Haryana Board (HBSE) Class 12 Accountancy Question Paper 2024 Answer Key. BSEH (Board of School Education Haryana) Class 12 Accountancy Answer Key 2024. HBSE (Haryana Board of School Education) Class 12 Accountancy Solved Question Paper 2024. BSEH Class 12 Account Paper 2024 Solution. Download PDF and check accurate answers carefully prepared through my personal understanding, subject knowledge, and dedication to help students based on the syllabus and exam pattern.
HBSE Class 12 Accountancy Question Paper 2024 Answer Key
PART – A
(साझेदारी फर्मों और कंपनियों के लिए लेखांकन)
(Accounting for Partnership Firms & Companies)
1. निम्न में से कौन-सी मद लाभ-हानि नियोजन खाते में नहीं लिखी जाती?
(A) साझेदार का वेतन
(B) आहरण पर ब्याज
(C) साझेदार द्वारा दिए गए ऋण पर ब्याज
(D) साझेदार का कमीशन
उत्तर – (C) साझेदार द्वारा दिए गए ऋण पर ब्याज
2. साझेदार के अवकाश ग्रहण पर ख्याति की राशि कौन-से खाते में क्रेडिट की जाती है?
(A) सभी साझेदारों के पूँजी खाते में
(B) अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदार के पूँजी खाते में
(C) शेष साझेदारों के पूँजी खाते में
(D) सरकार के खाते में
उत्तर – (B) अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदार के पूँजी खाते में
3. साझेदारी फर्म का समापन होने पर सबसे अंत में कौन-सा खाता बनाया जाता है?
(A) वसूली खाता
(B) साझेदारों का ऋण खाता
(C) रोकड़ खाता
(D) साझेदारों का पूँजी खाता
उत्तर – (D) साझेदारों का पूँजी खाता
4. एक साझेदार ने फर्म को ₹ 2,00,000 का ऋण दिया। साझेदारी संलेख के अभाव में ऋण पर ब्याज होगा :
(A) ₹ 12,000
(B) ₹ 1,200
(C) ₹ 6,000
(D) ₹ 24,000
उत्तर – (A) ₹ 12,000
साझेदारी संलेख के अभाव में, भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 के अनुसार साझेदार द्वारा फर्म को दिए गए ऋण पर 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज दिया जाता है।
ब्याज = ₹ 2,00,000 × 6/100 = ₹ 12,000
5. पूँजी संचय ………….. लाभ से बनाया जाता है।
उत्तर – पूँजीगत
6. अभिकथन (A) : जब व्यवसाय में नया साझेदार शामिल होता है, तब पुनर्मूल्यांकन खाता बनाया जाता है।
कारण (R) : नए साझेदार के प्रवेश के लिए सभी साझेदारों की सहमति आवश्यक है।
विकल्प :
(A) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), अभिकथन (A) का सही कारण है।
(B) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), अभिकथन (A) का सही कारण नहीं है।
(C) केवल कारण (R) सही है।
(D) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर – (B) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), अभिकथन (A) का सही कारण नहीं है।
7. परिवर्तनशील ऋणपत्र से क्या आशय है?
उत्तर – परिवर्तनशील ऋणपत्र से आशय ऐसे ऋणपत्र से है जिन्हें एक निश्चित अवधि के बाद या निर्धारित शर्तों के अनुसार कंपनी के शेयरों में बदला जा सकता है।
8. अंशों के अति-अभिदान से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – अंशों का अति-अभिदान से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जिसमें किसी कंपनी द्वारा जारी किए गए अंशों (Shares) के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या, कंपनी द्वारा प्रस्तावित अंशों की संख्या से अधिक होती है।
9. अभिकथन (A) : साझेदार की पत्नी से लिया गया ऋण वसूली खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
कारण (R) : साझेदार की पत्नी से लिया गया ऋण तीसरे पक्ष के ऋण के रूप में नहीं माना जाता है, बल्कि इसे स्वयं साझेदार से लिए गए ऋण के रूप में माना जाता है।
विकल्प :
(A) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), अभिकथन (A) का सही कारण है।
(B) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), अभिकथन (A) का सही कारण नहीं है।
(C) केवल अभिकथन (A) सही है।
(D) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर – (C) केवल अभिकथन (A) सही है।
10. किसी फर्म के विघटन के समय, यदि कोई साझेदार फर्म की संपत्ति लेता है, तो इसे वसूली खाते के …………… पक्ष में लिखा जाएगा।
उत्तर – डेबिट पक्ष में
11. नकदी के अतिरिक्त प्रतिफल हेतु ऋणपत्र निर्गमित करने पर निम्नलिखित जर्नल प्रविष्टि पारित की जाएगी :
| संपत्ति खाता नाम …………. से (संपत्ति खरीदी गई) |
| संपत्ति खाता नाम …………. से …………. से (ऋण पत्र प्रीमियम पर जारी किए) |
रिक्त स्थान भरकर उपरोक्त जर्नल प्रविष्टियों को पूरा करें।
उत्तर – पहली प्रविष्टि में ‘नकद खाता’ या ‘बैंक खाता’ आयेगा।
दूसरी प्रविष्टि में ‘ऋण पत्र खाता’ और ‘ऋणपत्र निर्गमन प्रीमियम खाता’ आयेगा।
अथवा
अंशों के हरण के लिए जर्नल प्रविष्टि कीजिए यदि अंतिम याचना के 30 रु० न देने पर 100 रु० वाले 300 अंशों का हरण किया गया हो। अंश सममूल्य पर जारी किए गए थे।
उत्तर – शेयर का मूल मूल्य = ₹ 100
कॉल की राशि = ₹ 30
कुल शेयर = 300
कुल कॉल बकाया = 300 × 30 = ₹ 9,000
जब शेयर forfeit होते हैं :
Share Capital A/c में पूरे शेयर का सममूल्य (300 × 100 = ₹ 30,000) डेबिट किया जाएगा।
Share Final Call A/c (बकाया) = ₹ 9,000 क्रेडिट होगा।
Forfeited Shares A/c (पहले प्राप्त राशि) = ₹ 21,000 क्रेडिट होगा।
12. रोहित और मोहित एक व्यवसाय में साझेदार हैं जो लाभ को 5 : 3 के अनुपात में बाँटते हैं। वे लाभ में 1/7 भाग के लिए बिजॉय को एक नए साझेदार के रूप में स्वीकार करते हैं। नया लाभ अनुपात 4 : 2 : 1 होगा। रोहित और मोहित के त्याग अनुपात की गणना करें।
उत्तर – पुराना अनुपात, रोहित : मोहित = 5 : 3
कुल = 3 + 5 = 8 हिस्से
रोहित का हिस्सा = 5/8
मोहित का हिस्सा = 3/8
नया अनुपात, रोहित : मोहित : बिजॉय = 4 : 2 : 1
कुल = 4 + 2 + 1 = 7 हिस्से
रोहित = 4/7
मोहित = 2/7
बिजॉय = 1/7
त्याग = पुराना हिस्सा – नया हिस्सा
रोहित का त्याग = 5/8 – 4/7 = 3/56
मोहित का त्याग = 3/8 – 2/7 = 5/56
त्याग अनुपात, रोहित : मोहित = 3/56 : 5/56 = 3 : 5
13. एक साझेदारी फर्म का पुनर्गठन किन-किन दशाओं में हो सकता है?
