HBSE Class 10 Home Science Question Paper 2024 Answer Key

Haryana Board (HBSE) Class 10 Home Science Question Paper 2024 Answer Key. HBSE Class 10 Home Science Solved Paper 2024. HBSE (Haryana Board of School Education). HBSE Class 10 Home Science Paper Solution.

HBSE Class 10 Home Science Question Paper 2024 Answer Key

1. खेलने से बच्चों के किन क्षेत्रों का विकास होता है?
(a) शारीरिक
(b) सामाजिक
(c) क्रियात्मक
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर – (d) उपरोक्त सभी

2. शीघ्र नष्ट होने वाले पदार्थों को ………….. में रखना चाहिए।
(a) फ्रीज
(b) पानी
(c) टोकरी
(d) धूप
उत्तर – (a) फ्रीज

3. मेटानिल येलो रंग मिलावट के रूप में किसमें उपयोग किया जाता है?
(a) लाल मिर्च पाउडर
(b) दाल
(c) हल्दी पाउडर
(d) शहद
उत्तर – (c) हल्दी पाउडर

4. ‘विश्व उपभोक्ता दिवस’ कब मनाया जाता है?
(a) 31 मई को
(b) 15 मार्च को
(c) 2 दिसम्बर को
(d) 10 अक्टूबर को
उत्तर – (b) 15 मार्च को

5. किस प्रकार का बजट उत्तम रहता है?
(a) घाटे का बजट
(b) बचत का बजट
(c) सन्तुलित बजट
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर – (c) सन्तुलित बजट

6. एक जांतव दाग है :
(a) अण्डा
(b) फल
(c) लोहे का जंग
(d) स्याही
उत्तर – (a) अण्डा

7. बच्चों का टिफिन ………. तथा ………. होना चाहिए।
उत्तर – पौष्टिक, स्वादिष्ट

8. औसतन दो साल के बच्चे का वजन लगभग …………. किलोग्राम होता है।
उत्तर – 12 किलोग्राम

9. प्रबंधन ………….. क्रिया है।
उत्तर – निरंतर

10. माँ के दूध में कौन-सा खनिज तत्व नहीं होता है?
उत्तर – आयरन

11. ऑक्सीकारक ब्लीच का नाम बताइए।
उत्तर – हाइड्रोजन पेरॉक्साइड

12. थकान कितने प्रकार की होती है?
उत्तर – तीन

13. अभिकथन (A) : सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में ISI मार्क होता है।
कारण (R) : एक मानकीकरण चिन्ह उत्पाद की गुणवत्ता निर्धारित करता है।
(a) केवल (A) सही है।
(b) केवल (R) सही है।
(c) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
(d) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर – (b) केवल (R) सही है।

14. अभिकथन (A) : आहार योजना आयु और व्यवसाय पर आधारित होती है।
कारण (R) : योजनाबद्ध भोजन पोषक होना चाहिए।
(a) केवल (A) सही है।
(b) केवल (R) सही है।
(c) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
(d) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर – (c) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।

15. सूची-I के साथ सूची-II का मिलान कीजिए और दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:

सूची-Iसूची-II
1. लोहा(i) रतौंधी
2. आयोडीन(ii) स्कर्वी
3. विटामिन सी(iii) घेघा
4. विटामिन ए(iv) अनीमिया

(a) 1(iv), 2(iii), 3(ii), 4(i)
(b) 1(i), 2(ii), 3(iii), 4(iv)
(c) 1(ii), 2(iv), 3(i), 4(iii)
(d) 1(iii), 2(i), 3(iv), 4(ii)
उत्तर : (a) 1(iv), 2(iii), 3(ii), 4(i)

16. संतुलित भोजन किसे कहते हैं?
उत्तर – संतुलित भोजन वह भोजन है जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज, रेशा (फाइबर) और जल उचित मात्रा में होते हैं और जो शरीर की ऊर्जा, विकास, और रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में सहायक होता है।

