HBSE Class 10 Hindi Question Paper 2019 Answer Key
1. निम्नलिखित प्रश्नों के यथानिर्दिष्ट उत्तर दीजिए :
(क) काला, धीरे, पुस्तक, परन्तु (विकारी शब्द छाँटिए)।
Ans. काला, पुस्तक
(ख) खिलौना, मिलाप (प्रत्यय छाँटकर लिखिए) ।
Ans. औना, आप
(ग) यथाशीघ्र, कार्यकुशल (विग्रह करके समास का नाम लिखिए)।
Ans. जितना शीघ्र हो (अव्ययीभाव समास), कार्य में कुशल (अधिकरण तत्पुरुष समास)
(घ) कर्तृवाच्य से क्या अभिप्राय है ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
Ans. क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो तथा सकर्मक और अकर्मक दोनों क्रियाए हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। जैसे- रमेश केला खाता है तथा दिनेश पुस्तक नहीं पढता है। उक्त वाक्यों में कर्ता प्रधान है तथा उन्हीं के लिए ‘खाता है’ तथा ‘पढ़ता है’ क्रियाओं का विधान हुआ है, इसलिए यहाँ कर्तृवाच्य है।
(ङ) जागृति, उपकार (विलोम शब्द लिखिए) ।
Ans. सुषुप्ति, अपकार
(च) अतिथि, अमृत ( दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए)।
Ans. मेहमान,आगन्तुक, सुधा,पीयूष
(छ) विशेषण पदबंध की परिभाषा एवं उदाहरण दीजिए।
Ans. जब कोई पद समूह किसी संज्ञा, सर्वनाम की विशेषता बताए तो उसे विशेषण पदबंध कहते हैं। जैसे- शेर के सामने बलवान (आदमी)।
2. (क) अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण दीजिए।
Ans. जब किसी वस्तु, व्यक्ति आदि का वर्णन बहुत बढ़ा-चढ़ा कर किया जाए तब वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है। इस अलंकार में नामुमकिन तथ्य बोले जाते हैं। जैसे- हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग।
(ख) दोहा छंद का लक्षण लिखिए।
Ans. दोहा : यह मात्रिक अर्द्धसम छंद है। इसके विषम (प्रथम तथा तीसरे) चरणों में 13 – 13 मात्राएँ तथा सम (दूसरे व चौथे) चरणों में 11-11 मात्राएँ होती हैं।
3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए:
(क) मेरा प्रिय कवि ।
(ख) जीवन में खेलों का महत्त्व ।
(ग) मद्यपान के दुष्परिणाम ।
(घ) भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं उनके आविष्कार ।
(ङ) ऋतुराज वसंत।
Ans. खुद करे।
4. नारी सशक्तिकरण का महत्त्व समझाते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।
Ans.
प्रिय मित्र राजीव
सबसे पहले तो मैं तुम्हें बधाइयाँ देना चाहता हूँ, कि तुम इतना अच्छा कार्य अपने समाज के लिए कर रहे हो, नारी सशक्तिकरण का कार्य बहुत ही अच्छा कार्य है, इस प्रकार के कामों से एक तो महिलाओं को सहारा मिलेगा वहीँ दूसरी ओर इस पुरुष प्रधान समाज में उन्हें एक बहतरीन जिन्दगी मिलेगी।
मैं तुम्हारे इस कदम से बहुत प्रसन्न हूं अपनी माँ और पिता को मेरा सादर प्रणाम कहना और एक बार फिर से तुमको इस कार्य के लिए बहुत बहुत बधाई। तुम अपने जीवन में इसी तरह तरक्की करो।
तुम्हारा मित्र सोरव
अथवा
विद्यालय में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना पत्र लिखिए।
Ans.
दिनाँक : 01 अप्रैल 2022
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय,
भारती विद्यालय,
दिल्ली
विषय – विद्यालय में इंटरनेट की मांग हेतु प्रार्थना पत्र
आदरणीय सर,
मैं रंजन अरोरा कक्षा दस-B का छात्र हूँ। आज इंटरनेट का युग है और आनलाइन कक्षाओं का समय चल रहा है, लेकिन हमारे विद्यालय में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। अक्सर हमें कंप्यूटर अवसर हमें कंप्यूटर प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट संबंधी कार्य के लिए सूचनाओं की खोजबीन करनी पड़ती है और इंटरनेट के अभाव में हमें साइबर कैफे में जाना पड़ता है। हमारे कंप्यूटर विभाग में इंटरनेट नहीं है। इसलिए श्रीमान जी से अनुरोध है कि हमारे कंप्यूटर विद्यालय के कंप्यूटर विभाग में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराएं, ताकि छात्रों को इंटरनेट संबंधी कार्यों के लिए बाहर नहीं जाना पड़े। आपकी अति कृपा होगी।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
रंजन अरोरा
कक्षा – 10-B
अनुक्रमांक – 43
भारती विद्यालय
दिल्ली
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द अथवा वाक्य में दीजिए :
(क) ‘फसल’ कविता के रचयिता कौन हैं ?
Ans. नागार्जुन
(ख) ‘खर कुठार मैं अकरुन कोही’ यहाँ ‘कोही’ का क्या अर्थ है ?
Ans. क्रोधी
(ग) ‘आत्मकथ्य’ कविता में किसकी सीवन को उधेड़कर देखने की बात कही है ?
Ans. कंथा, गुदड़ी, अन्तर्मन
(घ) ‘कन्यादान’ कविता में लड़की को किसकी पाठिका कहा गया है ?
Ans. धुँधले प्रकाश की कुछ तर्कों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की
(ङ) संगतकार’ कविता में स्थायी किसे कहा गया है ?
Ans. टेक
6. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर लिखिए :
(क) ‘उत्साह’ कविता में उर में किसकी छवि की बात कही है ?
(i) विद्युत
(ii) बाल
(iii) बादल
(iv) वज्र
Ans. (i) विद्युत
(ख) ‘छाया मत छूना’ कविता में प्रयुक्त ‘कुंतल’ शब्द का अर्थ है :
(i) कंचुकी
(ii) लम्बे केश
(iii) फूल
(iv) रेशमी वस्त्र
Ans. (ii) लम्बे केश
(ग) योग का संदेश गोपियों को कैसा लगा ?
(i) कड़वी ककड़ी
(ii) खीरा
(iii) करेला
(iv) सुहावना
Ans. (i) कड़वी ककड़ी
7. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।
ज्यौं जल माह तेल की गगरि, बूँद न ताकौ लागी ।
प्रीति-नदी मैं पाउँ न बोर्यो दृष्टि न रूप परागी ।
‘सूरदास’ अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी ।।
प्रश्न :
(i) प्रस्तुत काव्यांश के कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
Ans. सूरदास, पद
(ii) प्रस्तुत काव्यांश का प्रसंग स्पष्ट कीजिए।
Ans. कमल के फूल की पत्तियाँ जल में रहकर भी जल से ऊपर ही रहती है, जल में गलती मिलती नहीं हैं। उस पर जल की एक बूंद भी नहीं ठहरती है, जल का कोई दाग उस पर नहीं लगता है। तुम तो ऐसे ही हो जैसे तेल की मटकी को पानी में डुबो देने पर भी एक बूंद भी उसके ऊपर नहीं ठहरती है। तुमने प्रेम की नदी में अभी तक पांव नहीं रखा है। तुम्हारी द्रष्टि किसी को देख करके भी उसमे उलझी नहीं है, किसी से प्रेम स्थापित नहीं हुआ है। लेकिन हम अबलाएँ तो भोली भाली हैं हम तो जैसे गुड़ पर मक्खी बैठ कर चिपक जाती है (चिपक कर वह प्राण त्याग देती है) वैसे स्वभाव की हैं। इस पद में श्रृंगार और वात्सल्य रस की व्यंजना हुई है। इस पद्य में विरह का चित्रण भी प्राप्त होता है।
(iii) कमल के पत्ते के बारे में क्या कहा गया है ?
Ans. जल में रहकर भी जल के प्रभाव से मुक्त रहना।
(iv) ‘प्रीति नदी’ से कवि का क्या तात्पर्य है ?
Ans. श्री कृष्ण के प्रति प्रेम रूपी नदी।
(v) गोपियों ने उद्धव की दृष्टि पर क्या आरोप लगाए हैं ?
Ans. उद्धव की दृष्टि श्रीकृष्ण के रूप में आकृष्ट नहीं हुई।
8. निम्नलिखित काव्यांश में निहित भाव एवं शिल्प सौंदर्य स्पष्ट कीजिए :
नाथ संभुधनु भंजनिहारा । होइहि केउ एक दास तुम्हारा ।।
आयेसु काह कहिय किन मोही । सुनि रिसाइ बोले मुनि कोही ।।
सेवकु सो जो करै सेवकाई । अरि करनी करि करिअ लराई ।।
सुनहु राम जेहि सिवधनु तोरा । सहसबाहु सम सो रिपु मोरा ।।
Ans.
परशुराम जी से श्री राम जी कहते हैं की शिव जी का धनुष तोड़ने वाला कोई आपका ही दास होगा। आपका क्या आदेश है, आपको क्या कहना है मुससे कहिये। इस पर क्रोधित परशुराम जी कहने लगे की सेवक तो वह होता है जो सेवा का कार्य करे। धनुष तोड़कर तो उसने लड़ाई का कार्य किया है। यह तो शत्रुता का कार्य है। जिसने भी शिव जी का धनुष तोडा है वह मेरा ऐसे ही शत्रु है जैसे सहस्रबाहु मेरा शत्रु है। वह व्यक्ति जिसने शिव जी का धनुष तोडा है वह राजाओं के समूह को छोड़कर सामने आए अन्यथा समस्त राजा मेरे हाथों मारे जायेंगे।
9. ‘आत्मकथ्य’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
Ans. ‘आत्मकथ्य’ कविता में जीवन के यथार्थ एवं अभाव पक्ष की मार्मिक अभिव्यक्ति है। कवि ने अपने जीवन की व्यथा को सामान्य व्यक्ति की कथा बताया है। यथार्थ की स्वीकृति एवं महान कवि की विनम्रता है।
अथवा
बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
Ans. कवि के मन में प्रसन्नता एवं स्नेह। छविमान मुसकान से जीवन धन्य होना।
10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द अथवा वाक्य में दीजिए :
(क) ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के रचयिता कौन हैं ?
