Class 10 Hindi Half Yearly Question Paper 2025 Answer Key (NCERT Based)
1. व्याकरण पर आधारित निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) इनमें से अविकारी शब्द कौन-सा है?
(क) आम
(ख) पर्वत
(ग) धीरे
(घ) पुस्तक
उत्तर – (ग) धीरे
(ii) चौपाई छंद में कुल कितनी मात्राएँ होती हैं?
(क) 32
(ख) 64
(ग) 50
(घ) 16
उत्तर – (घ) 16
2. निम्नलिखित प्रश्नों के यथानिर्दिष्ट उत्तर दीजिए : (2 × 3 = 6 अंक)
(क) विशेषण की परिभाषा देकर उसके भेदों के नाम लिखिए।
उत्तर – जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। भेद हैं: गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक और सार्वनामिक।
(ख) यमक अलंकार की परिभाषा एक उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
उत्तर – जिस वाक्य में एक ही शब्द की पुनरावृति होती है, लेकिन हर बार उसका अर्थ अलग-अलग होता है तो उसे यमक अलंकार कहते हैं। उदाहरण: काली घटा का घमण्ड घटा – पहले ‘घटा’ का अर्थ है ‘बादल’, दूसरे ‘घटा’ का अर्थ है ‘अल्पता/कम होना’।
(ग) शब्द एवं पद के अंतर को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – शब्द : शब्द भाषा की स्वतंत्र व सार्थक इकाई है। जैसे- राम, मारना, कहना आदि।
पद : वाक्य में प्रयुक्त शब्द को पद कहते हैं। जैसे- राम ने मारा।
प्रश्न 3 और 4 में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए। (5 अंक)
3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए :
(क) समाचार पत्रों का महत्त्व
(ख) मेरे सपनों का भारत
(ग) वृक्ष हैं तो जीवन है
उत्तर – स्वयं करे।
4. व्यायाम के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर –
प्रिय मित्र,
सप्रेम नमस्कार।
आशा करता हूँ कि तुम स्वस्थ और प्रसन्न होगे। आज मैं तुम्हें व्यायाम के महत्त्व के बारे में लिख रहा हूँ। व्यायाम हमारे शरीर को स्वस्थ, निरोग और तंदुरुस्त बनाता है। इससे हमारी रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है और मन प्रसन्न रहता है।
हमें प्रतिदिन प्रातःकाल कम से कम आधा घंटा व्यायाम अवश्य करना चाहिए। यह हमारे शरीर में स्फूर्ति लाता है और आलस्य को दूर करता है। जो व्यक्ति नियमित व्यायाम करता है, वह हमेशा सक्रिय और स्वस्थ रहता है।
तुम भी नियमित रूप से व्यायाम करने की आदत डालो, ताकि तुम सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रहो।
तुम्हारा शुभचिंतक,
रमेश
दिनांक : 27 अक्तूबर 20XX
स्थान : रोहतक
अथवा
विद्यालय में कंप्यूटर की अतिरिक्त कक्षाएँ लगवाने हेतु प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए।
उत्तर –
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय,
चरखी दादरी
विषय : विद्यालय में कंप्यूटर की अतिरिक्त कक्षाएँ शुरू करने के संबंध में।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षा की केवल एक ही कक्षा होती है, जिससे विद्यार्थियों को पर्याप्त अभ्यास का अवसर नहीं मिल पाता। आज के तकनीकी युग में कंप्यूटर शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। इसके ज्ञान के बिना विद्यार्थी आधुनिक शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में पीछे रह जाते हैं।
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि विद्यालय में कंप्यूटर की अतिरिक्त कक्षाएँ आरंभ कराने की कृपा करें, ताकि विद्यार्थी कंप्यूटर का पूरा ज्ञान प्राप्त कर सकें और समय के साथ कदम मिला सकें।
आपकी कृपा होगी।
सधन्यवाद,
आपका आज्ञाकारी विद्यार्थी
मनीष
कक्षा 10वीं
दिनांक 27 अक्तूबर 20XX
5. क्षितिज भाग-2 (काव्य खंड) के आधार पर निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर लिखे : (1 × 2 = 2 अंक)
(i) कवि ने ‘मधुप’ किसे कहा है?
(क) मन को
(ख) धन को
(ग) जल को
(घ) फूल को
उत्तर – (क) मन को
(ii) ‘विश्व के निदाघ के सकल जन’ यहाँ ‘निदाघ’ का क्या अर्थ है?
