HBSE Class 12 History SAT-1 Question Paper 2025 Answer Key

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HBSE Class 12 History SAT-1 Question Paper 2025 Answer Key

Instructions :
• All questions are compulsory.
• Questions (1-10) carry 1 mark each.
• Questions (11-15) carry 3 marks each.
• Question (16) source based, carry 4 marks.
• Question (17) carry 6 marks.
• Question (18) map, carry 5 marks.

1. निम्नलिखित में से कौन-सी इमारत हड़प्पा संस्कृति से संबंधित नहीं है?
(A) स्नानागार
(B) विशाल गोदाम
(C) अन्न भंडार
(D) पिरामिड
उत्तर – (D) पिरामिड

2. कुरु जनपद की राजधानी थी :
(A) वैशाली
(B) इंद्रप्रस्थ
(C) श्रावस्ती
(D) राजगृह
उत्तर – (B) इंद्रप्रस्थ

3. महाभारत का युद्ध किस स्थान पर हुआ था?
(A) इंद्रप्रस्थ
(B) कुरुक्षेत्र
(C) वैशाली
(D) राजगृह
उत्तर – (B) कुरुक्षेत्र

4. भगवान बुद्ध को सच्चा ज्ञान कहाँ प्राप्त हुआ?
(A) लुंबिनी
(B) कुशीनगर
(C) सारनाथ
(D) बोधगया
उत्तर – (D) बोधगया

5. मनुस्मृति का संकलन लगभग ………. के बीच हुआ था?
उत्तर – 200 ईसा पूर्व से 200 ईस्वी

6. पंच अणुव्रत का संबंध …………. धर्म से है।
उत्तर – जैन धर्म

7. हड़प्पा सभ्यता के लोग किस जानवर की पूजा करते थे?
उत्तर – एक सींग वाला बैल (यूनिकॉर्न)

8. कौटिल्य (चाणक्य) ने कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक लिखी थी?
उत्तर – अर्थशास्त्र

9. अशोक के अधिकांश शिलालेख किस लिपि में लिखे गए हैं?
उत्तर – ब्राह्मी लिपि

10. कथन (A) : महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था।
कारण (R) : यह युद्ध सत्ता और संसाधन प्राप्त करने के लिए लड़ा गया था।
(A) A और R दोनों सही हैं और R, A की सही व्याख्या है।
(B) A और R दोनों सही हैं और R, A की सही व्याख्या नहीं है।
(C) A सही हैं और R सही नहीं है।
(D) R सही हैं और A सही नहीं है।
उत्तर – (a) A और R दोनो सही हैं और R, A की सही व्याख्या है।

11. महाभारत के महत्त्व पर प्रकाश डालें।
उत्तर – महाभारत केवल एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दस्तावेज भी है। इसमें प्राचीन भारतीय समाज की राजनीति, धर्म, युद्ध, नैतिकता और पारिवारिक संबंधों का चित्रण है। यह ग्रंथ जीवन के सभी पहलुओं को दर्शाता है और आज भी नैतिक शिक्षा का स्रोत है।

12. कौटिल्य के अर्थशास्त्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर – अर्थशास्त्र, कौटिल्य (चाणक्य) द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध ग्रंथ है, जिसमें शासन-प्रणाली, अर्थव्यवस्था, कर व्यवस्था, युद्धनीति, गुप्तचर व्यवस्था और कानून के सिद्धांत बताए गए हैं। यह ग्रंथ मौर्य साम्राज्य की प्रशासनिक रीति का महत्वपूर्ण स्रोत है।

13. धर्म चक्र प्रवर्तन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – धर्मचक्र प्रवर्तन का अर्थ है धर्म के चक्र को गति देना। यह घटना बुद्ध द्वारा सारनाथ में अपने पांच शिष्यों को प्रथम उपदेश देने से जुड़ी है, जिसे “धम्मचक्कप्पवत्तन सुत्त” कहा जाता है।

14. मोहन-जोदड़ो नगर की मुख्य विशेषताएं क्या थी?
उत्तर – (i) सुनियोजित नगर योजना
(ii) पक्की ईंटों से बनी इमारतें
(iii) विशाल स्नानागार
(iv) जल निकासी की उन्नत व्यवस्था
(v) अनाज भंडार और बाजार व्यवस्था

15. अशोक के “धम्म” के प्रमुख सिद्धांत लिखिए।
उत्तर – सभी प्राणियों के प्रति करुणा
• अहिंसा का पालन
• सत्य और ईमानदारी
• सहिष्णुता और धार्मिक सद्भाव
• प्रजा के कल्याण के लिए कार्य

