HBSE Class 12th Hindi Solved Question Paper 2020
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1. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
(i) ‘कार्यक्रम कैसा होना चाहिए’ ? कैमरे में बंद अपाहिज पाठ के आधार पर बताइए:
(क) अद्भुत
(ख) दिव्य
(ग) रोचक
(घ) अलौकिक
Ans. (ग) रोचक
(ii) ‘अर्ध राति गई कपि नहिं आयउ’ काव्यांश में किस पात्र के न आने का वर्णन है ?
(क) सुग्रीव
(ख) मयंद
(ग) अंगद
(घ) हनुमान
Ans. (घ) हनुमान
(iii) सीधी बात किसके चक्कर में फँस गई ?
(क) दर्शन के
(ख) तर्कशास्त्र के
(ग) विज्ञान के
(घ) भाषा के
Ans. (घ) भाषा के
(iv) कवि ने गरीबी को कैसा बताया है ?
(क) सुनहरी
(ख) गरबीली
(ग) रंगीन
(घ) जोशीली
Ans. (ख) गरबीली
(v) ‘निराला’ ने अट्टालिकाओं को क्या कहा है ?
(क) अजायबघर
(ख) आतंक भवन
(ग) योग भवन
(घ) व्यायामशाला
Ans. (ख) आतंक भवन
(vi) लुटते रहने से क्या जरा भी कम नहीं होती ?
(क) सम्पत्ति
(ख) रसधारा
(ग) जिज्ञासा
(घ) औषधि
Ans. (ख) रसधारा
2. निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
नील जल में या
किसी की गौर, झिलमिल देह
जैसे हिल रही हो
और
हैं जादू टूटता है इस उषा का अब
सूर्योदय हो रहा है।
Ans. प्रसंग– प्रस्तुत काव्यांश प्रसिद्ध प्रयोगवादी कवि शमशेरबहादुर सिंह द्वारा रचित कविता ‘उषा’ से अवतरित है। यहाँ कवि प्रातःकालीन दृश्य का मनोहारी चित्रण कर रहा है। प्रातःकाल आकाश में जादू होता-सा प्रतीत होता है। जो पूर्ण सूर्योदय के पश्चात् टूट जाता है।
व्याख्या– कवि सूर्योदय से पहले आकाश के सौंदर्य में पल-पल होते परिवर्तनों का सजीव अंकन करते हुए कहता है कि ऐसा लगता है कि मानो नीले जल में किसी गोरी नवयुवती का शरीर झिलमिला रहा है। नीला आकाश नीले जल के समान है और उसमे सफेद चमकता सूरज सुंदरी की गोरी देह प्रतीत होता है। हल्की हवा के प्रवाह के कारण यह प्रतिबिंब हिलता- सा प्रतीत होता है। इसके बाद उषा का जादू टूटता-सा लगने लगता है। उषा का जादू यह है कि वह अनेक रहस्यपूर्ण एवं विचित्र स्थितियाँ उत्पन करता है। कभी पुती स्लेट कभी गीला चौका, कभी शंख के समान आकाश तो कभी नीले जल में झिलमिलाती देह-ये सभी दृश्य जादू के समान प्रतीत होते हैं। सूर्योदय होते ही आकाश स्पष्ट हो जाता है और उसका जादू समाप्त हो जाता है।
अभिधा शब्द शक्ति, तत्सम् तद्भव शब्दावली, अनुप्रास व उपमा अलंकार।
अथवा
जीर्ण बाहु है शीर्ण शरीर
तुझे बुलाता कृषक अधीर,
ऐ विप्लव के वीर !
चूस लिया है उसका सार,
हाड़-मात्र ही है आधार,
हे जीवन के पारावार !
Ans. प्रसगं– प्रस्तुत पक्तियाँ प्रसिद्ध प्रगतिवादी कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ द्वारा रचित कविता ‘बादल राग ‘ से अवतरित हैं। इसमें शोषित वर्ग द्वारा क्रांति के आह्वान का चित्रण किया गया है।
व्याख्या– कवि बताता है कि अशक्त भुजाओं और कमजोर शरीर वाला किसान अधीर होकर क्रांति का आह्वान करता है। उसके कष्टों का हरण करने वाला क्रांति का बादल ही है। हे जीवन के पारावार (बादल)! इन पूँजीपतियों ने किसान के जीवन का सारा रस ही चूस लिया है और उसे प्राणहीन बना दिया हैं। भूख से बेहाल किसान अब नर-कंकाल बनकर रह गया है। वह हड़ियों का ढाँचा मात्र दिखाई देता है। तुम्हीं अपने जल-वर्षण से उसे नया जीवन दे सकते हो। वह तुम्हें पुकार रहा है। भाव यह है कि क्रांति के आगमन से पूँजीपति तो दहल जाते हैं, पर जीर्ण-शीर्ण किसान अधीर होकर उसे बुलाते हैं। क्रांति से साधारण लोग ही लाभान्वित होते हैं।
सरल, सरस प्रवाहपूर्ण भाषा। तत्सम् शब्दावली। अनुप्रास एवं रूपक अलंकार, करुण रस, चित्रात्मक शैली।
3. हरिवंश राय बच्चन अथवा उमाशंकर जोशी के जीवन, साहित्य एवं भाषा-शैली का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
Ans. हरिवंश राय बच्चन– 1907 में इलाहाबाद में जन्म। 1942 से 1952 तक इलाहाबाद विविद्यालय में प्राध्यापक विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ। 2003 मुम्बई में निधन।
रचनाएँ : मधुशाला, मधुबाला, क्या भूलूँ क्या याद करूँ। प्रेम और सौन्दर्य के कवि। मानवतावाद व वैयक्तिकता का सुन्दर सम्मिश्रण। रहस्यवादी भावना । शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली । तत्सम तद्भव उर्दू अंग्रेजी शब्दावली।
अथवा
उमाशंकर जोशी– 1911 में गुजरात में जन्म स्वतंत्रता संग्राम से सम्बद्ध। कई बार जेल यात्रा । पूर्ण भारतीयता के रंग में रंगे व्यक्ति।
रचनाएँ : विश्व शांति, गंगोत्री, प्राचीना, आतिथ्य एकांकी। शहीद कहानी, भारतीय जीवन मूल्यों की स्थापना । मानवतावादी दृष्टिकोण, प्रकृति का सुन्दर चित्रण। भाषा में खड़ी बोली की प्रधानता, तत्सम् तद्भव शब्दावली का समन्वित प्रयोग। अलंकारों की सुन्दर योजना।
4. निम्नलिखित काव्यांश का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए :
छोटा मेरा खेत चौकोना
कागज़ का एक पन्ना
कोई अंधड़ कहीं से आया
क्षण का बीज वहाँ बोया गया।
Ans. प्रसगं– प्रस्तुत पक्तियाँ उमाशंकर जोशी द्वारा रचित कविता ‘छोटा मेरा खेल’ से अवतरित हैं। इस छोटी-सी कविता में कवि-कर्म के हर चरण को बाँधने की कोशिश की गई है।
व्याख्या– कवि समाज के जिस पन्ने (पृष्ठ) पर अपनी रचना शब्दबद्ध करता है वह उसे अपना छोटा चौकोर खेत के समान लगता है। खेत में जब कही से कोई अँधड़ आया तो वहाँ बीज बोकर चला गया। अँधड़ अपने साथ बीज उड़ाकर लाया था उसे खेत में बोकर चला गया। इसी प्रकार जब हृदय में भावों का अँधड़ आता है अर्थात् भावनात्मक आँधी चलती है तब हृदय में विचारों का बीज डल जाता है और वही आगे चलकर अंकुरित हो जाता है।
कवि कर्म की खेती के रूपक द्वारा सुन्दर अभिव्यक्ति, खड़ी बोली, तत्सम् तद्भव, विदेशी शब्दावली, अनुप्रास सांगरूपक व पदमैत्री अलंकार।
5. निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) भोर के नभ को राख से लीपा गया चौका क्यों कहा गया है ?
Ans. भोर के समय आकाश का रंग नीला होता है जिसमें कुछ सफेदी भी साफ दिखाई देती है। राख से लीपे चौके में भी नमी होती है ।
(ख) ‘जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास’ – कपास से बच्चों का क्या सम्बन्ध है ?
Ans. कपास बड़ी कोमल, गद्देदार व हल्की होती है। बच्चों का शरीर भी कपास की भांति कोमल होता है। हल्का-फुल्का होता है ।
(ग) ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ पंक्ति की आवृत्ति से कविता की किस विशेषता का पता चलता है ?
Ans. इस पंक्ति की आवृत्ति से स्पष्ट है कि समय परिवर्तनशील है वह बिना रुके चल रहा है। जीवन नश्वर है अतः शीघ्र अति शीघ्र लक्ष्य पाना है।
6. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
(i) भक्तिन कहाँ की रहने वाली थी ?
(क) झाँसी
(ख) हाँसी
(ग) झूँसी
(घ) हुंसी
Ans. (ग) झूँसी
(ii) ‘काले मेघा पानी दे’ पाठ में ‘बोल गंगा मैया की जय’ का पहला नारा कौन लगाता था ?
(क) मेंढक मण्डली
(ख) जीजी
(ग) पुजारी
(घ) गली मोहल्ले वाले
Ans. (क) मेंढक मण्डली
(iii) सफिया की माँ सफेद बारीक मलमल का दुपट्टा कब ओढ़ा करती थी ?
(क) ईद पर
(ख) रक्षाबन्धन पर
(ग) मुहर्रम पर
(घ) होली पर
Ans. (ग) मुहर्रम पर
(iv) लुट्टन पहलवान ने चाँद सिंह को कहाँ के दंगल में हराया ?
(क) जामनगर
(ख) श्यामनगर
(ग) भावनगर
(घ) चाँदनगर
Ans. (ख) श्यामनगर
(v) चार्ली चैप्लिन की कला ने कितनी पीढ़ियों को मुग्ध किया है ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच
Ans. (घ) पाँच
(vi) उमस और लू में कौन-सा पेड़ कालजयी अवधूत की भाँति अजेय है ?
(क) पलाश
(ख) शिरीष
(ग) गुलाब
(घ) गुलमोहर
Ans. (ख) शिरीष
(vii) लेखक ने कवि बनने के लिए क्या बनना आवश्यक माना है ?
(क) सुखी
(ख) दुखी
(ग) फक्कड़
(घ) विद्वान
Ans. (ग) फक्कड़
7. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
शिरीष वायुमण्डल से रस खींचकर इतना कोमल और कठोर है।
गाँधी जी भी वायुमण्डल से रस खींचकर इतना कोमल और कठोर हो सका था। मैं जब-जब शिरीष की ओर देखता हूँ तब-तब हूक उठती है – हाय, वह अवधूत आज कहाँ है !
Ans. प्रसंग– पाठ- शिरीष के फूल, लेखक- हजारी प्रसाद द्विवेदी
शिरीष के फूल की महात्मा गाँधी से तुलना ।
व्याख्या– अपने विवेकानुसार परखिए तथा खुद करे।
सरल सहज भाषा, तत्सम् शब्दावली की प्रधानता लाक्षणिकता ।
अथवा
चार्ली की अधिकांश फिल्में भाषा का इस्तेमाल नहीं करतीं इसलिए उन्हें ज्यादा-से-ज्यादा मानवीय होना पड़ा। सवाक् चित्रपट पर कई बड़े-बड़े कॉमेडियन हुए हैं, लेकिन वे चार्ली की सार्वभौमिकता तक क्यों नहीं पहुँच पाए इसकी पड़ताल अभी होने को है। चार्ली का चिर युवा होना या बच्चों-जैसा दिखना एक विशेषता तो है ही, सबसे बड़ी विशेषता शायद यह है कि वे किसी भी संस्कृति को विदेशी नहीं लगते।
Ans. प्रसंग– पाठ- चार्ली चैप्लिन यानी हम सब, लेखक- विष्णु खरे
हास्य कलाकार चार्ली चैप्लिन की सार्वभौमिकता का चित्रणः व्याख्या– अपने विवेकानुसार परखिए तथा खुद करे।
भाषा तत्सम् एवं अंग्रेजी शब्दावली युक्त भाषा, रोचक शैली।
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) ‘काले मेघा पानी दे’ संस्मरण का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
Ans. विज्ञान और लोक प्रचलित विश्वास का द्वंद्व। विज्ञान का अपना तर्क है और विश्वास का अपना सामर्थ्य ।
(ख) पहलवान की ढोलक का पूरे गाँव पर क्या असर पड़ता था ?
Ans. ढोलक की आवाज गांव वालों के लिए संजीवनी। महामारी के समय धैर्य, साहस व स्फूर्ति प्रदान करना मृत्यु का भय छोड़कर जीने की नई उमंग भर जाना।
(ग) भक्तिन के चरित्र की किन्हीं चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
Ans. महान सेविका, बुद्धिमती, कर्मठ महिला, साहसी, समर्पण, ममता, मधुर स्वभाव, संस्कारवान।
9. ‘वितान’ (भाग-2) के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशनदा की क्या भूमिका रही है ?