(क) सर्दी
(ख) गर्मी
(ग) पानी
(घ) रेत
उत्तर – (ख) गर्मी
6. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1 × 5 = 5 अंक)
लखन कहा हसि हमरे जाना। सुनहु देव सब धनुष समाना।।
का छति लाभु जून धनु तोरें। देखा राम नयन के भोरें।।
छुअत टूट रघुपतिहु न दोस्। मुनि बिनु काज करिअ कत रोस्॥
बोले चितै परसु की ओरा। रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा।।
बालकु बोलि बधौं नहि तोही। केवल मुनि जड़ जानहि मोही।।
बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही।।
प्रश्न :
(क) लक्ष्मण सब धनुर्षो को कैसा मानते थे?
उत्तर – लक्ष्मण सभी धनुषों को समान मानते थे।
(ख) राम ने धनुष को किस धोखे से छू लिया?
उत्तर – नया धनुष समझ कर छू लिया था।
(ग) परशुराम लक्ष्मण का वध क्यों नहीं कर रहे थे?
उत्तर – क्योंकि वे उन्हें बालक समझते थे।
(घ) परशुराम विश्व भर में अपने किन गुणों के कारण विख्यात थे?
उत्तर – क्रोध व ब्रह्मचर्य रूप के कारण
(ड़) इस काव्यांश में व्यंग्य का अनूठा सौन्दर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट करें।
उत्तर – लक्ष्मण ने कहा कि श्री राम ने तो इसे नया धनुष जानने के धोखे से छू लिया और यह टूट गया।
प्रश्न 7 और 8 में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए। (3 अंक)
7. काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए :
हरि है राजनीति पढ़ि आए।
समुझी बात कहत मधुकर के, समाचार सब पाए।
इक अति चतुर हुते पहिलैं ही, अब गुरु ग्रंथ पढाए।
बढ़ी बुद्धि जानी जो उनकी, जोग – संदेश पठाए।
उत्तर – इस काव्य पंक्तियों का काव्य सौंदर्य व्यंग्य, भाव और ब्रजभाषा में है। गोपियाँ कृष्ण के ‘राजनीति पढ़ आए’ कहने के माध्यम से यह बता रही हैं कि उन्होंने गोपियों से मिलने के बजाय, उद्धव के हाथों योग और ज्ञान का संदेश भेजा है, जो एक तरह से छल है। यहाँ काव्य सौंदर्य में व्यंग्यपूर्ण कटाक्ष, गोपियों के प्रेम और वियोग का मार्मिक वर्णन, और राजनीति को छल-कपट से जोड़ने की भावना निहित है।
8. कवि ने अपनी कथा को ‘भोली’ क्यों कहा है?
उत्तर – कवि ने अपनी आत्मकथा को ‘भोली’ इसलिए कहा है क्योंकि उन्हें अपना जीवन सीधा, सरल और सामान्य प्रतीत होता है। उन्होंने कभी अपनी व्यथा या अनुभवों को व्यक्त नहीं किया, क्योंकि उन्हें लगता था कि उनकी जीवन–कथा में ऐसा कुछ नहीं है जो दूसरों के लिए प्रेरणादायक या मार्गदर्शक हो। उनकी ‘भोली कथा’ में केवल उनके हृदय की मौन पीड़ा और संवेदनाएँ ही छिपी हैं। इसीलिए कवि ने अपनी आत्मकथा को ‘भोली’ कहा है।
9. क्षितिज भाग-2 (गद्य खंड) के आधार पर निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर लिखे : (1 × 3 = 3 अंक)
(i) बालगोबिन भगत के मस्तक पर कैसा चंदन लगा रहता था?
(क) रामानंदी
(ख) रामनामी
(ग) रामध्यानी
(घ) सीतारामी
उत्तर – (क) रामानंदी
(ii) लखनऊ के खीरे की क्या विशेषता थी?
(क) बालम
(ख) आलम
(ग) लज़ीज
(घ) देसी
उत्तर – (ग) लज़ीज
(iii) ‘एक कहानी यह भी’ के आधार पर मन्नू भण्डारी का किससे वैचारिक टकराव रहता था?
(क) माता से
(ख) पिता से
(ग) भाई से
(घ) बहन से
उत्तर – (ख) पिता से
प्रश्न 10 और 11 में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए। (5 अंक)
10. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
उस जमाने में घर की दीवारें घर तक ही समाप्त नहीं हो जाती थी बल्कि पूरे मोहल्ले तक फैली रहती थी इसलिए मोहल्ले के किसी भी घर में जाने पर कोई पाबंदी नहीं थी, बल्कि कुछ घर तो परिवार का हिस्सा ही थे। आज तो मुझे बड़ी शिद्दत के साथ यह महसूस होता है कि अपनी जिंदगी खुद जीने के इस आधुनिक दबाव ने महानगरों के फ्लैट में रहने वालों को हमारे इस परंपरागत ‘पड़ोस-कल्चर से विच्छिन्न करके हमें कितना संकुचित, असहाय और असुरक्षित बना दिया है।
प्रश्न :
(क) पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर – पाठ : एक कहानी यह भी, लेखक : मन्नू भंडारी
(ख) ‘घर की दीवारों का पूरे मोहल्ले तक फैलना’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – सभी के साथ मेलजोल
(ग) वर्तमान ‘फ्लैट-कल्चर’ में हम असुरक्षित कैसे हैं?
