या– कवि सूर्योदय से पहले आकाश के सौंदर्य में पल-पल होते परिवर्तनों का सजीव अंकन करते हुए कहता है कि ऐसा लगता है कि मानो नीले जल में किसी गोरी नवयुवती का शरीर झिलमिला रहा है। नीला आकाश नीले जल के समान है और उसमे सफेद चमकता सूरज सुंदरी की गोरी देह प्रतीत होता है। हल्की हवा के प्रवाह के कारण यह प्रतिबिंब हिलता- सा प्रतीत होता है। इसके बाद उषा का जादू टूटता-सा लगने लगता है। उषा का जादू यह है कि वह अनेक रहस्यपूर्ण एवं विचित्र स्थितियाँ उत्पन करता है। कभी पुती स्लेट कभी गीला चौका, कभी शंख के समान आकाश तो कभी नीले जल में झिलमिलाती देह-ये सभी दृश्य जादू के समान प्रतीत होते हैं। सूर्योदय होते ही आकाश स्पष्ट हो जाता है और उसका जादू समाप्त हो जाता है।

अभिधा शब्द शक्ति, तत्सम् तद्भव शब्दावली, अनुप्रास व उपमा अलंकार। 


2. ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ – पंक्ति की आवृत्ति से कविता की किस विशेषता का पता चलता है ?

Ans. यह पंक्ति पूरी कविता में चार बार प्रयुक्त की गई है। यह इस कविता की मुख्य पंक्ति है। यह पंक्ति कविता को लय प्रदान करती है। इसके कारण ही कविता में गेयता के गुण का समावेश होता है।

यह पंक्ति हमें सूचित करती है कि जीवन की घड़ियाँ भी इसी पंक्ति के समान है। हमें चाहिए कि समय का सदुपयोग करें और अपने उद्देश्य को समय के बीतने से पहले पा लें। समय निरंतर गति से चलता रहता है। यह किसी के लिए नहीं ठहरता है। अतः हमें समय रहते अपने काम कर लेने चाहिए।


3. हरिवंशराय बच्चन अथवा तुलसीदासजी के जीवन रचनाओं एवं साहित्यिक विशेषताओं का परिचय दीजिए। 

Ans. हरिवंशराय बच्चन– 1907 में इलाहाबाद में जन्म। 1942 से 1952 तक इलाहाबाद विविद्यालय में प्राध्यापक विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ। 2003 मुम्बई में निधन। 

रचनाएँ : मधुशाला, मधुबाला, क्या भूलूँ क्या याद करूँ। प्रेम और सौन्दर्य के कवि। मानवतावाद व वैयक्तिकता का सुन्दर सम्मिश्रण। रहस्यवादी भावना । शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली । तत्सम तद्भव उर्दू अंग्रेजी शब्दावली। 


                                            अथवा

तुलसीदासजी– तुलसीदास भारत के ही नहीं, संपूर्ण मानवता तथा संसार के कवि हैं। उनके जन्म से संबंधित प्रमाणिक सामग्री अभी तक प्राप्त नहीं हो सकी है। इनका जन्म 1532 ई० स्वीकार किया गया है। तुलसीदास जी के जन्म और जन्म स्थान के संबंध को लेकर सभी विद्वानों में पर्याप्त मतभेद हैं। तुलसीदास का जन्म बांदा जिले के ‘राजापुर’ गांव में माना जाता है। कुछ विद्वान इनका जन्म स्थान एटा जिले के सोरो नामक स्थान को मानते हैं। तुलसीदास जी सरयूपारीण ब्राह्मण थे। इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे एवं माता का नाम हुलसी था। कहा जाता है कि अभुक्त मूल नक्षत्र में जन्म होने के कारण इनके माता-पिता ने इन्हें बाल्यकाल में ही त्याग दिया था। इनका बचपन अनेक कष्टों के बीच व्यतीत हुआ। तुलसीदास जी ने अनेक तीर्थों का भ्रमण किया और ये राम के अनन्य भक्त बन गए। इनकी भक्ति दास्य-भाव की थी। 1574 ई० में इन्होंने अपने सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ की रचना की तथा मानव जीवन के सभी उच्चादर्शों का समावेश करके इन्होंने राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बना दिया। 1623 ई० में काशी में इनका निधन हो गया। तुलसीदास को हम हिंदू कवि और संत के रूप में जानते हैं उन्होंने भारत के सबसे बड़े महाकाव्य रामचरितमानस और हनुमान चालीसा की रचना की है। 