उत्तर – (i) नए साझेदार का प्रवेश
(ii) किसी साझेदार की सेवानिवृत्ति या मृत्यु
(iii) लाभ अनुपात में परिवर्तन
14. बकुल, चंपक और दर्शन एक फर्म में 5 : 4 : 1 के अनुपात में साझेदार थे। 31 मार्च, 2017 को समाप्त वर्ष के लिए फर्म का लाभ 1,00,000 रुपये था। 30 जून, 2017 को चंपक की मृत्यु हो गई। बकुल और दर्शन ने भविष्य में लाभ को समान रूप से बाँटने का निर्णय लिया। 1 अप्रैल से 30 जून, 2017 तक की अवधि के लिए चंपक के लाभ के हिस्से की गणना करें। चंपक को दिए जाने वाले लाभ के इस हिस्से के लिए साझेदारी फर्म की पुस्तकों में आवश्यक जर्नल प्रविष्टि भी करें।
उत्तर – कुल वार्षिक लाभ = ₹ 1,00,000
साझेदार अनुपात = बकुल : चंपक : दर्शन = 5 : 4 : 1
अवधि = 1 अप्रैल से 30 जून = 3 महीने
वर्ष = 12 महीने
सर्वप्रथम 1 अप्रैल से 30 जून के लिए प्रोपोर्श्नल लाभ =
दैनिक/मासिक अनुपात से = 3/12 × 1,00,000 = ₹ 25,000
चंपक का कुल हिस्सा (पुराने अनुपात के अनुसार) = कुल भागों में चंपक = 1 (कुल = 5 + 4 + 1 = 10)
चंपक का भाग = 1/10
अतः चंपक को मिलने वाला लाभ = ₹ 25,000 × 1/10 = ₹ 2,500
अथवा
साझेदारी संलेख के अभाव में, निम्न से संबंधित नियम लिखें :
(i) पूँजी पर ब्याज
उत्तर – पूँजी पर किसी भी प्रकार का ब्याज देय नहीं होगा।
(ii) लाभ और हानि का बँटवारा
उत्तर – लाभ और हानि सभी साझेदारों में बराबर-बराबर बाँटे जाएँगे, चाहे उनकी पूँजी या अनुपात कुछ भी हो।
(iii) आहरण पर ब्याज
उत्तर – आहरण पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा।
(iv) साझेदार को वेतन
उत्तर – किसी भी साझेदार को वेतन/कमिशन देय नहीं होगा।
15. साझेदारी की विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर – (i) न्यूनतम दो सदस्य – साझेदारी कम से कम दो व्यक्तियों से बनती है।
(ii) सहमति का आधार – साझेदारी आपसी अनुबंध/सहमति पर आधारित होती है (मौखिक या लिखित)।
(iii) लाभ-हानि का बाँटवारा – साझेदार आपस में तय अनुपात (या संलेख न होने पर बराबर) में लाभ और हानि बाँटते हैं।
(iv) संयुक्त प्रबंधन – सभी साझेदार प्रबंधन का अधिकार रखते हैं, हालाँकि कोई एक भी संचालित कर सकता है।
16. मॉडर्न टूर्स एण्ड ट्रैवल्स के एक भागीदार जॉन इब्राहिम ने अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए 31 मार्च, 2020 को समाप्त होने वाले वर्ष के दौरान अपने पूँजी खाते से पैसे निकाले। निम्नलिखित वैकल्पिक स्थितियों में से प्रत्येक में आहरण पर ब्याज की गणना करें, यदि ब्याज दर 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष है :
(i) यदि उसने महीने की शुरूआत में प्रतिमाह 3,000 रुपये निकाले।
उत्तर – हर महीने की शुरुआत में निकासी का अर्थ: पहले महीने के लिए राशि पूरे 12 महीनों के बराबर प्रभावी, दूसरे महीने के लिए 11 महीने, … आखिरी महीने के लिए 1 महीना।
अतः months-weight = 12 + 11 + 10 + … + 1 = 78
रु-महीने = 3,000 × 78 = 234,000 (रु-महीने का योग)
वर्ष के सामान राशि = 234,000 ÷ 12 = 19,500 (रु-वर्ष)
ब्याज = 19,500 × 0.09 = ₹ 1,755
(ii) यदि उसके द्वारा प्रत्येक माह के अंत में 3,000 रुपये की राशि निकाली गई हो।
उत्तर – इस स्थिति में पहले निकासी के प्रभाव महीने के अंत से अगले वर्ष के अंत तक 11 महीने रहेगा, दूसरे का 10 महीने, … आखिरी का 0 महीने।
अतः months-weight = 11 + 10 + … + 0 = 66
रु-महीने = 3,000 × 66 = 198,000
वर्ष के सामान राशि = 198,000 ÷ 12 = 16,500
ब्याज = 16,500 × 0.09 = ₹ 1,485
(iii) यदि निकाली गई राशि थी : 1 जून, 2019 को 12,000 रुपये और 31 जनवरी, 2020 को 6,000 रुपये।
उत्तर – 1 जून 2019 से 31 मार्च 2020 तक अवधि = जून से मार्च = 10 महीने
प्रभावी वर्ष-राशि = 12,000 × (10/12) = ₹ 10,000
31 जनवरी 2020 से 31 मार्च 2020 तक अवधि = फरवरी + मार्च = 2 महीन
प्रभावी वर्ष-राशि = 6,000 × (2/12) = ₹ 1,000
कुल वार्षिक समतुल्य राशि = 10,000 + 1,000 = ₹ 11,000
ब्याज = 11,000 × 0.09 = ₹ 990
17. त्याग अनुपात तथा लाभ प्राप्ति अनुपात की तुलना करें।
उत्तर –
| त्याग अनुपात | लाभ प्राप्ति अनुपात |
| 1. यह वह अनुपात है जिसमें पुराने साझेदार अपना हिस्सा छोड़ते हैं। | 1. यह वह अनुपात है जिसमें साझेदार दूसरों का छोड़ा हुआ हिस्सा प्राप्त करते हैं। |
| 2. इसकी गणना = पुराना अनुपात – नया अनुपात | 2. इसकी गणना = नया अनुपात – पुराना अनुपात |
| 3. इसका प्रयोग नए साझेदार के प्रवेश या लाभ-हानि अनुपात में परिवर्तन के समय होता है। | 3. इसका प्रयोग साझेदार के त्याग, सेवानिवृत्ति या मृत्यु के समय होता है। |