16. SOURCE BASED : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
जिस प्रकार बुद्ध की शिक्षाओं को उनके अनुयायियों द्वारा संकलित किया गया था, उसी प्रकार महावीर की शिक्षाओं को भी उनके शिष्यों द्वारा प्रतिपादित किया गया था। ये अक्सर कहानियों के रूप में होते थे, जो आम लोगों को पसंद आ सकते थे। यहां उत्तराध्ययन सुत्त नामक प्राकृत पाठ का एक उदाहरण दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि कैसे कमलावती नाम की एक रानी ने अपने पति को दुनिया छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की थी। यदि सारी दुनिया और उसके सारे खजाने आपके होते, तो आप संतुष्ट नहीं होते, न ही यह सब आपको बचा पाते। जब आप मरेंगे, हे राजा, और सब कुछ पीछे छोड़ देंगे, केवल धम्म, और कुछ नहीं, तो आप बच जायेंगे। जिस तरह पक्षी को पिंजरे से नफरत है, उसी तरह मुझे दुनिया से नफरत है। मैं बिना बच्चों के, बिना इच्छा के, बिना प्रेम के बिना लाभ के और बिना घृणा के नन के रूप में रहूंगी… जिन्होंने सुखों का आनंद लिया है और उन्हें त्याग दिया है, वे हवा की तरह इधर-उधर घूमते रहते हैं, और जहां भी जाते हैं वहां चले जाते हैं। कृपया अपनी उड़ान में पक्षियों की तरह अनियंत्रित रहें… अपना बड़ा राज्य छोड़ दें… जो इंद्रियों को प्रसन्न करता है उसे छोड़ दें, आसक्ति और संपत्ति से रहित हो जाएं, फिर ऊर्जा के प्रति स्थिर रहकर कठोर तपस्या करें।
(I) उस व्यक्ति की पहचान करें जिसने राजा को संसार त्यागने के लिए प्रेरित किया?
उत्तर – रानी कमलावती

(II) हे राजन, केवल धम्म और कुछ भी तुम्हें नहीं बचाएगा। “धम्म” शब्द का क्या अर्थ है और शिष्य किसकी शिक्षाओं का पालन केरता है?
उत्तर – “धम्म” का अर्थ है नैतिक आचरण, सत्य, धर्म और अहिंसा का पालन। शिष्य, महावीर की शिक्षाओं का पालन करता है।

(III) निम्नलिखित कथन “अपनी उड़ान में पक्षियों की तरह अनियंत्रित…” महावीर के शिष्य द्वारा किस संदर्भ में कहा गया था?
उत्तर – यह कथन संसार की मोह-माया छोड़कर विरक्त जीवन अपनाने के संदर्भ में कहा गया था।

17. “हड़प्पा सभ्यता की सबसे अनोखी विशेषता शहरी केंद्रों का विकास था।” व्याख्या करना।
उत्तर – हड़प्पा सभ्यता (सिंधु घाटी सभ्यता) की सबसे बड़ी विशेषता इसका सुनियोजित शहरी जीवन था। उस समय दुनिया की अन्य सभ्यताओं की तुलना में यहाँ का नगर नियोजन अत्यधिक उन्नत और व्यवस्थित था।
मुख्य बिंदु :
(i) सुनियोजित नगर योजना – शहर ग्रिड प्रणाली (सीधी काटने वाली सड़कों) पर बने थे, जिनमें मुख्य सड़कें व गलियां समकोण पर मिलती थीं।
(ii) पक्की ईंटों का उपयोग – सभी इमारतें और सड़कें समान आकार की पक्की ईंटों से बनी थीं, जो मजबूती और टिकाऊपन दर्शाती हैं।
(iii) उन्नत जल निकासी व्यवस्था – हर घर से नालियां मुख्य नालियों से जुड़ी थीं, और इन नालियों को पक्की ईंटों से ढका गया था।
(iv) सार्वजनिक भवन – मोहनजोदड़ो का विशाल स्नानागार, हड़प्पा का अनाज भंडार, और सभा भवन शहरी जीवन की उन्नति को दर्शाते हैं।
(v) व्यापार और बाजार व्यवस्था – नगरों में अलग-अलग बाजार क्षेत्र और गोदाम बने थे, जो व्यापारिक गतिविधियों को दर्शाते हैं।
(vi) सामाजिक संगठन और प्रशासन – इतनी सुनियोजित व्यवस्था के लिए सक्षम प्रशासन और संगठित समाज का होना आवश्यक था।

अथवा

हड़प्पा की खोज में विभिन्न पुरातत्वविदों की भूमिका बताइए।
उत्तर – विभिन्न पुरातत्वविदों की भूमिका :
(i) दयाराम साहनी – 1921 में हड़प्पा में खुदाई शुरू की और इस स्थल से महत्वपूर्ण कलाकृतियों और संरचनाओं की खोज की, जिससे हड़प्पा सभ्यता की शहरी संस्कृति का पता चला।
(ii) राखल दास बनर्जी – 1922 में मोहनजोदड़ो में खुदाई की और इस स्थल से भी महत्वपूर्ण कलाकृतियों और संरचनाओं की खोज की, जिससे हड़प्पा सभ्यता की एक और महत्वपूर्ण शहरी केंद्र का पता चला।
(iii) सर जॉन मार्शल – भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक के रूप में, उन्होंने 1924 में सिंधु घाटी सभ्यता की खोज की घोषणा की और इस सभ्यता के अध्ययन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
(iv) मार्टिमर व्हीलर – 1944 में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक के रूप में, उन्होंने हड़प्पा और मोहनजोदड़ो में खुदाई का नेतृत्व किया और इन स्थलों की समझ में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
(v) अर्नेस्ट मैके – मोहनजोदड़ो में खुदाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सभ्यता के कई पहलुओं का पता लगाया।

18. दिए गए रेखा मानचित्र में निम्नलिखित स्थानों को दर्शाइए :
(I) हड़प्पा सभ्यता का वह स्थल जहाँ एक विशाल स्नानागार मिला है (मोहन जोदड़ो)
(II) वह स्तूप जिसे भोपाल की बेगमों ने संरक्षित किया था (भोपाल)
(III) हरियाणा में सरस्वती सभ्यता का एक प्रमुख स्थल (राखीगढ़ी – हिसार)
(IV) अजंता, एक बौद्ध स्थल (महाराष्ट्र)
(V) कालीबंगा, एक हड़प्पा स्थल (राजस्थान)
उत्तर –