Ans. किशनदा की तरह उम्र ढलने के साथ-साथ मंदिर जाने, संध्या वंदन करने, धार्मिक पुस्तकें पढ़ने का प्रयास। सादा जीवन, धन दौलत के मुंह से दूर आदि रहने का अनुकरण।
(ख) ‘जूझ’ पाठ में बचपन में लेखक के मन में पढ़ने के प्रति क्या विचार थे ?
Ans. वह पढ़ – लिखकर अच्छी नौकरी करेगा तो परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी।
(ग) मोहनजोदड़ो के अजायबघर में क्या-क्या रखा हुआ था ?
Ans. काला पड़ गया गेहूं, तांबे और कांसे के बर्तन, मोहरे, वाध, चाक पर बने विसाल मृदु भांड, चौपड़ की गोटियां, दिये, माप तोल के पत्थर, तांबे का आईना, मिट्टी की बैलगाड़ी, मनकों वाले हार तथा पत्थर के औजार आदि।
(घ) ऐन ने अपने थैले में क्या-क्या भरा और क्यों ?
Ans. डायरी, कलर, रुमाल स्कूली किताबे, कंघी, पुरानी चुटिया भरी थी। वह इन सब चीजों को अपनी स्मृतियों के रूप में अपना साथ रखना चाहती थी।
(ङ) अज्ञातवास के दौरान टर्की से सम्बंधित वह कौन-सी अफवाह थी जिसे सुनकर ऐन के परिवार का उत्साह बढ़ गया था ?
Ans. अज्ञातवास के दौरान टर्की के एक केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि टर्की जल्दी ही तटस्थता छोड़ देगा और इंग्लैंड का पक्ष लेना आरंभ कर देगा। यह खबर सुनकर ऐन के परिवार का उत्साह बढ़ गया था।
10. (क) ‘अभिव्यक्ति और माध्यम’ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i) भारत में पहला छापाखाना कहाँ खोला गया ?
Ans. गोवा में
(ii) रंगमंच किस साहित्यिक विधा में आवश्यक है ?
Ans. नाटक में
(iii) टेलीविजन में ‘लाइव’ का क्या अर्थ है ?
Ans. किसी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाना
(iv) इंटरव्यू के लिए हिन्दी शब्द क्या है ?
Ans. साक्षात्कार
(v) पूर्णकालिक पत्रकार किसे कहते हैं ?
Ans. किसी समाचार पत्र के लिए काम करने वाला नियमित वेतनभोगी कर्मचारी
(ख) किसी कहानी का नाट्य रूपांतरण करते समय दृश्य विभाजन कैसे किया जाता है ?
Ans. कहानी का नाट्य रूपांतरण करते समय उसके कथानक को समय और स्थान के आधार पर विभिन्न दृश्यों में विभाजित किया जाता है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि रूपांतरित नाटक का प्रत्येक दृश्य कहानी के कथानक के अनुसार ही हो। नाटक में ऐसे दृश्य नहीं रखे जाएँ जो अनावश्यक हों, बाधा उत्पन्न करते हों और नाटक को उबाऊ बनाते हों। रूपांतरित नाटक का प्रत्येक दृश्य एक बिंदु से शुरू होता है। कथानक के अनुसार वह अपनी आवश्यकता को सिद्ध करता है और उसका अंतिम भाग अगले दृश्य से जुड़ जाता है।
अगली घटना को स्थान और समय के अनुसार दृश्यों में विभाजित किया जाएगा। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि कहानी के कथाक्रम और नाट्य रूपांतरण में कोई भी अंतर न आए। कहानी को दृश्यों में विभाजित करते समय उन दृश्यों का भी पूरा खाका बना लेना चाहिए, जिनका लेखक ने कहानी में केवल विवरण दिया हो और उसमें कोई संवाद न हो। पुनः दृश्य विभाजन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि कहानी का कथानक अवरुद्ध न हो। एक दृश्य दूसरे दृश्य से, दूसरा तीसरे से, तीसरा चौथे से जुड़ते चला जाना चाहिए।
अथवा
कविता के प्रमुख घटकों का उल्लेख कीजिए।
Ans. कविता साहित्य की वह विधा है जिसमे मनोभावों को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छंदों कि श्रृंखलाओं में विधिवत बाँधी जाती हैं, को कविता कहा जाता हैं।
कविता के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं –
भाषा– भाषा को कविता का महत्वपूर्ण घटक माना गया है क्योंकि भाषा के माध्यम से कवि अपनी भावनाओं व संवेदनाओं को व्यक्त करता है।
शैली– शैली के द्वारा कवि अपनी संवेदनाओं को कविता के रूप में अभिव्यक्त करता है।
बिम्ब– बिम्ब का शाब्दिक अर्थ है शब्द चित्र। बिम्ब कविता का मूल आधार है व बिम्ब के बिना कविता की कल्पना नहीं की जा सकती। बिम्ब की सहायता से कवि कल्पना को साकार रूप प्रदान करता है।
छंद– छंद के द्वारा ही कविता को कविता का रूप प्रदान होता है । छंद के कारण कविता पद्य की श्रेणी में आती है।
अलंकार– अलंकार के द्वारा कविता को सौंदर्य प्राप्त होता है । अलंकार की सहायता से कविता को सजाया जाता है।
(ग) समाचार कैसे लिखा जाता है ? स्पष्ट कीजिए।
Ans. समाचार लिखना एक तकनिकी कला है। किसी भी व्यक्ति को समचार लिखने के लिए तकनीक को समझना अनिवार्य है। अगर आपके पास विषय की पूरी जानकारी नहीं है और विषय को समझनी की काबिलयत नहीं है तो आप प्रभावी रुप से समाचार नहीं लिख सकते है। इसके लिए आपके पास विषय के बारे में प्रर्याप्त जानकारी होना और जानकारी को प्रदर्शित करने का हुनर होना आवश्यक है। समाचारों में किसी भी व्यक्ति की लंबी-लंबी प्रशंसा न भरें। समाचार लिखना सामाजिक रूप से कड़े उत्तरदायित्व का काम है इसलिए समाचार का संतुलित और पक्षपातरहित होना आवश्यक है। समाचार लेखक को ध्यान रखना चाहिए कि वे समाचार लिख रहे हैं कोई निबंध नहीं, तदनुसार एक समाचार को किसी भी हाल में 1000 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए।
समाचार, लेखन की सबसे लोकप्रिय शैली है। उल्टा पिरामिड। इसके तीन अंग हैं- इंट्रो, बॉडी व समापन।
इंट्रो या लीड या मुखड़ा– उल्टा पिरामिड शैली में समाचार लेखन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इंट्रो या लीड या मुखड़ा लेखन है। इंट्रो समाचार का पहला पैराग्राफ होता है, जहां से कोई समाचार शुरू होता है। इंट्रो के आधार पर ही समाचार की गुणवत्ता का निर्धारण होता है। एक आदर्श इंट्रो में किसी समाचार की सबसे महत्वपूर्ण सूचना आ जानी चाहिये और उसे किसी भी हालत में 35 से 50 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिये। किसी इंट्रो में मुख्यतः छह सवाल का जवाब देने की कोशिश की जाती है क्या हुआ, किसके साथ हुआ, कहां हुआ, हुआ, कब क्यों और कैसे हुआ है। आमतौर पर माना जाता है कि एक आदर्श इंट्रो में सभी छह ककार का जवाब देने के बजाये किसी एक इंट्रो को प्राथमिकता देनी चाहिये। उस एक ककार के साथ एक दो ककार दिये जा सकते हैं।
बॉडी– समाचार लेखन की उल्टा पिरामिड लेखन शैली में मुखड़े में उल्लिखित तथ्यों की व्याख्या और विश्लेषण समाचार की बॉडी में होती है। किसी समाचार लेखन का आदर्श नियम यह है कि किसी समाचार को ऐसे लिखा जाना चाहिये, जिससे अगर वह किसी भी बिन्दु पर समाप्त हो जाये तो उसके बाद के पैराग्राफ में ऐसा कोई तथ्य नहीं रहना चाहिये, जो उस समाचार के बचे हुऐ हिस्से की तुलना में ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो। अपने किसी भी समापन बिन्दु पर समाचार को पूर्ण, पठनीय और प्रभावशाली होना चाहिये। समाचार की बॉडी में छड़ ककारों में से दो क्यों और कैसे का जवाब देने की कोशिश की जाती है। कोई घटना कैसे और क्यों हुई. यह जानने के लिये उसकी पृष्ठभूमि, परिपेक्ष्य और उसके व्यापक संदर्भों को खंगालने की कोशिश की जाती है। इसके जरिये ही किसी समाचार के वास्तविक अर्थ और असर को स्पष्ट किया जा सकता है।
निष्कर्ष या समापन– समाचार का समापन करते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि न सिर्फ उस समाचार के प्रमुख तथ्य आ गये हैं बल्कि समाचार के मुखड़े और समापन के बीच एक तारतम्यता भी होनी चाहिये। समाचार में तथ्यों और उसके विभिन्न पहलुओं को इस तरह से पेश करना चाहिये कि उससे पाठक को किसी निर्णय या निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद मिले।
अथवा
परीक्षा को लेकर अध्यापक और शिष्य के बीच संवादों को लिखिए।
Ans.
विद्यार्थी : नमस्ते शिक्षक।
शिक्षक : नमस्ते रवि कहो पढ़ाई कैसी चल रही है ?
विद्यार्थी : वैसे तो पढ़ाई ठीक ही चल रही है पर …
शिक्षक : पर क्या रवि। खुल कर बताओ।
विद्यार्थी : सर मैं आप से यह जानना चाहता था कि यदि अच्छे अंक पाने हो तो किस प्रकार पढ़ाई करनी चाहिए ?
शिक्षक : रवि मैं बहुत खुश हुआ कि आप अपनी पढ़ाई को गंभीरता से ले रहे हो।
शिक्षक : देखो रवि अच्छे अंक लाने के लिए कोई शार्टकट नहीं होता।
विद्यार्थी : जी सर।
11.(क)(i) स्वर सन्धि की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
Ans. स्वरों का स्वरों के साथ मेल होने पर उसमें जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहते हैं। जैसे- हीम + आलय = हिमालय
(ii) निम्नलिखित की संधि कीजिए-
उत् + डयन =
Ans. उड्डयन
(ख)(i) अव्ययीभाव समास की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
Ans. जिस समास में पहला पद अव्यव होता है। जैसे- प्रतिदिन, यथाशक्ति आदि।
(ii) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए-
दोपहर =
Ans. दो पहरों का समाहार (द्विगु समास)
(ग) मानवीकरण अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
Ans. जहां किसी निर्जीव वस्तु अथवा प्रकृति को सजीव की तरह दर्शाया जाए वहां मानवीकरण अलंकार होता है। जैसे- मेघ आए बड़े बन ठन के संवर के
(घ) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए-
(i) मुझे अनेकों भाषाओं का ज्ञान है।
Ans. मुझे अनेक भाषाओं का ज्ञान है।
(ii) वह सज्जन पुरुष है।
Ans. वह सज्जन है।
SET-B
1. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
(i) ‘मुझसे मिलने को कौन विकल’ – दिन जल्दी-जल्दी ढलता है गीत का यह प्रश्न उर में क्या भरता है ?
(क) शिथिलता
(ख) चंचलता
(ग) विह्वलता
(घ) उपर्युक्त सभी
Ans. (ग) विह्वलता
(ii) ‘पतंग’ कविता में खरगोश की आँखों जैसा किसे कहा गया है ?
(क) लाल सवेरा
(ख) बौछार
(ग) साइकिल
(घ) सूर्य
Ans. (क) लाल सवेरा
(iii) भाषा के क्या करने से बात और अधिक पेचीदा हो गई ?
(क) तोड़ने-मरोड़ने
(ख) उलटने-पलटने
(ग) घुमाने-फिराने
(घ) उपर्युक्त सभी
Ans. (घ) उपर्युक्त सभी
(iv) ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में दूरदर्शन कर्मियों की किस मनोवृत्ति को दर्शाया गया है ?
(क) संवेदनशीलता
(ख) संवेदनहीनता
(ग) दुर्बलता
(घ) करुणा
Ans. (ख) संवेदनहीनता
(v) ‘सहर्ष स्वीकारा है’ कविता के अनुसार ममता के बादल की मँडराती कोमलता कहाँ पिराती है ?
(क) बाहर
(ख) भीतर
(ग) चारों तरफ
(घ) सर्वत्र
Ans. (ख) भीतर
(vi) लक्ष्मण के मूच्र्छित होने पर सामान्य मनुष्य की तरह कौन विलाप करने लगता है ?
(क) राम
(ख) भरत
(ग) वानर
(घ) सीता
Ans. (क) राम
2. निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास
पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास
जब वे दौड़ते हैं बेसुध
छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए ।
Ans. प्रसगं– प्रस्तुत काव्याशं आलोक धधन्वा द्वारा रचित कविता ‘पतंग’ से अवतरित है। इस कविता में कवि पतंग के माध्यम से बाल मन की इच्छाओं का सुदंर चित्रण करता है। बालक आसमान में उड़ती पतंगों की ऊँचाइयों को छूना चाहता है।
व्याख्या– कवि बच्चों के सुकोमल शरीर का वर्णन करते हुए कहता है कि वे जन्म से ही कई के समान कोमल एवं नरम होते हैं पृथ्वी भी उनका कोमल स्पर्श करने के लिए लालायित रहती है। यह कविता धीरे- धीरे बिबों की एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहाँ शरद् ऋतु का चमकीला इशारा है, जहाँ तितलियों की रंगीन दुनिया है। जहाँ बच्चों के पैरों के पास पृथ्वी घूमती हुई प्रतीत होती है। बच्चे पतंग के पीछे नंगे पैर दौड़ते हैं और बेसुध से हो जाते हैं। वे छतों पर नंगे पैर भागकर छतों तक को नरम बना देते हैं। वे दिशाओं को भी मृदंग की तरह बजाते हैं अर्थात् उनकी दुनिया बड़ी रंगीन है जहाँ दिशाओं रूपी मृदंग बजते हैं।
शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली प्रसाद गुण, अभिघा शब्द शक्ति अनुप्रास व मानवीकरण अलंकार का प्रयोग।
अथवा
कथा कही सब तेहि अभिमानी । जेहि प्रकार सीता हरि आनी ।।
तात कपिन्ह सब निशिचर मारे। महा महा जोधा संघारे ।।
दुर्मुख, सुररिपु मनुज अहारी । भट अतिकाय अकंपन भारी ।
अपर महोदर आदिक बीरा। परे समर महि सब रनधीरा ।।
Ans. प्रसगं– प्रस्तुत काव्याशं ‘रामचरितमानस’ के ‘लंकाकांड’ से उद्धत है। मेघनाद की शक्ति लगने से लक्ष्मण मूर्च्छित हो गए थे, पर लंका के वैद्य सुषेण के उपचार से वे स्वस्थ भी हो गए। जब रावण को यह समाचार मिला तो उसे बहुत दुःख हुआ क्योंकि उनका सब किया-कराया बेकार चला गया। लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप (तुलसीदास) अभिमानी रावण का कुंभकर्ण को जगाकर सारी वास्तविकता से परिचित कराना।
व्याख्या– कुंभकर्ण का प्रश्न सुनकर उस अभिमानी रावण ने वह सारी कथा कही कि वह किस प्रकार सीता का हरण करके लाया था। तब से अब तक की सारी कथा सुना दी। फिर कहा-हे तात! वानरों ने सब राक्षस मार डाले हैं। उन्होंने हमारे बड़े-बड़े योद्धाओं का भी संहार कर डाला है। रावण ने कुंभकर्ण को बताय-देवताओं का शत्रु और मनुष्यों का भक्षक दुर्मुख, भारी अतिकाय और अकंपन तथा महोदर आदि सभी दूसरे रणधीर वीर युद्ध में मारे गए।
3. हरिवंश राय बच्चन अथवा सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के जीवन, रचनाओं एवं भाषा-शैली का संक्षिप्त परिचय दीजिए ।
Ans. हरिवंश राय बच्चन– 1907 में इलाहाबाद में जन्म। 1942 से 1952 तक इलाहाबाद विविद्यालय में प्राध्यापक विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ। 2003 मुम्बई में निधन।
रचनाएँ : मधुशाला, मधुबाला, क्या भूलूँ क्या याद करूँ। प्रेम और सौन्दर्य के कवि। मानवतावाद व वैयक्तिकता का सुन्दर सम्मिश्रण। रहस्यवादी भावना । शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली । तत्सम तद्भव उर्दू अंग्रेजी शब्दावली।
अथवा
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला– सन् 1899 में बंगाल के मेदिनीपुर जिले में जन्म, हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, बंगाली का पूर्ण ज्ञान। अत्यन्त स्वाभिमानी कर्मठ, अध्ययनशील, प्रकृति प्रेमी, त्यागी व्यक्ति। सन् 1961 में इलाहाबाद में निधन।
रचनाएँ : अनामिका, परिमल, गीतिका, बेला, नए पत्ते, तुलसीदास, प्रभावती, समन्वय, मतवाला आदि रचनाओं में वैयक्तिकता, प्रगतिवादिता, विद्रोह की भावना
भाषा शैली : तत्सम तद्भव शब्दावली युक्त भाषा मुक्तक छंद का सुन्दर प्रयोग अनुप्रास, उपमा, रूपक, मानवीकरण व श्लेष अलंकारों का प्रयोग ।
4. निम्नलिखित काव्यांश का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए :
तारे आँखें झपकावें हैं ज़र्रा – ज़र्रा सोये हैं
तुम भी सुनो हो यारो ! शब में सन्नाटे कुछ बोले हैं।
Ans. प्रसंग– प्रस्तुत शेर हमारी पाठ्यपुस्तक ‘आरोह, भाग-2’ में उद्धृत ‘गज़ल’ से संकलित है। इसके रचयिता फिराक गोरखपुरी हैं। इसमें शायर ने रात के तारों का सौंदर्य वर्णन किया है।
व्याख्या– शायर कहता है कि रात ढल रही है। अब तारे भी आँखें झपका रहे हैं। इस समय सृष्टि का कण-कण सो रहा है, शांत है। वह कहता है कि हे मित्रो! रात में पसरा यह सन्नाटा भी कुछ कह रहा है। यह भी अपनी वेदना व्यक्त कर रहा है।
रात्रि के गहरे अंधकार में टिमटिमाते तारों का सुन्दर चित्रणा सरल व स्वाभाविक भाषा उर्दू, फारसी के शब्दों का प्रयोग। प्रसाद गुण।
पुनरुक्ति प्रकाश व मानवीकरण अलंकार।
5. निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) ‘बगुलों के पंख’ कविता में कवि किसे रोकना चाहता है और क्यों ?
Ans. ‘बगुलों के पंख’ कविता में कवि घने काले बादलों की पृष्ठभूमि में उड़ते हुए सफेद बगुलों की कतारों को रोकना चाहता है। वह उन बगुलों को काफी देर तक देखते रहना चाहता है।
(ख) ‘बात सीधी थी पर’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
Ans. कथ्य और माध्यम के द्वंद्व को उकेरते हुए भाषा की सहजता की बात की गई है।
(ग) किन उपमानों को देखकर पता चलता है कि ‘उषा’ कविता गाँव की सुबह का गतिशील शब्दचित्र है ?
Ans. सिल, केसर, खड़िया चाक, राख से लीपा चौका आदि।
6. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनिए :
(i) पति की मृत्यु के समय भक्तिन (लछमिन) की आयु कितने वर्ष थी ?
(क) 26 वर्ष
(ख) 29 वर्ष
(ग) 36 वर्ष
(घ) 39 वर्ष
Ans. (ख) 29 वर्ष
(ii) ‘काले मेघा पानी दे’ पाठ में लेखक को कुमार-सुधार सभा का कौन-सा पद दिया गया ?
(क) मंत्री
(ख) महामंत्री
(ग) उपमंत्री
(घ) सहमंत्री
Ans. (ग) उपमंत्री
(iii) लुट्टन पहलवान अपने दोनों हाथों को दोनों ओर कितनी डिग्री की दूरी पर फैलाकर चलने लगा था ?
(क) 30 डिग्री
(ख) 45 डिग्री
(ग) 60 डिग्री
(घ) 75 डिग्री
Ans. (ख) 45 डिग्री
(iv) चार्ली चैप्लिन ने फिल्म कला को क्या बनाया ?
(क) गणतांत्रिक
(ख) लोकतांत्रिक
(ग) साम्राज्यवादी
(घ) निरंकुशवादी
Ans. (ख) लोकतांत्रिक
(v) हिन्दुस्तानी कस्टम अफसर का क्या नाम था ?
(क) अनिल दास गुप्त
(ख) सुनील दास गुप्त
(ग) नरेश दास गुप्त
(घ) सुरेश दास गुप्त
Ans. (ख) सुनील दास गुप्त
(vi) लेखक ने कवि बनने के लिए क्या बनना आवश्यक माना है ?
(क) सुखी
(ख) धनी
(ग) फक्कड़
(घ) विद्वान
Ans. (ग) फक्कड़
(vii) जाति-प्रथा मनुष्य की स्वाभाविक प्रेरणा, रुचि व आत्मशक्ति को दबाकर उसे क्या बना देती है ?
(क) सक्रिय
(ख) निष्क्रिय
(ग) गतिशील
(घ) कर्मशील
Ans. (ख) निष्क्रिय
7. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
सियारों का क्रन्दन और पेचक की डरावनी आवाज कभी-कभी निस्तब्धता को अवश्य भंग कर देती थी। गाँव की झोपड़ियों से कराहने और कै करने की आवाज, ‘हरे राम ! हे भगवान !’ की टेर अवश्य सुनाई पड़ती थी । बच्चे भी कभी-कभी निर्बल कंठों से ‘माँ-माँ’ पुकारकर रो पड़ते थे। पर इससे रात्रि की निस्तब्धता में विशेष बाधा नहीं पड़ती थी ।
Ans. पाठ पहलवान की ढोलक’, लेखक ‘फणीश्वर नाथ रेणु’ यहाँ लेखक ने मलेरिया और हैजे से पीड़ित गाँव की एक अमावस्या की रात का वर्णन किया है।
व्याख्या : शीतकालीन अमावस्या की रात की सर्दी, मलेरिया व हैजे से पीड़ित गाँव की व्यथा का मार्मिक चित्रण है।
विशेष : सरल, सहज, साहित्यिक हिन्दी भाषा का सफल प्रयोग, वाक्य-विन्यास सर्वथा उचित व भावाभिव्यक्ति में सहायक, वर्णनात्मक शैली।
अथवा
यह विडंबना की ही बात है कि इस युग में भी ‘जातिवाद’ के पोषकों की कमी नहीं है। इसके पोषक कई आधारों पर इसका समर्थन करते हैं। समर्थन का एक आधार यह कहा जाता है कि आधुनिक सभ्य समाज ‘कार्य कुशलता’ के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है, और चूंकि जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का दूसरा रूप है इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है।
Ans. श्रम विभाजन और जाति प्रथा (बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर समाज में बढ़ती जाति प्रथा के प्रति चिंता)
व्याख्या : जाति प्रथा का समर्थन करने वाले लोग जाति प्रथा को श्रम विभाजन से जोड़कर देखते हैं। लेखक के अनुसार जाति प्रथा श्रम विभाजन के साथ-साथ श्रमिक का भी विभाजन करती है।
विशेष : सरल, सहज, साहित्यिक, हिन्दी भाषा का सफल प्रयोग। वाक्य विन्यास सर्वथा उचित व भावाभिव्यक्ति में सहायक, विवेचनात्मक शैली।
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) जीवन की जद्दोजहद ने चार्ली के व्यक्तित्व को कैसे सम्पन्न बनाया ?
Ans. मां स्टेज अभिनेत्री, बाद में पागल हो गई। निरंतर गरीबी व अभावों का सामना, समाज द्वारा ठुकराया जाना। विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य व साहस में छोड़ना ।
(ख) नमक ले जाने के बारे में सफिया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
Ans. निडर, दृढ़निश्चयी, ईमानदार, वायदे की पक्की, स्पष्टवक्ता, साहसी।
(ग) ‘काले मेघा पानी दे’ संस्मरण का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
Ans. विज्ञान और लोक प्रचलित विश्वास का द्वंद्व। विज्ञान का अपना तर्क है और विश्वास का अपना सामर्थ्य ।
9. ‘वितान’ (भाग-2) के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) समय के साथ ढल सकने में यशोधर बाबू असफल कैसे होते हैं ?
Ans. वह परंपरावादी किशनदा के अंधे अनुयायी हैं, आधुनिक उपकरणों से दूर रहते हैं। साइकिल का प्रयोग, सरकारी क्वार्टर में ही सारी जिंदगी बिताना आदि ।
(ख) ‘जूझ’ पाठ में खेत में काम करते समय लेखक का अकेलापन कैसे दूर हो गया था ?
Ans. ‘जूझ’ पाठ में खेत में काम करते समय लेखक अपने अकेलेपन में कविताओं को सूर, ताल, छंद और एक सही यति-गति के साथ गाया करता था। वह कविता गाते समय अभिनय भी किया करता था। खेत में काम करते समय वह अपने मराठी अध्यापक श्री सोंदलगेकर के हाव-भाव व आरोह-अवरोह पर कविताएं गाने लगा। कविता के प्रति लगाव से अकेलापन दूर हो गया।
(ग) श्री सौंदलगेकर के अध्यापन की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
Ans. पढ़ाने के साथ-साथ मधुर कंठ से गाया भी करते थे। अभिनय भी करते थे। हाव-भाव के साथ कविता समझाते तथा विद्यार्थियों को कविता रचने के लिए प्रेरित भी करते थे।
(घ) मोहनजोदड़ो में जल-निकासी की व्यवस्था किस प्रकार की गई थी ?