| 4. त्याग करने वाले साझेदार को गुडविल या मुआवजा मिलता है। | 4. लाभ पाने वाले साझेदार गुडविल या मुआवजा चुकाते हैं। |
18. साझेदारी फर्म के विघटन की स्थिति में खातों के निपटान का क्रम बताएँ।
उत्तर – निपटान का क्रम (Order of Settlement of Accounts) :
1. फर्म के परिसमापन व्यय (Realisation Expenses) – सबसे पहले विघटन से संबंधित खर्चे चुकाए जाते हैं।
2. बाहरी देनदार (Outside Liabilities) – इसके बाद फर्म के बाहरी लेनदारों (जैसे- उधारदाता, लेनदार, बिल्स पेयेबल आदि) को भुगतान किया जाता है।
3. साझेदारों द्वारा दिए गए ऋण (Partners’ Loan) – अगर किसी साझेदार ने फर्म को ऋण दिया है, तो उसे वापस किया जाता है।
4. साझेदारों की पूंजी (Partners’ Capital) – ऋण चुकाने के बाद साझेदारों की पूंजी वापस की जाती है।
5. शेष राशि का वितरण (Distribution of Surplus) – अगर सभी दायित्व चुकाने के बाद भी कुछ शेष बचता है, तो उसे साझेदारों में उनके लाभांश अनुपात (Profit-sharing ratio) के अनुसार बाँट दिया जाता है।
19. अंश एवं ऋणपत्र में अन्तर बताइए।
उत्तर –
| अंश (Share) | ऋणपत्र (Debenture) |
| 1. यह किसी कंपनी की स्वामित्व पूँजी का भाग है। | 1. यह कंपनी की उधार ली गई पूँजी का साधन है। |
| 2. अंशधारक कंपनी के मालिक कहलाते हैं। | 2. ऋणपत्रधारक कंपनी के ऋणदाता कहलाते हैं। |
| 3. उन्हें लाभांश मिलता है, जो लाभ पर निर्भर करता है। | 3. उन्हें निश्चित दर से ब्याज मिलता है, चाहे लाभ हो या हानि। |
| 4. मतदान का अधिकार होता है। | 4. मतदान का अधिकार नहीं होता। |
| 5. अंश वापस नहीं किए जाते, केवल बेचे जा सकते हैं। | 5. ऋणपत्र नियत अवधि पर वापस किए जाते हैं। |
| 6. अंशधारक को जोखिम और लाभ दोनों होते हैं। | 6. ऋणपत्रधारक को केवल निश्चित ब्याज मिलता है, लाभ-हानि से सम्बन्ध नहीं। |
अथवा
निम्नलिखित के लिए जर्नल प्रविष्टियाँ करें :
(i) 100 रु० प्रत्येक पर 1,00,000 रु० के 9% ऋणपत्र सममूल्य पर निर्गमित और सममूल्य पर शोधनीय।
उत्तर – ऋणपत्रों की संख्या = 1,00,000 ÷ 100 = 1,000
जर्नल प्रविष्टि :
बैंक खाता …………….. डा. 1,00,000
टू 9% डिबेंचर खाता ……………. 1,00,000
(1,000 डिबेंचर 100 रु० प्रत्येक के सममूल्य पर निर्गमित और सममूल्य पर शोधनीय होने पर प्रविष्टि)
(ii) 100 रु० प्रत्येक पर 1,00,000 रु० के 9% ऋणपत्र सममूल्य पर निर्गमित, लेकिन 5% के प्रीमियम पर शोधनीय।
उत्तर – शोधन प्रीमियम = 5% of 1,00,000 = 5,000 रु०
जर्नल प्रविष्टि :
बैंक खाता ……………………….. डा. 1,00,000
ऋणपत्र निर्गम पर हानि खाता ……….. डा. 5,000
टू 9% डिबेंचर खाता …………………… 1,00,000
टू डिबेंचर मोचन प्रीमियम खाता …………. 5,000
(डिबेंचर सममूल्य पर निर्गमित, परन्तु 5% प्रीमियम पर शोधनीय होने पर प्रविष्टि)
(iii) 100 रु० प्रत्येक पर 1,00,000 रु० के 9% ऋणपत्र 5% के प्रीमियम पर निर्गमित, 5% के प्रीमियम पर शोधनीय।
उत्तर – निर्गम मूल्य = 1,00,000 + 5% = 1,05,000 रु०
शोधन प्रीमियम = 5% of 1,00,000 = 5,000 रु०
जर्नल प्रविष्टि :
बैंक खाता ……………………….. डा. 1,05,000
ऋणपत्र निर्गम पर हानि खाता ……….. डा. 5,000
टू 9% डिबेंचर खाता …………………… 1,00,000
टू प्रतिभूति प्रीमियम खाता ……………. 5,000
टू डिबेंचर मोचन प्रीमियम खाता …………. 5,000
(डिबेंचर 5% प्रीमियम पर निर्गमित और 5% प्रीमियम पर शोधनीय होने पर प्रविष्टि)
20. विभिन्न प्रकार के शेयरों की व्याख्या करें, जिन्हें कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत जारी किया जा सकता है।
उत्तर – कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार मुख्यतः दो प्रकार के शेयर जारी किए जा सकते हैं :
(i) इक्विटी शेयर (Equity Shares) – इक्विटी शेयर कंपनी की मालिकाना पूँजी कहलाते हैं। इन पर लाभांश निश्चित नहीं होता, बल्कि लाभ होने पर ही दिया जाता है। इक्विटी शेयरधारकों को मतदान का अधिकार होता है और कंपनी के निर्णयों में भाग लेने का हक होता है। परिसमापन (winding up) की स्थिति में इन्हें भुगतान सबसे अंत में किया जाता है।
(ii) प्राथमिकता शेयर (Preference Shares) – प्राथमिकता शेयरधारकों को लाभांश और पूँजी की वापसी में इक्विटी शेयरधारकों से पहले अधिकार मिलता है। इन पर एक निश्चित दर से लाभांश दिया जाता है। सामान्यतः इन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता, लेकिन विशेष परिस्थितियों में यह अधिकार दिया जा सकता है। ये अलग-अलग प्रकार के होते हैं जैसे– संचयी, असंचयी, परिवर्तनीय, अपरिवर्तनीय और पुनःक्रय योग्य।
21. 1 जनवरी, 2015 को ‘X’ लिमिटेड के निदेशक ने 10 रुपये के 50,000 इक्विटी शेयर 12 रुपये प्रति शेयर पर जारी किए। ये इस प्रकार देय थे :
