Class 7 Hindi Half Yearly Question Paper 2025 Answer Key (NCERT Based)
निर्देश :
• सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
• प्रश्न (1-10) प्रत्येक एक अंक का है।
• प्रश्न (11-12) प्रत्येक दो अंक का है।
• प्रश्न (13-14) प्रत्येक तीन अंक का है।
• प्रश्न (15-16) प्रत्येक पांच अंक का है।
1. पक्षियों को सबसे अधिक क्या प्रिय है?
(क) सोने का पिंजरा
(ख) स्वतंत्रता
(ग) बहती नदी
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) स्वतंत्रता
2. नदियों को माता कहने के पीछे क्या कारण हो सकता है?
(क) नदियों में अनेक जीव पनपते है।
(ख) नदियाँ प्यास बुझाती है।
(ग) नदियाँ माँ की भांति भरण-पोषण करती है।
(घ) एक नदी से अनेक नदियों निकलती हैं।
उत्तर – (ग) नदियाँ माँ की भांति भरण-पोषण करती है।
3. कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?
(क) दूसरों को खुश देखकर
(ख) दूसरों को दुखी देखकर
(ग) सबको नाचता देखकर
(घ) स्वयं को धागों से बंधा देखकर
उत्तर – (घ) स्वयं को धागों से बंधा देखकर
4. ‘लाल ताऊ’ किसका स्मरण कराता है?
(क) लैटर बॉक्स का
(ख) खंभे का
(ग) पेड़ का
(घ) कौए का
उत्तर – (क) लैटर बॉक्स का
5. आकाश रुपी साफ़ा बाँधकर कौन बैठा है?
(क) नदी
(ख) जंगल
(ग) पेड़
(घ) पहाड़
उत्तर – (घ) पहाड़
6. सच्चे मित्र की क्या कसौटी है?
उत्तर – सच्चा मित्र मुसीबत के समय हमारे साथ खड़ा रहता है।
7. ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ कविता से ली गई पंक्ति को पूरी करें।
‘या तो क्षितिज मिलन बन जाता ………………।’
उत्तर – या तनती साँसों की डोरी।
8. मिठाईवाले ने कहा- मैं भी अपने नगर का एक …………… आदमी था। (साधारण / प्रतिष्ठित)
उत्तर – प्रतिष्ठित
9. गुणवाचक विशेषण के कोई दो उदाहरण लिखो।
उत्तर – (i) लाल फूल (यहाँ ‘लाल’ शब्द फूल के रंग का गुण बताता है)
(ii) लंबा आदमी (यहाँ ‘लंबा’ शब्द आदमी की लंबाई का गुण बताता है)
10. ‘तोतो-चान’ पुस्तक मूलतः किस भाषा में लिखी गई है?
उत्तर – जापानी भाषा में
11. ‘बाल महाभारत कथा’ के अनुसार लाख का घर क्यों बनवाया गया था?
उत्तर – ‘बाल महाभारत कथा’ के अनुसार, लाख का घर (लाक्षागृह) दुर्योधन ने पांडवों को मारने के लिए एक षड्यंत्र के तहत बनवाया था। यह भवन वार्णावत (वर्तमान बरनावा) में बनाया गया था और इसे इतनी आसानी से जलने वाली सामग्री (लाख) से बनाया गया था ताकि पांडव जब इसमें ठहरें, तो चुपके से इसमें आग लगा कर उन्हें मारा जा सके।
12. सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदियों की क्या विशेषताएँ है?