Ans. सभी नालियां पूरी तरह ढकी हुई थी जो सड़क के दोनों तरफ समानान्तर बनी हुई थी। घरों के भीतर से आने वाला जल नालियों के माध्यम से बाहर होदी तक आता था और नालियों के जल में मिलकर बाहर निकल जाता था।
(ङ) ‘काॅलेज आफ प्रीस्टस’ किसे कहा गया है ? इसका निर्माण क्यों हुआ होगा ?
Ans. धर्म और विज्ञान पर विचार विमर्श करने के लिए ही ‘काॅलेज आफ प्रीस्टस’ की स्थापना की गई थी।
10. (क) ‘अभिव्यक्ति और माध्यम’ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i) भारत में इन्टरनेट का प्रारंभ कब हुआ ?
Ans. 1993 में
(ii) कहानी का केन्द्र बिन्दु क्या है ?
Ans. कथानक
(iii) ऑल इण्डिया रेडियो की स्थापना कब हुई ?
Ans. 1936 में
(iv) समाचार लेखन में किस शैली का प्रयोग करते हैं ?
Ans. उल्टा पिरामिड
(v) छापेखाने का आविष्कार किसने किया था ?
Ans. गुटेनबर्ग ने
(ख) दृश्य-श्रव्य माध्यमों की तुलना में श्रव्य- माध्यमों की क्या सीमाएँ हैं ? इन सीमाओं को किस तरह पूरा किया जा सकता है ?
Ans. श्रव्य माध्यम में अभिनय करने वाले नायक नायिकाओं को देख नहीं सकते केवल अनुमान लगा सकते हैं। ध्वनियों के माध्यम से समझना पड़ता है समय की सूचना, पात्रों की स्थिति को संवादों से जानना पड़ता है।
दृश्य श्रव्य माध्यम में हम नाटक को अपनी आंखों से देख भी सकते हैं और पात्रों के संवादों को सुन भी सकते हैं किंतु श्रव्य माध्यम में हम केवल सुन सकते हैं उसे देख नहीं सकते।
दृश्य श्रव्य माध्यम में हम पत्रों के हाव भाव देखकर उनकी दशा का अनुमान लगा सकते हैं किंतु श्रव्य माध्यम में हम ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते।
दृश्य श्रव्य माध्यम में मनचला पात्रों के वस्त्रों की शोभा और उनके सौंदर्य को देख सकते हैं किंतु श्रव्य माध्यम में हम इनकी केवल कल्पना कर सकते हैं।
दृश्य श्रव्य माध्यम में किसी भी दृश्य तथा वातावरण को देखकर आनंद उठा सकते हैं किंतु श्रव्य माध्यम में पत्ते की स्थिति को केवल ध्वनियों के माध्यम से ही समझ सकते हैं; जैसे जंगल का दृश्य प्रस्तुत करना हो तो जंगली जानवरों की आवाज तथा डरावना संगीत दिया जाता है।
दृश्यम माध्यमों में श्रव्य माध्यमों की तुलना में वातावरण की सृष्टि पात्रों के संवादों सीखी जाती है। समय की सूचना तथा पात्रों के चरित्र का उद्घाटन भी संवादों के माध्यम से ही होता है।
श्रव्य माध्यम कि इन सीमाओं को ध्वनि माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है।
अथवा
समाचार कैसे लिखा जाता है ? स्पष्ट कीजिए ।
Ans. समाचार लिखना एक तकनिकी कला है। किसी भी व्यक्ति को समचार लिखने के लिए तकनीक को समझना अनिवार्य है। अगर आपके पास विषय की पूरी जानकारी नहीं है और विषय को समझनी की काबिलयत नहीं है तो आप प्रभावी रुप से समाचार नहीं लिख सकते है। इसके लिए आपके पास विषय के बारे में प्रर्याप्त जानकारी होना और जानकारी को प्रदर्शित करने का हुनर होना आवश्यक है। समाचारों में किसी भी व्यक्ति की लंबी-लंबी प्रशंसा न भरें। समाचार लिखना सामाजिक रूप से कड़े उत्तरदायित्व का काम है इसलिए समाचार का संतुलित और पक्षपातरहित होना आवश्यक है। समाचार लेखक को ध्यान रखना चाहिए कि वे समाचार लिख रहे हैं कोई निबंध नहीं, तदनुसार एक समाचार को किसी भी हाल में 1000 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए।
समाचार, लेखन की सबसे लोकप्रिय शैली है। उल्टा पिरामिड। इसके तीन अंग हैं- इंट्रो, बॉडी व समापन।
इंट्रो या लीड या मुखड़ा– उल्टा पिरामिड शैली में समाचार लेखन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इंट्रो या लीड या मुखड़ा लेखन है। इंट्रो समाचार का पहला पैराग्राफ होता है, जहां से कोई समाचार शुरू होता है। इंट्रो के आधार पर ही समाचार की गुणवत्ता का निर्धारण होता है। एक आदर्श इंट्रो में किसी समाचार की सबसे महत्वपूर्ण सूचना आ जानी चाहिये और उसे किसी भी हालत में 35 से 50 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिये। किसी इंट्रो में मुख्यतः छह सवाल का जवाब देने की कोशिश की जाती है क्या हुआ, किसके साथ हुआ, कहां हुआ, हुआ, कब क्यों और कैसे हुआ है। आमतौर पर माना जाता है कि एक आदर्श इंट्रो में सभी छह ककार का जवाब देने के बजाये किसी एक इंट्रो को प्राथमिकता देनी चाहिये। उस एक ककार के साथ एक दो ककार दिये जा सकते हैं।
बॉडी– समाचार लेखन की उल्टा पिरामिड लेखन शैली में मुखड़े में उल्लिखित तथ्यों की व्याख्या और विश्लेषण समाचार की बॉडी में होती है। किसी समाचार लेखन का आदर्श नियम यह है कि किसी समाचार को ऐसे लिखा जाना चाहिये, जिससे अगर वह किसी भी बिन्दु पर समाप्त हो जाये तो उसके बाद के पैराग्राफ में ऐसा कोई तथ्य नहीं रहना चाहिये, जो उस समाचार के बचे हुऐ हिस्से की तुलना में ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो। अपने किसी भी समापन बिन्दु पर समाचार को पूर्ण, पठनीय और प्रभावशाली होना चाहिये। समाचार की बॉडी में छड़ ककारों में से दो क्यों और कैसे का जवाब देने की कोशिश की जाती है। कोई घटना कैसे और क्यों हुई. यह जानने के लिये उसकी पृष्ठभूमि, परिपेक्ष्य और उसके व्यापक संदर्भों को खंगालने की कोशिश की जाती है। इसके जरिये ही किसी समाचार के वास्तविक अर्थ और असर को स्पष्ट किया जा सकता है।
निष्कर्ष या समापन– समाचार का समापन करते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि न सिर्फ उस समाचार के प्रमुख तथ्य आ गये हैं बल्कि समाचार के मुखड़े और समापन के बीच एक तारतम्यता भी होनी चाहिये। समाचार में तथ्यों और उसके विभिन्न पहलुओं को इस तरह से पेश करना चाहिये कि उससे पाठक को किसी निर्णय या निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद मिले।
(ग) फीचर से आप क्या समझते हैं ? यह कैसे लिखा जाता है ?
Ans. फ़ीचर एक सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देने के साथ-साथ शिक्षित करना व मनोरंजन करना भी है। फीचर लिखते समय उसमें विषय से जुड़े पात्रों की मौजूदगी, उस विषय के पहलुओं को सामने लाना है।
एक कहानी, एक उपन्यास की तरह फीचर लेखन कुछ बिंदुओं पर आधारित है – शुरुआत, मध्य, चरमोत्कर्ष, अंत, भाषा शैली, नेता और निष्कर्ष। फीचर लेखन की शुरुआत एक घटना, यात्रा आदि पर आधारित होती है। शुरुआत में पाठक को कुछ ऐसी घटना का उल्लेख करना चाहिए ताकि पाठक के मन में पूरा लेख पढ़ने की उत्सुकता बनी रहे।
फीचर लेखन की भाषा सरल, रचनात्मक और आकर्षक है, लेकिन समाचार की भाषा सपाट है। सुविधा में अधिकतम शब्द सीमा नहीं है। ये आमतौर पर 250 शब्दों से लेकर 500 शब्दों तक के होते हैं, जबकि समाचार की एक शब्द सीमा होती है। किसी फीचर का विषय कुछ भी हो सकता है| फीचर एक विशिष्ट घटना, व्यक्ति, पशु, तीज-त्योहार, दिन, स्थान, प्रकृति-पर्यावरण से संबंधित व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित एक विशिष्ट लेख है, जो समाचार पत्रों में प्रकाशित, मनोरंजक और आकर्षक शैली में कल्पनाशील और रचनात्मक कौशल के साथ प्रस्तुत किया गया है।
अथवा
कविता के प्रमुख घटकों का उल्लेख कीजिए ।
Ans. कविता साहित्य की वह विधा है जिसमे मनोभावों को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छंदों कि श्रृंखलाओं में विधिवत बाँधी जाती हैं, को कविता कहा जाता हैं।
कविता के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं –
भाषा– भाषा को कविता का महत्वपूर्ण घटक माना गया है क्योंकि भाषा के माध्यम से कवि अपनी भावनाओं व संवेदनाओं को व्यक्त करता है।
शैली– शैली के द्वारा कवि अपनी संवेदनाओं को कविता के रूप में अभिव्यक्त करता है।
बिम्ब– बिम्ब का शाब्दिक अर्थ है शब्द चित्र। बिम्ब कविता का मूल आधार है व बिम्ब के बिना कविता की कल्पना नहीं की जा सकती। बिम्ब की सहायता से कवि कल्पना को साकार रूप प्रदान करता है।
छंद– छंद के द्वारा ही कविता को कविता का रूप प्रदान होता है । छंद के कारण कविता पद्य की श्रेणी में आती है।
अलंकार– अलंकार के द्वारा कविता को सौंदर्य प्राप्त होता है । अलंकार की सहायता से कविता को सजाया जाता है।
11.(क)(i) व्यंजन सन्धि की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
Ans. व्यंजन के आगे स्वर या व्यंजन आने पर उसमें जो विकार या परिवर्तन आता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं। जैसे- जगत् + ईश = जगदीश, सम् + चय = संचय
(ii) निम्नलिखित की संधि कीजिए-
सदा + एव =
Ans. सदैव
(ख)(i) द्विगु समास की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
Ans. जिस समास में पहला पद संख्यावाची हो, वह द्विगु समास होता है । जैसे- पंजाब, चौराहा, त्रिफला।
(ii) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए-
पंजाब =
Ans. पांच आबो का समाहार (द्विगु समास)
(ग) उपमा अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
Ans. जहां रूप, रंग या गुण के आधार पर उपमेय की उपमान से तुलना की जाती है वह उपमा अलंकार है, जैसे- पीपर पात सरिस मन डोला।
(घ) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए-
(i) मंत्री जी ने सरकार की उपलब्धता गिनवाई।
Ans. मंत्री जी ने सरकार की उपलब्धियां गिनवाई।
(ii) ‘पंच परमेश्वर’ सोद्देश्यपूर्ण कहानी है।
Ans. ‘पंच परमेश्वर’ उद्देश्यपूर्ण कहानी है।
SET-C
1. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
(i) पतंग कविता में कपास किसका प्रतीक है ?
(क) प्रकाश
(ख) कोमलता
(ग) सफेदी
(घ) गरमाहट
Ans. (ख) कोमलता
(ii) ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में किसकी कविता है ?
(क) क्रूरता
(ख) दया
(ग) ममता
(घ) प्रेम
Ans. (क) क्रूरता
(iii) ‘पाताली अंधेरे की गुहाओं के विवरों में’ – यहाँ ‘विवरों’ का अर्थ है-
(क) बादल
(ख) बिल
(ग) गुफा
(घ) शिविर
Ans. (ख) बिल
(iv) क्रांति के बादलों की गर्जना सुनकर कौन-सा वर्ग भयभीत होता है ?
(क) निम्न वर्ग
(ख) श्रमिक वर्ग
(ग) पूँजीपति वर्ग
(घ) शोषित वर्ग
Ans. (ग) पूँजीपति वर्ग
(v) कवि ने अभिव्यक्ति रूपी बीज किस पर बोया था ?
(क) कागज के पृष्ठ पर
(ख) आँगन में
(ग) खेत में
(घ) छत पर
Ans. (क) कागज के पृष्ठ पर
(vi) ‘सदके फिराक एज़ाजे़-सुखन के कैसे उड़ाली ये आवाज़’ – पंक्ति में भाषा कौन-सी है ?