साहित्यिक परिचय : तुलसीदास जी महान लोकनायक और श्री राम के महान भक्त थे। इनके द्वारा रचित ‘रामचरितमानस’ संपूर्ण विश्व साहित्य के अद्भुत ग्रंथों में से एक है। यह एक अद्वितीय ग्रंथ है, जिसमें भाषा, उद्देश्य, कथावस्तु, संवाद एवं चरित्र चित्रण का बड़ा ही मोहक चित्रण किया गया है। इस ग्रंथ के माध्यम से इन्होंने जिन आदर्शों का भावपूर्ण चित्र अंकित किया है, वे युग-युग तक मानव समाज का पथ-प्रशस्त करते रहेंगे। 

इनकी प्रमुख रचनाएं : रामचरितमानस, गीतावली, दोहावली, कवितावली, विनय पत्रिका, पार्वती मंगल, कृष्ण गीतावली


4. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :

बाजार को सार्थकता भी वही मनुष्य देता है जो जानता है कि वह क्या चाहता है और जो नहीं जानते कि वे क्या चाहते हैं, अपनी ‘पर्चेजिंग पावर’ के गर्व में अपने पैसे से केवल एक विनाशक शक्ति, शैतानी शक्ति, व्यंग्य की शक्ति ही बाजार को देते हैं। न तो वे बाजार से लाभ उठा सकते हैं, न उस बाजार को सच्चा लाभ दे सकते हैं।

Ans. यहाँ मुझे ज्ञात होता है कि बाजार को सार्थकता भी वही मनुष्य देता है जो जानता है कि वह क्या चाहता है और जो नहीं जानते कि वे क्या चाहते हैं, अपनी ‘पर्चेजिंग पावर’ के गर्व में अपने पैसे से केवल एक विनाशक शक्ति-शैतानी शक्ति, व्यंग्य की शक्ति ही बाजार को देते हैं। न तो वे बाजार से लाभ उठा सकते हैं, न उस बाजार को सच्चा लाभ दे सकते हैं। वे लोग बाजार का बाजारूपन बढ़ाते हैं, जिसका मतलब है कि कपट बढ़ाते हैं। कपट की बढ़ती का अर्थ परस्पर में सद्भाव की घटी।


5. (क) भक्तिन के चरित्र की किन्हीं चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

Ans. भक्तिन के चरित्र की चार विशेषताए- 

(i) व्यक्तित्व– भक्तिन एक अधेड़ उम्र की महिला है। उसका कद छोटा है। शरीर दुबला-पतला है। उसके होंठ पतले हैं। आँखें छोटी-छोटी-सी हैं। वह झूसी गाँव के प्रसिद्ध अहीर सूरमा की इकलौती बेटी है। उसकी माँ का नाम गोपालिका था। लेकिन उसके मरने के बाद इसकी विमाता ने इसका पालन-पोषण किया।

(ii) महान सेविका– भक्तिन एक महान सेविका है। वह अपना प्रत्येक कार्य पूर्ण श्रद्धा, मनोयोग, कर्मठता और कर्तव्य भावना से करती है। उसकी सेवा-भावना को देखकर ही महादेवी वर्मा जी ने उसे हनुमान जी से स्पर्धा करनेवाली बताया है। जैसे-सेवक-धर्म में हनुमान जी से स्पर्धा करनेवाली भक्तिन किसी अंजना की पुत्री न होकर एक अनामधन्या गोपालिका की कन्या है। 

(iii) बुद्धिमती– भक्तिन निरक्षर होते हुए भी एक समझदार महिला है। वह प्रत्येक कार्य को बड़ी समझ-बूझ और होशियारी से पूर्ण करती है। लेखिका के घर में उनके प्रत्येक परिचित और साहित्यकार को वह अच्छी तरह पहचानती है। वह उसी के साथ आदर व सम्मान से बात करती है जो उसकी स्वामिनी लेखिका का आदर और सम्मान करता है। अपने ससुराल में भी अपने पति की मृत्यु के बाद वह अपनी पूँजी से एक कौड़ी भी अपनी सास और जेठानियों को नहीं हड़पने देती है।

(iv) परिश्रमी– भक्तिन एक कर्मठ महिला है। वह अपना प्रत्येक कार्य पूरे परिश्रम से करती है। अपने ससुराल में भी वह घर, गाय-भैंस, खेत-खलिहान का सारा कार्य पूरी मेहनत से किया करती थी। लेखिका के घर में आने के बाद भी वह लेखिका के सारे कामकाज को पूरा करने के लिए कठोर परिश्रम करती है। वह लेखिका के प्रत्येक कार्य में उनकी सहायता करती। इधर-उधर बिखरी किताबों, अधूरे चित्रों आदि सामान को वह सँजोकर रख देती है।