उत्तर – अपने तक सीमित रहकर
(घ) आप के अनुसार परंपरागत ‘पड़ोस-कल्चर’ किसे कहते हैं?
उत्तर – अपने आस -पड़ोस के साथ पारिवारिक संबंध।
(ड़) फ्लैट में रहने वालों के जीवन को संकुचित और असहाय क्यों कहा गया है?
उत्तर – क्योंकि वह पड़ोस-कल्चर से दूर सिर्फ अपने तक ही सीमित हो गए हैं।
11. मन्नू भण्डारी अथवा स्वयं प्रकाश का साहित्यिक परिचय दीजिए।
उत्तर –
मन्नू भंडारी
• जन्म – मन्नू भंडारी का जन्म सन् 1931 में गाँव भानपुरा, जिला मंदसौर (मध्य प्रदेश) में हुआ।
• शिक्षा – उनकी इंटर तक की शिक्षा-दीक्षा हुई राजस्थान के अजमेर शहर में। उन्होंने हिंदी में एम.ए. किया। दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलिज में अध्यापन कार्य से अवकाश प्राप्ति के बाद दिल्ली में ही रहकर स्वतंत्र लेखन कर रही थी।
• रचनाएं – मन्नू भंडारी की प्रमुख रचनाएँ हैं- एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, यही सच है, त्रिशंकु (कहानी-संग्रह); आपका बंटी, महाभोज मरू (उपन्यास)। इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म एवं टेलीविज़न धारावाहिकों के लिए पटकथाएँ भी लिखी हैं। हाल ही में ‘एक कहानी यह भी’ नाम से आत्म कथ्य का प्रकाशन किया।
• साहित्यिक विशेषताएं – उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए हिंदी अकादमी के शिखर सम्मान सहित उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं जिनमें भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पुरस्कार शामिल हैं।
• भाषा शैली – मन्नू भंडारी की कहानियाँ हों या उपन्यास, उनमें भाषा और शिल्प की सादगी तथा प्रामाणिक अनुभूति मिलती है। उनकी रचनाओं में स्त्री-मन से जुड़ी अनुभूतियों की अभिव्यक्ति भी देखी जा सकती है।
• मृत्यु – मन्नू भंडारी की मृत्यु 15 नवंबर 2021 को 90 वर्ष की आयु में गुड़गांव, हरियाणा में हुई थी।
अथवा
स्वयं प्रकाश
• जन्म – स्वयं प्रकाश का जन्म सन् 1947 में इंदौर (मध्यप्रदेश) में हुआ।
• शिक्षा – मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके एक औद्योगिक प्रतिष्ठान में नौकरी करने वाले स्वयं प्रकाश का बचपन और नौकरी का बड़ा हिस्सा राजस्थान में बीता। फ़िलहाल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद वे भोपाल में रहते थे और वसुधा पत्रिका के संपादन से जुड़े थे।
• रचनाएं – आठवें दशक में उभरे स्वयं प्रकाश आज समकालीन कहानी के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनके तेरह कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें सूरज कब निकलेगा, आएँगे अच्छे दिन भी, आदमी जात का आदमी और संधान उल्लेखनीय हैं। उनके बीच में विनय और ईंधन उपन्यास चर्चित रहे हैं। उन्हें पहल सम्मान, बनमाली पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादेमी पुरस्कार आदि पुरस्कारों से पुरस्कृत किया जा चुका है।
• साहित्यिक विशेषताएँ – स्वयं प्रकाश के साहित्य पर आदर्शवादी विचारधारा का काफी प्रभाव है। इनकी कृतियों में देश, समाज, नगर-गाँव की सुख-समृद्धि देखने की आकांक्षा प्रकट हुई है। भारतीय सांस्कृतिक जीवन-मूल्य उनमें प्रवाहित हुए हैं।
• भाषा शैली – मध्यवर्गीय जीवन के कुशल चितेरे स्वयं प्रकाश की कहानियों में वर्ग-शोषण के विरुद्ध चेतना है तो हमारे सामाजिक जीवन में जाति, संप्रदाय और लिंग के आधार पर हो रहे भेदभाव के खिलाफ़ प्रतिकार का स्वर भी है। रोचक किस्सागोई शैली में लिखी गईं उनकी कहानियाँ हिंदी की वाचिक परंपरा को समृद्ध करती हैं।
• मृत्यु – इनकी मृत्यु 7 दिसंबर 2019 को हुई।
12. ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ का मूलभाव स्पष्ट कीजिए। (2 अंक)