(क) तत्समप्रधान
(ख) उर्दू फारसी
(ग) तद्भवप्रधान
(घ) ब्रजभाषा
Ans. (ख) उर्दू फारसी
2. निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
जथा पंख बिनु खग अति दीना । मनि बिनु फनि करिबर कर हीना ।।
अस मम जिवन बंधु बिनु तोही । जौ जड़ दैव जिआवै मोही ।।
जैहउँ अवध कवन मुँह लाई । नारि हेतु प्रिय भाइ गँवाई ।
बरु अपजस सहते जग माहीं। नारि हानि बिसेष छति नाहीं ।।
Ans. प्रसगं– प्रस्तुत काव्याशं तुलसीदास द्वारा रचित महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ के ‘लंकाकांड’ से अवतरित है। लक्ष्मण के मूर्च्छित होने पर राम विलाप करने लगते हैं। हनुमान औषधि लेने गए हहैं।उनके आने में विलंब हो जाता है तो राम व्याकुल हो जाते हैं।
व्याख्या– लक्ष्मण की मूर्च्छा से व्याकुल होते हुए श्रीराम विलाप करते हैं-जैसे पंख बिना पक्षी, मणि बिना सर्प सूँड बिना श्रेष्ठ हाथी अत्यंत दीन हो जाते हैं। हे भाई! यदि कहीं जड़ दैव मुझे जीवित रखे, तो तुम्हारे बिना मेरा जीवन भी ऐसा ही होगा।
मैं स्त्री (पत्नी) के लिए प्यारे भाई को खोकर कौन-सा मुँह लेकर अवध जाऊँगा। मैं जगत में बदनामी भले ही सह लेता (कि राम में कुछ भी वीरता नहीं है जो अपनी पत्नी को खो बैठे) स्त्री (पत्नी) की हानि से (इस हानि को देखते हुए) कोई विशेष क्षति नहीं थी।
भाषा वैशिष्ट्य और सौन्दर्य बोध, तत्सम प्रधान अवधी भाषा । अभिधा शब्द शक्ति। करुण रस, चौपाई छन्द अनुप्रास, शब्द मैत्री, उपमा अलंकार
अथवा
नील जल में या
किसी की गौर, झिलमिल देह
जैसे हिल रही हो
और
जादू टूटता है इस उषा का अब
सूर्योदय हो रहा है।
Ans. प्रसंग– प्रस्तुत काव्यांश प्रसिद्ध प्रयोगवादी कवि शमशेरबहादुर सिंह द्वारा रचित कविता ‘उषा’ से अवतरित है। यहाँ कवि प्रातःकालीन दृश्य का मनोहारी चित्रण कर रहा है। प्रातःकाल आकाश में जादू होता-सा प्रतीत होता है। जो पूर्ण सूर्योदय के पश्चात् टूट जाता है।
व्याख्या– कवि सूर्योदय से पहले आकाश के सौंदर्य में पल-पल होते परिवर्तनों का सजीव अंकन करते हुए कहता है कि ऐसा लगता है कि मानो नीले जल में किसी गोरी नवयुवती का शरीर झिलमिला रहा है। नीला आकाश नीले जल के समान है और उसमे सफेद चमकता सूरज सुंदरी की गोरी देह प्रतीत होता है। हल्की हवा के प्रवाह के कारण यह प्रतिबिंब हिलता- सा प्रतीत होता है। इसके बाद उषा का जादू टूटता-सा लगने लगता है। उषा का जादू यह है कि वह अनेक रहस्यपूर्ण एवं विचित्र स्थितियाँ उत्पन करता है। कभी पुती स्लेट कभी गीला चौका, कभी शंख के समान आकाश तो कभी नीले जल में झिलमिलाती देह-ये सभी दृश्य जादू के समान प्रतीत होते हैं। सूर्योदय होते ही आकाश स्पष्ट हो जाता है और उसका जादू समाप्त हो जाता है।
अभिधा शब्द शक्ति, तत्सम् तद्भव शब्दावली, अनुप्रास व उपमा अलंकार।
3. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ अथवा उमाशंकर जोशी के जीवन, साहित्य एवं भाषा-शैली का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
Ans. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला– सन् 1899 में बंगाल के मेदिनीपुर जिले में जन्म, हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, बंगाली का पूर्ण ज्ञान। अत्यन्त स्वाभिमानी कर्मठ, अध्ययनशील, प्रकृति प्रेमी, त्यागी व्यक्ति। सन् 1961 में इलाहाबाद में निधन।
रचनाएँ : अनामिका, परिमल, गीतिका, बेला, नए पत्ते, तुलसीदास, प्रभावती, समन्वय, मतवाला आदि रचनाओं में वैयक्तिकता, प्रगतिवादिता, विद्रोह की भावना
भाषा शैली : तत्सम तद्भव शब्दावली युक्त भाषा मुक्तक छंद का सुन्दर प्रयोग अनुप्रास, उपमा, रूपक, मानवीकरण व श्लेष अलंकारों का प्रयोग।
अथवा
उमाशंकर जोशी– 1911 में गुजरात में जन्म स्वतंत्रता संग्राम से सम्बद्ध। कई बार जेल यात्रा । पूर्ण भारतीयता के रंग में रंगे व्यक्ति।
रचनाएँ : विश्व शांति, गंगोत्री, प्राचीना, आतिथ्य एकांकी। शहीद कहानी, भारतीय जीवन मूल्यों की स्थापना । मानवतावादी दृष्टिकोण, प्रकृति का सुन्दर चित्रण।
भाषा शैली : भाषा में खड़ी बोली की प्रधानता, तत्सम् तद्भव शब्दावली का समन्वित प्रयोग। अलंकारों की सुन्दर योजना।
4. निम्नलिखित काव्यांश का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए :
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ों से झाँक रहे होंगे
यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
Ans. प्रसंग– प्रस्तुत पक्तियाँ हरिवंशराय ‘बच्चन’ द्वारा रचित कविता ‘एक गीत’ से अवतरित हैं। यह कवित? उनके काव्य सग्रह ‘निशा निमत्रंण’ में सकलित है। इस कविता में कवि उन पक्षियों के विषय में बताता है जो प्रातःकाल होते ही अपने छोटे बच्चो को घोसलों में छोड्कर दाना-पानी जुटाने की फिक्र मैं वन- प्रदेश में घूमते फिरते हैं पर संध्याकाल होते ही वे अपने अपने घोंसलों की ओर लौटने लगते हैं।
व्याख्या– कवि प्रकृति में देखता है कि पक्षीवृंद घोंसलों से झाँकते प्रतीक्षारत अपने शावकों तक जल्दी से जल्दी पहुँच जाना चाहते हैं। इसके लिए वे अपने पंखों में ताजगी और स्फूर्त उड़ान का अनुभव कर दिन ढलने से पहले ही वापस पहुँच जाने का उपक्रम करने लगते हैं। संध्या होते ही अंधकार बढ़ने लगता है और पक्षी समझ जाते हैं कि अपने-अपने घोंसलों में लौटने का समय आ पहुँचा है। वे जानते हैं कि उनके नन्हें बच्चे दिन भर के भूखे-प्यासे होंगे और बड़ी उत्सुकता से उनके लौटने की प्रतीक्षा कर रहे होंगे। बच्चों के प्रति इसी ममता और चिंता के कारण ही ये पक्षी जल्दी ही अपने घोंसलों में पहुँच जाना चाहते हैं। यही भावना उन्हें स्फूर्ति और शक्ति देती है और पूरे उत्साह के साथ अपने- अपने घोंसलों की ओर उड़ने लगते हैं।
5. निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) ‘पतंग’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
Ans. बालसुलभ इच्छाओं एवं उमंगों का सुंदर चित्रण। सुंदर बिंबो का प्रयोग। बच्चों में उत्साह गिरने के भय पर भी विजय पाते बच्चे।
(ख) ‘बादल राग’ कविता में ‘अस्थिर सुख पर दुःख की छाया’ पंक्ति में दुख की छाया किसे कहा गया है और क्यों ?
Ans. ‘बादल राग’ कविता में दुख की छाया जीवन में आने वाले दुखों, विपत्तियों, कष्टों तथा प्रतिकूल परिस्थितियों को कहा गया है। सुख-दुख मानव जीवन में आते-जाते रहते हैं और छाया के समान अस्थिर हैं।
(ग) ‘बगुलों के पंख’ कविता में कवि किसे रोकना चाहता है और क्यों ?
Ans. ‘बगुलों के पंख’ कविता में कवि घने काले बादलों की पृष्ठभूमि में उड़ते हुए सफेद बगुलों की कतारों को रोकना चाहता है। वह उन बगुलों को काफी देर तक देखते रहना चाहता है।
6. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
(i) सेवक धर्म में भक्तिन किससे स्पद्र्धा करने वाली थी ?
(क) सुग्रीव
(ख) लक्ष्मण
(ग) शबरी
(घ) हनुमान
Ans. (घ) हनुमान
(ii) ‘काले मेघा पानी दे’ पाठ में लेखक को किस सभा का उपमंत्री बनाया गया ?
(क) आर्य समाज
(ख) ग्राम सुधार
(ग) विधान सभा
(घ) कुमार-सुधार सभा
Ans. (घ) कुमार-सुधार सभा
(iii) फ्रांसीसी क्रांति में कौन-सा शब्द विवाद का विषय रहा ?
(क) राजतंत्र
(ख) प्रजातंत्र
(ग) समता
(घ) भाई-चारा
Ans. (ग) समता
(iv) पुराने फलों को अपने स्थान से न हटते देखकर कवि को किसकी याद आती है ?
(क) नेताओं की
(ख) बुजुर्गों की
(ग) महात्मा गाँधी की
(घ) कालिदास की
Ans. (क) नेताओं की
(v) लुट्टनसिंह ने दूसरे किस नामी पहलवान को पटककर हरा दिया था ?
(क) अफजल खाँ
(ख) काला खाँ
(ग) अब्दुल खाँ
(घ) कल्लू खाँ
Ans. (ख) काला खाँ
(vi) लेखक ने ‘बाजार दर्शन’ पाठ में चूरन वाले को ‘अकिंचित्कर’ कहा है, जिसका अर्थ है-
(क) ठग
(ख) भिखारी
(ग) अर्थहीन
(घ) व्यापारी
Ans. (ग) अर्थहीन
(vii) शिरीष के फूल को संस्कृत साहित्य में कैसा माना गया है ?
(क) सख्त
(ख) कोमल
(ग) मजबूत
(घ) कठोर
Ans. (ख) कोमल
7. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
उन्होंने पुड़िया को धीरे से अपनी तरफ सरकाना शुरू किया। जब
सफिया की बात खत्म हो गई तब उन्होंने पुड़िया को दोनों हाथों में
उठाया, अच्छी तरह लपेटा और खुद सफिया के बैग में रख दिया।
बैग सफिया को देते हुए बोले “मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।”
Ans. प्रसंग– पाठ- नमक, लेखक- रजिया सज्जाद जहीर, पाकिस्तानी कस्टम अफसर द्वारा साफिया की सहायता का सुन्दर अंकन
व्याख्या– अपने विवेकानुसार परखिए तथा खुद करे।
भाषा : सरल, सहज, प्रसंगानुकूल भाषा तत्सम तद्भव व विदेशी शब्दों का सुन्दर प्रयोग
अथवा
शिरीष वायुमण्डल से रस खींचकर इतना कोमल और कठोर है। गाँधी भी वायुमण्डल से रस खींचकर इतना कोमल और कठोर हो सका था। मैं जब-जब शिरीष की ओर देखता हूँ तब-तब हूक उठती है – हाय, वह अवधूत आज कहाँ है !
Ans. प्रसंग– पाठ- शिरीष के फूल, लेखक-हजारी प्रसाद द्विवेदी,
शिरीष के फूल की महात्मा गाँधी से तुलना ।
व्याख्या– अपने विवेकानुसार परखिए तथा खुद करे।
सरल सहज भाषा, तत्सम् शब्दावली की प्रधानता लाक्षणिकता ।
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) जीवन की जद्दोजहद ने चार्ली के जीवन को कैसे सम्पन्न बनाया ?
Ans. मां स्टेज अभिनेत्री, बाद में पागल हो गई। निरंतर गरीबी व अभावों का सामना, समाज द्वारा ठुकराया जाना। विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य व साहस में छोड़ना।
(ख) पहलवान की ढोलक का पूरे गाँव पर क्या असर पड़ता था ?
Ans. ढोलक की आवाज गांव वालों के लिए संजीवनी। महामारी के समय धैर्य, साहस व स्फूर्ति प्रदान करना मृत्यु का भय छोड़कर जीने की नई उमंग भर जाना।
(ग) भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहातिन कैसे हो गईं ?
Ans. महादेवी को बाजरे के तिल वाले पुए, ज्वार के बुने हुए भुट्टे की खिचड़ी, मकई के दलिए के साथ मट्ठा, मोटी-मोटी काली-काली रोटियां खानी पड़ती थी, यह सब भोजन देहाती था।
9. ‘वितान’ (भाग-2) के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) किशनदा का बुढ़ापा सुख से क्यों नहीं बीता ?
Ans. विवाह नहीं किया, अपना मकान नहीं बनवाया, समाज सेवा में लगे रहना, भविष्य के बारे में नहीं सोचा।
(ख) ‘जूझ’ कहानी के आधार पर सिद्ध कीजिए कि आनन्दा एक जुझारू बालक है ?
Ans. वह निरंतर संघर्ष करता। पढ़ाई के साथ-साथ खेतों में भी काम करता था। शरारती बच्चों की परवाह नहीं करता। पिछली पढ़ाई पूरी करता। गाय-भैंस चराते समय कविताएं गाने व लिखने लगा।
(ग) ऐन की अज्ञातवास के समय क्या-क्या रुचियाँ थीं ?