(v) साहसी– भक्तिन एक साहसी महिला थी। बचपन में ही उसकी माँ की मृत्यु हो गई थी। उसकी विमाता ने उसका पालन-पोषण किया लेकिन उसपर बहुत अत्याचार किए, फिर भी भक्तिन ने अपना साहस नहीं छोड़ा। छोटी-सी उम्र में ही उसकी शादी कर दी गई। ससुराल में भी उसे उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। दो कन्याओं को जन्म देने पर उसकी सास और जेठानियों ने उसका खूब अपमान किया। 


                                         अथवा

‘काले मेघा पानी दे’ संस्मरण का मूलभाव स्पष्ट कीजिए ।

Ans. ‘काले मेघा पानी दे’ संस्मरण धर्मवीर भारती द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने लोक आस्था और विज्ञान के द्वंद्व का सुंदर चित्रण किया है। विज्ञान का अपन तर्क है और विश्वास की अपनी सामर्थ्य। लेखक ने किशोर जीवन के इस संस्मरण में दिखलाया है कि अनावृष्टि से मुक्ति पाने हेतु गाँव के बच्चों की इंदर सेना द्वार-द्वार पानी माँगने जाती है। लेखक का तर्कशील किशोर-मन भीषण सूखे में उसे पानी की निर्मम बर्बादी समझता है।

लेखक की जीजी इस कार्य को अंधविश्वास न मानकर लोक आस्था के त्याग की भावना कहती है। लेखक बार-बार अपनी जीजी के तर्कों का खंडन करता हुआ इसे पाखंड और अंधविश्वास कहता है लेकिन जीजी की संतुष्टि और अपने सद्भाव को बचाए रखने के लिए वह तमाम रीति-रिवाजों को ऊपरी तौर पर सही मानता है। लेकिन अंतर्मन से उनका खंडन करता चलता है। जीजी का मानना है कि परम आवश्यक वस्तु का त्याग ही सर्वोच्च दान है पाठ के अंत में लेखक ने देशभक्ति का परिचय देते हुए देश में फैले भ्रष्टाचार के प्रति गहन चिंता व्यक्त की है तथा उन लोगों के प्रति कटाक्ष किया है जो आज भी पश्चिमी संस्कृति और भाषा के अधीन हैं तथा भ्रष्टाचार को अनदेखा कर रहे हैं या उसमें लिप्त हैं।


(ख) पहलवान की ढोलक का पूरे गाँव पर क्या असर होता था ?

Ans. ढोलक की आवाज़ सुनकर लोगों को प्रेरणा तथा सहानुभूति मिलती थी। मृत्यु के भय से आक्रांत लोग, अर्धचेतन अवस्था में पड़े लोग, जिदंगी से हारे लोग ढोलक की आवाज़ से जी उठते थे। रात की विभीषिका उन्हें आक्रांत नहीं कर पाती थी। जब तक ढोल बजता था उनकी अश्रु से भरी आँखें उसे सुनकर चमक उठती थी। मृत्यु का भय इस आवाज़ से चला जाता था और जीवन का संचार होता था।


6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

(क) दृश्य श्रव्य माध्यमों की तुलना में श्रव्य माध्यमों की क्या सीमाएँ हैं ? इन सीमाओं को किस तरह पूरा किया जा सकता है ?

Ans. श्रव्य माध्यम में अभिनय करने वाले नायक नायिकाओं को देख नहीं सकते केवल अनुमान लगा सकते हैं। ध्वनियों के माध्यम से समझना पड़ता है समय की सूचना, पात्रों की स्थिति को संवादों से जानना पड़ता है।

दृश्य श्रव्य माध्यम में हम नाटक को अपनी आंखों से देख भी सकते हैं और पात्रों के संवादों को सुन भी सकते हैं किंतु श्रव्य माध्यम में हम केवल सुन सकते हैं उसे देख नहीं सकते।

दृश्य श्रव्य माध्यम में हम पत्रों के हाव भाव देखकर उनकी दशा का अनुमान लगा सकते हैं किंतु श्रव्य माध्यम में हम ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते।

दृश्य श्रव्य माध्यम में मनचला पात्रों के वस्त्रों की शोभा और उनके सौंदर्य को देख सकते हैं किंतु श्रव्य माध्यम में हम इनकी केवल कल्पना कर सकते हैं।

दृश्य श्रव्य माध्यम में किसी भी दृश्य तथा वातावरण को देखकर आनंद उठा सकते हैं किंतु श्रव्य माध्यम में पत्ते की स्थिति को केवल ध्वनियों के माध्यम से ही समझ सकते हैं; जैसे जंगल का दृश्य प्रस्तुत करना हो तो जंगली जानवरों की आवाज तथा डरावना संगीत दिया जाता है।

दृश्यम माध्यमों में श्रव्य माध्यमों की तुलना में वातावरण की सृष्टि पात्रों के संवादों सीखी जाती है। समय की सूचना तथा पात्रों के चरित्र का उद्घाटन भी संवादों के माध्यम से ही होता है।