आवेदन पर 5 रुपये (2 रुपये प्रीमियम सहित),
आबंटन पर 4 रुपये, और
1 मई, 2015 को कॉल पर शेष राशि
सूचियाँ 10 फरवरी, 2015 को बंद कर दी गईं, जिस तारीख तक 70,000 शेयरों के लिए आवेदन प्राप्त हुए थे। प्राप्त नकदी में से 40,000 रुपये वापस कर दिए गए और 60,000 रुपये आबंटन पर देय राशि पर लगाए गए, जिसका शेष भुगतान 16 फरवरी, 2015 को किया गया।
500 शेयरों के आबंटन को छोड़कर सभी शेयरधारकों ने 1 मई, 2015 को देय कॉल का भुगतान कर दिया। इन 500 शेयरों को 29 सितंबर, 2015 को जब्त कर लिया गया और 1 नवंबर, 2015 को 8 रुपये प्रति शेयर पर पूर्ण भुगतान के रूप में फिर से जारी किया गया।
कंपनी, नीति के तहत, कॉल-इन-एरियर खाता नहीं रखती है।
‘X’ लिमिटेड की पुस्तकों में इन शेयर पूँजी लेनदेन को रिकॉर्ड करने के लिए जर्नल प्रविष्टियाँ करें।
उत्तर –
• आवेदन प्राप्त होने पर (70,000 आवेदन × ₹5 = ₹3,50,000)
बैंक खाता Dr. ₹ 3,50,000
To शेयर आवेदन खाता ₹ 3,50,000
(70,000 शेयरों के लिए आवेदन राशि प्राप्त)
• आवेदन राशि का निपटान (50,000 आवंटित शेयरों के लिए ₹ 2,50,000 आवेदन पूँजी में लागू, ₹ 60,000 आबंटन पर लगाया गया, ₹ 40,000 वापसी)
शेयर आवेदन खाता Dr. ₹ 3,50,000
To शेयर पूँजी खाता ₹ 2,50,000
To शेयर आबंटन खाता ₹ 60,000
To बैंक खाता (रिफंड) ₹ 40,000
(आवेदन राशि का निपटान)
• आबंटन देयता पर जब आबंटन को पूँजी में स्थानान्तरित किया जाए (50,000 × ₹4 = ₹ 2,00,000)
शेयर आबंटन खाता Dr. ₹ 2,00,000
To शेयर पूँजी खाता ₹ 2,00,000
(आबंटन देयता को पूँजी में स्थानान्तरित)
• 16 फ़रवरी, 2015 – आबंटन की शेष नकद प्राप्ति (₹1,40,000)
बैंक खाता Dr. ₹ 1,40,000
To शेयर आबंटन खाता ₹ 1,40,000
(आबंटन की शेष राशि प्राप्त)
• 1 मई, 2015 – कॉल देयता रिकॉर्ड करना (50,000 × ₹ 3 = ₹ 1,50,000)
शेयर कॉल खाता Dr. ₹ 1,50,000
To शेयर पूँजी खाता ₹ 1,50,000
(50,000 शेयरों पर कॉल ₹3 प्रति शेयर देय)
• 1 मई, 2015 – कॉल प्राप्ति (सभी ने भुगतान कर दिया सिवाय 500 शेयरों के) → प्राप्त = ₹ 1,48,500; बकाया = ₹ 1,500
बैंक खाता Dr. ₹ 1,48,500
To शेयर कॉल खाता ₹ 1,48,500
(कॉल received; 500 शेयरों के कॉल बकाया ₹ 1,500 रह गए)
• 29 सितम्बर, 2015 – 500 शेयरों का जब्ती (forfeiture) (500 × ₹10 = ₹ 5,000 nominal):
(इन 500 शेयरों पर पहले प्राप्त राशि = आवेदन ₹ 5 + आबंटन ₹ 4 = ₹ 9 प्रति शेयर ⇒ कुल ₹ 4,500; बकाया कॉल = ₹ 1,500)
शेयर पूँजी खाता Dr. ₹ 5,000
To शेयर फॉरफीचर खाता ₹ 4,500
To शेयर कॉल खाता ₹ 1,500
(500 शेयरों को कॉल न भरने पर जब्त किया गया)
• 1 नवम्बर, 2015 – जब्त 500 शेयरों का पुनः निर्गमन @ ₹8 प्रति शेयर (पूर्ण भुगतान):
(राशि प्राप्त = 500 × ₹8 = ₹ 4,000; पूँजी पर क्रेडिट = 500 × ₹10 = ₹ 5,000; शेष ₹ 1,000 पूँजी फोरफीचर से उपयोग)
बैंक खाता Dr. ₹ 4,000
शेयर फॉरफीचर खाता Dr. ₹ 1,000
To शेयर पूँजी खाता ₹ 5,000
(500 फॉरफाइटेड शेयर ₹8 पर पुनः निर्गमित)
(नोट: इस entry के बाद शेयर फॉरफीचर खाता में शेष क्रेडिट = ₹ 4,500 − ₹ 1,000 = ₹ 3,500 होगा जो कंपनी का realised gain on forfeiture रहेगा।)
अथवा
(a) उन उद्देश्यों का वर्णन करें जिनके लिए कोई कंपनी प्रतिभूति प्रीमियम की राशि का उपयोग कर सकती है।
उत्तर – कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 52(2) के अनुसार, प्रतिभूति प्रीमियम (Securities Premium) वह राशि है जो कंपनी द्वारा अंशों (Shares) या ऋणपत्रों (Debentures) को उनके अंकित मूल्य (Nominal Value) से अधिक मूल्य पर निर्गमित करने पर प्राप्त होती है। इस राशि का उपयोग कंपनी केवल विशिष्ट उद्देश्यों के लिए कर सकती है, जो निम्नलिखित हैं :
(i) पूरी तरह से चुकाए गए बोनस शेयर जारी करने में – अर्थात्, कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को बिना किसी भुगतान के अतिरिक्त शेयर दे सकती है।
(ii) अवितरित (या पूरी तरह से चुकाए गए) डिबेंचर या प्रेफरेंस शेयरों के प्रीमियम की अदायगी में – जब कंपनी ऐसे डिबेंचर या प्रेफरेंस शेयर वापस चुकाती है जिन पर प्रीमियम देय है, तो उस प्रीमियम का भुगतान प्रतिभूति प्रीमियम खाते से किया जा सकता है।
(iii) कंपनी के प्रारंभिक व्यय (Preliminary Expenses) या उसके निर्गम व्यय, छूट अथवा कमीशन को लिखने में – यानि शेयर या डिबेंचर जारी करते समय जो खर्च हुआ हो, उसे इस खाते से समायोजित किया जा सकता है।
(iv) पूरी तरह से चुकाए गए शेयरों के पुनर्खरीद (Buy-back) की राशि में – जब कंपनी अपने ही शेयर बाजार से वापस खरीदती है, तब उसके भुगतान हेतु भी इस खाते का उपयोग हो सकता है।