Ans. पत्रिकाओं से फिल्मी कलाकारों के चित्र एकत्रित करना। फिल्म अभिनेत्रियों की तरह बाल संवारना पसंद था।
(घ) वर्तमान में सिंधु सभ्यता को किस रूप में देखा और महसूस किया जा सकता है ?
Ans. मोहनजोदड़ो के अवशेष ईसा पूर्व के हैं। मोहनजोदड़ो के अवशेषों ने भारत को मिश्र और मेसोपोटामिया (इराक) की प्राचीन सभ्यताओं की श्रेणी में ला खड़ा किया है।
(ङ) श्री सौंदलगेकर के अध्यापन की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
Ans. पढ़ाने के साथ-साथ मधुर कंठ से गाया भी करते थे। अभिनय भी करते थे। हाव-भाव के साथ कविता समझाते तथा विद्यार्थियों को कविता रचने के लिए प्रेरित भी करते थे।
10.(क) ‘अभिव्यक्ति और माध्यम’ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i) उल्टा पिरामिड शैली को कितने हिस्सों में बाँटा जाता है ? नाम भी लिखिए।
Ans. तीन – इंट्रो, बॉडी, समापन
(ii) सर्वाधिक खर्चीला जनसंचार माध्यम क्या है ?
Ans. इंटरनेट
(iii) सांकेतिक संचार किसे कहते हैं ?
Ans. संकेतों के माध्यम से अपनी बात समझाना
(iv) रेडियो नाटक किस प्रकार का माध्यम है ?
Ans. श्रव्य माध्यम
(v) पूर्णकालिक पत्रकार किसे कहते हैं ?
Ans. किसी समाचार-पत्र के लिए काम करने वाला नियमित वेतनभोगी कर्मचारी
(ख) विशेष लेखन से क्या तात्पर्य है ? यह क्यों लिखा जाता है ?
Ans. विशेष लेखन यानि किसी खास विषय पर सामान्य लेखन से हटकर किया गया लेखन या जानकारी। खबरें तरह-तरह की हो सकती हैं राजनीति, अर्थ, खेल, चिकित्सा आदि अनेक क्षेत्र हैं। रुचि व ज्ञान के आधार पर लेखन करना।
अधिकांश समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं के अलावा टी०वी० और रेडियो चैनलों में विशेष लेखन के लिए अलग डेस्क होता है और उस विशेष डेस्क पर काम करने वाले पत्रकारों का समूह भी अलग होता है। जैसे समाचार-पत्रों और अन्य माध्यमों में बिजनेस यानी कारोबार और व्यापार का अलग डेस्क होता है, इसी तरह खेल की खबरों और फ़ीचर के लिए खेल डेस्क अलग होता है। इन डेस्कों पर काम करने वाले उपसंपादकों और संवाददाताओं से अपेक्षा की जाती है कि संबंधित विषय या क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता होगी।
खबरें भी कई तरह की होती हैं-राजनीतिक, आर्थिक, अपराध, खेल, फ़िल्म, कृषि, कानून, विज्ञान या किसी भी और विषय से जुड़ी हुई। संवाददाताओं के बीच काम का विभाजन आमतौर पर उनकी दिलचस्पी और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। मीडिया की भाषा में इसे बीट कहते हैं। एक संवाददाता की बीट अगर अपराध है तो इसका अर्थ यह है कि उसका कार्यक्षेत्र अपने शहर या क्षेत्र में घटने वाली आपराधिक घटनाओं की रिपोर्टिग करना है। अखबार की ओर से वह इनकी रिपोर्टिग के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह भी होता है।
इससे समाचार-पत्रों में विविधता आती है और उनका कलेवर बढ़ता है। पाठकों की व्यापक रुचियों को ध्यान में रखते हुए उनकी जिज्ञासा शांत करते हुए मनोरंजन करने के लिए विशेष लेखन किया जाता है।
अथवा
फीचर से आप क्या समझते हैं ? यह कैसे लिखा जाता है ?
Ans. फ़ीचर एक सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देने के साथ-साथ शिक्षित करना व मनोरंजन करना भी है। फीचर लिखते समय उसमें विषय से जुड़े पात्रों की मौजूदगी, उस विषय के पहलुओं को सामने लाना है।
एक कहानी, एक उपन्यास की तरह फीचर लेखन कुछ बिंदुओं पर आधारित है – शुरुआत, मध्य, चरमोत्कर्ष, अंत, भाषा शैली, नेता और निष्कर्ष। फीचर लेखन की शुरुआत एक घटना, यात्रा आदि पर आधारित होती है। शुरुआत में पाठक को कुछ ऐसी घटना का उल्लेख करना चाहिए ताकि पाठक के मन में पूरा लेख पढ़ने की उत्सुकता बनी रहे।
फीचर लेखन की भाषा सरल, रचनात्मक और आकर्षक है, लेकिन समाचार की भाषा सपाट है। सुविधा में अधिकतम शब्द सीमा नहीं है। ये आमतौर पर 250 शब्दों से लेकर 500 शब्दों तक के होते हैं, जबकि समाचार की एक शब्द सीमा होती है। किसी फीचर का विषय कुछ भी हो सकता है| फीचर एक विशिष्ट घटना, व्यक्ति, पशु, तीज-त्योहार, दिन, स्थान, प्रकृति-पर्यावरण से संबंधित व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित एक विशिष्ट लेख है, जो समाचार पत्रों में प्रकाशित, मनोरंजक और आकर्षक शैली में कल्पनाशील और रचनात्मक कौशल के साथ प्रस्तुत किया गया है।
(ग) कविता के प्रमुख घटकों का उल्लेख कीजिए ।
Ans. कविता साहित्य की वह विधा है जिसमे मनोभावों को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छंदों कि श्रृंखलाओं में विधिवत बाँधी जाती हैं, को कविता कहा जाता हैं।
कविता के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं –
भाषा– भाषा को कविता का महत्वपूर्ण घटक माना गया है क्योंकि भाषा के माध्यम से कवि अपनी भावनाओं व संवेदनाओं को व्यक्त करता है।
शैली– शैली के द्वारा कवि अपनी संवेदनाओं को कविता के रूप में अभिव्यक्त करता है।
बिम्ब– बिम्ब का शाब्दिक अर्थ है शब्द चित्र। बिम्ब कविता का मूल आधार है व बिम्ब के बिना कविता की कल्पना नहीं की जा सकती। बिम्ब की सहायता से कवि कल्पना को साकार रूप प्रदान करता है।
छंद– छंद के द्वारा ही कविता को कविता का रूप प्रदान होता है । छंद के कारण कविता पद्य की श्रेणी में आती है।
अलंकार– अलंकार के द्वारा कविता को सौंदर्य प्राप्त होता है । अलंकार की सहायता से कविता को सजाया जाता है।
अथवा
‘कटते जंगल’ विषय पर एक आलेख लिखिए।
Ans. वर्तमान में जनसंख्या वृद्धि के कारण जंगल तीव्र गति से काटे जा रहे हैं। लोगों के आवास–योग्य मकानों के लिए, ईंधन, इमारती लकड़ी, उद्योग–धन्धों के उत्पादन के लिए वनों को काटा जा रहा है। यातायात के साधनों के विकास हेतु नयी सड़कों के निर्माण में वनों का विदोहन तीव्र गति से हो रहा है। नये औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार के लिए भी वन–भाग काटे गये हैं। इन सभी कारणों से आज कटते जंगल पर्यावरण के लिए एक भारी समस्या बन गये हैं।
वनों की कटाई समाज और पर्यावरण के लिए प्रमुख वैश्विक समस्या के रूप में उभर रही है। यह ग्रह के लिए एक गंभीर दंड की तरह है और इस ग्रह पर जीवन के अंत का संकेत है। जंगलों का नियमित कटौती जलवायु, पर्यावरण, जैव विविधता, पूरे वातावरण के साथ-साथ मानव के सांस्कृतिक और शारीरिक अस्तित्व को धमकी देने पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पैदा कर रहा है। वनों की कटाई के कई कारण हैं जैसे लकड़ी की निकासी बढ़ती मानव आबादी और लोगों के औद्योगिक हितों की वजह से। वुड्स को मानव की भौतिक आवश्यकता के जंगल और संरचनात्मक घटक के प्राथमिक उत्पाद के रूप में माना जाता है।
मानव आबादी को विस्फोट करने के लिए ज़मीन और जीवित रहने की ज़मीन की आवश्यकता होती है ताकि उन्हें जंगल में कटौती की जरूरत हो। इस तरह से कई तरीकों से मानव जरूरतों को पूरा करने के लिए वनों की कटाई तेजी से चल रही है। हालांकि, वनों की कटाई के प्रभाव वनों की कटाई से भी तेज हैं। यह पर्यावरण और वातावरण में नकारात्मक परिवर्तनों को मजबूर कर मानव जीवन को काफी हद तक प्रभावित कर रहा है।
शहरीकरण के दबाव, बढ़ती जनसंख्या और तीव्र विकास की लालसा ने हमें हरियाली से वंचित कर दिया है.घर के चौबारे में आम-नीम के पेड़ होना गुजरे वक्त की बात हो गई है। छोटे से फ्लैट में बोनसाई का एक पौधा लगाकर हम हरियाली को महसूस करने का भ्रम पालने लगें हैं। ऐसे समय में जब हमारे वैज्ञानिक हमें बार-बार ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से चेता रहे हैं.भयावह भविष्य का चेहरा दिखा रहे हैं.यह आकड़ा दिल दहला देने के लिए काफी है। रूस, इंडोनेशिया, अफ्रीका, चीन, भारत के कई अनछुए माने जाने वाले जंगल भी कटाई का शिकार हो चुके हैं।
बेहतर तरीके से जीवन को सामान्य रूप से चलाने के लिए वनों की कटाई बहुत जरूरी है। देश की सरकार द्वारा कुछ सख्त नियम और विनियम होना चाहिए जिन्हें हर किसी को वनों की कटाई की जांच करने के लिए पालन करना चाहिए। वनों की कटाई के कारणों और प्रभावों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के लिए सरल और आसान तरीके होना चाहिए। जंगल काटने की जरूरत को कम करने के लिए जनसंख्या नियंत्रित की जानी चाहिए। जब भी कोई पौधे काटा जाता है, तो पौधों को पुराने स्थान पर बदलने के लिए नियम होना चाहिए।
11.(क)(i) विसर्ग सन्धि की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
Ans. विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में जो विकार या परिवर्तन आता है उसे विसर्ग संधि कहते हैं। जैसे- मन : + रथ = मनोरथ
(ii) निम्नलिखित की संधि-विच्छेद कीजिए-
पावक =
Ans. पौ + अक
(ख)(i) द्वंद्व समास की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
Ans. जिस समास में दोनों ही पद प्रधान हो, वह द्वंद्व समास होता है । जैसे- माता-पिता = माता और पिता
(ii) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए-
दशानन =
Ans. दस है आनन जिसके, रावण (बहुव्रीहि समास)
(ग) उपमा अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
Ans. जहां रूप, रंग या गुण के आधार पर उपमेय की उपमान से तुलना की जाती है वह उपमा अलंकार है, जैसे- पीपर पात सरिस मन डोला।
(घ) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए-
(i) जवाहर लाल नेहरू का सदा देश आभारी रहेगा।
Ans. देश सदा जवाहर लाल नेहरू का आभारी रहेगा।
(ii) भैंस का ताकतवर दूध होता है।
Ans. भैंस का दूध ताकतवर होता है।
SET-D
1. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
(i) दिन ढलने के साथ ही बच्चे कहाँ से झाँकने लगे होंगे ?
(क) पेड़ों से
(ख) नीड़ों से
(ग) घरों से
(घ) खेतों से
Ans. (ख) नीड़ों से
(ii) ‘पतंग’ उड़ाते बच्चे को महज एक धागे के सहारे कौन थाम लेती है ?
(क) पतंगों की ऊँचाइयाँ
(ख) सीढ़ियाँ
(ग) मुंडेर
(घ) रोमांचित शरीर का संगीत
Ans. (घ) रोमांचित शरीर का संगीत
(iii) बात कवि के साथ किसके समान खेल रही थी ?
(क) पेंच
(ख) खिलौने
(ग) भाषा
(घ) बच्चे
Ans. (घ) बच्चे
(iv) लक्ष्मण के मूच्र्छित होने पर सामान्य मनुष्य की तरह कौन विलाप करने लगता है ?
(क) राम
(ख) भरत
(ग) वानर
(घ) लक्ष्मण
Ans. (क) राम
(v) कवि ने अभिव्यक्ति रूपी बीज किस पर बोया था ?
(क) कागज़ के पृष्ठ पर
(ख) आँगन में
(ग) खेत में
(घ) छत पर
Ans. (क) कागज़ के पृष्ठ पर
(vi) नींद से जागा हुआ कुंभकर्ण क्या लग रहा था ?
