HBSE 10th Hindi Solved Sample Paper 2023

HBSE 10th Hindi Solved Sample Paper 2023 

 
 
 
1. (क) (i) वाच्य किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं?
क्रिया के जिस रूप से यह बोध हो कि वाक्य में क्रिया का प्रयोग कर्ता, कर्म या भाव के अनुसार हुआ है, उसे वाच्य कहते हैं। वाच्य के तीन भेद होते हैं- कर्तृ वाच्य, कर्म वाच्य तथा भाव वाच्य।
(ii) ‘बन्दर’ शब्द के दो पर्यायवाची शब्द लिखो।
वानर, कपि, शाखामृग 
 
(ख) (i) अविकारी शब्द किसे कहते हैं? अविकारी शब्द कितने प्रकार के होते हैं?
ऐसे शब्द, जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, कारक, काल, पुरुष आदि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता, उन्हें अव्यय या अविकारी शब्द कहते हैं। अविकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं- क्रिया विशेषण, सम्बन्ध बोधक, समुच्चय बोधक तथा विस्मयादि बोधक। 
(ii) महेश शब्द का संधि विच्छेद करते हुए संधि का नाम लिखिए। 
महा + ईश = महेश  (आ + ई = ए, गुण संधि) 
 
(ग) (i) ‘नीलकंठ’ शब्द समास विग्रह करते हुए समास का नाम लिखिए। 
नीला है जो कंठ – नीलकंठ (कर्मधारय समास)
(ii) निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखते हुए उसे वाक्य में प्रयोग कीजिए –
तारे गिनना – चिंता में जागकर रात काटना 
जब से रेशमा के बच्चे विदेश गए हैं वह रात में तारे गिनती रहती है। 
 
(घ) (i) ‘बे’ उपसर्ग लगाकर दो नए शब्द बनाइए।
बेईमान, बेचैन, बेहोश 
(ii) ‘यौगिक’ शब्द में प्रत्यय छाँटिए। 
इक 
 
2. (ख) (i) रूपक अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण लिखिए। 
जिस अलंकार में उपमेय और उपमान में कोई अंतर न दिखाई दे तब वहाँ रूपक अलंकार होता है अर्थात जहाँ पर उपमेय और उपमान के बीच के अंतर को समाप्त करके उसे एक कर दिया जाता है वहाँ पर रूपक अलंकार होता है। 
उदाहरण- मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों।
(ii) चौपाई छंद की परिभाषा बताते हुए एक उदाहरण लिखिए। 
इस चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं। चरण के अन्त में जगण अथवा तगण  नहीं होना चाहिए, अन्तिम दो वर्ण गुरु-लघु भी नहीं होने चाहिए। उदाहरण- 
इहि विधि राम सबहिं समुझावा
गुरु पद पदुम हरषि सिर नावा। 
 
3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबंध लिखिए : 
(क) सदाचार का महत्त्व 
(ख) दहेज प्रथा
(ग) दीपावली
(घ) विद्यार्थी और अनुशासन
(ङ) पुस्तकालय: ज्ञान और स्त्रोत
खुद करे। 
 