श्रव्य माध्यम कि इन सीमाओं को ध्वनि माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है। 


(ख) समाचार कैसे लिखा जाता है ? स्पष्ट कीजिए।

Ans. समाचार लिखना एक तकनिकी कला है। किसी भी व्यक्ति को समचार लिखने के लिए तकनीक को समझना अनिवार्य है। अगर आपके पास विषय की पूरी जानकारी नहीं है और विषय को समझनी की काबिलयत नहीं है तो आप प्रभावी रुप से समाचार नहीं लिख सकते है। इसके लिए आपके पास विषय के बारे में प्रर्याप्त जानकारी होना और जानकारी को प्रदर्शित करने का हुनर होना आवश्यक है। समाचारों में किसी भी व्यक्ति की लंबी-लंबी प्रशंसा न भरें। समाचार लिखना सामाजिक रूप से कड़े उत्तरदायित्व का काम है इसलिए समाचार का संतुलित और पक्षपातरहित होना आवश्यक है। समाचार लेखक को ध्यान रखना चाहिए कि वे समाचार लिख रहे हैं कोई निबंध नहीं, तदनुसार एक समाचार को किसी भी हाल में 1000 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। 

समाचार, लेखन की सबसे लोकप्रिय शैली है। उल्टा पिरामिड। इसके तीन अंग हैं- इंट्रो, बॉडी व समापन।

इंट्रो या लीड या मुखड़ा– उल्टा पिरामिड शैली में समाचार लेखन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इंट्रो या लीड या मुखड़ा लेखन है। इंट्रो समाचार का पहला पैराग्राफ होता है, जहां से कोई समाचार शुरू होता है। इंट्रो के आधार पर ही समाचार की गुणवत्ता का निर्धारण होता है। एक आदर्श इंट्रो में किसी समाचार की सबसे महत्वपूर्ण सूचना आ जानी चाहिये और उसे किसी भी हालत में 35 से 50 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिये। किसी इंट्रो में मुख्यतः छह सवाल का जवाब देने की कोशिश की जाती है क्या हुआ, किसके साथ हुआ, कहां हुआ, हुआ, कब क्यों और कैसे हुआ है। आमतौर पर माना जाता है कि एक आदर्श इंट्रो में सभी छह ककार का जवाब देने के बजाये किसी एक इंट्रो को प्राथमिकता देनी चाहिये। उस एक ककार के साथ एक दो ककार दिये जा सकते हैं।

बॉडी– समाचार लेखन की उल्टा पिरामिड लेखन शैली में मुखड़े में उल्लिखित तथ्यों की व्याख्या और विश्लेषण समाचार की बॉडी में होती है। किसी समाचार लेखन का आदर्श नियम यह है कि किसी समाचार को ऐसे लिखा जाना चाहिये, जिससे अगर वह किसी भी बिन्दु पर समाप्त हो जाये तो उसके बाद के पैराग्राफ में ऐसा कोई तथ्य नहीं रहना चाहिये, जो उस समाचार के बचे हुऐ हिस्से की तुलना में ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो। अपने किसी भी समापन बिन्दु पर समाचार को पूर्ण, पठनीय और प्रभावशाली होना चाहिये। समाचार की बॉडी में छड़ ककारों में से दो क्यों और कैसे का जवाब देने की कोशिश की जाती है। कोई घटना कैसे और क्यों हुई. यह जानने के लिये उसकी पृष्ठभूमि, परिपेक्ष्य और उसके व्यापक संदर्भों को खंगालने की कोशिश की जाती है। इसके जरिये ही किसी समाचार के वास्तविक अर्थ और असर को स्पष्ट किया जा सकता है।

निष्कर्ष या समापन– समाचार का समापन करते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि न सिर्फ उस समाचार के प्रमुख तथ्य आ गये हैं बल्कि समाचार के मुखड़े और समापन के बीच एक तारतम्यता भी होनी चाहिये। समाचार में तथ्यों और उसके विभिन्न पहलुओं को इस तरह से पेश करना चाहिये कि उससे पाठक को किसी निर्णय या निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद मिले।


(ग) परीक्षा को लेकर अध्यापक और शिष्य के बीच संवादों को लिखिए।

Ans. विद्यार्थी : नमस्ते शिक्षक।

शिक्षक : नमस्ते रवि कहो पढ़ाई कैसी चल रही है ?

विद्यार्थी : वैसे तो पढ़ाई ठीक ही चल रही है पर …

शिक्षक : पर क्या रवि। खुल कर बताओ।

विद्यार्थी : सर मैं आप से यह जानना चाहता था कि यदि अच्छे अंक पाने हो तो किस प्रकार पढ़ाई करनी चाहिए ?