17. सफाई की शुष्क विधियों के दो लाभ लिखिए।
उत्तर – सफाई की शुष्क विधियाँ वे विधियाँ हैं जिनमें पानी का प्रयोग नहीं किया जाता, जैसे झाड़न, डस्टिंग, वैक्यूम क्लीनिंग आदि। शुष्क विधि से जल, बिजली व समय की बचत होती है।

18. समय प्रबंधन क्या है?
उत्तर – समय प्रबंधन वह प्रक्रिया है जिसमें हम अपने कार्यों को सही क्रम, महत्त्व के अनुसार और निर्धारित समय में पूरा करने की योजना बनाते हैं, ताकि समय का अधिकतम और उचित उपयोग हो सके।

अथवा

ऊर्जा प्रबंधन क्या है?
उत्तर – ऊर्जा प्रबंधन का अर्थ है मानव शरीर में प्राप्त ऊर्जा का संतुलित और सही तरीके से उपयोग करना, ताकि व्यक्ति पूरे दिन के कार्यों को प्रभावी ढंग से कर सके और थकान महसूस न हो।

19. उपभोक्ता शिक्षा के कोई दो लाभ बताएं।
उत्तर – धोखाधड़ी से बचाव व अधिकारों की जानकारी।

20. किशोरावस्था में शारीरिक विकास का क्या अर्थ है?
उत्तर – किशोरावस्था में शारीरिक विकास का अर्थ है उस अवस्था में शरीर में होने वाले वे परिवर्तन, जब बच्चा धीरे-धीरे युवा (बालिग) बनने लगता है। इस समय शरीर की ऊंचाई बढ़ती है, वजन बढ़ता है, मांसपेशियों का विकास होता है और यौन अंग परिपक्व होते हैं। यह विकास 11 से 19 वर्ष की उम्र के बीच सबसे अधिक होता है।

अथवा

किशोरावस्था की परिभाषा लिखें।
उत्तर – किशोरावस्था वह अवस्था है जो बचपन और वयस्कता (युवावस्था) के बीच की संक्रमण काल की अवस्था होती है। यह उम्र लगभग 11 से 19 वर्ष के बीच मानी जाती है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास बहुत तेज़ी से होता है।

21. खराब भोजन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – खराब भोजन से अभिप्राय ऐसे भोजन से है जो स्वाद, गंध, रंग या बनावट में बदलाव के कारण खाने योग्य नहीं रह जाता। इसमें कीटाणु, फफूंदी या रसायनों की मिलावट हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

22. थकान क्या है? इसके प्रकारों के बारे में लिखिए।
उत्तर – थकान वह स्थिति है जब व्यक्ति शारीरिक या मानसिक कार्य करने के बाद कमजोरी, ऊर्जा की कमी या अशक्तता महसूस करता है। यह शरीर और मन दोनों को प्रभावित कर सकती है।
थकान के प्रकार :
• शारीरिक थकान – जब लंबे समय तक शारीरिक मेहनत (जैसे दौड़ना, काम करना) से शरीर थक जाता है।
• मानसिक थकान – लगातार पढ़ाई, सोचने या दिमागी काम करने से मस्तिष्क थक जाता है।
• भावनात्मक थकान – जब व्यक्ति तनाव, चिंता, डर या भावनात्मक परेशानी से थका हुआ महसूस करता है।

अथवा

कार्य सरलीकरण क्या है? इसके महत्व को समझाइए।
उत्तर – कार्य सरलीकरण का अर्थ है किसी कार्य को कम समय, कम श्रम और कम ऊर्जा में सुव्यवस्थित व आसान तरीकों से करना, ताकि वह जल्दी और कुशलता से पूरा हो सके।
कार्य सरलीकरण का महत्व :
• समय की बचत होती है
• श्रम की बचत होती है
• ऊर्जा की बचत होती है
• कार्य की गुणवत्ता बढ़ती है
• तनाव और थकान कम होती है