4. दैनिक पत्र के सम्पादक के नाम पत्र लिखो जिसमें अपने नगर की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की गई हो।
सेट नंबर 26, ब्लोक ए
न्यू दिल्ली, 171002
2-03-2022
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय, 
दैनिक पत्र दिल्ली, 
विषय : अपने नगर की दुर्दशा का वर्णन
महोदय,
            मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से अपने नगर की दुर्दशा के बारे में वर्णन करना चाहता हूँ। आशा है कि आप मेरे पत्र को अपने लोकप्रिय समाचार पत्र में प्रकाशित करेंगे।
मैं रोहिनी क्षेत्र में रहता हूँ। हमारे यहाँ पर नगर की दुर्दशा बहुत खराब है। सभी रास्ते टूटे हुए है। नगर मे सीवर की व्यवस्था नहीं है, जिस कारण रास्ते में पानी भरा रहता है। नगर में कोई भी सफाई की व्यवस्था नहीं है। नगर में कोई कूड़ादान नहीं है। बच्चों से लेकर बड़ो तक कोई भी नगर में घूम नहीं सकता। सुबह-सुबह सैर करने लिए बहुत मुश्किल होती है।
हमारे नगर की बुरी दुर्दशा के कारण बच्चे घरों में रहते है , वह बहार खेलने नहीं जा सकते। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ, कि नगर की दुर्दशा को ठीक करने की व्यवस्था की जाए, ताकि बच्चे अपना बचपन खेल-कूद से बीता सके और बड़े लोग भी सैर कर सके। मेरा केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह इस संबंध में कठोर कारवाई करें।
धन्यवाद।
भवदीय,
राहुल शर्मा 
                                          अथवा
मित्र की माता की आकस्मिक मृत्यु पर संवेदना प्रकट करते हुए पत्र लिखिए।
16 सी, विकास पुरी
नई दिल्ली 110027
प्रिय राकेश, 
विषय : आकस्मिक मृत्यु पर संवेदना प्रकट करते हुए पत्र। 
      तुम्हारी माताजी के अचानक देहान्त की सूचना पाकर मैं बहुत अधिक शोकाकुल हो गया हूँ। गत सप्ताह ही तो मैं उनसे मिला था। वह बिल्कुल स्वस्थ दिख रही थीं और आज जब मुझे रोहित ने बताया तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ। प्रिय दोस्त, ईश्वर की लीला भी कितनी विचित्र है। वह जो चाहे, करे। उसे कोई रोक नहीं सकता। हम मानव तो उसके हाथों की कठपुतलियाँ हैं जो उसके इशारे पर कुछ दिन नाचकर यहाँ से विदा लेते हैं। मैं जानता हूँ माताजी की मृत्यु के कारण तुम पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। तुम पर अब सारे घर का दायित्व आ पड़ा है। छोटे भाई-बहनों का ध्यान तम्हें रखना है। ऐसी संकट की घड़ी में तुम्हें अपने पिताजी को भी ढांढ़स बंधानी है। अत: इस विपत्ति की घड़ी में धैर्य और साहस से काम लो। 
ईश्वर से प्रार्थना है कि वह तुम्हें और तुम्हारे परिवार को ये दुःख सहन करने की शक्ति दें एवं दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें।
तुम्हारे दुःख में दुःखी
रवि कुमार
 
5. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर लिखिए।
(क) तुलसीदास ने ‘कौशिक’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त किया है?
      (A) ऋषि वशिष्ठ 
      (B) विश्वामित्र
      (C) भारद्वाज 
      (D) परशुराम
(ख) कवि देव का जन्म कब हुआ ?
      (A) 1673 ई. में
      (B) 1678 ई. में
      (C) 1701 ई. में
      (D) 1598 ई. में
 (ग) फागुन में गाए जाने वाले गीत है? 
       (A) होरी
       (B) कजरी
       (C) फाग
       (D) सभी
(घ) ‘कथा’ शब्द का प्रयोग कवि ने किसके लिए किया है?
      (A) कथा के लिए 
      (B) अंतर्मन के लिए 
      (C) आत्मा के
      (D) इतिहास के लिए
(ड़) फसल में किस की प्रधानता है?
      (A) आत्मा 
      (B) परमात्मा
      (C) प्रकृति
      (D) माया      
(च) ‘पुरइनि पात’ शब्द का अर्थ है?
      (A) सूरजमुखी का पत्ता 
      (B) कमल का पत्ता 
      (C) गुलाब का पत्ता 
      (D) चमेली का पत्ता
(छ) सरगम का अर्थ है?
      (A) ज्ञान 
      (B) सरक कर चलना 
      (C) स्वर बोध
      (D) सरोवर
(ज) ‘चहरे पर मत रीझना’ में क्या निहित है ?
      (A) फटकार
      (B) नसीहत
      (C) तिरस्कार 
      (D) सम्मान 
 
6. दूसरे कवित्त के आधार पर स्पष्ट करें कि ऋतुराज बसंत के बाल रूप का वर्णन परंपरागत बसंत वर्णन से किस प्रकार भिन्न है?
परंपरागत रूप से बसंत का वर्णन करते हुए कवि प्राय: ऋतु परिवर्तन की शोभा का वर्णन करते हैं। रंग-बिरंगे फूलों, चारों ओर फैली हरियाली, नायिकाओं के झूले, परंपरागत रागों, राग-रंग आदि का कवि बखान करते हैं। वे नर-नारियों के हृदय में उत्पन्न होने वाले प्रेम और काम-भावों का वर्णन करते हैं, लेकिन इस कवित्त में देव कवि ने बसंत का बाल रूप में चित्रण किया है, जो कामदेव के बालक हैं। सारी प्रकृति उनके साथ वैसा ही व्यवहार करती दिखाई गई है, जैसा सामान्य जीवन में नवजात और छोटे बच्चों से व्यवहार किया जाता है। इससे कवि की कल्पना शीलता और सुकुमार भाव प्रवणता का परिचय मिलता है।
 
7. निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए।  
माँ ने कहा पानी में झाँककर 
अपने चहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ रोकने के लिए है  
जलने के लिए नहीं 
वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह 
बंधन है स्त्री जीवन के 
माँ ने कहा लड़की होना
पर लड़की जैसी दिखाई मत देना

 

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्‌य-पुस्तक क्षितिज भाग- 2 में संकलित कविता ‘कन्यादान’ से ली गई हैं जिसके रचयिता श्री ऋतुराज हैं। कवि ने आधुनिक युग में समाज में आए परिवर्तनों के आधार पर विवाह के समय बेटी को माँ की ओर से शिक्षा दी है; उसे सचेत किया है। आज के बदलते इस समाज में कोरे आदर्शो की कमजोरी का कोई महत्व शेष नहीं बचा है।
व्याख्या : कवि के अनुसार माँ अपनी लड़की को कन्यादान के समय समझाते हुए कहती हैं कि पानी में झाँककर अपने चेहरे की सुंदरता की ओर केवल निहारते न रहना। केवल अपनी सुंदरता और बनाव-शृंगार की ओर ही ध्यान देना ही तुम्हारे लिए पर्याप्त नहीं है बल्कि परछाई दिखाने वाले उस पानी की गहराई के बारे में जान लेना आवश्यक है। जो पानी परछाई दिखाता है और सुंदरता के प्रति तुम्हें आकर्षित करता है, वह डूबकर मृत्यु का कारण भी बन सकता है-उससे सावधान रहना। आग केवल रोटियाँ सेंकने के लिए होती है, वह जलने और जलकर मर जाने के लिए नहीं होती, इसलिए उसका शिकार न बनना। नारी जीवन को भ्रम में डालने वाले तरह-तरह के वस्त्र और गहने हैं। ये शाब्दिक धोखे हैं जो स्त्री को जीवन में बांध देने के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं। माँ ने अपनी लड़की को समझाते हुए कहा कि तुम लड़की बने रहना पर कभी भी लड़की की तरह दिखाई न देना सजग और सचेत रहना। समाज में व्याप्त परिवर्तनों को भली-भांति समझना। यह संसार निर्मम है इसलिए उसे भली-भांति समझना।

 

 
8. गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए ?
गोपियों के अनुसार राजा का धर्म उसकी प्रजा की हर तरह से रक्षा करना होता है, प्रजा के सुख चैन का ध्यान होता है तथा नीति से राजधर्म का पालन करना होता है। एक राजा तभी अच्छा कहलाता है जब वह अनीति का साथ न देकर नीति का साथ दे। 
 
9. निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नो के विकल्प चुनकर उत्तर पुस्तिका में लिखिए : 
(क) देशभक्ति की भावना किस पर निर्भर करती है?
      (A) धन पर 
      (B) बल पर 
      (C) शान पर 
      (D) मन पर
(ख) बालगोविन भगत का व्यवसाय क्या था? 
      (A) मजदूरी 
      (B) व्यापार 
      (C) खेती-बाड़ी
      (D) नौकरी       
(ग) लेखक की दृष्टि में ‘खीरा’ किस वर्ग का प्रतीक है?
      (A) मामूली लोगों के वर्ग का 
      (B) सामंती वर्ग का 
      (C) उच्च वर्ग का 
      (D) मध्य वर्ग का
(घ) फादर बुल्के की जन्मभूमि है- 
      (A) भारत 
      (B) पाकिस्तान 
      (C) बेल्जियम
      (D) अमेरिका
(ड) पाँच भाई-बहनों में लेखिका किस नंबर पर हैं?
      (A) पहले नंबर पर
      (B) पाँचवें नंबर पर
      (C) दूसरे नंबर पर
      (D) चौथे नंबर पर
(च) शहनाई में प्रयोग आने वाली ‘रीड’ किससे बनाई जाती है?
      (A) बाँस
      (B) नरकट
      (C) स्टील
      (D) तूंबी
(छ) ‘संस्कृति’ परिणाम हैं-
      (A) उन्नति
      (B) विकास
      (C) सभ्यता
      (D) तरक्की
(ज) ‘प्रज्ञा’ से जुड़ा जीवधारी है?
      (A) मानव
      (B) नाग
      (C) सिंह
      (D) मयूर
 
10. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। 
भादो की वह अँधेरी अधरतिया, थोड़ी ही देर पहले मूसलाधार वर्षा खत्म हुई है। बादलों की गरज, बिजली की तड़प में आपने कुछ नहीं सुना हो, किंतु अब झिल्ली की झंकार या दादूर की टर-टर बालगोबिन भगत के संगीत को अपने कोलाहल में डुबो नहीं सकती। उनकी खँजड़ी डिमक-डिमक बज रही है और वे गा रहे हैं- “गोदी में पियवा, चमक उठे सखियां, चिहुँक उठे ना। 
(क) पाठ व रचनाकार का नाम लिखिए ।

 

पाठ : बाल गोबिन भगत
रचनाकार : राम वृक्ष बेनीपुरी

 

(ख) इस गद्यांश में किस मौसम का वर्णन है?
वर्षा ऋतु 
(ग) बादलों की गरज और बिजली की तड़प में क्या सुनाई नहीं देता?
कुछ भी नहीं। 
 
11. तब की शिक्षा प्रणाली और अब की शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर है? स्पष्ट करें।
पहले की शिक्षा प्रणाली और आज की शिक्षा प्रणाली में बहुत परिवर्तन आया है। तब की शिक्षा प्रणाली में स्त्रियों को शिक्षा से वंचित रखा जाता था, पहले शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को गुरुकुल में रहना ज़रूरी था। परन्तु आज शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यालय है। पहले शिक्षा एक वर्ग तक सीमित थी। लेकिन आज किसी भी जाति के तथा किसी भी वर्ग के लोग शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। आज की शिक्षा प्रणाली में स्त्री-पुरूषों की शिक्षा में अंतर नहीं किया जाता है। पहले की शिक्षा में जहाँ जीवन-मूल्यों की शिक्षा पर बल दिया जाता था, वहीँ आज व्यवसायिक तथा व्यावहारिक शिक्षा पर बल दिया जाता है। गुरु-परम्परा भी लगभग समाप्त ही हो गयी है।
 
12. रामवृक्ष बेनीपुरी अथवा महावीर प्रसाद द्विवेदी जी का जीवन परिचय देते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। 
खुद करे। 
 
13. कृतिका (भाग-2) के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) लेखक व उसके साथी बारात का जुलूस किस प्रकार निकालते थे?
‘माता का आँचल’ पाठ में लड़कों की मंड़ली बारात निकालती थी। वे कनस्तर को तंबूरा बनाकर बजाते, अमोले को घिसकर उससे बड़े मजेे से शहनाई बजाते, टूटी हुई चूहेदानी को पालकी बनाकर उसे कपड़े से ढक देते। 
(ख) ‘जॉर्ज पंचम की नाक’ पाठ में लेखक ने हिंदुस्तान की कैसी मानसिकता पर व्यंग्य किया है?
पाठ के आधार पर लेखक ने समाज एवं देश की बदहाल स्थितियों पर करारा व्यंग्य किया गया है। इस पाठ में दर्शाया गया है कि अंग्रेजी हुकूमत से आज़ादी प्राप्त करने के बाद भी सत्ता से जुड़े लोगों की औपनिवेशक दौर की मानसिकता के शिकार हैं।  नाक, मान-सम्मान व प्रतिष्ठा का प्रतीक है, जबकि कटी हुई नाक अपमान का प्रतीक है। 
(ग) सिक्किम के अधिकतर लोगों की जीविका का साधन क्या है?
सिक्किम के अधिकतर लोगों की जीविका का साधन वहाँ के चाय के बागान में काम करना है। वह सड़क निर्माण के कार्य में भी मजदूरी करके अपनी जीविका चलाते हैं। वह आलू की खेती करते हैं और आलू द्वारा अपना जीवकोपार्जन करते हैं। वह धान की भी खेती करते हैं। 
(घ) दुलारी की दो चारित्रिक विशेषताएं लिखिए। 
दुलारी एक प्रभावशाली गायिका है उसकी आवाज़ में मधुरता व लय का सुन्दर संयोजन है। पद्य में तो सवाल−जवाब करने में उसे कुशलता प्राप्त थी। बेशक दुलारी प्रत्यक्ष रूप से स्वतन्त्रता संग्राम में ना कूदी हो पर वह अपने देश के प्रति समर्पित स्त्री थी। दुलारी एक स्वाभिमानी स्त्री थी। वह अपने सम्मान का समझौता करने के लिए बिलकुल तैयार नहीं थी। उसने अकेले रहकर सम्मान से सर उठाकर जीना सीखा था। 
(ड.) राजू किसके पत्र को पढ़ रहा था?
राजू जतिन के पिता बेलू गाँधी को पत्र पढ़ रहा था।
 