शिक्षक : रवि मैं बहुत खुश हुआ कि आप अपनी पढ़ाई को गंभीरता से ले रहे हो।

शिक्षक : देखो रवि अच्छे अंक लाने के लिए कोई शार्टकट नहीं होता।

विद्यार्थी : जी सर। 


                                       अथवा

नकल रहित परीक्षा के संचालन में अध्यापक और विद्यार्थियों की भूमिका पर संक्षिप्त नोट लिखें। 

Ans. शिक्षा अधिकारियों, प्रिंसीपलों, मुख्याध्यापकों का पहला फर्ज यह होना चाहिए कि नकल करने वाले छात्र को स्कूल, कॉलेज अथवा परीक्षा से निष्कासित कर देना चाहिए और भविष्य की शिक्षा के लिए उसे वंचित कर देना चाहिए।

शिक्षा क्षेत्र में आजकल सरल ढंग से लिखी गई गाइडों और कुजियों का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। इन गाइडों में प्रश्नों के उत्तर तैयार होते हैं और विद्यार्थी बिना पाठ्य- – पुस्तकें पढ़ें इन से प्रश्न रट लेता है या नकल करने के लिए पर्चियां तैयार करता है। यह बिमारी इतनी बढ़ गई है कि कुछ प्रकाशकों ने तो छोटी-छोटी पुस्तकें तैयार करवाई हैं जिन्हें जेब में रखना बहुत ही आसान होता है।

आजकल देखने में आया है कि माता-पिता भी इस कार्य में सहायता करते हैं। उन पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। परीक्षा प्रणाली को बदलना अति जरूरी है। पूरे वर्ष की पढ़ाई की जांच एवं समय समय पर होने वाली मासिक परीक्षाओं के परिणाम को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। नकल में सहायता करने वाले केन्द्र अधिकारी तथा निरीक्षकों को सजा मिलनी चाहिए। परीक्षापत्र भी अलग-अलग ढंग के होने चाहिए। इस भयावह रोग से बचने के लिए अध्यापक विद्यार्थी, माता-पिता और अन्य सम्बन्धित व्यक्तियों को ईमानदारी से शिक्षा की ओर ध्यान देना होगा।


7. ‘वितान भाग-2’ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(क) ‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए ।

Ans. सिल्वर वेडिंग’ कहानी की रचना मनोहर श्याम जोशी ने की है। इस पाठ के माध्यम से पीढ़ी के अंतराल का मार्मिक चित्रण किया गया है। ‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी की मूल संवेदना दो पीढ़ियों के बीच के अंतराल को स्पष्ट करना है। यशोधर बाबू पुरानी पीढ़ी के आदर्शो और मूल्यों से जुड़े हैं जबकि उनके बेटे नई पीढ़ी के अनुसार जीने मैं विश्वास रखते हैं। लेखक ने इस कहानी में दोनों पीढ़ियों के अंतर को कुशलतापूर्वक अभिव्यक्त किया है। यशोधर बाबू की पत्नी स्वयं को परिस्थितियों के अनुकूल ढाल लेती है अत: वह जीवन में मरुत रहती है। कहानीकार ने इस पीढ़ी अंतराल को प्रतीकात्मक ढंग-से व्यक्त किया है। उनके बेटों और बेटी के रहन-सहन नये जमाने के हिसाब से हैं। उनका सोचना भी नये सामाजिक मूल्यों पर विकसित हुआ है। यशोधर जी जिन सामाजिक मूल्यों को बचाकर रखना चाहते हैं, उन सामाजिक मूल्यों का नयी पीढ़ी के लिए कोई महत्त्व नहीं है। इसी तरह नये ढंग के कपड़े पहनना भी नयी पीढ़ी की विशेषता है। इस तरह यह कहानी पूरी तरह पीढ़ी अंतराल की कहानी कहती है।


(ख) ‘जूझ’ पाठ में कविता के प्रति लगाव के बाद अकेलेपन के बारे में लेखक की अवधारणा में क्या बदलाव हुआ ?