23. रसोईघर में सुरक्षा सम्बन्धी सावधानियों पर एक नोट लिखें।
उत्तर – रसोईघर वह स्थान है जहाँ गैस, बिजली, गर्म बर्तन, चाकू और अन्य तेज़ वस्तुओं का उपयोग होता है। इसलिए वहाँ विशेष सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता होती है।
मुख्य सावधानियाँ :
• गैस चूल्हे का प्रयोग सावधानी से करें- गैस लीक होने पर माचिस या लाइटर न जलाएं, तुरंत खिड़कियाँ खोलें।
• चाकू, कैंची और अन्य धारदार वस्तुएँ सुरक्षित स्थान पर रखें।
• गीले हाथों से बिजली के उपकरण न छुएं।
• गर्म बर्तनों को कपड़े या ओवन मिट से उठाएँ।
• तेल गर्म करते समय बर्तन के पास न रहें और बच्चों को दूर रखें।
• फर्श को सूखा रखें ताकि फिसलने का खतरा न हो।
• रसोई में अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) उपलब्ध रखें।

24. बच्चों के खिलौने खरीदते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
उत्तर – बच्चों के खिलौने खरीदते समय कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। सबसे पहले खिलौने बच्चे की उम्र के अनुसार होने चाहिए, ताकि वे उसके विकास में सहायक बनें। खिलौना ऐसा हो जो सुरक्षित हो, उसमें नुकीले या टूटने वाले हिस्से न हों। सामग्री विषैली न हो और उस पर गुणवत्ता का चिन्ह जैसे ISI मार्क हो। खिलौने रंगीन, आकर्षक और सीखने योग्य गतिविधियों से जुड़े होने चाहिए, ताकि वे बच्चे की बौद्धिक और रचनात्मक क्षमता को बढ़ा सकें। साथ ही खिलौने टिकाऊ और आसानी से साफ किए जा सकने वाले होने चाहिए।

25. कपड़ों के संरक्षण से पूर्व कुछ नियम लिखिए।
उत्तर – कपड़ों के संरक्षण से पूर्व कुछ आवश्यक नियमों का पालन करना चाहिए ताकि कपड़े लंबे समय तक सुरक्षित और उपयोगी बने रहें। सबसे पहले कपड़ों को अच्छी तरह धोकर, सुखाकर और साफ-सुथरा करके ही संग्रहित करना चाहिए। कपड़ों को सूखे और हवादार स्थान पर रखना चाहिए ताकि नमी से बचाव हो सके। ऊनी कपड़ों में कीटनाशक जैसे नेफ्तलीन की गोलियाँ या लौंग रखना चाहिए ताकि कीड़े न लगें। कपड़ों को तह लगाकर या हैंगर में लटका कर रखें ताकि सिलवटें न पड़ें। कपड़ों को सूर्य के सीधे प्रकाश से बचाना चाहिए क्योंकि इससे उनका रंग फीका पड़ सकता है।

26. धब्बे छुड़ाने वाली विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – धब्बे छुड़ाने की विधियाँ वे तरीके हैं जिनसे कपड़ों पर लगे विभिन्न प्रकार के दाग-धब्बों को प्रभावी ढंग से हटाया जाता है। अलग-अलग प्रकार के दागों के लिए अलग-अलग विधियाँ अपनाई जाती हैं, ताकि कपड़े को नुकसान पहुँचाए बिना सफाई की जा सके। सबसे पहले दाग की प्रकृति को पहचानना आवश्यक होता है, जैसे जांतव, वनस्पतिक, तैलीय, रासायनिक आदि। फिर उसी के अनुसार विधि अपनाई जाती है।
• जांतव दाग जैसे अंडा, दूध या खून के लिए ठंडे पानी से धोना और हल्का डिटर्जेंट उपयोग करना चाहिए।
• तेल या चिकनाई के दाग के लिए टैल्कम पाउडर छिड़ककर कुछ देर छोड़ना और फिर गर्म पानी व साबुन से धोना उपयोगी होता है।
• स्याही या कलम के दाग के लिए सिरका या नींबू का रस तथा अल्कोहल का प्रयोग किया जाता है।
• जंग के दाग के लिए नींबू का रस और नमक मिलाकर धूप में रखने से दाग हल्का हो जाता है।

