Class 6 Hindi Half Yearly Question Paper 2025 Answer Key (NCERT Based)
निर्देश :
• सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
• प्रश्न (1-10) प्रत्येक एक अंक का है।
• प्रश्न (11-12) प्रत्येक दो अंक का है।
• प्रश्न (13-14) प्रत्येक तीन अंक का है।
• प्रश्न (15-16) प्रत्येक पांच अंक का है।
1. हिंद महासागर के लिए कविता में कौन-सा शब्द आया है?
(क) चरण
(ख) वंशी
(ग) हिमालय
(घ) सिंधु
उत्तर – (घ) सिंधु
2. लोगों ने मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी का जादूगर’ कहना क्यों शुरू कर दिया?
(क) उनके हॉकी खेलने के विशेष कौशल के कारण
(ख) उनकी हॉकी स्टिक की अनोखी विशेषताओं के कारण
(ग) हॉकी के लिए उनके विशेष लगाव के कारण
(घ) उनकी खेल भावना के कारण
उत्तर – (क) उनके हॉकी खेलने के विशेष कौशल के कारण
3. कविता में ‘नवजीवन की ले अँगड़ाई’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(क) बादल
(ख) अंकुर
(ग) बूँद
(घ) पावस
उत्तर – (ख) अंकुर
4. सुलतान के छीने जाने का बाबा भारती पर क्या प्रभाव हुआ?
(क) बाबा भारती के मन से चोरी का डर समाप्त हो गया।
(ख) बाबा भारती ने गरीबों की सहायता करना बंद कर दिया।
(ग) बाबा भारती ने द्वार बंद करना छोड़ दिया।
(घ) बाबा भारती असावधान हो गए।
उत्तर – (क) बाबा के मन से चोरी का डर समाप्त हो गया।
5. “रहिमन जिह्वा बावरी, कहि गइ सरग पताल । आपु तो कहि भीतर रही, जूती खात कपाल ।” दोहे का भाव है :
(क) सोच-समझकर बोलना चाहिए
(ख) मधुर वाणी में बोलना चाहिए
(ग) धीरे-धीरे बोलना चाहिए
(घ) सदा सच बोलना चाहिए
उत्तर – (क) सोच-समझकर बोलना चाहिए
6. ‘मातृभूमि’ कविता के कवि कौन हैं?
उत्तर – सोहनलाल द्विवेदी
7. ‘हार की जीत’ कहानी के लेखक …………. जी हैं।
उत्तर – सुदर्शन
8. ‘किंतु यह इच्छा पूर्ण होती दिखाई नहीं देती।’ बिस्मिल को अपनी किस इच्छा के पूर्ण न होने की आशंका थी?
उत्तर – अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की
9. रामप्रसाद बिस्मिल की माँ का सबसे बड़ा आदेश क्या था?
उत्तर – कभी किसी के प्राण न लेना
10. कविता में आकाश और बादलों को किनके समान बताया गया है?
उत्तर – कविता में आकाश को नीले नेत्रों के समान और बादलों को काली पुतलियों के समान बताया गया है।
11. “बहती मलय पवन है, तन मन सँवारती है”
पवन किस का तन-मन सँवारती है? वह यह कैसे करती है?
उत्तर – मलय पवन शीतल मंद सुगंधित होती है और वह हमारे तन मन को सँवारती है। इस वायु का स्पर्श हम तन (शरीर) से करके पुलकित होते हैं। यह वायु हमारे मन को भी हर्षित एवं उल्लसित कर देता है।
12. बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कौन सा वचन लिया?
उत्तर – बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से वचन लिया कि एक अपाहिज, दीन, गरीब, बेसहारा बनकर जिस प्रकार उसने उनका घोड़ा छीना है, उसे वह किसी को न बताए। यदि लोगों को यह घटना पता चल जाएगी तो कोई भी किसी जरूरतमंद व बेसहारा की सहायता नहीं करेगा।
13. आपके विचारानुसार सफलता का मूल मंत्र क्या हो सकता है?
उत्तर – मेरे विचार के अनुसार योगेश्वर श्रीकृष्ण और कर्मनिष्ठ अर्जुन जैसी सोच में सफलता का मूल मंत्र निहित है। कोई भी कर्म केवल भोग-लिप्सा अथवा निजी सुख स्वार्थ के लिए या अपने अहंकार की पुष्टि के लिए न होकर भगवान को आगे रखकर धर्मपूर्वक, अच्छे लक्ष्य तथा अच्छे भाव व पूर्ण विश्वास के साथ किया जाए, वहाँ सफलता निश्चित होती है।
14. बिस्मिल को साहसी बनाने में उनकी माता जी ने कैसे सहयोग दिया?
उत्तर – बिस्मिल को साहसी बनाने में उनकी माता जी ने हमेशा उन्हें सहयोग दिया। आरंभ में ही लखनऊ कांग्रेस में जाने के लिए बिस्मिल की दादी जी और पिता जी के विरोध करने के बाद भी उनकी माता जी ने उन्हें वहाँ भेजने के साथ उन्हें खर्च के लिए पैसे भी दिए। बिस्मिल की माता जी ने कभी भी उनका उत्साह भंग न होने दिया। इसके लिए कई बार उन्हें अपने पति से डाँट फटकार एवं दंड भी सहना पड़ा। अपनी माता जी के सद्व्यवहार और प्रोत्साहन ने ही उन्हें साहसी बनाया।
15. नीचे दिए गए दोहे का अर्थ या भावार्थ लिखिए।
“रहिमन बिपदाहू भली, जो थोरे दिन होय । हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय॥”
उत्तर – यह दोहा जीवन की कटु सच्चाई पर आधारित है। कवि ने जीवन के यथार्थ का बहुत बारीकी से अध्ययन करके यह सत्य लिखा है। यदि थोड़े सयम के लिए विपदा अर्थात दुख या मुसीबत आकर जल्दी समाप्त हो जाती है तो वह अच्छी बात है। कवि लंबे समय तक रहने वाली कठिनाई या मुसीबत को भला नहीं कह रहे हैं। छोटे से समय के लिए आने वाली मुसीबत ही हमें बहुत कुछ बता देती है। दिखावा करने वाले लोग उस मुसीबत में हमसे किनारा कर लेते हैं। केवल सच्चे रिश्ते निभाने वाले लोग ही दुख में भी हमारे साथ खड़े रहते हैं।
16. ध्यानचंद की सफलता का क्या रहस्य था?
उत्तर – ध्यानचंद की सफलता का रहस्य उनकी कड़ी मेहनत, लगन और खेल के प्रति गहरी प्रतिबद्धता थी। उन्होने सफलता का मूल मंत्र लगन, साधना और खेल भावना को बताया। उन्होंने निरंतर अभ्यास किया और खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपनी खेल की तकनीकों को निखारा। वे हमेशा टीम की सफलता को प्राथमिकता देते थे और अपनी व्यक्तिगत उपलक्चियों के बजाय टीम के प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करते थे। उनकी ईमानदारी, समर्पण और उत्कृष्ट खेल कौशल ने उन्हें ‘हॉकी का जादूगर’ बनाया और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाई।