Class 7 Social Science Half Yearly Question Paper 2025 Answer Key (NCERT Based)
निर्देश :
• सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
• प्रश्न (1-10) प्रत्येक एक अंक का है।
• प्रश्न (11-13) प्रत्येक दो अंक का है।
• प्रश्न (14-16) प्रत्येक तीन अंक का है।
• प्रश्न (17-19) प्रत्येक पाँच अंक का है।
1. चाप झील कहां पाई जाती है?
(a) हिमनद
(b) नदी घाटी
(c) रेगिस्तान
(d) बाढ़ कृत मैदान
उत्तर – (b) नदी घाटी
2. इनमें से कौन-सा मानवनिर्मित पर्यावरण है?
(a) पहाड़ियाँ
(b) समुद्र
(c) सड़क
(d) जल
उत्तर – (c) सड़क
3. राजा हर्षवर्धन के दरबारी कवि कौन थे?
(a) तुलसीदास
(b) बाण भट्ट
(c) सूरदास
(d) रसखान
उत्तर – (b) बाण भट्ट
4. कांची के कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
(a) चालुक्य
(b) पल्लव
(c) वाकाटक
(d) सातवाहन
उत्तर – (b) पल्लव
5. किसने देश से लैंगिक आधार पर भेदभाव खत्म किया है?
(a) सरकार
(b) राज्य
(c) संविधान
(d) अदालत
उत्तर – (c) संविधान
6. महान कवि भारवी, विक्रमादित्य के दरबारी कवि थे। (सही / गलत)
उत्तर – गलत
7. त्रिपक्षीय संधर्ष …………… पर अधिकार करने के लिए हुआ था।
उत्तर – कन्नौज
8. नालंदा विश्वविश्यालय में 10000 विद्यार्थी तथा 5000 शिक्षक कार्यरत थे। (सही / गलत)
उत्तर – गलत (वहाँ लगभग 10000 विद्यार्थी और 2000 शिक्षक थे)
9. पृथ्वी के आयतन का केवल …………… प्रतिशत हिस्सा ही पर्पटी है।
उत्तर – 1%
10. सातवी शताब्दी में तिब्बत के शासक नारदेव थे। (सही / गलत)
उत्तर – गलत (उस समय तिब्बत के शासक सोंगत्सेन गाम्पो थे)
11. शैलों के क्या उपयोग है?
उत्तर – शैलों का उपयोग भवन निर्माण, सड़कों, पुलों, मूर्तियों और औद्योगिक सामग्री बनाने में किया जाता है। कुछ शैलें खनिजों और धातुओं का भी स्रोत होती हैं।
12. पल्लव काल में निर्मित मंदिरों की क्या विशेषताएं थी?
उत्तर – पल्लव काल में मंदिर पत्थरों को काटकर बनाए जाते थे, जिन्हें रथ मंदिर कहा जाता था। इन मंदिरों में सुंदर मूर्तिकला और नक्काशी की गई थी तथा इनमें द्रविड़ स्थापत्य शैली का प्रयोग किया गया था। महाबलीपुरम के पंच रथ और कैलाशनाथ मंदिर इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
13. वैदिक साहित्य में कितने वेद ग्रन्थ है?
उत्तर – वैदिक साहित्य में चार वेद ग्रन्थ हैं: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
14. भारतीय जीवन पद्धति का मुख्य आधार क्या है?
उत्तर – भारतीय जीवन पद्धति का मुख्य आधार संस्कृति और आध्यात्मिकता है, जो धर्म, परंपराओं और नैतिक मूल्यों से संचालित होती है। इसमें आध्यात्मिकता को जीवन का परम लक्ष्य माना गया है। भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवार प्रणाली, प्रकृति के प्रति सम्मान और नैतिक कर्तव्यों (धर्म) के पालन को बहुत महत्त्व दिया गया है। यही विशेषताएँ भारतीय जीवन पद्धति को विशिष्ट बनाती हैं।
15. हमें सरकार को कर क्यों देना चाहिए?
उत्तर – हमें सरकार को कर इसलिए देना चाहिए क्योंकि सरकार उसी धन से देश के विकास के कार्य करती है। कर से प्राप्त धन से सरकार सड़कें, स्कूल, अस्पताल, पुल और अन्य जनसुविधाएँ बनाती है। इसके साथ ही यह धन सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबों की सहायता जैसे कार्यों में भी उपयोग किया जाता है। इसलिए हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह ईमानदारी से कर दे, ताकि देश तरक्की कर सके।
16. आप क्या सोचते हैं, अगर आपकी माँ या वे लोग, जो घर के काम में लगे हैं, एक दिन के लिए हड़ताल पर चले जाए, तो क्या होगा?
उत्तर – अगर माँ या घर के काम करने वाले लोग एक दिन के लिए हड़ताल पर चले जाएँ, तो घर पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाएगा। खाना पकाने, सफाई और कपड़े धोने जैसे सभी काम रुक जाएँगे। परिवार के सदस्यों को ये काम खुद करने पड़ेंगे, लेकिन वे इसके आदी नहीं होते, इसलिए सब कुछ बिगड़ सकता है। इससे हमें यह समझ में आता है कि माँ और घर के अन्य काम करने वाले लोगों का परिश्रम बहुत महत्वपूर्ण है और हमें उनका सम्मान करना चाहिए।
17. अपक्षय और अपरदन में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर –
| अपक्षय | अपरदन |
| 1. अपक्षय वह प्रक्रिया है जिसमें चट्टानें अपने स्थान पर ही तापमान, वर्षा, हवा और जैविक क्रियाओं के प्रभाव से टूट-फूट जाती हैं। | 1. अपरदन वह प्रक्रिया है जिसमें जल, पवन, हिमनद या समुद्री लहरें इन टूटे हुए कणों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाकर भूमि को काटती और घिसती हैं। |
| 2. अपक्षय स्थानीय प्रक्रिया है, जो चट्टानों को उनके स्थान पर ही प्रभावित करती है। | 2. अपरदन गतिशील प्रक्रिया है, जो पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती है। |
| 3. अपक्षय मुख्य रूप से तापमान में परिवर्तन, वर्षा, पादप-मूल, जीव-जंतु आदि के कारण होती है। | 3. अपरदन नदियों, हवाओं, हिमनदों और समुद्री लहरों के द्वारा होता है। |
| 4. अपक्षय से चट्टानें टूटकर रेत, मिट्टी या छोटे टुकड़ों में बदल जाती हैं। | 4. अपरदन से पृथ्वी की सतह पर नए स्थलरूप जैसे घाटियाँ, नदी तट, बालू के टीले और पर्वतीय कटाव बनते हैं। |
18. पवन किसे कहते हैं? इसे कितने प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है?
उत्तर – जब वायु एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर वायुदाब के अंतर के कारण चलती है, तो उसे पवन कहा जाता है। पवन पृथ्वी के वायुमंडल का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो तापमान, नमी और जलवायु को संतुलित रखती है।
पवन को तीन मुख्य प्रकारों में विभाजित किया गया है :
(i) स्थायी पवनें – ये पवनें पूरे वर्ष लगभग एक ही दिशा में समान रूप से चलती हैं और पृथ्वी पर बनने वाले स्थायी दाब क्षेत्रों पर निर्भर करती हैं। प्रमुख स्थायी पवनें हैं: व्यापारिक पवनें, पश्चिमी पवनें और ध्रुवीय पवनें, जो पृथ्वी के विभिन्न भागों में ऊष्मा और नमी का संतुलन बनाए रखती हैं।
(ii) ऋतुचक्र पवनें – ये पवनें ऋतु परिवर्तन के साथ अपनी दिशा बदलती हैं। इसका प्रमुख उदाहरण भारतीय मानसून है, जो ग्रीष्म ऋतु में दक्षिण-पश्चिम दिशा से वर्षा लाता है और शीत ऋतु में उत्तर-पूर्व दिशा से बहता है। ये पवनें कृषि और वर्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
(iii) स्थानीय पवनें – ये किसी विशेष क्षेत्र में स्थानीय तापमान, स्थलाकृति और वायुदाब के अंतर के कारण चलती हैं। उदाहरणस्वरूप: लू, फोहन, चिनूक, समुद्री पवन और स्थलीय पवन, जो अपने क्षेत्र के स्थानीय मौसम को प्रभावित करती हैं।
19. पाल, प्रतिहार एवं राष्ट्रकूट वंश के लिए कन्नौज क्यों महत्वपूर्ण था? संक्षेप में व्याख्या करें।
उत्तर – पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूट वंशों के लिए कन्नौज अत्यंत महत्वपूर्ण था क्योंकि यह प्राचीन भारत का एक राजनीतिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक केंद्र था। हर्षवर्धन ने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाकर इसे गौरवपूर्ण स्थान दिया था। यह नगर गंगा के किनारे स्थित था, इसलिए इसका क्षेत्र बहुत उपजाऊ और समृद्ध था तथा व्यापार के लिए भी उपयुक्त था। उस समय यह माना जाता था कि जो राजा कन्नौज पर अधिकार करेगा, वही पूरा उत्तर भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक माना जाएगा। इसी कारण पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूट वंशों ने कन्नौज पर अधिकार के लिए त्रिपक्षीय संघर्ष किया, जिससे यह नगर राजनीतिक दृष्टि से और भी अधिक महत्वपूर्ण बन गया।