अथवा

एक अच्छे साबुन के गुण लिखिए।
उत्तर – एक अच्छे साबुन में ऐसे गुण होने चाहिए जो त्वचा की सफाई के साथ-साथ उसे सुरक्षित भी रखें। अच्छा साबुन झाग बनाने में सक्षम होना चाहिए ताकि वह गंदगी और तेल को अच्छे से हटा सके। उसमें त्वचा को नुकसान न पहुँचाने वाले तत्व होने चाहिए और उसकी खुशबू सौम्य होनी चाहिए। अच्छा साबुन आसानी से पानी में घुल जाता है और उपयोग के बाद त्वचा को मुलायम और साफ महसूस कराता है। उसमें किसी प्रकार का तेज रसायन नहीं होना चाहिए जिससे त्वचा में खुजली या जलन हो। इसके अतिरिक्त, अच्छा साबुन टिकाऊ होता है यानी जल्दी घिसता नहीं है और लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है।

27. आहार आयोजन का महत्व लिखिए।
उत्तर – आहार आयोजन का अर्थ है भोजन को सही समय, मात्रा, पोषण और आवश्यकता के अनुसार योजनाबद्ध ढंग से तैयार करना और ग्रहण करना। इसका हमारे स्वास्थ्य और विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है। आहार आयोजन से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व संतुलित मात्रा में मिलते हैं जिससे व्यक्ति स्वस्थ और ऊर्जावान रहता है। यह समय, श्रम और धन की बचत करता है क्योंकि पहले से योजना बनाकर खाद्य पदार्थ खरीदे और पकाए जाते हैं। इससे बर्बादी भी कम होती है। आयु, लिंग, कार्य और स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार भोजन को तैयार करने में मदद मिलती है। विशेष रूप से बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों के लिए उपयुक्त भोजन देना संभव होता है। इस प्रकार, आहार आयोजन एक सुव्यवस्थित, संतुलित और स्वस्थ जीवनशैली के लिए बहुत आवश्यक है।

अथवा

वृद्धावस्था में आप आहार में परिवर्तन कैसे करेंगे?
उत्तर – वृद्धावस्था में शरीर की क्रियाएँ धीमी हो जाती हैं, दांत कमजोर हो जाते हैं और पाचन शक्ति भी घट जाती है, इसलिए इस अवस्था में आहार में विशेष परिवर्तन करना आवश्यक होता है। सबसे पहले भोजन को हल्का, सुपाच्य और पोषक बनाना चाहिए। तले-भुने और मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए क्योंकि ये पाचन में कठिन होते हैं। वृद्ध व्यक्तियों को रेशायुक्त भोजन जैसे फल, सब्जियाँ और दलिया अधिक देना चाहिए जिससे कब्ज की समस्या न हो। प्रोटीन युक्त आहार जैसे दालें, दूध, पनीर आदि सीमित मात्रा में देना चाहिए ताकि मांसपेशियाँ मजबूत बनी रहें। नमक और चीनी की मात्रा कम करनी चाहिए ताकि रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाव हो सके। भोजन को नरम और छोटे टुकड़ों में देना चाहिए जिससे चबाने और निगलने में आसानी हो। इस प्रकार वृद्धावस्था में आहार में परिवर्तन करके व्यक्ति को स्वस्थ, सक्रिय और रोगमुक्त बनाए रखा जा सकता है।

28. मिलावट से क्या अभिप्राय है? कोई पाँच भोज्य पदार्थ, उनमें पाई जाने वाली मिलावट के साथ लिखें।
उत्तर – मिलावट से अभिप्राय है किसी खाद्य पदार्थ में अशुद्ध, हानिकारक या सस्ते पदार्थों को मिलाना जिससे उसकी गुणवत्ता और शुद्धता घट जाती है। मिलावट से स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है और कभी-कभी यह जानलेवा भी हो सकती है। पाँच भोज्य पदार्थ और उनमें पाई जाने वाली आम मिलावटें:
• दूध में पानी, डिटर्जेंट या स्टार्च
• हल्दी पाउडर में लेड क्रोमेट (पीला जहरीला रसायन)
• अरहर दाल में पॉलिश के लिए मिट्टी का पाउडर या पीले रंग
• चाय की पत्ती में इस्तेमाल की हुई सूखी और रंगी हुई पत्तियाँ
• आटे में चॉक पाउडर या स्टार्च

अथवा

खरीदारी करते समय उपभोक्ता को किन-किन समस्याओं से गुजरना पड़ता है?
उत्तर – खरीदारी करते समय उपभोक्ता को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे सामान्य समस्या मिलावटी या घटिया गुणवत्ता वाले उत्पादों की होती है, जिससे उपभोक्ता को स्वास्थ्य और धन दोनों का नुकसान हो सकता है। कुछ दुकानदार वस्तुओं का गलत वजन देते हैं या गलत मूल्य वसूलते हैं, जिससे उपभोक्ता ठगा हुआ महसूस करता है। कई बार उत्पादों पर निर्माण तिथि, समाप्ति तिथि या मूल्य नहीं लिखा होता, जिससे उपभोक्ता भ्रमित हो जाता है। कई दुकानदार उपभोक्ता की शिकायत नहीं सुनते और बदले में वस्तु वापस नहीं करते। नकली या ब्रांडेड दिखने वाले लेकिन घटिया उत्पाद भी बाजार में आसानी से मिल जाते हैं, जिससे उपभोक्ता धोखा खा जाता है। इस प्रकार, जागरूकता की कमी, गलत जानकारी और धोखाधड़ी जैसी समस्याओं से उपभोक्ता को खरीदारी के समय कई कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है।

29. किशोरों की समस्याओं का वर्णन करें।
उत्तर – किशोरावस्था जीवन का एक संक्रमणकाल होता है, जिसमें बच्चे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से तीव्र परिवर्तन से गुजरते हैं। इस समय उन्हें अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे पहले, शारीरिक परिवर्तन जैसे आवाज़ बदलना, चेहरे पर मुंहासे आना, शरीर में बाल आना आदि किशोरों को असहज बना सकते हैं। वे अपने शरीर को लेकर भ्रम और संकोच का अनुभव करते हैं। दूसरी ओर, मानसिक और भावनात्मक अस्थिरता जैसे चिड़चिड़ापन, आत्मविश्वास की कमी, गुस्सा आना, तनाव और अकेलापन भी आम समस्याएँ हैं। किशोरों को अभिभावकों और शिक्षकों की अपेक्षाओं, पढ़ाई का दबाव, और करियर को लेकर भी चिंता होने लगती है। साथ ही, दोस्ती, आकर्षण और सोशल मीडिया का प्रभाव भी उन्हें उलझन में डाल सकता है। यदि सही मार्गदर्शन, समझ और सहयोग न मिले तो ये समस्याएँ उनके विकास में बाधा बन सकती हैं। इसलिए किशोरों को प्रेम, सहानुभूति और उचित सलाह की आवश्यकता होती है।