उत्तर – ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में चश्मे बेचने वाले का देश प्रेम का वर्णन किया गया है। जब देश का निर्माण होता है तब बहुत सारे लोग इसमें अपना योगदान देते हैं जिनमें से कुछ को लोग जान जाते हैं और कुछ गुमनाम हो जाते हैं। इस पाठ में भी हमें ऐसी ही एक कहानी देखने को मिलती हैं जिसमें मूर्तिकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का चश्मा बनाना भूल जाता है। उस कस्बे में कैप्टन नाम का व्यक्ति चश्मा बेचता है जिसे यह दृश्य बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता और वह नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगा देता है। हालदार साहब भी यह दृश्य देखकर उसकी देशभक्ति से प्रेरित हो जाते हैं। कैप्टन की मृत्यु के बाद उसे मूर्ति पर बच्चों ने सरकंडे का बनाया हुआ चश्मा लगाया हुआ था जो हालदार साहब में देशभक्ति की भावना को भर देता है। इस कहानी में भी ऐसे ही बहुत सारे किरदारों को दर्शाया गया है जिन्हें कोई नहीं जानता लेकिन वह देश के निर्माण में अपना योगदान दे रहे होते हैं।
13. कृतिका भाग-2 के आधार पर किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए : (1 × 3 = 3 अंक)
(क) तारकेश्वरनाथ का नाम भोलानाथ कैसे पड़ा?
उत्तर – बचपन में लेखक का नाम तारकेश्वरनाथ था। उसके सिर पर लंबी-लंबी जटाएँ थीं। जब वह अपने पिता को पूजा करते देखता तब अपने माथे पर तिलक लगवाने का हठ करता। उसके पिता उसके चौड़े माथे पर भभूत से त्रिपुंड (तीन आड़ी रेखाएँ) कर देते। इस रूप में वह बिल्कुल ‘बम भोला’ दिखाई देता। इस तरह उसका नाम तारकेश्वरनाथ से भोलानाथ पड़ गया।
(ख) कटाओ को भारत का स्विट्ज़रलैंड क्यों कहा गया है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – कटाओ लायुंग से 500 फीट की ऊँचाई पर स्थित था। इसे भारत का स्विट्ज़रलैंड कहा जाता है। वह अपनी बर्फीली घाटियों के कारण प्रसिद्ध था। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता असीम है। वह अभी तक सुर्खियों में इसलिए नहीं आया क्योंकि वह अभी तक टूरिस्ट स्पॉट नहीं बना था। वह अभी तक अपने प्राकृतिक स्वरूप में था।
14. आदर्श जीवन मूल्य (मध्यमा) के आधार पर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (2 × 2 = 4 अंक)
(क) प्रतिदिन प्रार्थना करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर – प्रतिदिन प्रार्थना करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह हमारे मन को शांति प्रदान करती है, तनाव को कम करती है और हमें ईश्वर के साथ एक गहरा व सशक्त संबंध स्थापित करने में मदद करती है। प्रार्थना से मन में शुद्धता, विनम्रता, कृतज्ञता और ईश्वर के प्रति विश्वास बना रहता है। यह हमें अपने जीवन के प्रति सजग बनाती है, गलतियों को स्वीकार करने और सुधारने की प्रेरणा देती है। नियमित प्रार्थना आत्मिक विकास का माध्यम बनती है तथा हमें ईश्वर की कृपा, सकारात्मक सोच, आत्मबल और आंतरिक शांति प्रदान करती है।
(ख) विद्यार्थी जीवन में पढ़ाई और घर में कैसे कर्म को हम पूजा बना सकते हैं?
उत्तर – विद्यार्थी जीवन में पढ़ाई और घर के कामों को पूजा बनाने के लिए हमें अपने कर्म के प्रति समर्पण, निष्ठा और ईमानदारी अपनानी चाहिए। जब हम पढ़ाई को केवल परीक्षा तक सीमित न रखकर ज्ञान प्राप्त करने और आत्मविकास का साधन मानते हैं, तो वह पूजा बन जाती है। इसी तरह घर के कार्यों को प्रेम, जिम्मेदारी और सेवा भाव से करने पर वे भी पूजा के समान हो जाते हैं। समय का सदुपयोग, मन की एकाग्रता, सात्विक जीवनशैली और सकारात्मक सोच अपनाकर हम अपने प्रत्येक कर्म को श्रेष्ठ बना सकते हैं। इस प्रकार, जब हम हर कार्य को पूरे मन, निष्ठा और भक्ति भाव से करते हैं, तो वही कर्म हमारी सच्ची पूजा बन जाता है।