14. नैतिक शिक्षा पाठ्यपुस्तक के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) मानवता शब्द का अर्थ स्पष्ट करे?
मानवता का अर्थ इंसानियत, दया, मनुष्य जाति का स्वभाव, मानव जाति, मानव स्वभाव, भलामानस का गुण, मनुष्यत्व होता है। जब हम पशु पक्षियों और दूसरे जीवो के प्रति दया का भाव दिखाते हैं तो उसे मानवता कहते हैं। ईश्वर ने मानव (मनुष्य) को सर्वश्रेष्ठ प्राणी बनाया है। 
(ख) योग: कर्मसु कौशलम्’ की व्याख्या करे? 
‘योग : कर्मसु कौशलम्’ का सामान्य अर्थ होता है योग से ही कर्मों में कुशलता है। भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण द्वारा कहे उपदेश को यदि व्यक्ति अपने जीवन में पालन करें तो वह अपने कर्म में कुशलता पा सकता है। इस श्लोक का उद्देश्य मानव को उनके काम के प्रति समर्पित भावना उत्पन्न करना है। कोई व्यक्ति किसी काम को कर रहा है तो उसे ऐसी मानसिक स्थिति में काम को करना चाहिए, जिससे काम अच्छे तरीके से हो और उसे फल की चिंता में पड़ कर खुद को व्यग्र नहीं करना चाहिए।
(ग) राजनीतिक क्षेत्र में मालवीय जी द्वारा दिए गए योगदान का वर्णन करे। 
वे एक महान् सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने अस्पृश्यता को मिटाने का काम किया। भारत में स्काउटिंग कार्यक्रम के संस्थापकों में से वे एक थे। उन्होंने ‘सत्यमेव जयते’ का नारा दिया। उन्होंने हरिद्वार में ‘हर की पौड़ी’ में आरती की परंपरा शुरू की। उनके नाम पर अनेक स्थान हैं। संसद के केंद्रीय सभागार में उनका आदमकद चित्र लगाया गया है। उन्होंने काँग्रेस में अपनी एक खास जगह बना ली और स्वतन्त्रता-संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई। वे चार बार काँग्रेस के अध्यक्ष क्रमशः वर्ष 1909, 1918, 1932 तथा 1933 में रहे। मालवीयजी ने काँग्रेस के ‘नरम दल’ और ‘गरम दल’ के बीच एक जोड़ने वाली कड़ी के रूप में कार्य करते हुए राजनीतिक स्तर पर अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और स्वतन्त्रता-संग्राम के पथ-प्रदर्शक बने। 
(घ) सरोजिनी नायडू की शिक्षा-दीक्षा किस प्रकार संपन्न हुई ? 
12 साल की छोटी उम्र में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी। उन्होंने मद्रास प्रेसीडेंसी में पहला स्थान हासिल किया था। 16 वर्ष की आयु में वो इंग्लैंड गई। वहां पहले उन्होंने किंग कॉलेज लंदन में दाखिला लिया, उसके बाद कैम्ब्रिज के ग्रीतान कॉलेज से शिक्षा हासिल की। उनके पिता चाहते थे कि वो गणितज्ञ या वैज्ञानिक बनें, पर उनकी रुचि कविता में थी। उनकी कविता से हैदराबाद के निजाम बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने सरोजिनी नायडू को विदेश में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति दी।
(ड.) गंगाधर राव ने किसको अपना दत्तक पुत्र बनाया व क्यों ?
गंगाधर राव ने अपने चचेरे भाई वासुदेव नयालकर के पुत्र आनंद राव नाम के एक बच्चे को गोद लिया था, जिसे मरने से एक दिन पहले दामोदर राव नाम दिया गया था।
 
 
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