Ans. कविता के प्रति लगाव से पहले लेखक को ढोर चराते हुए, खेतों में पानी लगाते हुए या दूसरे काम करते हुए अकेलेपन की स्थिति बहुत खटकती थी। उसे कोई भी काम करना तभी अच्छा लगता था जबकि उसके साथ कोई बोलने वाला, गपशप करने वाला या हँसी-मजाक करने वाला हो। कविता के प्रति लगाव हो जाने के बाद उसकी मानसिकता में बदलाव आ गया था। उसे अब अकेलेपन से कोई ऊब नहीं होती थी। वह अपने आप से खेलना सीख गया था। पहले से उलट वह अकेला रहना अच्छा मानने लगा था। अकेले रहने से उसे ऊँची आवाज में कविता गाने अभिनय करने या नाचने की स्वतंत्रता का अनुभव होता था जो उसे असीम आनंद से भर देते थे।


(ग) श्री सौंदलगेकर के अध्यापन की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

Ans. मास्टर सौंदलगेकर कुशल अध्यापक, मराठी के ज्ञाता व कवि थे। सुरीले ढंग से स्वयं की व दूसरों की कविताएँ गाते थे। पुरानी-नयी मराठी कविताओं के साथ-साथ उन्हें अनेक अंग्रेजी कविताएँ कंठस्थ थीं। पहले वे एकाध गाकर सुनाते थे – फिर बैठे-बैठे अभिनय के साथ कविता का भाव ग्रहण कराते। आनन्दा को कविता या तुकबन्दी लिखने के प्रारम्भिक काल में उन्होंने उसका मार्गदर्शन व सुधार किया, उसका आत्मविश्वास बढ़ाया जिससे वह धीरे-धीरे कविताएँ लिखने में कुशल होकर प्रतिष्ठित कवि बन गया। 


(घ) अज्ञातवास के समय ऐन की क्या क्या रुचियाँ थी ?

Ans. ऐन को पत्रिकाओं से फ़िल्मी कलाकारों के चित्र इकट्ठे करने की रुचि थी। वह फ़िल्मों के बारे में ज्ञान इकट्ठा करती थी; उनकी समीक्षा करती थी; प्रति सप्ताह प्रकाशित होने वाली सिनेमा एंड थियेटर पत्रिका ध्यान से पढ़ती थी। वह फ़िल्मी अभिनेत्रियों की तरह अपने बाल सँवारा करती थी और उन्हें अपना स्टाइल बनाया करती थी। कुछ ही देर बाद फिर से वह अपने घुघराले बालों वाले स्टाइल में ही आ … जाया करती थी।


(ङ) कैबिनेट मंत्री मिस्टर बोल्के स्टीन ने क्या घोषित किया कि जिससे ऐन को खुशी मिली थी ।

Ans. कैबिनट मंत्री मिस्टर बोल्के स्टीन ने लंदन से उस प्रसारण में कहा था कि जब युद्ध समाप्त हो जाएगा तब युद्ध का वर्णन करने वाली डायरियों और पत्रों का संग्रह किया जाएगा। ऐन खुश हो गई थी कि वह गुप्त एनेक्सी के बारे में सब छपवाएगी।



Objective Questions 

Q1. संधि के कितने भेद होते हैं ? 

(क)  दो  

(ख)  पाँच 

(ग)  तीन  (स्वर, व्यंजन, विसर्ग)

(घ)  चार 

Ans. (ग)  तीन  (स्वर, व्यंजन, विसर्ग)


Q2. ‘प्रति + उपकार’ की सन्धि है: 

(क)  प्रतिउपकार 

(ख)  प्रतुपकार 

(ग)  प्रत्युपकार 

(घ)  प्रतुप्कार 

Ans. (ग)  प्रत्युपकार 


Q3. ‘अत्याचार’  का  सन्धि-विच्छेद  है : 

(क)  अत्य + चार 

(ख)  अति + आचार 

(ग)  अ + चार 

(घ)  अति + उचार

Ans. (ख)  अति + आचार 


Q4. जिस समास  में  दोनों  पर  समान  रूप  से  प्रधान  हो  व  हैं : 

(क)  तत्पुरुष 

(ख)  द्वंद्व 

(ग)  द्विगु  

(घ)  कर्मधारय

Ans. (ख)  द्वंद्व 


Q5. ‘दाल-रोटी’  का  विग्रह  होगा : 

(क)  दाल  में  रोटी 

(ख)  दाल  या  रोटी 

(ग)  दाल  और  रोटी 

(घ)  दाल  में  बनी  रोटी

Ans. (ग)  दाल  और  रोटी 


Q6. ‘वनवास’  का  समास  विग्रह  होगा : 

(क)  वन  का  वास 

(ख)  वनवासी 

(ग)  वन  में  वास 

(घ)  वन  के  लिए  वास

Ans. (ग)  वन  में  वास 


Q7. वाक्य  शोधन  कीजिए : ‘तुम  तुम्हारे  घर  जाओ’ 

(क)  तुम  अपने  घर  जाओ 

(ख)  घर  जाओ  तुम  अपने  

(ग)  अपने  घर  जाओ तुम 

(घ)  घर  तुम  अपने  जाओ 

Ans. (क)  तुम  अपने  घर  जाओ 


Q8. शुद्ध  वाक्य  बताइए : 