(क) देवता
(ख) यमराज
(ग) दानव
(घ) पहाड़
Ans. (ख) यमराज
2. निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास
पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास
जब वे दौड़ते हैं बेसुध
छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए।
Ans. प्रसगं– प्रस्तुत काव्याशं आलोक धधन्वा द्वारा रचित कविता ‘पतंग’ से अवतरित है। इस कविता में कवि पतंग के माध्यम से बाल मन की इच्छाओं का सुदंर चित्रण करता है। बालक आसमान में उड़ती पतंगों की ऊँचाइयों को छूना चाहता है।
व्याख्या– कवि बच्चों के सुकोमल शरीर का वर्णन करते हुए कहता है कि वे जन्म से ही कई के समान कोमल एवं नरम होते हैं पृथ्वी भी उनका कोमल स्पर्श करने के लिए लालायित रहती है। यह कविता धीरे- धीरे बिबों की एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहाँ शरद् ऋतु का चमकीला इशारा है, जहाँ तितलियों की रंगीन दुनिया है। जहाँ बच्चों के पैरों के पास पृथ्वी घूमती हुई प्रतीत होती है। बच्चे पतंग के पीछे नंगे पैर दौड़ते हैं और बेसुध से हो जाते हैं। वे छतों पर नंगे पैर भागकर छतों तक को नरम बना देते हैं। वे दिशाओं को भी मृदंग की तरह बजाते हैं अर्थात् उनकी दुनिया बड़ी रंगीन है जहाँ दिशाओं रूपी मृदंग बजते हैं।
शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली प्रसाद गुण, अभिघा शब्द शक्ति अनुप्रास व मानवीकरण अलंकार का प्रयोग।
अथवा
जथा पंख बिनु खग अति दीना । मनि बिनु फनि करिबर कर हीना ।।
अस मम जिवन बंधु बिनु तोही । जौं जड़ दैव जिआवै मोही ।।
जैहउँ अवध कवन मुँह लाई नारि हेतु प्रिय भाइ गँवाई ।।
बरु अपजस सहतेउँ जग माहीं। नारि हानि बिसेष छति नाहीं ।।
Ans. प्रसगं– प्रस्तुत काव्याशं तुलसीदास द्वारा रचित महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ के ‘लंकाकांड’ से अवतरित है। लक्ष्मण के मूर्च्छित होने पर राम विलाप करने लगते हैं। हनुमान औषधि लेने गए हहैं।उनके आने में विलंब हो जाता है तो राम व्याकुल हो जाते हैं।
व्याख्या– लक्ष्मण की मूर्च्छा से व्याकुल होते हुए श्रीराम विलाप करते हैं-जैसे पंख बिना पक्षी, मणि बिना सर्प सूँड बिना श्रेष्ठ हाथी अत्यंत दीन हो जाते हैं। हे भाई! यदि कहीं जड़ दैव मुझे जीवित रखे, तो तुम्हारे बिना मेरा जीवन भी ऐसा ही होगा।
मैं स्त्री (पत्नी) के लिए प्यारे भाई को खोकर कौन-सा मुँह लेकर अवध जाऊँगा। मैं जगत में बदनामी भले ही सह लेता (कि राम में कुछ भी वीरता नहीं है जो अपनी पत्नी को खो बैठे) स्त्री (पत्नी) की हानि से (इस हानि को देखते हुए) कोई विशेष क्षति नहीं थी।
भाषा वैशिष्ट्य और सौन्दर्य बोध, तत्सम प्रधान अवधी भाषा । अभिधा शब्द शक्ति। करुण रस, चौपाई छन्द अनुप्रास, शब्द मैत्री, उपमा अलंकार।
3. हरिवंश राय बच्चन अथवा सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के जीवन, रचनाओं व भाषा-शैली का परिचय दीजिए ।
Ans. हरिवंश राय बच्चन– 1907 में इलाहाबाद में जन्म। 1942 से 1952 तक इलाहाबाद विविद्यालय में प्राध्यापक विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ। 2003 मुम्बई में निधन।
रचनाएँ : मधुशाला, मधुबाला, क्या भूलूँ क्या याद करूँ। प्रेम और सौन्दर्य के कवि। मानवतावाद व वैयक्तिकता का सुन्दर सम्मिश्रण। रहस्यवादी भावना । शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली । तत्सम तद्भव उर्दू अंग्रेजी शब्दावली।
अथवा
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला– सन् 1899 में बंगाल के मेदिनीपुर जिले में जन्म, हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, बंगाली का पूर्ण ज्ञान। अत्यन्त स्वाभिमानी कर्मठ, अध्ययनशील, प्रकृति प्रेमी, त्यागी व्यक्ति। सन् 1961 में इलाहाबाद में निधन।
रचनाएँ : अनामिका, परिमल, गीतिका, बेला, नए पत्ते, तुलसीदास, प्रभावती, समन्वय, मतवाला आदि रचनाओं में वैयक्तिकता, प्रगतिवादिता, विद्रोह की भावना
भाषा शैली : तत्सम तद्भव शब्दावली युक्त भाषा मुक्तक छंद का सुन्दर प्रयोग अनुप्रास, उपमा, रूपक, मानवीकरण व श्लेष अलंकारों का प्रयोग।
4. निम्नलिखित काव्यांश का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए :
छोटा मेरा खेत चौकोना
कागज़ का एक पन्ना
कोई अंधड़ कहीं से आया
क्षण का बीज वहाँ बोया गया ।
Ans. प्रसगं– प्रस्तुत पक्तियाँ उमाशंकर जोशी द्वारा रचित कविता ‘छोटा मेरा खेल’ से अवतरित हैं। इस छोटी-सी कविता में कवि-कर्म के हर चरण को बाँधने की कोशिश की गई है।
व्याख्या– कवि समाज के जिस पन्ने (पृष्ठ) पर अपनी रचना शब्दबद्ध करता है वह उसे अपना छोटा चौकोर खेत के समान लगता है। खेत में जब कही से कोई अँधड़ आया तो वहाँ बीज बोकर चला गया। अँधड़ अपने साथ बीज उड़ाकर लाया था उसे खेत में बोकर चला गया। इसी प्रकार जब हृदय में भावों का अँधड़ आता है अर्थात् भावनात्मक आँधी चलती है तब हृदय में विचारों का बीज डल जाता है और वही आगे चलकर अंकुरित हो जाता है।
कवि कर्म की खेती के रूपक द्वारा सुन्दर अभिव्यक्ति, खड़ी बोली, तत्सम् तद्भव, विदेशी शब्दावली, अनुप्रास सांगरूपक व पदमैत्री अलंकार।
5. निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) ‘‘कैमरे में बंद अपाहिज करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है’’ – स्पष्ट कीजिए।
Ans. कृत्रिम करुणा है। चैनल को लोकप्रिय बनाना ही उद्देश्य है। धन कमाना, प्रसिद्धि पाना। अपाहिज से कोई सहानुभूति नहीं।
(ख) सूर्योदय से उषा का कौन-सा-जादू टूट जाता है ?
Ans. सूर्योदय से पूर्व उषा का दृश्य अत्यंत आकर्षक होता है। नीले आकाश में फैलती प्रात:कालीन सफेद किरणें जादू के समान प्रतीत होती हैं। उषा काल में आकाश का सौंदर्य क्षण- क्षण परिवर्तित होता है। उस समय प्रकृति के कार्य-व्यापार ही ‘उषा का जादू’ है। निरम्र नीला आकाश, काली सिर पर पुते केसर-से रंग, स्लेट पर लाल खड़िया चाक, नीले जल में नहाती किसी गोरी नायिका की झिलमिलाती देह आदि दृश्य उषा के जादू के समान प्रतीत होते हैं। सूर्योदय के होते ही ये सभी दृश्य समाप्त हो जाता है। इसी को उषा का जादू टूटना कहा गया है।
(ग) ‘विप्लव रव से छोटे ही हैं शोभा पाते’ – पंक्ति में कवि क्या स्पष्ट करना चाहता है ?
Ans. कवि कहता है कि क्रांति का विनाशकारी प्रभाव सदैव पूंजीपति और शोषक वर्ग पर ही होता है निम्न वर्ग तो क्रांति का स्वर सुनकर खुश होता है क्योंकि इससे उसे उसे लाभ होता है।
6. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
(i) भक्तिन का शरीर कैसा था ?
(क) मोटा
(ख) लम्बा
(ग) दुबला
(घ) चैड़ा
Ans. (ग) दुबला
(ii) बाज़ार के जादू को कौन-सी इन्द्रिय पकड़ती है ?
(क) आँख
(ख) जीभ
(ग) नाक
(घ) कान
Ans. (क) आँख
(iii) चार्ली चैप्लिन की एक पहचान का नाम है-
(क) नागवंशी
(ख) यहूदीवंशी
(ग) भृगुवंशी
(घ) अग्निवंशी
Ans. (ख) यहूदीवंशी
(iv) आधुनिक युग में विडम्बना की बात क्या है ?
(क) साम्यवाद
(ख) जातिवाद
(ग) प्रयोगवाद
(घ) अद्वैतवाद
Ans. (ख) जातिवाद
(v) ‘नमक’ कहानी में सबसे अच्छा डाभ कहाँ का बताया गया है ?
(क) कलकत्ता का
(ख) राँची का
(ग) मथुरा का
(घ) ढाका का
Ans. (घ) ढाका का
(vi) जैनेन्द्र कुमार के मित्र ने बाजार को क्या संज्ञा दी है ?
(क) शैतान का जाल
(ख) जी का जंजाल
(ग) आफत का घर
(घ) आँखों का भ्रम
Ans. (क) शैतान का जाल
(vii) आदर्श समाज की क्या विशेषता है ?
(क) विघटन
(ख) अलगाव
(ग) गतिशीलता
(घ) विद्वेष
Ans. (ग) गतिशीलता
7. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
सियारों का क्रन्दन और पेचक की डरावनी आवाज कभी-कभी निस्तब्धता को अवश्य भंग कर देती थी। गाँव की झोपड़ियों से कराहने और कै करने की आवाज, ‘हरे राम ! हे भगवान !’ की टेर अवश्य सुनाई पड़ती थी। बच्चे भी कभी-कभी निर्बल कंठों से माँ-माँ पुकारकर रो पड़ते थे। पर इससे रात्रि की निस्तब्धता में विशेष बाधा नहीं पड़ती थी ।
Ans. प्रसंग– पाठ- पहलवान की ढोलक, लेखक- फणीश्वर नाथ रेणु। यहाँ लेखक ने मलेरिया और हैजे से पीड़ित गाँव की एक अमावस्या की रात का वर्णन किया है।
व्याख्या– शीतकालीन अमावस्या की रात की सर्दी, मलेरिया व हैजे से पीड़ित गाँव की व्यथा का मार्मिक चित्रण है।
विशेष : सरल, सहज, साहित्यिक हिन्दी भाषा का सफल प्रयोग, वाक्य-विन्यास सर्वथा उचित व भावाभिव्यक्ति में सहायक, वर्णनात्मक शैली।
अथवा
यह विडम्बना की ही बात है कि इस युग में भी ‘जातिवाद’ के पोषकों की कमी नहीं है। इसके पोषक कई आधारों पर इसका समर्थन करते हैं। समर्थन का एक आधार यह कहा जाता है कि आधुनिक सभ्य समाज ‘कार्य-कुशलता’ के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है, और चूँकि जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का ही दूसरा रूप है इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है।
Ans. प्रसंग– पाठ- श्रम विभाजन और जाति प्रथा, लेखक- बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, समाज में बढ़ती जाति प्रथा के प्रति चिंता को व्यक्त किया है।
व्याख्या– जाति प्रथा का समर्थन करने वाले लोग जाति प्रथा को श्रम विभाजन से जोड़कर देखते हैं। लेखक के अनुसार जाति प्रथा श्रम विभाजन के साथ-साथ श्रमिक का भी विभाजन करती है।
विशेष : सरल, सहज, साहित्यिक, हिन्दी भाषा का सफल प्रयोग। वाक्य विन्यास सर्वथा उचित व भावाभिव्यक्ति में सहायक, विवेचनात्मक शैली।
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) नमक ले जाने के बारे में सफिया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
Ans. निडर, दृढ़निश्चयी, ईमानदार, वायदे की पक्की, स्पष्टवक्ता, साहसी।
(ख) भक्तिन के आ जाने से महादेवी वर्मा और भी देहातिन कैसे हो गईं ?
Ans. महादेवी को बाजरे के तिल वाले पुए, ज्वार के बुने हुए भुट्टे की खिचड़ी, मकई के दलिए के साथ मट्ठा, मोटी-मोटी काली-काली रोटियां खानी पड़ती थी, यह सब भोजन देहाती था।
(ग) हृदय की कोमलता को बचाने के लिए व्यवहार की कठोरता भी कभी-कभी जरूरी हो जाती है। ‘शिरीष के फूल’ पाठ के आधार पर बताइए।
Ans. शिरीष का फूल अपनी सरसता को रखने के लिए बाहर से कठोर हो जाता है। इसलिए फल बड़े मजबूत होते हैं। नए फूल आ जाने पर भी वह अपना स्थान नहीं छोड़ते।
9. ‘वितान’ (भाग-2) के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) यशोधर बाबू ने आजीवन अपना घर क्यों नहीं बनाया ?