अथवा

खेल सामग्री का चुनाव करते समय ध्यान रखने योग्य बातों के बारे में विस्तार से लिखिए।
उत्तर – खेल बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए बहुत आवश्यक हैं। इसलिए खेल सामग्री का चुनाव करते समय सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी होता है, ताकि वह बच्चों के विकास में सहायक हो और सुरक्षित भी हो। सबसे पहले खेल सामग्री बच्चे की आयु, क्षमता और रुचि के अनुसार होनी चाहिए। बहुत छोटी उम्र के बच्चों के लिए नुकीली या जटिल सामग्री नहीं लेनी चाहिए क्योंकि वह उनके लिए हानिकारक हो सकती है। खेल सामग्री का आकार बड़ा और उपयोग में आसान होना चाहिए ताकि बच्चा उसे आसानी से पकड़ और समझ सके। खेल सामग्री मजबूत और टिकाऊ होनी चाहिए ताकि वह जल्दी टूटे नहीं और लंबे समय तक उपयोग की जा सके। उसका रंग आकर्षक होना चाहिए लेकिन उसमें हानिकारक रसायन या रंग नहीं होने चाहिए। बच्चों के लिए खरीदी जाने वाली सामग्री नॉन-टॉक्सिक (विषरहित) होनी चाहिए। खेल सामग्री में सुरक्षा का विशेष ध्यान देना चाहिए। उसमें कोई तेज़ किनारा, ढीले पुर्जे या ऐसे हिस्से नहीं होने चाहिए जो निगले जा सकें। इसके अलावा, खेल सामग्री बौद्धिक विकास में सहायक होनी चाहिए जैसे पज़ल, निर्माण खेल, ब्लॉक्स आदि।

30. आय की परिभाषा बताएं। आय कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक का वर्णन कीजिए।
उत्तर – आय वह धनराशि है जो व्यक्ति या परिवार अपने कार्य, व्यवसाय या सेवाओं के बदले नियमित रूप से प्राप्त करता है। यह परिवार की आर्थिक स्थिति का मुख्य आधार होती है और आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोग में लाई जाती है।
आय के दो मुख्य प्रकार होते हैं:
(i) धनात्मक आय – यह वह आय होती है जो व्यक्ति को नकद रूप में प्राप्त होती है। इस आय से परिवार अपनी ज़रूरतों की चीजें बाजार से खरीद सकता है। उदाहरण: वेतन, मजदूरी, पेंशन, किराया, व्यापार का लाभ आदि।
(ii) वास्तविक आय – यह वह आय होती है जो व्यक्ति को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में मिलती है, नकद के रूप में नहीं। यह आमतौर पर परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए कार्यों या संसाधनों से प्राप्त होती है। उदाहरण: स्वयं उगाई गई सब्जियाँ, घर में सिलाए गए कपड़े, घर का कार्य जैसे खाना बनाना, सफाई करना आदि

अथवा

पारिवारिक आय बढ़ाने के साधन कौन-कौन से हैं?
उत्तर – पारिवारिक आय बढ़ाने के लिए पुरुष और महिलाएं दोनों मिलकर अपनी-अपनी क्षमताओं और समय का उचित उपयोग कर सकते हैं। पुरुष नौकरी, व्यापार, कृषि, पशुपालन, ट्यूशन, ड्राइविंग या ऑनलाइन काम करके आय अर्जित कर सकते हैं। महिलाएं घरेलू कामों के साथ-साथ सिलाई, कढ़ाई, अचार-पापड़ बनाना, ब्यूटी पार्लर, डे-केयर, ट्यूशन या ऑनलाइन सेवाओं से घर बैठे आय बढ़ा सकती हैं। दोनों मिलकर गृह उद्योग, छोटा व्यवसाय या पारिवारिक दुकान चला सकते हैं। साथ ही परिवार में सभी सदस्य बचत और निवेश की आदत अपनाएं, जैसे बैंक जमा, एलआईसी, पीपीएफ आदि। इस प्रकार पुरुष और महिला दोनों की भागीदारी से पारिवारिक आय को सुरक्षित और स्थिर रूप से बढ़ाया जा सकता है।

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