(b) उन शर्तों को स्पष्ट रूप से लिखें जिनके तहत कोई कंपनी छूट पर शेयर जारी कर सकती है।
उत्तर – कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अब किसी कंपनी को शेयरों को छूट (Discount) पर जारी करने की अनुमति नहीं है केवल स्वेट इक्विटी शेयर (Sweat Equity Shares) ही छूट पर जारी किए जा सकते हैं।
पहले के कंपनी अधिनियम, 1956 में कुछ शर्तों के तहत छूट पर शेयर जारी करने की अनुमति थी। वे शर्तें इस प्रकार थीं :
(i) छूट पर शेयर जारी करने के लिए कंपनी को निदेशक मंडल (Board of Directors) और कंपनी के सामान्य प्रस्ताव (Special Resolution) से अनुमति लेनी पड़ती थी।
(ii) कंपनी लॉ बोर्ड (अब NCLT) से इसकी स्वीकृति आवश्यक थी।
(iii) छूट दर (Rate of Discount) अधिकतम 10% तक ही हो सकती थी (विशेष स्वीकृति पर इससे अधिक भी संभव)।
(iv) कंपनी को छूट पर शेयर जारी करने से पहले कम से कम एक वर्ष पूरा होना चाहिए था।
(v) छूट पर जारी शेयर केवल सार्वजनिक इश्यू (Public Issue) के लिए ही दिए जा सकते थे, न कि निजी आवंटन (Private Placement) में।
(vi) कंपनी को निर्धारित समय (आमतौर पर दो माह के भीतर) में ऐसे शेयर जारी करने होते थे।
22. व्यवसाय में नए साझेदार के प्रवेश की स्थिति में ख्याति के लेखांकन की विभिन्न विधियों की व्याख्या करें।
उत्तर – व्यवसाय में नए साझेदार के प्रवेश की स्थिति में ख्याति (Goodwill) के लेखांकन की विभिन्न विधियों की व्याख्या नीचे है :
(i) प्रीमियम विधि (Premium Method / By Cash) – नए साझेदार द्वारा Goodwill की राशि नगद (Cash/Bank) में लाई जाती है। यह राशि पुराने साझेदारों में उनके त्याग अनुपात (Sacrificing Ratio) में बाँट दी जाती है।
(ii) पुनर्मूल्यांकन विधि (Revaluation Method / Hidden Goodwill) – कई बार नया साझेदार कोई Goodwill अलग से नहीं लाता, लेकिन उसका पूंजी अंशदान (Capital Contribution) देखने पर छिपी हुई Goodwill निकल आती है। इस स्थिति में अनुमानित पूंजी और वास्तविक पूंजी की तुलना करके Goodwill की गणना की जाती है और पुराने साझेदारों को उनका हिस्सा दिया जाता है।
(iii) त्याग अनुपात विधि (Sacrificing Ratio Method) – Goodwill की राशि सीधे पुराने साझेदारों के पूंजी खातों में त्याग अनुपात से दर्ज की जाती है। नए साझेदार द्वारा लाई गई राशि को नगद में फर्म में जमा किया जाता है और पुराने साझेदारों में बाँटी जाती है।
(iv) साझेदारों के बीच समायोजन विधि (Adjustment Method / By Partners’ Capital A/cs) – कभी-कभी नया साझेदार Goodwill की राशि नकद नहीं लाता। ऐसे में उसका हिस्सा पुराने साझेदारों के पूंजी खातों में समायोजित कर दिया जाता है।
(v) Goodwill को पुस्तकों में बनाए रखना / हटाना – यदि फर्म की पुस्तकों में पहले से Goodwill खाता मौजूद है, तो उसे पुराने और नए सभी साझेदारों के पूंजी खातों में नए लाभ अनुपात के अनुसार समायोजित किया जाता है। यदि Goodwill खाता हटाना हो तो इसे पुराने साझेदारों के पूंजी खातों से पुराने अनुपात में काटा जाता है।
अथवा
नीचे ‘ए’ और ‘बी’ की बैलेंस शीट दी गई है, जो 31.12.2016 को साझेदारी व्यवसाय चला रहे हैं। ‘ए’ और ‘बी’ 2 : 1 के अनुपात में लाभ और हानि साझा करते हैं :
| दायित्व | धनराशि (₹) | संपत्ति | धनराशि (₹) |
| देय बिल | 10,000 | हस्तस्थ नकद | 10,000 |
| लेनदार | 58,000 | बैंक में नकद | 40,000 |
| बकाया व्यय | 2,000 | विविध देनदार | 60,000 |
| पूँजी : | स्टॉक | 40,000 | |
| ‘ए’ 1,80,000 | संयंत्र | 1,00,000 | |
| ‘बी’ 1,50,000 | 3,30,000 | भवन | 1,50,000 |
| 4,00,000 | 4,00,000 |
‘सी’ को बैलेंस शीट की तारीख पर निम्नलिखित शर्तों पर एक साझेदार के रूप में स्वीकार किया गया है :
(i) ‘सी’ लाभ में 1/4 भाग के लिए अपनी पूँजी के रूप में 1,00,000 रु० और ख्याति के अपने हिस्से के रूप में 60,000 रु० लाएगा।
(ii) संयंत्र का मूल्य 1,20,000 रु० तक बढ़ाया जाना है और भवन का मूल्य 10% बढ़ाया जाना है।
(iii) स्टॉक का मूल्य 4,000 रुपये से अधिक पाया गया।
(iv) देनदारों के 5% पर अशोध्य और संदिग्ध ऋणों के लिए प्रावधान बनाया जाना है।
(v) 1,000 रुपये के लेनदारों का रिकॉर्ड नहीं था।
पुनर्मूल्यांकन खाता, साझेदारों के पूँजी खाते और फर्म की बैलेंस शीट तैयार करें।
उत्तर – खुद करे
PART – B
(वित्तीय विवरणों का विश्लेषण)
(Analysis of Financial Statements)
23. शुद्ध लाभ अनुपात की गणना करने का सूत्र …………… है।
उत्तर – शुद्ध लाभ अनुपात = (शुद्ध लाभ / शुद्ध बिक्री) × 100
24. परिचालन गतिविधियों से नकदी की गणना करते समय निम्नलिखित में से किसे शुद्ध लाभ में जोड़ा जाना चाहिए?