Ans. यतीन्द्र मिश्र
(ख) नेताजी की मूर्ति किस मूर्तिकार ने बनाई थी ?
Ans. मास्टर मोतीलाल
(ग) घर की पूरी प्रबंधिका बनकर बालगोबिन भगत को किसने दुनियादारी से मुक्त कर दिया था ?
Ans. पतोहू (पुत्र वधू) ने
(घ) फ़ादर बुल्के माँ की चिट्टियाँ किसको दिखाया करते थे ?
Ans. अपने अभिन्न मित्र डॉ० रघुवंश को
(ङ) मन्नू भण्डारी की माताजी किस कक्षा तक पढ़ी थी ?
Ans. अनपढ़
11. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर लिखिए:
(क) भगवान शाक्य मुनि और उनके चेले किस भाषा में धर्मोपदेश देते थे ?
(i) अंग्रेजी
(ii) हिन्दी
(iii) संस्कृत
(iv) प्राकृत
Ans. (iv) प्राकृत
(ख) ‘नरकट’ नामक घास डुमराँव गाँव में किस नदी के पास पाई जाती है ?
(i) गंगा
(ii) नर्मदा
(iii) सोन
(iv) यमुना
Ans. (iii) सोन
(ग) सभ्यता को किसका परिणाम कहा गया है ?
(i) संस्कृति का
(ii) राष्ट्रीयता का
(iii) समाज का
(iv) विकास का
Ans. (i) संस्कृति का
12. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
जिस व्यक्ति की बुद्धि ने अथवा उसके विवेक ने किसी भी नए तथ्य का दर्शन किया, वह व्यक्ति ही वास्तविक संस्कृत व्यक्ति है और उसकी संतान जिसे अपने पूर्वज से वह वस्तु अनायास ही प्राप्त हो गई है, वह अपने पूर्वज की भाँति सभ्य भले ही बन जाए, संस्कृत नहीं कहला सकता। एक आधुनिक उदाहरण लें। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया। वह संस्कृत मानव था।
प्रश्न :
(i) प्रस्तुत गद्यावतरण के रचयिता एवं पाठ का नाम लिखिए।
Ans. संस्कृति (भदंत आनंद कौशल्यायन)
(ii) संस्कृत व्यक्ति किसे कहा जाता है ?
Ans. जो नई खोज करता है।
(iii) न्यूटन को ‘संस्कृत मानव’ क्यों कहा गया है ?
Ans. नये सिद्धान्त ( गुरुत्वाकृष्ण ) की खोज के कारण।
(iv) संस्कृत व्यक्ति की संतान को क्या कहा गया है ?
Ans. सभ्य है, संस्कृत नहीं।
13. यशपाल अथवा मन्नू भण्डारी का जीवन परिचय देते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
Ans.
यशपाल– सन् 1903 में फिरोजपुर छावनी (पंजाब) में जन्म | प्रारम्भिक शिक्षा काँगड़ा उच्चतर लाहौर से । भगत सिंह एवं सुखदेव से परिचय। स्वाधीनता संग्राम से जुड़े। सन् 1976 में निधन।
कहानी संग्रह : ज्ञानदान तर्क का तूफान पिंजरे की उड़ान । उपन्यास : झूठा सच। अमिता पार्टी कामरेड। दादा कामरेड़।
साहित्यिक विशेषताएँ : सामाजिक विषमता, राजनीतिक पाखंड एवं रूढ़ियों के विरुद्ध । देश विभाजन की त्रासदी का चित्रण सजीव एवं स्वाभाविक भाषा । यथार्थवादी शैली।
अथवा
मन्नू भण्डारी– सन् 1931 में गाँव भानपुरा (जिला मंदसौर म० प्र०) में जन्म। इंटर तक की शिक्षा अजमेर में एम० ए० हिन्दी । दिल्ली के कॉलेज में अध्यापन कार्य । तत्पश्चात् स्वतंत्र लेखन । अनेक सम्मान।
रचनाएँ : ‘एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई ‘यही सच है’, ‘त्रिशंकु’ (कहानी संग्रह ) । ‘आपका बंटी’, महाभोज (उपन्यास) ।
पात्रानुकूल एवं प्रसंगानुकूल भाषा सरल, सहज, सरस भाषा । स्त्री मन से जुड़ी अनुभूतियों की अभिव्यक्ति ।
14. ‘स्त्री-शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खण्डन’ पाठ का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।