उत्तर – सिंधु और ब्रह्मपुत्र हिमालय की दो ऐसी नदियाँ हैं जिन्हें ऐतिहासिकता एवं महत्व के आधार पर नद भी कहा गया है। इन्हीं दो नदियों में अन्य नदियों का संगम होता है। प्राकृतिक और भौगोलिक दृष्टि से इनकी महत्ता अत्यधिक है। इनका रूप विशाल और विराट है। ये नदियाँ हिमालय के पिघले हुए बर्फ और पानी से बनती हैं, इसलिए इन्हें दयालु नदियाँ भी कहा जाता है।
13. ‘परोपकार’ से आप क्या समझते है? ‘परोपकार’ की प्रेरणा देने वाले कोई दो उदाहरण लिखो।
उत्तर – परोपकार का अर्थ है दूसरों की भलाई के लिए बिना किसी स्वार्थ के मदद करना या सेवा करना। यह दयालुता और सेवा की भावना को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति सूप किचन में स्वयंसेवा करता है, जरूरतमंदों को खाना खिलाता है, बच्चों को मुफ्त पढ़ाता है या बूढ़ी महिलाओं को सड़क पार करने में मदद करता है। इसी तरह, अपने परिवार की मदद करना, जैसे दादी के लिए किराने का सामान लाना, परोपकार का कार्य माना जाता है यदि इसके बदले कोई भुगतान न लिया जाए।
14. विद्यार्थी जीवन के लिए आवश्यक पाँच नियम लिखें।
उत्तर – विद्यार्थी के पाँच लक्षण हैं: कौए की तरह चेष्टा (सब ओर दृष्टि और त्वरित निरीक्षण क्षमता), बगुले की तरह ध्यान (गहन एकाग्रता), कुत्ते की तरह नींद (अल्प व्यवधान पर नींद छोड़कर उठ जाय), अल्पहारी (कम भोजन करने वाला), गृहत्यागी (अधिक मोह न रखने वाला)। शास्त्र में कहा गया है- “सुखार्थी वा त्यजेत विद्या, विद्यार्थी वा त्यजेत सुखम्”, अर्थात विद्यार्थी को सुख का त्याग करके विद्या में लीन होना चाहिए।
15. ‘कठपुतली’ कविता के आधार पर जीवन में स्वतंत्रता के महत्त्व के बारे में बताएँ।
उत्तर – ‘कठपुतली’ कविता यह दर्शाती है कि कठपुतली अपने धागों से पूरी तरह बंधी होती है और उसकी हर हरकत नियंत्रित होती है। वह अपने मन की इच्छा से कुछ नहीं कर सकती। कविता के माध्यम से यह समझाया गया है कि जब मनुष्य किसी के नियंत्रण में होता है या उसकी स्वतंत्रता सीमित होती है, तो वह अपने जीवन को पूरी तरह नहीं जी पाता। जीवन में स्वतंत्रता का अर्थ है अपने निर्णय स्वयं लेना, अपने विचार और इच्छाओं के अनुसार कार्य करना और किसी का अनुचर न बनना। कठपुतली की तरह बंधे रहना न केवल असंतोष पैदा करता है, बल्कि व्यक्ति की सृजनात्मकता और क्षमता को भी दबा देता है। प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि वह अपने काम, खेल, अध्ययन और जीवन की अन्य गतिविधियों में स्वयं निर्णय ले सके। स्वतंत्र व्यक्ति न केवल आत्मनिर्भर होता है, बल्कि अपने समाज और देश के लिए भी सकारात्मक योगदान देता है। इसलिए कविता हमें यह संदेश देती है कि स्वतंत्रता जीवन का मूल अधिकार है और इसे अपनाकर ही व्यक्ति अपने जीवन को सशक्त और सफल बना सकता है।
16. निम्नलिखित पंक्तियों का प्रसंग सहित सरलार्थ लिखो।
‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिंजरबद्ध न गा पाएँगे,
कनक-तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जाएँगे।
उत्तर : प्रसंग – ये पंक्तियाँ कवि ‘शिवमंगल सिंह सुमन’ की कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से ली गई हैं। इसमें पक्षी अपनी स्वतंत्रता की भावना व्यक्त कर रहे हैं और पिंजरे में बंद होने की पीड़ा दिखा रहे हैं।
• सरलार्थ – पंक्तियों में कहा गया है कि हम खुले और आज़ाद आकाश में उड़ने वाले पक्षी हैं, लेकिन अगर हमें पिंजरे में बंद कर दिया जाए, तो हम अपनी खुशी और स्वतंत्रता के साथ गाना नहीं गा पाएँगे, क्योंकि गाना हमारी आज़ादी का प्रतीक है। इसके साथ ही, आज़ादी की चाह में जब हम पिंजरे की सोने की सलाखों से टकराएँगे, तो हमारे कोमल पंख टूट जाएंगे, जिससे हमारे बंधन और नियंत्रण के कारण हमारी शक्ति और क्षमता प्रभावित होगी। यह कविता हमें यह सिखाती है कि स्वतंत्रता व्यक्ति के जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसके बिना हम अपने वास्तविक स्वरूप और क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं कर सकते।