(A) मशीनरी की बिक्री पर लाभ
(B) चालू परिसंपत्तियों में वृद्धि
(C) फर्नीचर की बिक्री पर हानि
(D) वर्तमान देनदारियों में कमी
उत्तर – (C) फर्नीचर की बिक्री पर हानि
25. वित्तीय विवरण तैयार करने के कोई दो उद्देश्य लिखिए।
उत्तर – (i) व्यवसाय की वित्तीय स्थिति का पता लगाना
(ii) व्यवसाय के लाभ या हानि का पता लगाना
(iii) निर्णय लेने में सहायता
26. अभिकथन (A) : तरलता अनुपात का सबसे बड़ा दोष यह है कि ये विण्डो ड्रेसिंग (ऊपरी दिखावट) के लिए खुले हैं।
कारण (R) : चालू अनुपात या त्वरित अनुपात के 1 से अधिक होने पर चालू/त्वरित संपत्तियों और चालू दायित्वों में बराबर कमी करके इसे सुधारा जा सकता है। इसलिए, इसमें आसानी से हेर-फेर किया जा सकता है।
विकल्प :
(A) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), अभिकथन (A) का सही कारण है।
(B) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), अभिकथन (A) का सही कारण नहीं है।
(C) केवल कारण (R) सही है।
(D) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर – (A) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), अभिकथन (A) का सही कारण है।
27. कंपनी की बैलेंस शीट बनाते समय निम्नलिखित में से कौन-सी मद “चालू दायित्व” शीर्षक के अंतर्गत नहीं आती है?
(A) व्यापार देयताएँ
(B) अन्य चालू दायित्व
(C) स्थगित कर दायित्व (शुद्ध)
(D) अल्पावधि प्रावधान
उत्तर – (C) स्थगित कर दायित्व (शुद्ध)
28. वित्तीय विवरणों की किन्हीं दो सीमाओं को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर – (i) भूतकालीन जानकारी प्रदान करना (Historical Information) – वित्तीय विवरण मुख्यतः अतीत में हुए लेन-देन और घटनाओं का रिकॉर्ड होते हैं। ये वर्तमान या भविष्य की स्थिति का पूरा चित्र नहीं दिखाते। उदाहरण के लिए, बैलेंस शीट में संपत्तियों का मूल्यांकन उनके खरीद मूल्य पर होता है, जो बाजार मूल्य से भिन्न हो सकता है।
(ii) गैर-मौद्रिक पहलुओं को नहीं दिखाते (Non-Monetary Aspects Ignored) – वित्तीय विवरण केवल पैसों में मापी जाने वाली चीज़ों को दिखाते हैं। यह कर्मचारियों की गुणवत्ता, ग्राहक संतुष्टि, ब्रांड मूल्य या संगठन की प्रतिष्ठा जैसी महत्वपूर्ण बातों को शामिल नहीं करते।
29. दिए गए विवरण से ज्ञात करें :
| विवरण | राशि |
| संचालन से आय | ₹ 4,00,000 |
| प्रारम्भिक रहतिया | ₹ 75,000 |
| अंतिम रहतिया | ₹ 85,000 |
| सकल लाभ | बिक्री की लागत पर 25% |
(i) इन्वेंटरी टर्नओवर अनुपात
उत्तर – Cost of Sales = (Sales × 100) / (100 + Profit%) = (4,00,000 × 100) / 125 = ₹ 3,20,000
औषत इन्वेंटरी = (75,000 + 85,000) / 2 = ₹ 80,000
इन्वेंटरी टर्नओवर अनुपात = 320000 : 80000 = 4 बार
(ii) इन्वेंटरी की औसत आयु
उत्तर – इन्वेंटरी की औसत आयु = 365 / इन्वेंटरी टर्नओवर अनुपात = 365 / 4 = 91 (लगभग)
अथवा
निम्नलिखित पदों का विस्तृत वर्णन करें :
(i) कार्यशील पूँजी
उत्तर – कार्यशील पूँजी किसी व्यवसाय की अल्पकालिक वित्तीय स्थिति का संकेत देती है। यह वह पूँजी है जो व्यवसाय के दैनिक संचालन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक होती है।
(ii) निवेश पर आय (प्रतिफल)
उत्तर – निवेश पर आय यह मापता है कि किसी निवेश से व्यवसाय या निवेशक को कितनी आय (लाभ) प्राप्त हुई। यह निवेश की प्रभावशीलता और लाभप्रदता का संकेत देता है।
(iii) ऋण समता अनुपात
उत्तर – ऋण समता अनुपात यह दर्शाता है कि किसी कंपनी की कुल पूँजी में कितनी हिस्सा ऋण (Debt) और कितनी हिस्सा स्वयं की पूँजी (Equity) है। इसे वित्तीय स्थिरता और ऋण पर निर्भरता मापने के लिए प्रयोग किया जाता है।