(क)  वह  लोग  अच्छे  हैं 

(ख)  वे  लोग  अच्छे  हैं 

(ग)  अच्छे  हैं  वे  लोग 

(घ)  लोग  अच्छे  हैं  वे 

Ans. (ख)  वे  लोग  अच्छे  हैं 


Q9. ‘रघुपति  राघव  राजाराम’  में  अलंकार  है : 

(क)  रूपक   

(ख)  उपमा 

(ग)  अनुप्रास 

(घ)  अतिशयोक्ति

Ans. (ग)  अनुप्रास 


Q10. जिस  अलंकार  में  उपमेय  और  उपमान  में  अभेद  होता  है  वह  अलंकार  है : 

(क)  रूपक   

(ख)  उपमा

(ग)  उत्प्रेक्षा  

(घ)  अतिशयोक्ति

Ans. (क)  रूपक   


Q11. ‘हो जाए न पथ में रात कहीं’ सोचकर कौन जल्दी.जल्दी चलता है ? 

(क)  चिड़िया 

(ख)  कबूतर 

(ग)  पंथी 

(घ)  चिड़िया के बच्चे 

Ans. (ग)  पंथी 


Q12. किसके बच्चे प्रत्याशा में हैं: 

(क)  पंथी के 

(ख)  कवि के 

(ग)  चिड़िया के 

(घ)  लेखक के 

Ans. (ग)  चिड़िया के 


Q13. ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में छिपी किसकी कविता है ? 

(क)  क्रूरता की 

(ख)  दया की 

(ग)  ममता की 

(घ)  सहानुभूति की 

Ans. (क)  क्रूरता की


Q14. ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में कैमरा एक साथ क्या दिखाना चाहता है ? 

(क)  सामान्य व्यक्ति की दुर्दशा 

(ख)  समाचार और खेल 

(ग)  दर्शक और अपाहिज रोते हुए 

(घ)  नए और पुराने कार्यक्रम 

Ans. (ग)  दर्शक और अपाहिज रोते हुए 


Q15. ‘सहर्ष स्वीकारा है’ कविता में कवि की आत्मा कैसी हो गई ? 

(क)  कमजोर 

(ख)  दृढ़ 

(ग)  संवेदनशील 

(घ)  समर्थ 

Ans. (क)  कमजोर 


Q16. ‘सहर्ष स्वीकारा है’ कविता में कवि कहाँ लापता होना चाहता है ? 

(क)  आकाश में 

(ख)  वायु में 

(ग)  बादलों में 

(घ)  अंधेरी गुफाओं में 

Ans. (घ)  अंधेरी गुफाओं में 


Q17. ‘सहर्ष स्वीकारा है’ कविता में बहलाती, सहलाती आत्मीयता क्या नहीं होती है ? 

(क)  खत्म  

(ख)  बरदाश्त 

(ग)  कम  

(घ)  ज्यादा 

Ans. (ख)  बरदाश्त 


Q18. लक्ष्मण के जीवित होने की खबर सुनकर रावण किसके पास जाता है ? 

(क)  मेघनाद  

(ख)  कुंभकरण 

(ग)  राम  

(घ)  हनुमान 

Ans. (ख)  कुंभकरण 


Q19. लक्ष्मण के मूच्र्छित होने पर सामान्य मनुष्य की तरह कौन विलाप करने लगता है ? 

(क)  राम  

(ख)  हनुमान 

(ग)  वानर  

(घ)  सीता 

Ans. (क)  राम  


Q20. ‘उषा’ कविता में प्रातःकालीन नीला आकाश किसके जैसा बताया गया है ? 

(क)  केसर  

(ख)  शंख 

(ग)  सिल  

(घ)  सिंदूर 

Ans. (ख)  शंख 


Q21. ‘सदके फिराक एज़ाजे-सुखन के कैसे उड़ा ली ये आवाज़’ पंक्ति में भाषा कौन.सी है ? 

(क)  तत्सम् प्रधान 

(ख)  तद्भव प्रधान 

(ग)  ब्रजभाषा 

(घ)  उर्दू-फारसी 

Ans. (घ)  उर्दू-फारसी 


Q22. श्री राम के मतानुसार पंखों के बिना किसकी स्थिति दयनीय होती है ? 

(क)  पक्षी की 

(ख)  मछली की 

(ग)  वानर की 

(घ)  सर्प की 

Ans. (क)  पक्षी की


Q23. श्री राम ने किसकी हानि को विशेष हानि नहीं बताया ? 

(क)  पत्नी की 

(ख)  भाई की 

(ग)  मित्र की 

(घ)  बहिन की 

Ans. (क)  पत्नी की


Q24. लेखिका द्वारा पुकारी जाने पर भक्तिन क्या कहती थी ? 

(क)  जी  

(ख)  ऑय

(ग)  हाँ, जी 

(घ)  आई मालकिन 

Ans. (ख)  ऑय


Q25. भक्तिन का विवाह किस उम्र में हुआ था ? 

(क)  पाँच वर्ष 

(ख)  नौ वर्ष 

(ग)  सात वर्ष 

(घ)  छह वर्ष 

Ans. (क)  पाँच वर्ष 


Q26. बाजार दर्शन पाठ में लेखक का मित्र किसके साथ बाजार गया ? 

(क)  पत्नी  

(ख)  दोस्त 

(ग)  लेखक  

(घ)  अकेला 

Ans. (क)  पत्नी  


Q27. ‘काले मेघा पानी दे’ पाठ में लेखक को किस सभा का उपमंत्री बनाया गया ? 

(क)  आर्य समाज 

(ख)  ग्राम सुधार 

(ग)  विधानसभा 

(घ)  कुमार सुधार सभा 

Ans. (घ)  कुमार सुधार सभा 


Q28. लुट्टन सिंह ने किस नामी पहलवान को पटककर हरा दिया था ? 

(क)  अफजल खाँ 

(ख)  काला खाँ 

(ग)  अब्दुल खाँ 

(घ)  कल्लू खाँ 

Ans. (ख)  काला खाँ 


Q29. लुट्टन पहलवान के चाँद सिंह को कहाँ के दंगल में हराया ? 

(क)  जामनगर 

(ख)  श्यामनगर 

(ग)  भावनगर 

(घ)  चाँद नगर 

Ans. (ख)  श्यामनगर 


Q30. साफिया अपने भाइयों से मिलने कहाँ जा रही थी ? 

(क)  ढाका  

(ख)  कराची 

(ग)  लाहौर  

(घ)  अमृतसर 

Ans. (ग)  लाहौर  


Q31. आधुनिक सभ्य समाज कार्यकुशलता के लिए किसे आवश्यक मानता है ? 

(क)  जाति प्रथा को 

(ख)  श्रम विभाजन को 

(ग)  शिक्षा को 

(घ)  प्रोत्साहन को 

Ans. (ख)  श्रम विभाजन को 


Q32. फ्रांसीसी क्रांति के नारे में कौन-सा शब्द विवाद का विषय रहा है ? 

(क)  राजतंत्र 

(ख)  स्वतंत्रता 

(ग)  समता  

(घ)  भाईचारा 

Ans. (ग)  समता  


Q33. साफिया नमक किसके लिए ले जा रही थी ? 

(क)  अपने भाई के लिए 

(ख)  भाभी के लिए 

(ग)  सिख बीबी के लिए 

(घ)  अपने घर के लिए 

Ans. (ग)  सिख बीबी के लिए 


Q34. पुड़िया में क्या था ? 

(क)  नमक  

(ख)  कीनू 

(ग)  केला  

(घ)  चीनी 

Ans. (क)  नमक


Q35. कहानी की पुस्तक कस्टम अधिकारी को कब मिली ? 

(क)  परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 

(ख)  सालगिरह के अवसर पर 

(ग)  लाहौर जाने पर 

(घ)  ठीक काम करने पर 

Ans. (ख)  सालगिरह के अवसर पर 


Q36. ‘श्रम विभाजन और जाति प्रथा’ पाठ के लेखक है ? 

(क)  प्रेमचन्द 

(ख)  विष्णु खरे 

(ग)  रघुवीर सहाय 

(घ)  भीमराव अम्बेडकर 

Ans. (घ)  भीमराव अम्बेडकर 


Q37. भारत में इंटरनेट का दूसरा दौर कब शुरु हुआ ? 

(क)  1983 

(ख)  1993 

(ग)  2003 

(घ)  2013 

Ans. (ग)  2003 


Q38. किसी समाचार संगठन में काम करने वाला नियमित वेतनभोगी कर्मचारी क्या कहलाता है ? 

(क)  पूर्णकालिक पत्रकार 

(ख)  अंशकालिक पत्रकार 

(ग)  फ्रीलांसर पत्रकार 

(घ)  वेतनभोगी पत्रकार 

Ans. (क)  पूर्णकालिक पत्रकार 


Q39. नाटक  का  सबसे  जरूरी  और  सशक्त  माध्यम  है  ? 

(क)  मधुर  आवाज 

(ख)  भाषा 

(ग)  परदा   

(घ)  संवाद 

Ans. (घ)  संवाद 


Q40. भारत  का  पहला  छापाखाना  कहाँ  स्थापित  हुआ  ? 

(क)  दिल्ली  

(ख)  सूरत 

(ग)  गोवा   

(घ)  अहमदाबाद 

Ans. (ग)  गोवा   



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