Ans. किशनदा के अनुयायी थे। उनका मानना था कि मूर्ख लोग घर बनाते हैं और सियाने उसमें रहते हैं। साथ ही यह भी सोचते थे कि किसी भी लड़के को सरकारी नौकरी लगने पर सरकारी क्वार्टर में रह लेंगे।
(ख) यशोधर बाबू को भूषण ने उपहार देते समय क्या कहा और उन्हें यह सब कैसा लगा ?
Ans. यह कहा कि आप दूध लाते समय फटा पुलोवर मत पहना करें यह पुराना पुलोवर पहनकर दूध लाया करो। यशोधर बाबू को बहुत बुरा लगा कि बेटे ने यह नहीं कहा कि दूध मैं ले आया करूंगा।
(ग) ‘जूझ’ पाठ में बचपन में लेखक के मन में पढ़ने के प्रति क्या विचार थे ?
Ans. वह पढ़ – लिखकर अच्छी नौकरी करेगा तो परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी।
(घ) ऐन ने अपने थैले में क्या-क्या भरा और क्यों ?
Ans. डायरी, कलर, रुमाल स्कूली किताबे, कंघी, पुरानी चुटिया भरी थी। वह इन सब चीजों को अपनी स्मृतियों के रूप में अपना साथ रखना चाहती थी।
(ङ) ‘काॅलेज ऑफ प्रीस्टस’ किसे कहा गया है ? इसका निर्माण क्यों हुआ होगा ?
Ans. धर्म और विज्ञान पर विचार विमर्श करने के लिए ही ‘काॅलेज आफ प्रीस्टस’ की स्थापना की गई थी।
10.(क) ‘अभिव्यक्ति और माध्यम’ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i) किसी समाचार संगठन के लिए निश्चित मानदेय के आधार पर काम करने वाले पत्रकार को क्या कहते हैं ?
Ans. अंशकालिक पत्रकार
(ii) मीडिया की भाषा में ‘बीट’ किसे कहते हैं ?
Ans. संवाददाता को उनकी रुचि व योग्यता के अनुसार काम का बटवारा करना ही बीट कहलाता है
(iii) रेडियो नाटक किस प्रकार का माध्यम है ?
Ans. श्रव्य माध्यम
(iv) समाचार लेखन में किस शैली का प्रयोग होता है ?
Ans. उल्टा पिरामिड शैली
(v) ऑल इण्डिया रेडियो की स्थापना कब हुई ?
Ana. 1936 में
(ख) कविता के प्रमुख घटकों का उल्लेख कीजिए।
Ans. कविता साहित्य की वह विधा है जिसमे मनोभावों को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छंदों कि श्रृंखलाओं में विधिवत बाँधी जाती हैं, को कविता कहा जाता हैं।
कविता के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं –
भाषा– भाषा को कविता का महत्वपूर्ण घटक माना गया है क्योंकि भाषा के माध्यम से कवि अपनी भावनाओं व संवेदनाओं को व्यक्त करता है।
शैली– शैली के द्वारा कवि अपनी संवेदनाओं को कविता के रूप में अभिव्यक्त करता है।
बिम्ब– बिम्ब का शाब्दिक अर्थ है शब्द चित्र। बिम्ब कविता का मूल आधार है व बिम्ब के बिना कविता की कल्पना नहीं की जा सकती। बिम्ब की सहायता से कवि कल्पना को साकार रूप प्रदान करता है।
छंद– छंद के द्वारा ही कविता को कविता का रूप प्रदान होता है । छंद के कारण कविता पद्य की श्रेणी में आती है।
अलंकार– अलंकार के द्वारा कविता को सौंदर्य प्राप्त होता है । अलंकार की सहायता से कविता को सजाया जाता है।
अथवा
समाचार कैसे लिखा जाता है ? स्पष्ट कीजिए।
Ans. समाचार लिखना एक तकनिकी कला है। किसी भी व्यक्ति को समचार लिखने के लिए तकनीक को समझना अनिवार्य है। अगर आपके पास विषय की पूरी जानकारी नहीं है और विषय को समझनी की काबिलयत नहीं है तो आप प्रभावी रुप से समाचार नहीं लिख सकते है। इसके लिए आपके पास विषय के बारे में प्रर्याप्त जानकारी होना और जानकारी को प्रदर्शित करने का हुनर होना आवश्यक है। समाचारों में किसी भी व्यक्ति की लंबी-लंबी प्रशंसा न भरें। समाचार लिखना सामाजिक रूप से कड़े उत्तरदायित्व का काम है इसलिए समाचार का संतुलित और पक्षपातरहित होना आवश्यक है। समाचार लेखक को ध्यान रखना चाहिए कि वे समाचार लिख रहे हैं कोई निबंध नहीं, तदनुसार एक समाचार को किसी भी हाल में 1000 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए।
समाचार, लेखन की सबसे लोकप्रिय शैली है। उल्टा पिरामिड। इसके तीन अंग हैं- इंट्रो, बॉडी व समापन।
इंट्रो या लीड या मुखड़ा– उल्टा पिरामिड शैली में समाचार लेखन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इंट्रो या लीड या मुखड़ा लेखन है। इंट्रो समाचार का पहला पैराग्राफ होता है, जहां से कोई समाचार शुरू होता है। इंट्रो के आधार पर ही समाचार की गुणवत्ता का निर्धारण होता है। एक आदर्श इंट्रो में किसी समाचार की सबसे महत्वपूर्ण सूचना आ जानी चाहिये और उसे किसी भी हालत में 35 से 50 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिये। किसी इंट्रो में मुख्यतः छह सवाल का जवाब देने की कोशिश की जाती है क्या हुआ, किसके साथ हुआ, कहां हुआ, हुआ, कब क्यों और कैसे हुआ है। आमतौर पर माना जाता है कि एक आदर्श इंट्रो में सभी छह ककार का जवाब देने के बजाये किसी एक इंट्रो को प्राथमिकता देनी चाहिये। उस एक ककार के साथ एक दो ककार दिये जा सकते हैं।
बॉडी– समाचार लेखन की उल्टा पिरामिड लेखन शैली में मुखड़े में उल्लिखित तथ्यों की व्याख्या और विश्लेषण समाचार की बॉडी में होती है। किसी समाचार लेखन का आदर्श नियम यह है कि किसी समाचार को ऐसे लिखा जाना चाहिये, जिससे अगर वह किसी भी बिन्दु पर समाप्त हो जाये तो उसके बाद के पैराग्राफ में ऐसा कोई तथ्य नहीं रहना चाहिये, जो उस समाचार के बचे हुऐ हिस्से की तुलना में ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो। अपने किसी भी समापन बिन्दु पर समाचार को पूर्ण, पठनीय और प्रभावशाली होना चाहिये। समाचार की बॉडी में छड़ ककारों में से दो क्यों और कैसे का जवाब देने की कोशिश की जाती है। कोई घटना कैसे और क्यों हुई. यह जानने के लिये उसकी पृष्ठभूमि, परिपेक्ष्य और उसके व्यापक संदर्भों को खंगालने की कोशिश की जाती है। इसके जरिये ही किसी समाचार के वास्तविक अर्थ और असर को स्पष्ट किया जा सकता है।
निष्कर्ष या समापन– समाचार का समापन करते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि न सिर्फ उस समाचार के प्रमुख तथ्य आ गये हैं बल्कि समाचार के मुखड़े और समापन के बीच एक तारतम्यता भी होनी चाहिये। समाचार में तथ्यों और उसके विभिन्न पहलुओं को इस तरह से पेश करना चाहिये कि उससे पाठक को किसी निर्णय या निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद मिले।
(ग) ‘परीक्षा के दिन’ विषय पर एक लेख लिखिए।
Ans. विद्यार्थी-जीवन में परीक्षाओं का सामना करना बिलकुल आम बात है। इसके बावजूद, किसी भी परीक्षा का कठिन दिन छात्रों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है। परीक्षा के कठिन दिन का सामना करना बहुत डरावना होता है। हमलोग बहुत घबराए रहते हैं। हमने जो पढ़ा या याद किया उस हर चीज को बार-बार दोहराना चाहते हैं। हमलोग प्रश्न-पत्र के बारे में सोचते रहते हैं। उनका विश्वास रहता है कि यदि वे पहले दिन अच्छा करेंगे तो वे परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते है। इसलिए परीक्षा का कठिन दिन भयानक लगता है। कुछ छात्र परीक्षाओं के कठिन दिन के पहले की रात सो नहीं पाते। बोर्ड-परीक्षा का मेरा परीक्षा का कठिन दिन भी ऐसा ही था।
परीक्षा के दिन परीक्षार्थी के लिए बड़े कठिन होते हैं । इन दिनों परीक्षार्थी अपनी समस्त शक्ति अध्ययन की ओर केन्द्रित कर एकाग्रचित होकर सम्भावित प्रश्नों को कंठस्थ करने के लिए लगा देता है। ये दिन उसके लिए परीक्षा देवो को प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान करने के दिन हैं, गृहकार्यों से मुक्ति, खेल-तमाशों से छुट्टी और मित्रों- साथियों से दूर रहने के दिन हैं।
परीक्षा परीक्षार्थी के लिए भूत है। भूत जिस पर सवार हो जाता है उसकी रातों की नींद हराम हो जाती है, दिन की भूख गायब हो जाती है और घर में सगे-सम्बन्धियों का आना बुरा लगता है। दूरदर्शन के मनोरंजक कार्यक्रम, मनपसन्द एपीसोड, चित्रहार आदि समय नष्ट करने के माध्यम लगते हैं।
परीक्षा के इन कठिन दिनों में परीक्षा-ज्वर (बुखार) चढ़ा होता है, जिसका तापमान परीक्षा-भवन में प्रवेश करने तक निरन्तर चढ़ता रहता है और प्रश्न-पत्र हल करके परीक्षा-भवन से बाहर आने पर ही सामान्य होता है। फिर अगले विषय की तैयारी का स्मरण होते है। ज्वरग्रस्त परीक्षार्थी निरन्तर विश्राम न कर पाने की पीड़ा से छटपटाता है। परीक्षाज्वर से ग्रस्त परीक्षार्थी क्रोधी बन जाता है, चिन्ता देकर उसके स्वास्थ्य को चौपट कर देती है।
अथवा
फीचर से आप क्या समझते हैं ? यह कैसे लिखा जाता है ?
Ans. फीचर एक सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देने के साथ-साथ शिक्षित करना व मनोरंजन करना भी है। फीचर लिखते समय उसमें विषय से जुड़े पात्रों की मौजूदगी, उस विषय के पहलुओं को सामने लाना है।
एक कहानी, एक उपन्यास की तरह फीचर लेखन कुछ बिंदुओं पर आधारित है – शुरुआत, मध्य, चरमोत्कर्ष, अंत, भाषा शैली, नेता और निष्कर्ष। फीचर लेखन की शुरुआत एक घटना, यात्रा आदि पर आधारित होती है। शुरुआत में पाठक को कुछ ऐसी घटना का उल्लेख करना चाहिए ताकि पाठक के मन में पूरा लेख पढ़ने की उत्सुकता बनी रहे।
फीचर लेखन की भाषा सरल, रचनात्मक और आकर्षक है, लेकिन समाचार की भाषा सपाट है। सुविधा में अधिकतम शब्द सीमा नहीं है। ये आमतौर पर 250 शब्दों से लेकर 500 शब्दों तक के होते हैं, जबकि समाचार की एक शब्द सीमा होती है। किसी फीचर का विषय कुछ भी हो सकता है| फीचर एक विशिष्ट घटना, व्यक्ति, पशु, तीज-त्योहार, दिन, स्थान, प्रकृति-पर्यावरण से संबंधित व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित एक विशिष्ट लेख है, जो समाचार पत्रों में प्रकाशित, मनोरंजक और आकर्षक शैली में कल्पनाशील और रचनात्मक कौशल के साथ प्रस्तुत किया गया है।
11.(क)(i) निम्नलिखित का सन्धि-विच्छेद कीजिए :
एकैक =
Ans. एक + एक
षण्मास =
Ans. षट् + मास
(ii) निम्नलिखित की सन्धि कीजिए-
यथा + इष्ट =
Ans. यथेष्ट
(ख)(i) द्वंद्व समास की परिभाषा सोदाहरण दीजिए।
Ans. जिस समास में दोनों ही पद प्रधान हो, वह द्वंद्व समास होता है। जैसे- माता-पिता = माता और पिता
(ii) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए-
साफ-साफ =
Ans. बिल्कुल साफ (अव्ययीभाव समास)
(ग) उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा सोदाहरण दीजिए।
Ans. जहां उपमेय में उपमान की संभावना या कल्पना की जाए वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। जैसे- ले चला साथ मै तुझे कनक।
(घ) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए-
(i) छुट्टी होने तक पाठ को दोबारा दोहराते रहिये।
Ans. छुट्टी होने तक पाठ को दोहराते रहिये।
(ii) निराला की कुछ रचनाओं का प्रगतिवाद स्वर है।
Ans. निराला की कुछ रचनाएं प्रगतिवादी है।