30. निम्नलिखित गतिविधियों से प्रमुख नकदी के स्रोतों और प्रयोगों (नकदी अंतर्वाह और नकदी बहिर्प्रवाह) को सूचीबद्ध करें :
(i) वित्तीय गतिविधियाँ
उत्तर – वित्तीय गतिविधियाँ वह गतिविधियाँ हैं जिनमें कंपनी अपने पूँजी ढाँचे से संबंधित लेन-देन करती है, जैसे ऋण लेना या शेयर जारी करना।
• प्रमुख नकदी स्रोत (Cash Inflows) : नए शेयरों का निर्गमन और बिक्री, ऋण प्राप्त करना, बॉन्ड जारी करके प्राप्त धन, किसी वित्तीय सहायता या पूँजी निवेश से प्राप्त नकदी
• प्रमुख नकदी प्रयोग (Cash Outflows) : ऋण और कर्ज की किश्तों का भुगतान, लाभांश का भुगतान, शेयरों की पुनर्खरीद ऋण का पूर्व भुगतान
(ii) निवेश गतिविधियाँ
उत्तर – निवेश गतिविधियाँ वह गतिविधियाँ हैं जिनमें कंपनी दीर्घकालिक संपत्तियों में निवेश या विक्रय करती है, जैसे मशीनरी, भूमि या अन्य स्थायी संपत्ति।
• प्रमुख नकदी स्रोत (Cash Inflows) : स्थायी संपत्तियों की बिक्री, लंबी अवधि के निवेशों की बिक्री, ऋण/अंश निवेश से प्राप्त वापसी, किसी निवेश से प्राप्त लाभांश या ब्याज
• प्रमुख नकदी प्रयोग (Cash Outflows): स्थायी संपत्तियों की खरीद, लंबी अवधि के निवेशों में निवेश करना, अन्य व्यवसायों में निवेश
अथवा
दी गयी सूचनाओं के आधार पर निवेश संबंधी गतिविधियों से नकदी प्रवाह की गणना करें :
| मशीनरी (01.04.2016) | ₹ 50,000 |
| मशीनरी (31.03.2017) | ₹ 60,000 |
| संचित मूल्यह्रास (01.04.2016) | ₹ 15,000 |
| संचित मूल्यह्रास (31.03.2017) | ₹ 25,000 |
वर्ष के दौरान एक मशीन जिसकी लागत ₹ 25,000 थी और संचित मूल्यह्रास ₹ 15,000 था, उसे र 13,000 में बेचा गया।
उत्तर – बेची गई मशीन की लागत = ₹ 25,000
संचित मूल्यह्रास = ₹ 15,000
शुद्ध मूल्य = 25,000 – 15,000 = ₹ 10,000
बिक्री मूल्य = ₹ 13,000
लाभ = ₹3,000 (केवल सूचना के लिए, नकदी प्रवाह पर सीधा प्रभाव नहीं)
मशीनरी खाते में परिवर्तन = अंतिम शेष (₹60,000) – प्रारम्भिक शेष (₹50,000) = ₹ 10,000 (शुद्ध वृद्धि)
अब, चूंकि एक मशीन ₹25,000 (लागत) की बेची गई है,
इसलिए वास्तविक क्रय = शुद्ध वृद्धि + बिक्री लागत = 10,000 + 25,000 = ₹ 35,000 (क्रय की गई मशीनरी)
मशीनरी क्रय पर नकदी बहिर्प्रवाह = ₹ 35,000
मशीनरी बिक्री पर नकदी अंतर्वाह = ₹ 13,000
शुद्ध नकदी बहिर्प्रवाह = 35,000 – 13,000 = ₹ 22,000
PART – C
(कम्प्यूटरीकृत लेखांकन)
(Computerized Accounting)
23 . कोडिफिकेशन की आवश्यकता है :
(A) डेटा का एन्क्रिप्शन
(B) स्मरणीय कोड का सृजन
(C) खातों, रिपोर्टों आदि को सुरक्षित करना
(D) उचित रिकॉर्ड रखते हुए डेटा को प्रोसेस करना आसान
उत्तर – (D) उचित रिकॉर्ड रखते हुए डेटा को प्रोसेस करना आसान
24. आधारभूत सूचना प्रोसेस मॉडल का गतिविधि क्रम क्या है?
(A) डेटा व्यवस्थित करना, डेटा संसाधित (प्रोसेस) करना और डेटा एकत्र करना
(B) डेटा एकत्र करना, डेटा व्यवस्थित और संसाधित करना, और जानकारी संप्रेषित करना
(C) डेटा संसाधित करना, डेटा व्यवस्थित करना और डेटा एकत्र करना
(D) डेटा व्यवस्थित करना, डेटा एकत्र करना और जानकारी संप्रेषित करना
उत्तर – (B) डेटा एकत्र करना, डेटा व्यवस्थित और संसाधित करना, और जानकारी संप्रेषित करना
25. इस सूत्र में किस श्रेणी के फंक्शन का उपयोग किया जाता है?
PMT (C10 / 12, C8, C9, 1)
(A) तार्किक
(B) वित्तीय
(C) भुगतान
(D) सांख्यिकीय
उत्तर – (B) वित्तीय
26. किसी कार्यपुस्तिका में नेविगेट करते समय, वर्तमान पंक्ति की शुरूआत में जाने के लिए किस कमांड का उपयोग किया जाता है?
(A) [Ctrl] + [Home]
(B) [Page Up]
(C) [Home]
(D) [Ctrl] + [Backspace]
उत्तर – (C) [Home]
27. कौन-सा फंक्शन स्वचालित रूप से मानों के कॉलम या पंक्ति का योग करता है?
(A) TOTAL
(B) ADD
(C) SUM
(D) AVG
उत्तर – (C) SUM
28. वर्कशीट में तालिका (टेबल) को फॉर्मेट करने पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर – वर्कशीट में तालिका को फॉर्मेट करने का अर्थ है डेटा को आकर्षक और व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करना। इसमें टेबल स्टाइल, हेडर रो, बैंडेड रो, फिल्टर व टोटल रो का प्रयोग किया जाता है ताकि डेटा पढ़ना, तुलना करना और विश्लेषण करना आसान हो सके।
29. आशय स्पष्ट कीजिए :
(i) एक्सेल की रैप टेक्स्ट सुविधा
उत्तर – रैप टेक्स्ट सुविधा का प्रयोग किसी सेल में लिखे लंबे टेक्स्ट को उसी सेल की चौड़ाई में कई पंक्तियों में दिखाने के लिए किया जाता है। इससे पूरा टेक्स्ट सेल के भीतर दिखाई देता है और बाहर नहीं निकलता।
(ii) सेल मर्जिंग
उत्तर – सेल मर्जिंग एक ऐसी सुविधा है जो दो या दो से अधिक आसन्न (पड़ोसी) सेलों को मिलाकर एक बड़ा सेल बनाती है, ताकि डेटा को एक बड़े क्षेत्र में व्यवस्थित या संयोजित किया जा सके।
अथवा
पाई चार्ट बनाने के चरणों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर – पाई चार्ट बनाने के चरण :
(i) डेटा तैयार करना – सबसे पहले उस तालिका या सूची को तैयार करें जिसमें श्रेणियाँ और उनके मान हों।
(ii) डेटा चुनना – माउस द्वारा आवश्यक डेटा क्षेत्र को सिलेक्ट करें।
(iii) चार्ट इंसर्ट करना – रिबन में Insert टैब पर जाएँ और पाई चार्ट विकल्प चुनें।
(iv) चार्ट स्टाइल चुनना – मनचाहा पाई चार्ट प्रकार (2D, 3D आदि) चुनें।
(v) चार्ट फॉर्मेट करना – शीर्षक, डेटा लेबल, रंग आदि आवश्यकतानुसार जोड़ें और चार्ट को आकर्षक बनाएँ।
30. निम्नलिखित निर्देशों के अनुसार, मेसर्स अपॉर्चुनिटीज कंपनी के कर्मचारियों का रिकॉर्ड रखने के लिए एक वर्कशीट बनाने के चरणों की व्याख्या करें :
(a) कर्मचारी विवरण में, कर्मचारी का नाम, पदनाम और मूल वेतन शामिल होना चाहिए।
उत्तर – कर्मचारी विवरण
Excel की वर्कशीट में पहले कॉलम इस प्रकार बनाएँ:
| कर्मचारी का नाम | पदनाम | मूल वेतन | डीए (40%) | एचआरए (20%) | पीएफ (12%) | सकल वेतन | आईटी (20%) | शुद्ध वेतन |
(b) महँगाई भत्ता (डीए) मूल वेतन का 40%, मकान किराया भत्ता (एच आर ए) मूल वेतन का 20%, भविष्य निधि (पी एफ) मूल वेतन का 12%
उत्तर – भत्तों और कटौतियों की गणना के लिए फॉर्मूले
1. महँगाई भत्ता (DA) = मूल वेतन × 40%
Formula = C2 × 40%
2. मकान किराया भत्ता (HRA) = मूल वेतन × 20%
Formula = C2 × 20%
3. भविष्य निधि (PF) = मूल वेतन × 12%
Formula = C2 × 12%
(c) सकल वेतन, मूल वेतन डीए एच आर ए
उत्तर – सकल वेतन (Gross Salary)
सकल वेतन = मूल वेतन + डीए + एचआरए
Formula = C2 + D2 + E2
(d) आयकर (आईटी) सकल वेतन का 20%
उत्तर – आयकर (IT)
आयकर = सकल वेतन × 20%
Formula = F2 × 20%
(e) शुद्ध वेतन प्रत्येक कर्मचारी के लिए [सकल वेतन – (पीएफ आईटी) है।
आप विभिन्न एक्सेल फॉर्मूलों का उपयोग करके कंपनी द्वारा भुगतान किए गए कुल वेतन, औसत वेतन, अधिकतम वेतन और न्यूनतम वेतन की गणना कैसे करेंगे?
उत्तर – शुद्ध वेतन (Net Salary)
शुद्ध वेतन = सकल वेतन – (पीएफ + आईटी)
Formula = F2 – (G2 + H2)
कंपनी स्तर पर गणना करने के लिए Excel Functions
मान लीजिए शुद्ध वेतन (Net Salary) कॉलम I2 से I10 तक है :
कुल वेतन (Total Salary) = SUM(I2:I10)
औसत वेतन (Average Salary) = AVERAGE(I2:I10)
अधिकतम वेतन (Maximum Salary) = MAX(I2:I10)
न्यूनतम वेतन (Minimum Salary) = MIN(I2:I10)
अथवा
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन सॉफ्टवेयर की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? इसके लाभ एवं सीमाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर – कम्प्यूटरीकृत लेखांकन सॉफ्टवेयर की मुख्य विशेषताएँ :
(i) स्वचालित लेखांकन – लेन-देन दर्ज करते ही स्वतः खाता-बही, जर्नल, लेज़र आदि तैयार हो जाते हैं।
(ii) गति और सटीकता – गणनाएँ तुरंत और बिना त्रुटि की जाती हैं।
(iii) डेटा सुरक्षा – पासवर्ड और बैकअप सुविधा से डेटा सुरक्षित रहता है।
(iv) रिपोर्टिंग और विश्लेषण – बैलेंस शीट, लाभ-हानि खाता, कैश फ्लो स्टेटमेंट जैसी रिपोर्टें तुरन्त मिलती हैं।
(v) मल्टी-यूज़र सुविधा – एक ही समय में कई उपयोगकर्ता काम कर सकते हैं।
(vi) अपडेट और एडजस्टमेंट – एंट्री में सुधार या परिवर्तन आसानी से हो जाता है।
लाभ (Advantages) :
(i) समय और श्रम की बचत होती है।
(ii) मानवीय त्रुटियाँ (Human Errors) कम हो जाती हैं।
(iii) वित्तीय रिपोर्टें तुरंत उपलब्ध हो जाती हैं।
(iv) बड़े डेटा को आसानी से संग्रहित और विश्लेषित किया जा सकता है।
(v) कर (Taxation), इन्वेंटरी और पेरोल प्रबंधन में सहायक।
सीमाएँ (Limitations) :
(i) लागत (Cost) – अच्छे सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की कीमत अधिक होती है।
(ii) प्रशिक्षण (Training) – इसे चलाने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की आवश्यकता होती है।
(iii) तकनीकी निर्भरता – बिजली, इंटरनेट और कंप्यूटर सिस्टम पर निर्भरता।
(iv) साइबर सुरक्षा खतरे – डेटा हैकिंग या वायरस का जोखिम।
(v) सिस्टम फेलियर – हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर खराब होने पर कार्य रुक सकता है।